18-10-2022, 03:44 PM
एक दिन जब मैंने उससे कहा- मुझे कुछ इनाम तो दो, तो कहने लगी- बोलो क्या चहिये?
मैंने कहा- अपनी किसी सहेली की सुन्दर सी चूत दिलवा दो.
पहले तो वह मेरी मांग से सकपका गई और बोली- मुझसे बोर हो गए हो क्या? मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है, फिर भी कभी चेंज हो जाए या हम ग्रुप सेक्स कर लें तो ताज़गी आ जाती है.
मैंने कहा- अपनी किसी सहेली की सुन्दर सी चूत दिलवा दो.
पहले तो वह मेरी मांग से सकपका गई और बोली- मुझसे बोर हो गए हो क्या? मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है, फिर भी कभी चेंज हो जाए या हम ग्रुप सेक्स कर लें तो ताज़गी आ जाती है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.