18-10-2022, 03:54 PM
मैंने कहा- दीपिका तुम्हारे से पहले मेरी फ्रेंड है.
शिवानी बोली- अच्छा तो जनाब हाथ साफ़ कर चुके हैं.
इतनी देर में दीपिका आ गई, वह सुन चुकी थी, कहने लगी- यहाँ शर्म आ रही है तो अन्दर बेड रूम में जा कर बैठ जाओ.
जैसे ही दीपिका मेरे पास आई मैंने उसे खींच कर अपनी गोदी में बैठा लिया, वह बोली- मुझे छोड़ो, आपसे मिलने को बेकरार शिवानी थी, उसे गोदी में बैठाओ.
और वह उठ कर किचन में चली गई.
शिवानी ने बियर के तीन मग भरे और हम तीनों बियर पीने लगे. दीपिका अपना मग किचन में ले गई. शिवानी दूसरे सोफे पर बैठ गई थी. मैंने शिवानी को कहा- इतनी दूर मत बैठो. वह जैसे ही उठी, मैंने उठ कर उसे बाहों में भर लिया और कस कर ऊपर उठा लिया और उस के होठों पर अपने होंठ रख दिए. हम बहुत देर तक स्मूच करते रहे. मैंने उस के सारे शरीर पर हाथ फिराया और उसे अपनी गोदी में बैठा लिया.
उसने आँखें बंद कर के मेरी छाती पर अपनी पीठ लगा दी. मैंने उस के शरीर के हर अंग की तारीफ़ की और चूमता रहा. मैंने उस से कहा- दीपिका ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया तो था कि तुम सुन्दर हो, परंतु इतना नहीं पता था कि तुम वास्तव में इतनी मस्त हुश्न की मलिका होगी.
वह अपनी तारीफ़ सुन कर मेरे गले से लिपट गई.
मैंने बियर का गिलास ख़त्म किया और उसे भी ख़त्म करने को कहा. वह एक सांस में पूरा गिलास पी गई. उस पर बियर का असर होने लगा था. मैंने शिवानी से उस की सेक्स लाइफ के बारे में पूछा तो बोली- आपने अभी तो मेरे हस्बैंड को देखा है, क्या वह मेरे लायक है?
वह बोली- छोड़ो, इन लल्लुओं की बात मत करो.
जब वह मेरी गोद में बैठी थी तो मेरे लंड को वह अपनी गांड के नीचे नाप चुकी थी. वह मेरे आठ इंची लंबे और तीन इंची मोटे लंड को पैंट के ऊपर से सहलाने लगी. लंड ने पैंट को बुरी तरह से ऊपर टेंट की तरह उठा रखा था.
मैं भी उस के चुचों को उस के टॉप के ऊपर से मसल रहा था. साथ में उस के प्लाजो में टांगों के बीच उभरी उस की पकोड़ा सी चूत को हाथ से सहला रहा था और साथ ही उस के पटों पर हाथ फिरा रहा था. मैंने शिवानी के टॉप और ब्रा को ऊपर उठा दिया और उस के मांसल और मोटे चुचों को चूसने लगा.
तभी दीपिका का फ़ोन बजा, उस के पति का ऑफिस से लैंड लाइन से फ़ोन था जिसका मतलब था कि वे दोनों पहुँच चुके हैं. उसने मेरे बारे में पूछा तो दीपिका ने बताया कि खाना खा रहे हैं, जबकि मैं उस वक्त खा रहा था शिवानी की चूची को. दीपिका ने बताया कि लाइन क्लियर है.
शिवानी उठी और बाथरूम कह कर एक बेड रूम में चली गई. दीपिका ने मुझे इशारा किया. और मैं भी उस के पीछे बेड रूम में चल पड़ा. जाते हुए दीपिका ने मुझे पीछे से बाँहों में पकड़ लिया और बाहों में भर कर बोली- मुझे भूल तो नहीं जाओगे. मैंने उसे किस किया और कहा- चिंता मत करो. दोनों बच्चे एक अलग बेड रूम में सो रहे थे.
मैंने थोड़ा दरवाजा बंद कर लिया. शिवानी बाथरूम से बाहर निकली तो मुझे देखते ही मुझसे लिपट गई. मैं उस के होठों को फिर चूसने लगा. कुछ देर खड़े खड़े स्मूच करने के बाद मैंने शिवानी से पूछा- कुछ अपने बारे में बताओ, तुम आज यहाँ क्या सोच कर आई थी?
शिवानी मेरी बाँहों में खड़ी खड़ी बोली- दीपिका से आपकी बहुत तारीफ़ सुनी थी, इसलिए मिलना चाहती थी, मैंने सोचा था कि अगर ठीक लगा तो तुमसे दोस्ती कर लूंगी. परंतु तुम्हें देखते ही मन खराब हो गया और जब हाथ छू कर तुमने पहल कर दी तो सोचा आज ही तुमसे चुदवा लूंगी.
मैंने पूछा- तुम्हें किस तरह का सेक्स पसंद है?
तो वह बोली- मुझे खूब प्यार करो, मेरी चूचियाँ मसलो, इन्हें चूसो, मेरे होठों को चूसो, मेरे गालों पर प्यार करो… परंतु गालों पर निशान नहीं डालना, और जहाँ मर्जी काटो, मेरी चूत को प्यार करो. मेरे सारे शरीर को चूमो, राज! मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी जम कर मस्त चुदाई करो, जिससे मेरी पोरी पोरी दर्द करने लगे.
दोस्तो! मेरा चुदाई का एक ही मकसद रहा है कि मुझे मजा आये या न आये परन्तु औरत को मजा आना चाहिए, वह बार बार झरती रहे और मजा लेती रहे और मेरी चुदाई को भूले नहीं.
शिवानी बोली- अच्छा तो जनाब हाथ साफ़ कर चुके हैं.
इतनी देर में दीपिका आ गई, वह सुन चुकी थी, कहने लगी- यहाँ शर्म आ रही है तो अन्दर बेड रूम में जा कर बैठ जाओ.
जैसे ही दीपिका मेरे पास आई मैंने उसे खींच कर अपनी गोदी में बैठा लिया, वह बोली- मुझे छोड़ो, आपसे मिलने को बेकरार शिवानी थी, उसे गोदी में बैठाओ.
और वह उठ कर किचन में चली गई.
शिवानी ने बियर के तीन मग भरे और हम तीनों बियर पीने लगे. दीपिका अपना मग किचन में ले गई. शिवानी दूसरे सोफे पर बैठ गई थी. मैंने शिवानी को कहा- इतनी दूर मत बैठो. वह जैसे ही उठी, मैंने उठ कर उसे बाहों में भर लिया और कस कर ऊपर उठा लिया और उस के होठों पर अपने होंठ रख दिए. हम बहुत देर तक स्मूच करते रहे. मैंने उस के सारे शरीर पर हाथ फिराया और उसे अपनी गोदी में बैठा लिया.
उसने आँखें बंद कर के मेरी छाती पर अपनी पीठ लगा दी. मैंने उस के शरीर के हर अंग की तारीफ़ की और चूमता रहा. मैंने उस से कहा- दीपिका ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया तो था कि तुम सुन्दर हो, परंतु इतना नहीं पता था कि तुम वास्तव में इतनी मस्त हुश्न की मलिका होगी.
वह अपनी तारीफ़ सुन कर मेरे गले से लिपट गई.
मैंने बियर का गिलास ख़त्म किया और उसे भी ख़त्म करने को कहा. वह एक सांस में पूरा गिलास पी गई. उस पर बियर का असर होने लगा था. मैंने शिवानी से उस की सेक्स लाइफ के बारे में पूछा तो बोली- आपने अभी तो मेरे हस्बैंड को देखा है, क्या वह मेरे लायक है?
वह बोली- छोड़ो, इन लल्लुओं की बात मत करो.
जब वह मेरी गोद में बैठी थी तो मेरे लंड को वह अपनी गांड के नीचे नाप चुकी थी. वह मेरे आठ इंची लंबे और तीन इंची मोटे लंड को पैंट के ऊपर से सहलाने लगी. लंड ने पैंट को बुरी तरह से ऊपर टेंट की तरह उठा रखा था.
मैं भी उस के चुचों को उस के टॉप के ऊपर से मसल रहा था. साथ में उस के प्लाजो में टांगों के बीच उभरी उस की पकोड़ा सी चूत को हाथ से सहला रहा था और साथ ही उस के पटों पर हाथ फिरा रहा था. मैंने शिवानी के टॉप और ब्रा को ऊपर उठा दिया और उस के मांसल और मोटे चुचों को चूसने लगा.
तभी दीपिका का फ़ोन बजा, उस के पति का ऑफिस से लैंड लाइन से फ़ोन था जिसका मतलब था कि वे दोनों पहुँच चुके हैं. उसने मेरे बारे में पूछा तो दीपिका ने बताया कि खाना खा रहे हैं, जबकि मैं उस वक्त खा रहा था शिवानी की चूची को. दीपिका ने बताया कि लाइन क्लियर है.
शिवानी उठी और बाथरूम कह कर एक बेड रूम में चली गई. दीपिका ने मुझे इशारा किया. और मैं भी उस के पीछे बेड रूम में चल पड़ा. जाते हुए दीपिका ने मुझे पीछे से बाँहों में पकड़ लिया और बाहों में भर कर बोली- मुझे भूल तो नहीं जाओगे. मैंने उसे किस किया और कहा- चिंता मत करो. दोनों बच्चे एक अलग बेड रूम में सो रहे थे.
मैंने थोड़ा दरवाजा बंद कर लिया. शिवानी बाथरूम से बाहर निकली तो मुझे देखते ही मुझसे लिपट गई. मैं उस के होठों को फिर चूसने लगा. कुछ देर खड़े खड़े स्मूच करने के बाद मैंने शिवानी से पूछा- कुछ अपने बारे में बताओ, तुम आज यहाँ क्या सोच कर आई थी?
शिवानी मेरी बाँहों में खड़ी खड़ी बोली- दीपिका से आपकी बहुत तारीफ़ सुनी थी, इसलिए मिलना चाहती थी, मैंने सोचा था कि अगर ठीक लगा तो तुमसे दोस्ती कर लूंगी. परंतु तुम्हें देखते ही मन खराब हो गया और जब हाथ छू कर तुमने पहल कर दी तो सोचा आज ही तुमसे चुदवा लूंगी.
मैंने पूछा- तुम्हें किस तरह का सेक्स पसंद है?
तो वह बोली- मुझे खूब प्यार करो, मेरी चूचियाँ मसलो, इन्हें चूसो, मेरे होठों को चूसो, मेरे गालों पर प्यार करो… परंतु गालों पर निशान नहीं डालना, और जहाँ मर्जी काटो, मेरी चूत को प्यार करो. मेरे सारे शरीर को चूमो, राज! मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी जम कर मस्त चुदाई करो, जिससे मेरी पोरी पोरी दर्द करने लगे.
दोस्तो! मेरा चुदाई का एक ही मकसद रहा है कि मुझे मजा आये या न आये परन्तु औरत को मजा आना चाहिए, वह बार बार झरती रहे और मजा लेती रहे और मेरी चुदाई को भूले नहीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.