Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
You do not have permission to vote in this poll.
Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
4.35%
1 4.35%
Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
4.35%
1 4.35%
Kisi maard ko mana nahi kare
4.35%
1 4.35%
Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
34.78%
8 34.78%
bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
52.17%
12 52.17%
Total 23 vote(s) 100%
* You voted for this item. [Show Results]

Thread Rating:
  • 11 Vote(s) - 2.64 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३७ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part ३)
#68
पार्ट २०: सरदार ओर मेरी हवस ! 

मेरा इंजीनियरिंग का दूसरे साल का फाइनल सेमिस्टर शुरू हो गया था. हरीश अब फाइनल ईयर मैं था. उसने बहार फॉरेन यूनिवर्सिटी मैं आगे की पढाई की तयारी कर ली थी. हमें पता था की अब हम कुछ ५-६ महीने ही साथ रहेंगे, और फिर वह अपने आगे की पढाई या जॉब के लिए कॉलेज से पास होकर चला जायेगा. मुझे बड़ी बेचैनी हो जाती. क्या हम अलग हो जायेंगे ? या हमारा प्यार हमें जुदा नहीं कर पायेगा. उस ज़माने  में ना आज की तरह  इंटरनेट था, सोशल अप्प्स थे ना मोबाइल, ना फ़ोन. हमरा संपर्क सिर्फ लेटर / पत्र या आसपास कही पर फ़ोन होगा तो वहा से होगा. उस ज़माने में टेलीफोन की लैंडलाइन  हुआ करती और वह भी महंगा होता और सिर्फ कुछ गिने चुने आमिर लोग ही उपभोग पाते. 

फाइनल ईयर परीक्षा ख़तम होते ही हरीश आगे पढ़ने के लिए USA चला गया. मैं बहुत उदास रहने लगी. हरीश लगभग रोज मुझे चोदता था ओर अब मेरी चुत प्यासी थी. हरीश ने मुझे वहा से चिट्ठी लिखी. पर उन दिनों इंटरनेशनल लेटर भी २ हफ्ते में मिलते थे. मेरा तीसरा साल चालू हो गया था. बारिश के दिन थे. एक दिन राजवीर ने मुझे क्लास में कहा - संध्या क्या यार इतनी उदास हो. बस २ साल और फिर तू भी USA  चले जाना. हरीश के पास . मैंने कुछ जवाब नहीं दिया. राजवीर ने कहा - हम सब दोस्त - अगले वीक-एन्ड पर एक दिन का पिकनिक प्लान कर रह है. तू भी आ रही है और माना नहीं करना. मैं तुझे ऐसे उदास नहीं देख सकता.

राजवीर एक हैंडसम पंजाबी सरदार था. उसकी पगड़ी और दाढ़ी मैं एकदम मरदाना लगता. किसी शेर की तरह हट्टा-कट्टा लगता था. साढ़े छह फ़ीट ऊँचा और बहुत ही मजाकिया स्वभाव का था. क्लास में पॉपुलर था. मुज़से बहुत फ़्लर्ट करता था और बहुत बार मुझे अपने प्यार का इजहार बिंदास पुरे क्लास के सामने करता था. अगले हफ्ते हम सुबह ही तयार हो गए. ६-७  लड़के और ३ लड़किया  ऐसे हमारा ग्रुप था. एक ७ सीटर SUV  बुक की थी और हम बड़े मुश्किल से ठूस कर गाड़ी मैं बैठे. आखिर की सीट मैं पैरो के बिच जगह थी, राजवीर ने कहा - संध्या तू आराम से सीट पर बैठ, मैं यहाँ सीट के निचे बैठ जाता हूँ. और वह एकदम मेरे पैरो से चिपक कर निचे बैठ गया. मैंने कहा - राजवीर ऊपर ही बैठो. कुछ घंटे के बात है, एडजस्ट कर लेंगे. राजवीर - अरे नहीं संध्या मैं तुम्हे तकलीफ मैं नहीं ले जाऊंगा. आराम से बैठो. ३ घंटे का रास्ता था. मैंने स्कर्ट और टॉप पहना था और मेरे पाँव पर स्कर्ट के अंदर लेग्गिंग्स पेहेनी थी. मेरा स्कर्ट घुटने तक था. बीच में  रोड काफी ख़राब था, बैलेंस बनाने के लिए राजवीर मेरे पैरों को पकड़ लेता था. गाड़ी मैं जोर शोर से म्यूजिक चल रहा था. बियर की बोतल आगे से पीछे पास हो रही थी. हम सब मस्ती मैं थे. बीच मैं ही अगर गाड़ी को ब्रेक लगता , या स्पीड ब्रेकर आता, गिरने से बचने के लिए राजवीर मेरे पैरो को पकड़ लेता. ख़राब रोड की वजह से गाड़ी ड्राइवर धीरे धीरे ड्राइव कर रहा था. राजवीर का हाथ मेरे घुटने पर था. एक बड़ा गड्ढा आया और गाड़ी हिल गयी.. उसके साथ ही राजवीर का हात मेरे स्कर्ट के अंदर जांघों पर चला गया. उसने अपना हात वही रहने दिया. उसके बड़े बड़े हात और उंगलिया लेग्गिंग्स के ऊपर से मेरे जंघा पर गोल गोल घूमने लगे. बारिश का mausam था, बहार बारिश की वजह से अँधेरा  था. गाड़ी मैं भी अँधेरा था,  राजवीर इसी का फायदा उठा रहा था. राजवीर के बड़े हातों का स्पर्श मुझे अच्छा लग रहा था. मैंने भी जानबूझ कर ध्यान नहीं दिया और उसे रोका भी नहीं. राजवीर का हात धीरे धीरे मेरी जांघों पर ऊपर की तरफ जा रहा था. मेरे दोनों पैर फैले हुए थे और उनके बीच मैं राजवीर बैठा था, राजवीर को आसानी से स्कर्ट के अंदर मेरी पैंटी तक का रास्ता मिल गया. राजवीर अब धीरे से मेरी चुत को कपड़ों की ऊपर से सहला रहा था.  मेरे चुत से अब पाणी बह रहा था. राजवीर बड़े प्यार से मेरी चुत को मसल रहा था. मेरी चुत के पाणी से अब मेरी पैंटी और उसके ऊपर की लेग्गिंग गीली हो गयी. राजवीर के हात को मेरे चुत का चिप-चिपा  पाणी लगा. उसने वह अपना हात बहार निकल कर मेरी तरफ देख कर चाट लिया और मुस्करा कर मुझे आँख मार दी. उसने फिर से उसका हात मेरी स्कर्ट के अंदर डाल दिया और फिर से मेरी चुत को सहलाने लगा. उसने मेरी स्कर्ट  के अंदर लेग्गिंग ओर पैंटी निचे खींचने को कोशिश की ओर अपना हात मेरी पैंटी के अंदर डालना चाहा. पर लेग्गिंग्स बहुत टाइट फिट थी..उसको बड़ी दिक्कत हो रही थी. तभी मैंने देखा की हम हमारे पिकनिक स्पॉट के पास आ रहे है. मैंने नखरे दिखा कर उसका हात पकड़ लिया और झटक दिया. उसको गुस्से से देखा. राजवीर सकपका गया. उसको लगा कही मैं तमाशा ना खड़ा कर दू. तभी हम सब निचे उतरने लगे.

पिकनिक मैं मैंने जानबूझ कर राजवीर से कोई बात नहीं की. वह २-३ बार मेरे पास आकर सॉरी कहने लगा. दोपहर को मुझे अकेली देख कर उसने कहा - संध्या सॉरी यार. अब तो मुज़से बात करो. देखो मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. यह बात तू ही नहीं पूरी क्लास जनता है. मैं खुद को काबू मैं नहीं रख पाया. प्लीज मुझे माफ़ कर दो. आगे नहीं करूँगा. मैंने कहा - ठीक है, माफ़ कर दिया. पर आगे से ध्यान रखना. तेरी गर्ल फ्रेंड अनीता मेरी रूम पार्टनर है. वह क्या सोचेगी? राजवीर ने कहा - अनीता को में प्यार नहीं करता. तुम उसकी रूम पार्टनर हैं इसलिए में उसको भाव देता हूँ. प्लीज मुझे माफ़ कर दो. मैंने कहा.. वह सब ठीक हैं पर अब तुम जाते वक्त तू निचे नहीं बैठोगे. ऊपर सीट पर बैठोगे. राजवीर ने मजाक मैं कहा - फिर तू कहा बैठेगी ? मेरी गोदी मैं? मैंने भी हंसकर कहा दिया - हाँ  तेरी गोदी मैं बैठूंगी. वहा अच्छासा टॉयलेट देखकर मैं अंदर चली गयी.

पिकनिक से वापस आते वक्त शाम हो गयी थी, अंधेरा था. राजवीर  मेरी साइड डोर के पास बैठ गया. आगे पीछे बैठकर हमने आधी - आधी सीट शेयर कर ली. पर जब पहाड़ों से गाड़ी चलने लगी तब हमें बड़ी दिक्कत हो रही थी. मैं बार बार राजवीर की छाती से टकरा जाती या निचे खिसक जाती. राजवीर ने  टी शर्ट और बरमूडा पहनी थी. उसकी काले बालों से भरी छाती और जांघें मुझे आकर्षित कर रही थी. गाड़ी में म्यूजिक बज  रहा था और गाने  का शोरगुल हो रहा था. राजवीर ने मेरी कान में  कहा - तू मेरी गोदी मैं बैठने वाली थी. मैंने भी - हां कहा कर उसके जांघों पर अपनी गांड फैला कर बैठ गयी. राजवीर को यह अपेक्षित नहीं था. रास्ता उबड़ खाबड़ था. राजवीर ने अपने हात आगे कर के मुझे पकड़ लिया. उबड़ खाबड़ रोड पर मैं राजवीर के जांघों पर उछल रही थी .. और मुझे उसके मोठे लण्ड का आकर महसूस होता. मैंने राजवीर का एक हात लेकर मेरी जंघा पर रख दिया. राजवीर खुश हो गया. मेरी जंघा नंगी थी. मैंने पहले ही टॉयलेट जाकर मेरी लेग्गिंग उतर दी थी. राजवीर ने मेरे जांघों पर हात फेरने लगा. वह धीरे से उसका हात  मेरी चुत के तरफ ले जाने  लगा. उसके हात पर मेरी गीली चुत का पाणी लग गया. राजवीर ने मेरे कान मैं कहा - तू तो नंगी हो गयी. दिन भर तूने बड़े नखरे किये, मुझे तड़पाया. 
मैंने टॉयलेट मैं अपनी पैंटी भी उतार कर पर्स में डाल दी थी.
मैंने कहा - तो अब तुझे कौन रोक रहा है.  
राजवीर ख़ुशी से चहक उठा. वह स्कर्ट के अंदर हात डाल कर मेरी चुत से खलने लगा, सहला कर मसलने लगा.  बाकी सब लोग मजे कर रहे थे, दारू पी रहे थे.सब लोगों के सामने हमारा सीक्रेट खेल चल रहा था. हम दोनों बड़े गरम हो गए थे. मुझे मेरी गर्दन पर राजवीर की गरम सांसे महसूस हो रही थी. वह मेरी गर्दन को पीछे से चुम रहा था. हलके से राजवीर ने अपनी एक ऊँगली मेरी चुत के अंदर डाल दी. उसकी लम्बी मोटी ऊँगली किसी लण्ड से कम नहीं थी.  शाम हो गयी थी. गाड़ी में अंधेरा था. एक जगह राजवीर ने मुझे गोदी से उठा दिया और एक झटके में  उसकी बरमूडा निचे पैरो पर खिसका दी और मुझे फिर से अपनी नंगी गोदी मैं बिठा दिया.

मुझे मेरी गांड पर राजवीर का मोटा लण्ड फनफनाता महसूस हुआ. वह बहुत मोटा और लम्बा था. शायद हरिया से बड़ा और मेरे जीवन का अब तक सबसे विशाल लण्ड था. हम कुछ ज्यादा नहीं कर सकते थे. क्यों की बाजू ओर सामने  की सीट बैठे दोस्तों को भनक लग जाती. मैं मेरी गांड से राजवीर के लण्ड को ऊपर से मसल रही थी. मेरी चुत के द्वार पर राजवीर के लण्ड का सूपड़ा दस्तक दे रहा था. मेरी चुत के पाणी से उसका लण्ड गिला हो गया था. एक जगह राजवीर ने मेरी गांड पकड़ कर ऊपर उठा दिया और अपने लण्ड को मेरी चुत के ऊपर सटा कर मुझे उसके ऊपर बिठा दिया. उसका लण्ड मेरी गीली चुत मैं अंदर तक घुस गया. इतना मोटा और बड़ा लण्ड.. किसी खूंटी की तरह मेरी चुत में ठूस गया. मैं दर्द से चीखती, उसके पहले ही राजवीर ने एक हात से मेर मुँह को  दबा दिया और चुप करा दिया.

कुछ देर वैसे ही  उसके लण्ड पर बैठ कर मेरा दर्द अब कम हो गया था. पर गाड़ी के धक्के के सात-सात , राजवीर मुझे उछाल देता और अपने लण्ड को आगे पीछे धक्का देकर मेरी चुत को चोद देता. राजवीर पीछे से मेरे कानों में  गन्दी बातें करके शरारत कर रहा था. शोरगुल मैं किसी को पता नहीं चला. मैं आगे बैठी थी इसलिए कुछ बोल नहीं पा रही थी. 

राजवीर: आह. ! संध्या तेरी फुद्दी की भट्टी कितनी गरम है.मेरे लोडे को  जला देगी.
राजवीर: संध्या इस मौके का मैं २ साल से इंतजार कर रहा था. तेरी फुद्दी तो मस्त है , गरम पाणी का झरना है.
राजवीर: बेहेन की लोड़ी.. तेरी फुद्दी  इतनी गरम हैं तो गांड कितनी गरम होगी. तेरी फुद्दी  के बाद तेरी गांड  भी मरूंगा.

वह मुझे अपने दोनों हातों से मेरी गांड पकड़ कर गाड़ी के धक्कों के सात मेरी गांड अपने बड़े लोडे पर उछाल रहा था. मुझे उसके गन्दी बातों से और पब्लिक सेक्स से मजा आ रहा था. मेरा उन्माद बढ़ रहा था. मैंने अपने ओंठ दबा दिए और ...आगे ले सीट को पकड़ लिया. मैं थर-थरा कर राजवीर के लण्ड पर झड़ गयी. मेरी चुत ने कही बार राजवीर के मोटे लण्ड को कस कर जकड लिया और उसको अपने गरम पाणी से भिगो दिया. राजवीर भी मेरी चुत की इस हरकत से सीट पर पीठ दबाकर पीछे बैठ गया और ..उसका लण्ड मेरी चुत मैं फंवारा उड़ने लगा. मुझे मेरी चुत मैं उसके गरम पाणी का अहसास हुआ. एक के बाद एक करके  अनेक झटके उसके लण्ड ने मेरी चुत के अंदर लगाये. हम बहुत देर तक वैसे ही बैठे रहे. उसका लण्ड अभी भी तना हुआ था. ना उसका लण्ड मेरी चुत से जुदा होना चाहता था , ना मेरी चुत उसके लण्ड से बिछडना चाहती थी.   

कॉलेज पहुंचने तक मैं वैसे ही उसके लोडे पर बैठी रही. इस दौरान वह दूसरी बार मेरी चुत में उसका पाणी उड़ाकर भिगो चुका था और मैं भी ४ बार झड़ गयी थी. 

हॉस्टल पहुँच कर में कमरे में जाकर सो गयी. मेरी रूम पार्टनर अनीता ने पूछा - कैसी रही पिकनिक. उसकी एग्जाम थी, इसलिए वह आ नहीं पायी थी. राजवीर ने भी बड़े सोच समाज कर यह पिकनिक की प्लानिंग की थी. उसने सोचा था पिचकिनीक पर किसी अच्छे सुनसान स्पॉट पर मुझे ले जाकर चोदेगा. उसके हिसाब से गाड़ी के अंदर साब दोस्तों की उपस्थिति में सेक्स का अनुभव उसके सोच ओर प्लानिंग से कही  गुना अच्छा था. मैंने अनीता से कहा  - पिकनिक ठीक थी , तुझे आना चाहिए था. राजवीर को तेरी कमी बहुत खल रही थी. बड़ा उदास था. अनीता को कैसी बताती कि - मैं उसके बॉयफ्रेंड राजवीर से चुदकर आयी हूँ. 

मैंने कपडे भी नहीं बदले और वैसे ही सोने लगी. मेरी चुत से अभी भी राजवीर का पाणी बह रहा था. मैं सोचनी लगी - यह क्या था ?  ना कोई प्यार, ना कोई वादा , वचन, ना कोई चूमा , ना कोई foreplay .. सिर्फ शुद्ध चुदाई .. क्या यह सिर्फ मेरी हवस ओर लालसा थी. ?   क्या यह गलत था ?
 
[+] 2 users Like luvnaked12's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by Chut chatu - 10-11-2024, 11:10 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 12-11-2024, 02:13 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट २०: सरदार ओर मेरी हवस ! ! - by luvnaked12 - 22-10-2022, 01:02 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)