18-10-2022, 03:54 PM
जैसे ही मैंने उसे चूमना शुरू किया, उसने मेरे लंड को पैन्ट के ऊपर से पकड़ लिया और मसलने लगी. वह बोली- राज! एक मिनट रुको, मैं तुम्हारा हथियार देखना चाहती हूँ, पिछले एक घंटे से मैं तुम्हारी फूली हुई पैंट देख रही हूँ, प्लीज, एक बार पहले दिखाओ.
मैंने कहा- खुद निकालो.
उसने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड बाहर निकालने के लिए सुन्दर नेल पोलिश लगी अपनी नर्म और मुलायम उँगलियों को पैन्ट के अन्दर डाला और लंड को बाहर खींचने लगी. परंतु लंड इतना लम्बा और मोटा था कि उससे निकाला ही नहीं गया.
शिवानी ने मेरी बेल्ट खोली और पैंट को नीचे खिसका दिया. मेरा लौड़ा अंडरवियर में तन कर खड़ा था. उसने जैसे ही अंडरवियर को थोड़ा खींच कर नीचे किया, फनफनाता हुआ मेरा लौड़ा उस के सामने झटके से मोटे साँप की तरह बाहर निकल कर एक दम मेरे पेट पर लगा.
लौड़े को देखकर शिवानी की आँखें फटी की फटी रह गई, एक दम बोली- ओह माई गॉड, इतना बड़ा!
उसने लपक कर लौड़े को दोनों हाथों में पकड़ लिया और बोली- मेरे हस्बैंड का लंड तो उस के टट्टों में ही घुसा रहता है, जब खड़ा होता है तो दो ढाई इंच का होता है.
शिवानी ने मेरी पैंट और अंडरवियर को नीचे जमीन तक खींच कर निकाल दिया. मैंने भी उस का टॉप और ब्रा निकाल कर उस के बड़े बड़े खड़े चुचों को आजाद कर दिया. क्या मस्त चुचे थे. उस के खड़े और सुडौल मम्मे आपस में इतने सटे हुए थे कि उनके अंदर एक उंगली भी नहीं जा सकती थी.
मैं बेड के कोने पर पाँव नीचे लटका कर बैठ गया और उस को अपनी टांगों के बीच खड़ी कर के उस के मस्त चुचों को मुंह में भर कर चूसने लगा. वह आँखे बंद कर के सीत्कार भरने लगी. शिवानी मेरे लंड से खेलती रही, मैं एक हाथ से उस की पैंट के ऊपर से चूत को सहलाता रहा, उस के चूतड़ों पर हाथ फिराता रहा. अचानक वह पीछे हटी और अपना प्लाजो निकालने लगी, उस ने साथ ही अपनी पैन्टी भी निकाल दी.
शिवानी मेरे सामने एक दम नंगी खड़ी थी, उस की चूत का फूला हुआ हिस्सा लाजवाब था. मुझे हमेशा अपने लंड पर घमण्ड रहा है परंतु उस हसीना की चूत, जांघें और उस की हाथी के सूंड के आकार जैसी गोरी टांगों को देख कर मेरे लंड का घमंड ख़त्म हो गया. उस की चूत के ऊपरी मांस में केवल एक पतली सी गुलाबी झिरी दिखाई दे रही थी. मुझे टक्कर की गुदाज और बाल रहित चूत मारने को मिल गई थी.
मैंने झट से उस की चूत को अपने हाथ से छुआ और उस में बीच की उंगली चलाने लगा. चूत अपने रस से गीली हो चुकी थी.
मैं बेड से खड़ा हो गया. शिवानी ने अपनी टांगों को थोड़ा चौड़ा किया और मेरा लंड पकड़ कर खड़े खड़े अपनी चूत पर टिका लिया. मेरा 90 डिग्री पर खड़ा लौड़ा उस की चूत के छेद पर अड़ गया. शिवानी मेरे लौड़े को पकड़ कर जोर जोर से अपनी चूत के छेद और दाने पर रगड़ने लगी.
मैं उस के बताये अंगों को खड़ा खड़ा सहला और चूस रहा था. कुछ देर जोर जोर से दाने पर रगड़ने के बाद शिवानी एक दम बेड पर टाँगें चौड़ी करके लेट गई और बोली- राज! हम पहले एक राउंड चुदाई का लगा लेते हैं, मुझसे रुका नहीं जा रहा. फोरप्ले बाद में करेंगे, जिंदगी में पहली बार ऐसा लौड़ा देखा है, अब मेरे ऊपर चढ़ कर इस का कमाल दिखाओ.
मैंने ऐसा गोरा और गुदाज शरीर पहली बार लेटे देखा था. मैंने बिना देर किये उस की चूत पर एक किस किया, थोड़ा दाने को चूसा तो वह चीखने लगी. बोली- राज, प्लीज ये बाद में, पहले अन्दर डालो.
मैंने उस की टांगों को फैलाया और पाव रोटी सी चूत को खोल कर देखा, अन्दर की पत्तियां और चूत बिल्कुल गुलाबी रंग की थी.
चूत पानी छोड़ छोड़ कर चिकनी हो चुकी थी. मैने जैसे ही लंड को चूत के छेद पर रखा, शिवानी ने अपने हाथ से पकड़ कर मेरे लंड को खुद ही अन्दर कर लिया. एक ही झटके में मैंने पूरा आठ इंच का लंड उस की चिकनी चूत में उतार दिया. मजे और दर्द से उस की चीख निकल गई जिसे सुनकर दीपिका अन्दर आ गई.
दीपिका ने देखते ही कहा- इतनी जल्दी चुदाई भी शुरू कर दी?
मैंने कहा- तुम्हारी यह फ्रेंड तो कई जन्मों की प्यासी है.
दीपिका ने शिवानी के मम्मों पर हाथ फिराया और दो तीन चुसके मारे.
शिवानी आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से करो… आदि बके जा रही थी.
मैंने चुदाई रोक कर जोर से उस के दोनों मम्मों को अपने दांतों से काट लिया, वह मजे से चीख रही थी. मैंने उस की चूत से लंड निकाला और उस के पटों को चूसने लगा. मैंने उस की जांघों के पास से पटों पर काट काट कर नीला कर दिया. वह इतनी सॉफ्ट थी कि जहाँ भी चूसता या काटता, वहीं निशान पड़ जाता था
मैंने कहा- खुद निकालो.
उसने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरा लंड बाहर निकालने के लिए सुन्दर नेल पोलिश लगी अपनी नर्म और मुलायम उँगलियों को पैन्ट के अन्दर डाला और लंड को बाहर खींचने लगी. परंतु लंड इतना लम्बा और मोटा था कि उससे निकाला ही नहीं गया.
शिवानी ने मेरी बेल्ट खोली और पैंट को नीचे खिसका दिया. मेरा लौड़ा अंडरवियर में तन कर खड़ा था. उसने जैसे ही अंडरवियर को थोड़ा खींच कर नीचे किया, फनफनाता हुआ मेरा लौड़ा उस के सामने झटके से मोटे साँप की तरह बाहर निकल कर एक दम मेरे पेट पर लगा.
लौड़े को देखकर शिवानी की आँखें फटी की फटी रह गई, एक दम बोली- ओह माई गॉड, इतना बड़ा!
उसने लपक कर लौड़े को दोनों हाथों में पकड़ लिया और बोली- मेरे हस्बैंड का लंड तो उस के टट्टों में ही घुसा रहता है, जब खड़ा होता है तो दो ढाई इंच का होता है.
शिवानी ने मेरी पैंट और अंडरवियर को नीचे जमीन तक खींच कर निकाल दिया. मैंने भी उस का टॉप और ब्रा निकाल कर उस के बड़े बड़े खड़े चुचों को आजाद कर दिया. क्या मस्त चुचे थे. उस के खड़े और सुडौल मम्मे आपस में इतने सटे हुए थे कि उनके अंदर एक उंगली भी नहीं जा सकती थी.
मैं बेड के कोने पर पाँव नीचे लटका कर बैठ गया और उस को अपनी टांगों के बीच खड़ी कर के उस के मस्त चुचों को मुंह में भर कर चूसने लगा. वह आँखे बंद कर के सीत्कार भरने लगी. शिवानी मेरे लंड से खेलती रही, मैं एक हाथ से उस की पैंट के ऊपर से चूत को सहलाता रहा, उस के चूतड़ों पर हाथ फिराता रहा. अचानक वह पीछे हटी और अपना प्लाजो निकालने लगी, उस ने साथ ही अपनी पैन्टी भी निकाल दी.
शिवानी मेरे सामने एक दम नंगी खड़ी थी, उस की चूत का फूला हुआ हिस्सा लाजवाब था. मुझे हमेशा अपने लंड पर घमण्ड रहा है परंतु उस हसीना की चूत, जांघें और उस की हाथी के सूंड के आकार जैसी गोरी टांगों को देख कर मेरे लंड का घमंड ख़त्म हो गया. उस की चूत के ऊपरी मांस में केवल एक पतली सी गुलाबी झिरी दिखाई दे रही थी. मुझे टक्कर की गुदाज और बाल रहित चूत मारने को मिल गई थी.
मैंने झट से उस की चूत को अपने हाथ से छुआ और उस में बीच की उंगली चलाने लगा. चूत अपने रस से गीली हो चुकी थी.
मैं बेड से खड़ा हो गया. शिवानी ने अपनी टांगों को थोड़ा चौड़ा किया और मेरा लंड पकड़ कर खड़े खड़े अपनी चूत पर टिका लिया. मेरा 90 डिग्री पर खड़ा लौड़ा उस की चूत के छेद पर अड़ गया. शिवानी मेरे लौड़े को पकड़ कर जोर जोर से अपनी चूत के छेद और दाने पर रगड़ने लगी.
मैं उस के बताये अंगों को खड़ा खड़ा सहला और चूस रहा था. कुछ देर जोर जोर से दाने पर रगड़ने के बाद शिवानी एक दम बेड पर टाँगें चौड़ी करके लेट गई और बोली- राज! हम पहले एक राउंड चुदाई का लगा लेते हैं, मुझसे रुका नहीं जा रहा. फोरप्ले बाद में करेंगे, जिंदगी में पहली बार ऐसा लौड़ा देखा है, अब मेरे ऊपर चढ़ कर इस का कमाल दिखाओ.
मैंने ऐसा गोरा और गुदाज शरीर पहली बार लेटे देखा था. मैंने बिना देर किये उस की चूत पर एक किस किया, थोड़ा दाने को चूसा तो वह चीखने लगी. बोली- राज, प्लीज ये बाद में, पहले अन्दर डालो.
मैंने उस की टांगों को फैलाया और पाव रोटी सी चूत को खोल कर देखा, अन्दर की पत्तियां और चूत बिल्कुल गुलाबी रंग की थी.
चूत पानी छोड़ छोड़ कर चिकनी हो चुकी थी. मैने जैसे ही लंड को चूत के छेद पर रखा, शिवानी ने अपने हाथ से पकड़ कर मेरे लंड को खुद ही अन्दर कर लिया. एक ही झटके में मैंने पूरा आठ इंच का लंड उस की चिकनी चूत में उतार दिया. मजे और दर्द से उस की चीख निकल गई जिसे सुनकर दीपिका अन्दर आ गई.
दीपिका ने देखते ही कहा- इतनी जल्दी चुदाई भी शुरू कर दी?
मैंने कहा- तुम्हारी यह फ्रेंड तो कई जन्मों की प्यासी है.
दीपिका ने शिवानी के मम्मों पर हाथ फिराया और दो तीन चुसके मारे.
शिवानी आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से करो… आदि बके जा रही थी.
मैंने चुदाई रोक कर जोर से उस के दोनों मम्मों को अपने दांतों से काट लिया, वह मजे से चीख रही थी. मैंने उस की चूत से लंड निकाला और उस के पटों को चूसने लगा. मैंने उस की जांघों के पास से पटों पर काट काट कर नीला कर दिया. वह इतनी सॉफ्ट थी कि जहाँ भी चूसता या काटता, वहीं निशान पड़ जाता था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.