18-10-2022, 03:54 PM
वह सोच कर बोली- ठीक है, एक मेरे हस्बैंड के दोस्त की मस्त सी, बहुत ही सुन्दर बीवी है. वह सदा रोमांटिक बातें करती रहती है, उस को पटाती हूँ. उस का नाम शिवानी है, एक 2 साल का बच्चा भी है. उस का पति भी मेरे हस्बैंड जैसा ही लल्लू है. परंतु वह थोड़ी सी चबी (मोटी) है, परन्तु मस्त माल है.
मैंने कहा ठीक है- मैं तुम्हारे गिफ्ट का इन्तजार करूँगा. मैंने उसे ‘किस’ किया और अपने कमरे पर आ गया.
दीपिका और मैं मिलते रहे और चुदाई करते रहे
एक दिन दीपिका ने फ़ोन पर बताया कि आज सायम् को उन्होंने शिवानी और उस के हस्बैंड को खाने पर बुलाया है, मैंने मेरे पति से बात कर ली है कि हम लोग आज राज को भी बुला लेते हैं. तो आप सायम् 6.30 बजे घर आ जाना और शिवानी से दोस्ती कर लेना.
उसने बताया कि 7.30 बजे उस के हस्बैंड और उस का दोस्त ड्यूटी पर चले जाएंगे, क्योंकि उनकी 8 बजे रात को शिफ्ट शुरू होती है. वे दोनों एक ही कंपनी में काम करते है. शिवानी आज रात मेरे घर ही रुकेगी.
मेरे पूछने पर उसने बताया- शिवानी को मैंने तुम्हारे बारे में बता दिया था कि तुम मेरे क्लास मेट रहे हो और काफी अच्छे, जिंदा दिल और रोमांटिक आदमी हो, और कुछ नहीं बताया है, शिवानी भी मिलने की इच्छुक लग रही थी.
मैं जान बूझ कर 7 बजे उनके घर गया. जैसे ही बैल बजाई, एक लेडी ने दरवाजा खोला, दीपिका किचन में थी. मैं समझ गया वही शिवानी थी. उसे देख कर मेरे होश उड़ गए. बला की सुन्दर थी वह. एक दम गोरा रंग, मोटे, गोरे, सेब जैसे लाल गाल, बड़ी बड़ी चूचियाँ, मोटी हिरणी जैसी शरारती आँखें.
जब पीछे मुड़ कर चली तो बला की सुन्दर गोल गांड, सुडौल जांघें और पट. ऊपर स्लीवलेस लो कट का टॉप पहन रखा था, जिसमें से उस के आधे मम्मे उस के निप्पलों के पास तक उभरे हुए थे. उस के साइज़ का मुझे कोई अनुमान नहीं था, परंतु वह मस्त माल थी, एक दम मलाई कोफ्ता.
दीपिका जिसे मोटी बता रही थी वह दरअसल मांसल सुन्दर शरीर वाली थी, जिसके ऊपर दो उंगल मांस था, जिसे देखते ही लिपट जाने को दिल करे. बिल्लो रानी थी वह. शिवानी ने एक टाइट प्लाजो पहन रखा था जिसमें उस के पट और चूतड़ तो फंसे हुए थे परंतु उस का प्लाजो नीचे से खुला था.
मुझे देख कर दोनों के हस्बैंड ने खड़े होकर हाथ मिलाया और आपस में परिचय लिया, दिया. उन दोनों ने बियर के गिलास ख़त्म किये थे और खाना खाने की तैयारी कर रहे थे.
तब तक शिवानी मेरे लिए एक पानी का गिलास ले कर आई, तो मैंने गिलास पकड़ते हुए उस की उंगलियों को थोड़ा दूर तक टच कर लिया था. वह मुस्करा दी.
.
मैंने थोड़ा नाटक करते हुए कहा- नहीं, मैं आज लेट हो गया, आपको जल्दी है तो मैं भी चलूँगा.
दीपिका ने कहा- हम ने आपको डिनर पर इन्वाइट किया है, ऐसे कैसे चले जाओगे?
मैंने कहा- मैं तो डिनर 9 बजे करता हूँ, इतनी जल्दी कैसे करूँ, फिर आऊंगा.
शिवानी के हस्बैंड जो देखने से ही कागजी पहलवान लगता था, बोला- जल्दी हमें है, आपको तो नहीं है, आप आराम से बैठो और खाना खा कर जाना.
दीपिका के हस्बैंड ने भी जोर दिया, तो मैं बैठ गया.
शिवानी मेरे लिए एक का मग लेकर आई. उन दोनों पतियों ने फटाफट खाना खाया और अपने बैग और हेलमेट उठा कर, अपनी चांदी जैसी गोरी और सुन्दर दो बीवियों को चोदने के लिए मेरे हवाले छोड़ कर चले गए.
जाते हुए मुझे बोल गए- एन्जॉय योरसेल्फ.
उनके जाते ही शिवानी ने दरवाजा बंद किया और मुझे स्नैक्स देते हुए बोली- ड्रामा अच्छा कर लेते हो.
मैंने कहा- मैं तो इसलिए जा रहा था, कहीं आपको बुरा न लगे.
मेरा इतना कहते ही उसने मेरे मग को उठा कर उसमें से एक सिप ले लिया और बोली- अब ठीक है.
मैंने उस का हाथ पकड़ा और झटका दे कर साथ में सोफे पर बैठा लिया.
वह कहने लगी- दीपिका आ जायेगी.
मैंने कहा ठीक है- मैं तुम्हारे गिफ्ट का इन्तजार करूँगा. मैंने उसे ‘किस’ किया और अपने कमरे पर आ गया.
दीपिका और मैं मिलते रहे और चुदाई करते रहे
एक दिन दीपिका ने फ़ोन पर बताया कि आज सायम् को उन्होंने शिवानी और उस के हस्बैंड को खाने पर बुलाया है, मैंने मेरे पति से बात कर ली है कि हम लोग आज राज को भी बुला लेते हैं. तो आप सायम् 6.30 बजे घर आ जाना और शिवानी से दोस्ती कर लेना.
उसने बताया कि 7.30 बजे उस के हस्बैंड और उस का दोस्त ड्यूटी पर चले जाएंगे, क्योंकि उनकी 8 बजे रात को शिफ्ट शुरू होती है. वे दोनों एक ही कंपनी में काम करते है. शिवानी आज रात मेरे घर ही रुकेगी.
मेरे पूछने पर उसने बताया- शिवानी को मैंने तुम्हारे बारे में बता दिया था कि तुम मेरे क्लास मेट रहे हो और काफी अच्छे, जिंदा दिल और रोमांटिक आदमी हो, और कुछ नहीं बताया है, शिवानी भी मिलने की इच्छुक लग रही थी.
मैं जान बूझ कर 7 बजे उनके घर गया. जैसे ही बैल बजाई, एक लेडी ने दरवाजा खोला, दीपिका किचन में थी. मैं समझ गया वही शिवानी थी. उसे देख कर मेरे होश उड़ गए. बला की सुन्दर थी वह. एक दम गोरा रंग, मोटे, गोरे, सेब जैसे लाल गाल, बड़ी बड़ी चूचियाँ, मोटी हिरणी जैसी शरारती आँखें.
जब पीछे मुड़ कर चली तो बला की सुन्दर गोल गांड, सुडौल जांघें और पट. ऊपर स्लीवलेस लो कट का टॉप पहन रखा था, जिसमें से उस के आधे मम्मे उस के निप्पलों के पास तक उभरे हुए थे. उस के साइज़ का मुझे कोई अनुमान नहीं था, परंतु वह मस्त माल थी, एक दम मलाई कोफ्ता.
दीपिका जिसे मोटी बता रही थी वह दरअसल मांसल सुन्दर शरीर वाली थी, जिसके ऊपर दो उंगल मांस था, जिसे देखते ही लिपट जाने को दिल करे. बिल्लो रानी थी वह. शिवानी ने एक टाइट प्लाजो पहन रखा था जिसमें उस के पट और चूतड़ तो फंसे हुए थे परंतु उस का प्लाजो नीचे से खुला था.
मुझे देख कर दोनों के हस्बैंड ने खड़े होकर हाथ मिलाया और आपस में परिचय लिया, दिया. उन दोनों ने बियर के गिलास ख़त्म किये थे और खाना खाने की तैयारी कर रहे थे.
तब तक शिवानी मेरे लिए एक पानी का गिलास ले कर आई, तो मैंने गिलास पकड़ते हुए उस की उंगलियों को थोड़ा दूर तक टच कर लिया था. वह मुस्करा दी.
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मैंने थोड़ा नाटक करते हुए कहा- नहीं, मैं आज लेट हो गया, आपको जल्दी है तो मैं भी चलूँगा.
दीपिका ने कहा- हम ने आपको डिनर पर इन्वाइट किया है, ऐसे कैसे चले जाओगे?
मैंने कहा- मैं तो डिनर 9 बजे करता हूँ, इतनी जल्दी कैसे करूँ, फिर आऊंगा.
शिवानी के हस्बैंड जो देखने से ही कागजी पहलवान लगता था, बोला- जल्दी हमें है, आपको तो नहीं है, आप आराम से बैठो और खाना खा कर जाना.
दीपिका के हस्बैंड ने भी जोर दिया, तो मैं बैठ गया.
शिवानी मेरे लिए एक का मग लेकर आई. उन दोनों पतियों ने फटाफट खाना खाया और अपने बैग और हेलमेट उठा कर, अपनी चांदी जैसी गोरी और सुन्दर दो बीवियों को चोदने के लिए मेरे हवाले छोड़ कर चले गए.
जाते हुए मुझे बोल गए- एन्जॉय योरसेल्फ.
उनके जाते ही शिवानी ने दरवाजा बंद किया और मुझे स्नैक्स देते हुए बोली- ड्रामा अच्छा कर लेते हो.
मैंने कहा- मैं तो इसलिए जा रहा था, कहीं आपको बुरा न लगे.
मेरा इतना कहते ही उसने मेरे मग को उठा कर उसमें से एक सिप ले लिया और बोली- अब ठीक है.
मैंने उस का हाथ पकड़ा और झटका दे कर साथ में सोफे पर बैठा लिया.
वह कहने लगी- दीपिका आ जायेगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.