18-10-2022, 03:55 PM
दोस्तो! हर आदमी जब भी अपना लंड किसी औरत की चूत में डालता है तो वह लंड को अपने हाथ से पकड़ कर ही डालता है, परंतु घोड़ा या दूसरे जानवर सीधा मादा के ऊपर चढ़ कर कई बार छेद पर आगे पीछे ट्राई करके डालते हैं.
मैंने शिवानी को बेड के बीच में किया और मैं ठीक घोड़े की तरह उस की कमर पर एक झटके से चढ़ा और फिर पीछे से शिवानी की चूत में लंड को बिना पकड़े डालने लगा. लंड कभी उस के पेट के नीचे जांघों के बीच में चला जाता तो कभी उस की गांड के छेद पर रगड़ खाता.
शिवानी ने अपने हाथ जोर से बेड पर जमा रखे थे, मैंने अपनी छाती उस की कमर पर टिका दी और लंड अंदर करने की कोशिश करने लगा.
उसने कहा- हाँ घोड़ा ऐसे ही कर रहा था.
तीन चार बार आगे पीछे होने के बाद मेरे लंड ने चूत के छेद को ढूंढ लिया और उसमें घुस गया. वह मजे से चिल्ला उठी और जोर से बोली- चोदो…
मैंने उस की कमर पर चढ़े चढ़े उसे चोदना शुरू किया और अपने लटक रहे हाथों से उस के मम्मे जोर जोर से मसलने लगा. इस क्रिया में उसे बहुत मजा आया.
शिवानी ने कहा- वही एक्शन दुबारा करो.
मैं उस के ऊपर से उतर गया और घोड़े की तरह उस के पीछे घोड़ा बन गया. मैंने उस के चूतड़ों पर अपनी ठोड़ी रखी और धीरे धीरे उस के चूतड़ों को किस करते हुए उस की चूत को चाटने लगा. उसने थोड़े पाँव चौड़े किये. जैसे ही उसने पाँव चौड़े किये, मैं फिर से जम्प लगा कर उस की कमर पर चढ़ा और फटा फट लंड को ऊपर नीचे ठोकने लगा. जल्दी ही लंड फिर उस की चूत में एक झटके से घुसड़ गया. वह मजे से फिर चीख उठी, बोली- हाँ… ऐसे ही करो…
उस की कमर पर अपना भार डाले डाले मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा. उसे मजा आ रहा था. उस की फैंटेसी पूरी हो रही थी. उस की चूत ने 10-12 धक्कों के बाद पानी छोड़ दिया और वह निढाल हो गई.
उसने कहा- मुझे बाथरूम जाना है.
वह बाथरूम चली गई.
तभी दीपिका खाने के लिए बुलाने अंदर आ गई. मेरा लंड पूरा खड़ा देख कर वह बोली- गिफ्ट पसन्द आया?
मैंने कहा- बहुत ज्यादा.
मैंने उससे कहा- या तो अपना काम करो या नंगी हो कर साथ लेट जाओ.
वह कहने लगी- डिनर तैयार है, 10 बज चुके हैं.
मैंने झट से दीपिका को बेड पर पटक दिया और उस की स्कर्ट को उठा दिया. उसने पैन्टी नहीं पहनी थी. चूत एकदम गीली थी, मैंने बिना देर किये उस की टांगों को चौड़ा किया और एक ही झटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया. वह मजे से चीख उठी. मैंने उस की टांगों को अपनी बाहों में उठा कर 10-12 झटके मारे तो उस का पानी निकल गया.
इतनी देर में शिवानी बाथरूम से बाहर आई तो बोली- आखिर चुदवा ही लिया तुमने भी.
तभी दीपिका ने कहा- कुछ खा लो.
शिवानी कहने लगी- यार, मैं तो 4-5 बार झड़ चुकी हूँ, राज के झड़ने के बाद खाना खाते हैं.
अब की बार उसने मुझे बेड पर नीचे लिटा लिया और खुद मेरे लंड पर चढ़ कर उस पर उछलने लगी. लंड को चूत में ले कर वह मेरे ऊपर लेट गई और मुझे किस करने लगी.
शिवानी बोली- राज, अब मैं थक गई हूँ, तुम कर लो.
मैंने शिवानी को बेड के किनारे पर घोड़ी बनाया और उस की चूत पर ताबड़ तोड़ धक्के लगाने लगा. उसने अपने चुचे और छाती को बेड पर टिका लिया. मैंने उस की जांघों को पकड़ा और लंड से चूत में तूफ़ान मचा दिया. जब थप थप की आवाजें जोर से आने लगी तो शिवानी अंदर आई और बोली- राज! अब डिस्चार्ज भी करो.
तभी मैंने अपना सारा ध्यान चुदाई पर लगाया और मेरे लंड से पिचकारियां निकलनी शुरू हो गई. लगभग 10-12 पिचकारियां लगी और मैं उस की चूत में लंड डाल कर उस से चिपक कर खड़ा हो गया, लंड अब भी धीरे धीरे वीर्य छोड़ रहा था.
शिवानी बेड पर पसर गई. मेरे वीर्य और उस के मदन रस से बेड की चादर भीग गई. वह गांड चौड़ी करके पेट के बल लेटी रही, चूत से रस निकलता रहा.
दीपिका ने उस की चूत से निकलते वीर्य को अपने हाथ में भर कर उस की गांड पर मल दिया और बोली- मेम साहिब! अगर कुछ कमी रह गई हो तो खाना खा कर पूरी कर लेना. अब गाउन पहन कर आ जाओ.
मैंने केवल पैन्ट पहनी और डाइनिंग टेबल पर बैठ गया. शिवानी डगमगा कर चल रही थी. उन्होंने मुझे एक बियर का मग और दिया और हम तीनों ने थोड़ा खाना खाया.
शिवानी ने बाथ रूम में चूत को साफ़ किया और थोड़ा मुंह धो कर, क्रीम लगा कर दुबारा तैयार हो गई. मैंने भी बाथरूम में अपना लंड साफ़ किया, उस पर थोड़ी क्रीम लगाई और आकर बेड पर लेट गया.
शिवानी नंगी हो कर मेरे साथ बेड पर लेट गई, उसने मेरी पैंट को नीचे किया और लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी.
मुझे अभी भी वियाग्रा का असर था. मैंने उसे 69 की पोजीशन में लिया और थोड़ी देर बाद सीधा करके, उस की टांगों को कंधे पर रख कर चोदने लगा. कुछ देर बाद उसे घोड़ी बना कर चोदने लगा तो पलंग फिर हिलने लगा.
शिवानी फिर से आह… ऊह… जोर से करो… हाय राजा मार दिया… आदि बोलने लगी. शिवानी थोड़ी चबी अर्थात थोड़ी गुदाज थी, इसलिए आज अलग ही मजा आ रहा था.
कुछ देर की घमासान चुदाई के बाद शिवानी का पानी छूट गया और मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल कर उस की गांड और चूतड़ों को अपने लंड की पिचकारिर्यों से भिगो दिया. हम संतुष्ट हो कर एक दूसरे के चिपक कर सो गए.
रात के तीन बजे शिवानी उठी और बाथ रूम गई. उसने मुझे जगाया और बोली- सुबह होने वाली है.
मैं बाथरूम गया और जाने के लिए तैयार हुआ तो शिवानी कहने लगी- अभी थोड़ी देर और रुको.
मैंने शिवानी को बेड के बीच में किया और मैं ठीक घोड़े की तरह उस की कमर पर एक झटके से चढ़ा और फिर पीछे से शिवानी की चूत में लंड को बिना पकड़े डालने लगा. लंड कभी उस के पेट के नीचे जांघों के बीच में चला जाता तो कभी उस की गांड के छेद पर रगड़ खाता.
शिवानी ने अपने हाथ जोर से बेड पर जमा रखे थे, मैंने अपनी छाती उस की कमर पर टिका दी और लंड अंदर करने की कोशिश करने लगा.
उसने कहा- हाँ घोड़ा ऐसे ही कर रहा था.
तीन चार बार आगे पीछे होने के बाद मेरे लंड ने चूत के छेद को ढूंढ लिया और उसमें घुस गया. वह मजे से चिल्ला उठी और जोर से बोली- चोदो…
मैंने उस की कमर पर चढ़े चढ़े उसे चोदना शुरू किया और अपने लटक रहे हाथों से उस के मम्मे जोर जोर से मसलने लगा. इस क्रिया में उसे बहुत मजा आया.
शिवानी ने कहा- वही एक्शन दुबारा करो.
मैं उस के ऊपर से उतर गया और घोड़े की तरह उस के पीछे घोड़ा बन गया. मैंने उस के चूतड़ों पर अपनी ठोड़ी रखी और धीरे धीरे उस के चूतड़ों को किस करते हुए उस की चूत को चाटने लगा. उसने थोड़े पाँव चौड़े किये. जैसे ही उसने पाँव चौड़े किये, मैं फिर से जम्प लगा कर उस की कमर पर चढ़ा और फटा फट लंड को ऊपर नीचे ठोकने लगा. जल्दी ही लंड फिर उस की चूत में एक झटके से घुसड़ गया. वह मजे से फिर चीख उठी, बोली- हाँ… ऐसे ही करो…
उस की कमर पर अपना भार डाले डाले मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा. उसे मजा आ रहा था. उस की फैंटेसी पूरी हो रही थी. उस की चूत ने 10-12 धक्कों के बाद पानी छोड़ दिया और वह निढाल हो गई.
उसने कहा- मुझे बाथरूम जाना है.
वह बाथरूम चली गई.
तभी दीपिका खाने के लिए बुलाने अंदर आ गई. मेरा लंड पूरा खड़ा देख कर वह बोली- गिफ्ट पसन्द आया?
मैंने कहा- बहुत ज्यादा.
मैंने उससे कहा- या तो अपना काम करो या नंगी हो कर साथ लेट जाओ.
वह कहने लगी- डिनर तैयार है, 10 बज चुके हैं.
मैंने झट से दीपिका को बेड पर पटक दिया और उस की स्कर्ट को उठा दिया. उसने पैन्टी नहीं पहनी थी. चूत एकदम गीली थी, मैंने बिना देर किये उस की टांगों को चौड़ा किया और एक ही झटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया. वह मजे से चीख उठी. मैंने उस की टांगों को अपनी बाहों में उठा कर 10-12 झटके मारे तो उस का पानी निकल गया.
इतनी देर में शिवानी बाथरूम से बाहर आई तो बोली- आखिर चुदवा ही लिया तुमने भी.
तभी दीपिका ने कहा- कुछ खा लो.
शिवानी कहने लगी- यार, मैं तो 4-5 बार झड़ चुकी हूँ, राज के झड़ने के बाद खाना खाते हैं.
अब की बार उसने मुझे बेड पर नीचे लिटा लिया और खुद मेरे लंड पर चढ़ कर उस पर उछलने लगी. लंड को चूत में ले कर वह मेरे ऊपर लेट गई और मुझे किस करने लगी.
शिवानी बोली- राज, अब मैं थक गई हूँ, तुम कर लो.
मैंने शिवानी को बेड के किनारे पर घोड़ी बनाया और उस की चूत पर ताबड़ तोड़ धक्के लगाने लगा. उसने अपने चुचे और छाती को बेड पर टिका लिया. मैंने उस की जांघों को पकड़ा और लंड से चूत में तूफ़ान मचा दिया. जब थप थप की आवाजें जोर से आने लगी तो शिवानी अंदर आई और बोली- राज! अब डिस्चार्ज भी करो.
तभी मैंने अपना सारा ध्यान चुदाई पर लगाया और मेरे लंड से पिचकारियां निकलनी शुरू हो गई. लगभग 10-12 पिचकारियां लगी और मैं उस की चूत में लंड डाल कर उस से चिपक कर खड़ा हो गया, लंड अब भी धीरे धीरे वीर्य छोड़ रहा था.
शिवानी बेड पर पसर गई. मेरे वीर्य और उस के मदन रस से बेड की चादर भीग गई. वह गांड चौड़ी करके पेट के बल लेटी रही, चूत से रस निकलता रहा.
दीपिका ने उस की चूत से निकलते वीर्य को अपने हाथ में भर कर उस की गांड पर मल दिया और बोली- मेम साहिब! अगर कुछ कमी रह गई हो तो खाना खा कर पूरी कर लेना. अब गाउन पहन कर आ जाओ.
मैंने केवल पैन्ट पहनी और डाइनिंग टेबल पर बैठ गया. शिवानी डगमगा कर चल रही थी. उन्होंने मुझे एक बियर का मग और दिया और हम तीनों ने थोड़ा खाना खाया.
शिवानी ने बाथ रूम में चूत को साफ़ किया और थोड़ा मुंह धो कर, क्रीम लगा कर दुबारा तैयार हो गई. मैंने भी बाथरूम में अपना लंड साफ़ किया, उस पर थोड़ी क्रीम लगाई और आकर बेड पर लेट गया.
शिवानी नंगी हो कर मेरे साथ बेड पर लेट गई, उसने मेरी पैंट को नीचे किया और लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी.
मुझे अभी भी वियाग्रा का असर था. मैंने उसे 69 की पोजीशन में लिया और थोड़ी देर बाद सीधा करके, उस की टांगों को कंधे पर रख कर चोदने लगा. कुछ देर बाद उसे घोड़ी बना कर चोदने लगा तो पलंग फिर हिलने लगा.
शिवानी फिर से आह… ऊह… जोर से करो… हाय राजा मार दिया… आदि बोलने लगी. शिवानी थोड़ी चबी अर्थात थोड़ी गुदाज थी, इसलिए आज अलग ही मजा आ रहा था.
कुछ देर की घमासान चुदाई के बाद शिवानी का पानी छूट गया और मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल कर उस की गांड और चूतड़ों को अपने लंड की पिचकारिर्यों से भिगो दिया. हम संतुष्ट हो कर एक दूसरे के चिपक कर सो गए.
रात के तीन बजे शिवानी उठी और बाथ रूम गई. उसने मुझे जगाया और बोली- सुबह होने वाली है.
मैं बाथरूम गया और जाने के लिए तैयार हुआ तो शिवानी कहने लगी- अभी थोड़ी देर और रुको.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.