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Adultery आखिर ससुरजी घुस ही गए मेरी चुत में
#15
प्रदीप : तुम को कैसे मालूम ? में : मैं स्कूल में पढ़ी हूँ इस लिए कहो,, उधर गुदगुदी होती है ना ? प्रदीप : किसी से कहना मतमें : नहीं कहूँगी. में तुमारी पत्नी जो हूँ प्रदीप : मेरी नुन्नी में गुदगुदी होती है और कड़ी हो जाती है में : मैं देख सकती हूँ ? प्रदीप : नहीं. अच्छे घर की लड़कियाँ लड़ाकों की नुन्नी नहीं देखा करती.मैं : में तो स्कूल में ऐसा पढ़ी हूँ की पति पत्नी बीच कोई सीक्रेट नहीं है पत्नी पति की नुन्नी देख सकती है और उन से खेल भी सकती है पति भी अपनी पत्नी की वो वो… भोस देख डकाता है तुम ने मेरी देखनी है ? प्रदीप : पिताजी जानें गे तो बड़ी पिटाई होगी. में : श्ह्ह्हह.. कौन कहेगा उन से ? हमारी ये गुप्त बात रहेगी, कोई नहीं जान पाएगा. प्रदीप : हाँ, हाँ. कोई नहीं जान पाएगा. में : खोलो तो तुमारा पाजामा. पाजामा खोलने में मुझे मदद करनी पड़ी. निकर उतारी तब फ़ान फ़नाता हुआ उस का सात इंच का लंबा लंड निकल पड़ा. में ख़ुश हो गयी मैने मुट्ठी में पकड़ लिया और कहा : जानते हो ? ये तुमारी नुन्नी नहीं है ये तो लंड है प्रदीप : तू बहुत गंदा बोलती हो. मैने लंड पर मूट मारी और पूछा : कैसा लगता है ? लंड ने एक दो ठुमके लगाए. वो बोला : बहुत गुदगुदी होती है मैं : मेरी भोस देखनी नहीं है ?प्रदीप : हाँ, हाँ. मेरे वास्ते शरमा ने का ये वक़्त नहीं था.मैं पलंग पर चित लेट गयी घाघरी उठाई और पेंटी उतर दी. वो मेरी नंगी भोस देखता ही रह गया. बोला : में छू सकता हूँ ? मैं : क्यूं नहीं ? मेने जो तुमारा लंड पकड़ रक्खा हैडरते डरते उस ने भोस के बड़े होठ छुए. मेरे कहने पर चौड़े किए. भीतरी हिस्सा काम रस से गिला था. आश्चर्य से वो देखता ही रहा. मेऐन : देखा ? वो जो चूत है ना, वो इतनी गहरी होती है की सारा लंड अंदर समा जाय. प्रदीप : हो सकता है लेकिन चूत में लंड पेल ने की क्या ज़रूरत ? मैं : प्यारे, इसे ही चुदाई कहते हें. प्रदीप : ना, ना, तुम झूठ बोलती हो. मैं : में क्यूं झूठ बोलूं ? तुम तो मेरे प्यारे पति हो. मेने अभी अपनी भोस दिखाया की नहीं ?प्रदीप : में नहीं मानता. मैं : क्या नहीं मानते ? प्रदीप : वो जो तुम कहती हो ना की लंड चूत में डाला जाता है मुझे वो किताब याद आ गयी मैने कहा : ठहरो, में कुछ दिखाती हूँ किताब के पहले पन्ने पर रसिकलाल का नाम लिखा हुआ था. वो दिखा कर मेने कहा :ये किताब पिताजी की है पिक्चर देख वो हेरान रह गया. मेने कहा : देख लिया ना ? अब तसल्ली हुई की चुदाई में क्या होता है ? उन पैर कोई असर ना पड़ा. वो बोला : मुज़े पिसब लगी हैमें : जाइए पीसाब कर ने के बाद लंड पानी से धो लीजिए, वो पिसब कर आया. उस का लंड नर्म हो गया था.

मैने लाख सहलाया, फिर से हिला नहीं. मुँह में ले कर चुस ती, लेकिन प्रदीप ने ऐसा करने ना दिया. रात काफ़ी बीत चुकी थी. में एक्साइट हो गयी थी लेकिन प्रदीप अनारी था. लंड खड़ा होने पैर भी उस के दिमाग़ में चोद ने की इच्छा पेदा नहीं हुई थी. वो बोला : भाभी, मुज़े नींद आ रही है उस रात से वो मुझे भाभी कहने लगा. मैने उसे गोद में ले कर सुलाया तो तुरंत नींद में खो गया. मैने सोचा आगे आगे चुदाई के पाठ पढ़ा उंगी और एक दिन उस का लंड मेरी चूत में ले कर चुदवा उंगी ज़रूर. लेकिन मेरे नसीब में कुछ ओर लिखा था. उन के कुछ शरारती दोस्तों ने उन के दिल में ठसा दिया की चूत में दाँत होते हैं नूनी जो चूत में डाली तो चूत उसे काट लेगी, फिर वो पीसाब कहाँ से करेगा. मेने लाख समझाया लेकिन वो नहीं माना. मैने कहा की उंगलियाँ डाल कर देख लो की अंदर दाँत है या नहीं. वो भी नहीं किया उस ने. बीन चुदवाये में कम्वारी ही रहरसिकलाल की पहचान वाले और प्रदीप के कई मुँह-बोले दोस्तों में से कितने भी ऐसे थे जिस ने मुझ पर बुरी नज़र डाली. दूर के एक देवर ने खुला पूछ लिया : भाभी, प्रदीप चोद ना सके तो गभराना नहीं, मैं जो हूँ चाहे तब बुला लेना. उन सब को मैने कह दिया की प्रदीप मेरे पति हें और मुझे अच्छी तरह चोद ते हें. दिन भर मैं उन सब का हिम्मत से सामना करती थी, रात अनारी बालम से बीन चुदवाये फूट फूट कर रो लेती थी. रसिकलाल लेकिन हुशियार थे, उन को तसल्ली हो गयी थी की प्रदीप ने मुझे चोदा नहीं था. मुझे शक है की चुपके से वो हमारे बेडरूम में देखा करते थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आखिर ससुरजी घुस ही गए मेरी चुत में - by neerathemall - 18-10-2022, 03:40 PM



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