Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
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Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
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Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
4.35%
1 4.35%
Kisi maard ko mana nahi kare
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1 4.35%
Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
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bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
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Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३७ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part ३)
#43
पार्ट १४ : बुवा के लड़कों से चुद गयी !


बंटी ने कहा - अरे संध्या .. देख  तू डर मत . क्या मैं तुझे बुरा लगता हूँ, हम बचपन से सात मैं खेले हैं. क्या तुझे लगता हैं मैं तेरे सात कुछ बुरा करूँगा. बंटी के हात मैं मेरी पैंटी थी जो हरिया ने सुबह जबरदस्ती निकाली थी. मैं वहा पर  खुर्ची पर बैठ गयी. मैंने झूठ का तीर लगाया  - कहा यह तो ऊपर सूखने डाली थी. तुझे कहा मिली. उसने कहा - चल झूठी , अभी भी झूठ बोलेगी. मैंने तुझे सुबह छत पर मजे लेकर हरिया से चुदते  हुए देखा. इसका वीडियो भी हैं स्वप्निल के पास . देख उसको वहा खड़ा हैं. मैंने देखा ..स्वपनील दूसरे कोने में  खड़ा मुस्करा रहा था. मुझे - हात हिला कर - हाई किया और अपना हैंडीकैम दिखा कर मुस्कराने लगा. मेरे आँखों से अब आंसु बहने लगे. बंटी ने  मेरी पैंटी फिर से अपने जीन्स की जेब मैं डाल दी और बोला - संध्या प्लीज रो मत यार , मैं कोई जबरदस्ती नहीं करूँगा. पर क्या यह गलत नहीं की तुम हरिया जैसे बुड्ढे ७० साल नौकर से ख़ुशी और मजे से चुदवा रही थी. क्या मैं इतना बुरा हूँ  मैंने कहा - मैं मजे नहीं कर रही थी, उसने मेरे सात जबरदस्ती की. तुम दोनों  क्या चाहते हो?  बंटी ने कहा - बस आज की रत - कल शादी हो जायेगी तब तुम वापस अपने घर चली जाओगी. मैंने कहा - बंटी प्लीज ऐसे मत करो. यह गलत हैं . बंटी ने कहा - संध्या प्लीज आज रात आ जाना, मना  मत करो. मैं बताऊंगा तुझे कहा आना हैं. और हाँ एक और बात. तुम्हारी अभी जो पैंटी पहनी हुई हैं , वो मुझे निकाल कर दो, अभी.  मैंने कहा - नहीं, मैं नहीं दे सकती. तेरे पास मेरी एक पैंटी हैं, वह भी वापस दे दे मुझे. बंटी ने कहा - प्लीज संध्या..यह पैंटी मेरे पास रहने दो, मुझे तुम्हारी याद आएगी तो इसको सूंघ कर तुम्हे याद करूँगा, इस पैंटी को तेरी चुत समज़कर रोज रात को मेरा लंड इसपर रगडूंगा.  मैंने पूछा - फिर दूसरी पैंटी क्यों चाइये. उसने कहा - स्वपनील भैय्या को चाहिए , देख उसके पास तेरा वीडियो हैं. चुप चाप दे दे जल्दी से. मैंने खड़े होकर, अपने  घागरे  के अंदर से पैंटी नीचे खिसकाकर  निकाल दी और बंटी के हात में  दे  दी .बंटी बहुत खुश हो गया. अब मैं ड्रेस के अंदर पूरी नंगी थी. बंटी ने मेरी दूसरी पैंटी  भी जेब मैं डाल दी और बोला, चल अब डांस करते हैं, फिर बाद मैं आज रात को मिलना भी हैं.  मैंने देखा बंटी स्वपनील के पास गया और दोनों मुस्करा कर बातें कर रहे थे. फिर धीरे से सब से छुपाकर बंटी ने उसको मेरी पैंटी दे दी. स्वपनील ने मेरी पैंटी  को रुमाल की तरह फोल्ड कर के सूंघ लिया खुद की जेब मैं रख दी. मेरी तरफ देख कर आँख मार दी.


हम सब ने रात का खाना खाया और फिर से डांस करने लगे.. स्वपनील और बंटी दोनों मुज़से बहुत मस्ती कर रहे थे, उनको पता था मैं घागरे के अंदर नंगी हूँ. बीच मैं घागरे के ऊपर से मेरी चुत सहला देते. मेरी चुत भी गीली हो गयी थी.  एक दो  बार बंटी ने मुझे कोल्ड ड्रिंक्स लाकर  दी और आंख मारी, उसमे कुछ व्हिस्की मिला दी थी. बुनती और स्वप्निल दोनों अब बहुत पी चुके थे. औंरतैं भी कोल्ड ड्रिंक के नाम से मिक्स्ड शराब पी रही थी. अब बहुत सारे लोग सोने चले गये  थे . में भी माँ और बाकी लोगों के सात घर में  जाने लगी, थोड़ा नशा था पर  किसी को समज नहीं आ रहा था. तभी बंटी ने  - दरवाजे पर मुझे इशारा कर के रोक लिया. मैंने बाकी लड़कियों से कहा - आप जाईये  मैं  बाथरूम हो कर आती हूँ. बंटी मुझे हात पकड़ कर तबेले की तरफ ले गया और अंदर जाकर धीरे से तबेले का दरवाजा बंद कर दिया. उसने एक स्विच स्टार्ट कर दिया जिससे तबेला मैं जीरो बल्ब से हलकी रोशनी हो गयी. वहा बहुत सारा सूखा चारा का ढेर लगा था. गाय / भैंसे आराम कर रही थी, तबेले मैं गोबर और गोमूत्र की अजीब गंध आ रही थी. मैंने देखा सूखे चारे  के पीछे चारे का ढेर लगा था और उसपर एक गद्दी  बिछाकर , स्वपनील एकदम नंगा हो कर अपना  मोटा बड़ा लंड हिला रहा था. स्वपनील बोला - आह ! आ गयी मेरे सपनो की रानी, कब से तेरे लिए मेरा लंड तन कर खड़ा हैं. मैं स्वपनील को देखती रहा गयी. सुन्दर काया, शरीर पर एक भी बाल नहीं, किसी ग्रीक गॉड की तरह लग रहा था, उसने मुझे अपने नंगे शरीर पर खींच लिया. बंटी ने झट से खुदके  कपडे निकले और वह भी पूरा नंगा हो गया . बंटी स्वपनील के मुकाबले मैं सावला था पर उसके शरीर पर बहुत सारे काले बाल थे. उसका लंड भी काला था. स्वपनील मुझे ओंठों को चूसकर चूमने लगा. उसने उसकी जीभ मेरे मुँह के अंदर ड़ाल  दी और मेरे ओंठो को चूस चूस कर अपने हातों से मेरे कपडे निकालने लगा. अब मैं पूरी नंगी हो गयी थी. बंटी ने देर न लगायी, झट से मेरे पाँव खोलकर मेरी चुत को चूमने लगा और अपनी जीभ से चाटने लगा. बंटी बोला - स्वपनील भैय्या, संध्या की चुत देखो..एकदम साफ़, चिकनी हैं, और बहुत लाल हैं. क्या महक हैं और लाजवाब स्वाद हैं. इसके चुत का पाणी शहद जैसे मीठा लग रहा. स्वपनील अब मेरे बूब्स मसल रहा था और मेरे ओंठ चूस रहा था. स्वपनील बोला - हाँ हरिया ने चुदाई कर के इसकी चुत सुजा दी होगी. स्वपनील ने मुझे अपने शरीर पर उठा लिया और चूमने लगा. अब उसके ओंठ मेरे ओंठो पर थे और मेरे  मम्मे उसके छाती से रगड़ रहे थे और उसका मोटा लंड मेरी जांघों से खेल रहा था. बंटी मेरे ऊपर आकर सो गया और पीछे से मेरी गर्दन चाटने लगा. बंटी का लण्ड  मेरी गांड की दरार मैं फिसल रहा था. मै  दोनों के बीच सैंडविच हो गयी थी. मेरे आगे- पीछे दो मर्द मुझे चुम रहे थे, प्यार कर रहे थे. दोनों एकदम एक - दूसरे से अलग. जहाँ स्वपनील एकदम सुन्दर, गोरा , चिकना शरीर, बिना बालों वाला, और उसका गोरा - गुलाबी कटा हुआ ७ इंच का मोटा लंड था , वही पर बंटी गांव का देहाती जबरदस्त काले बालों से भरा बदन , सांवला , और उसका लण्ड एकदम काला लंड - ८ इंच का और खूबसूरत चमड़ी के सात, केले जैसे आकार का था. जैसे की बंटी बालों वाला शेर और स्वपनील चिकना बाघ - दोनों मेरा शिकार कर रहे थे, दोनों मैं जैसे होड़ लगी थी. दोनों अब मेरा एक एक आम पकड़ कर जोर जोर से चूस  रहे थे. बंटी ने कहा - इतने खूबसूरत मम्मे कभी नहीं देखे. इसकी निप्पल्स देखो - एकदम कड़क हो गए हैं, अंगूर जैसे. तभी स्वपनील का हात मेरे चुत को सहलाते - मेरे दाणे को ढूंढ लिया और उसको रगड़ने लगा. स्वपनील ने कहा - आह बंटी इस कमीनी का दाणा भी मस्त  हैं..बिलकुल  अंगूर जैसे रसीला . यह सुनते हे बंटी फिर से मेरे गांड की तरफ गया और मेरी चुत चूसने और चाटने लगा. वह मेरे दाणे  को ओंठो से और दातो से चबाता, फिर जीभ से चाटता और मैं..  सी ..सी करती रह गयी. स्वपनील मेरे निप्पल्स और बंटी मेरा दाणा चूस रहे थे और इसी बीच मैं थर- थरकर  कांपने लगी और मेरा पाणी छूट  गया -- आह ...! कमीनो.. ! आह.!. बंटी मेरा पूरा पाणी चाटने लगा. बंटी कहा - आह स्वपनील भैय्या  इसने तो पाणी का झरना बहा दिया. स्वपनील ने कहा - अब तो शुरुवात हैं, देख यह रात भर अब कैसे रंडी बन कर हमें मजा देगी.  

फिर स्वपनील थोड़ा ऊपर खिसक गया और अपना लंड मेरी मुँह के पास ला कर मेरे मुँह मैं घुसेड़ दिया. बंटी कैसे पीछे रहा सकता - उसने मेरे पाँव  ऊपर किये   और उसके लंड का सुपडा  मेरी चुत पर चिपका दिया और एक हल्का धक्का मारा - उसका लंड मेरी चुत को चिर कर आधा अंदर चला गया. मैं स्वपनील का गोरा गुलाबी लंड चूसने लगी. गुलाबी लंड चूसने का अपना अलग मजा होता हैं. ऐस लगता हैं जैसे कोई मीठा फल चूस रही हूँ. मैंने स्वपनील के टट्टे भी चाटें. फिर मैंने स्वपनील का लंड धीरे से पूरा मुँह मैं गले तक अंदर ले लिया. या मेरा स्वपनील पर पलटवार था.  स्वपनील बोला - माँ कसम , क्या मस्त लोडा चूस रही हैं. सच मैं बंटी , इतनी भाभीयों की चुदाई की, लेकिन संध्या जैसे किसी ने मेरा लोडा पूरा अंदर तक मुँह मैं लेकर नहीं चूसा. यह तो बहुत बड़ी खिलाडी लग रही.   - वही दूसरी और मैं बंटी की कमर पर अपने दोनों पैर कस के पकड़ लिये. इससे अब बंटी का पूरा लंड मेरे चुत के अंदर आगे पीछे आसानी से फिसल रहा था. मैंने अपने एक हात मैं स्वपनील के टट्टे पकड़ कर उन्हें सहलाकर दबाने लगी और उसका पूरा लंड मुँह मैं अंदर - बहार करने लगी, जीभ फेर कर चाटने लगी और जोर जोर से चूसने लगी. . दूसरे हात से मैंने बंटी के गांड और टट्टे सहलाने लगी और अपनी चुत से उसके लंड को जोर से जकड लिया. स्वपनील और बंटी दोनों पागल हो गए. स्वपनील का पूरा लंड मेरे मुँह मैं था और उसकी गोटियां मेरे हात मैं .. वह मेरे मुँह को जोर जोर से चोदने लगा वह ज्यादा देर टिक नहीं सका और आह..! आह..! कर के बहुत सारे झटके देकर अपना पाणी मेरे मुँह मैं डाल दिया. वही बंटी भी यह साब देख कर गरम हो गया.. बोला - आह कितनी टाइट  चुत हैं, एकदम गीली और वह भी उसका लंड मेरी चुत मैं बड़े बड़े धक्के देकर अंदर बहार करने लगा. मैंने उसकी गांड की छेद में धीरे से एक ऊँगली ड़ाल दी .. वह आह..! मेरी लण्ड की राणी..!  बहुत सारे झटके देकर मेरी चुत मैं झड़ गया. दोनों मेरे ऊपर लेट गये, स्वपनील का लंड अभी भी मेरे मुँह मैं था, और बंटी का लंड मेरी चुत मैं. धीरे धीरे फिसल कर निकल गये. दो मर्दों के सात यह मेरा फर्स्ट टाइम था . मुझे विवेक अंकल की बात याद आयी - संध्या तुम चाहे तो कुछ भी कर सकती हो, बस सेक्स एन्जॉय  करना, उसको गलत नहीं समजना.  मुझे भी स्वपनील और बंटी के सात मजा आया था. क्या यह गलत था? वह रिश्ते मैं मेरे भाई थे ? पर क्या मैं उनको सिर्फ एक मर्द की दॄष्टि  से नहीं देख सकती हूँ. कुछ पल हसीन और रंगीन बिताने से क्या कोई महा प्रलय आ जायेगा. क्या हरिया के सात मुझे मजा नहीं आया था? क्या उसकी गलती यह हैं की वह गरीब था, नौकर आदमी  हैं? या सत्तर साल का बुड्ढा? क्या उसको भी ख़ुश रहने का अधिकार नहीं हैं ?  कुछ देर हम मदमस्त  हो कर एक दूसरे से चपके रहे. चुम्मा चाटी करते रहे. स्वपनील और बंटी फिर से जल्दी से गरम हो गये. दोनोंके लंड फिर से आस्मान छूने लगे. शायद यही फरक था हरिया और स्वपनील-बंटी मैं. हरिया ७० साल का बुजुर्ग था. स्वपनील और बंटी दोनों जवानी के शिखर पर थे. झट से फिर से लंड खड़े हो गये. यही खूबी होती हैं - बुजुर्ग आदमी, परिपक्व आदमी और जवान मर्द , सबकी अपनी अपनी खूबी होती हैं. सब अपनी जगह सही हैं, सबका अपना अलग आनंद हैं. मुझे यह पता चल गया था की  सेक्स मैं मर्द की उम्र का कोई असर नहीं होता हैं. आम कैसे भी हो - कच्चा, पका, उसको खाने का तरीका आना चाहिए , फिर कच्चे आम का स्वाद नामक से लो, या पके आम का स्वाद शक्कर या दूध के सात. इसलिए शायद आम फलों का राजा हैं.  स्वपनील ने कहा - इस बार मैं चोदूगा  संध्या को, बंटी तू भी देख संध्या का कमाल का लण्ड चूसती  हैं. 

मेरे मन और दिमाग की सीमा भी अब ढल चुकी थी. मुझे कुछ गलत नहीं लग रहा था. मुझे अब सब एन्जॉय करना था. बंटी को मेरी चुत बहुत पसंद आ गयी थी. वह  फिर से उसे चाटने लगा. मेरी चुत मैं से उसका पाणी बहार बह रहा था . मैंने भी पलटकर उसका काला लंड मेरे मुँह मैं ले लिया . अब हम ६९ की पोजीशन मैं एक दूसरे को चूस रहे थे. इसी बीच स्वपनील ने मेरे पैर उठाकर उसका मोटा लंड मेरी चुत मैं घुसा दिया. मेरी चुत बंटी के पानी से अंदर तक गीली थी. स्वपनील का लंड अंदर तक आसानी से चला गया. यद्यपि स्वपनील का ७ इंच का गुलाबी लंड बंटी के ८ इंच के लंड से थोड़ा छोटा था, पर मोटाई मैं स्वपनील के लंड से ज्यादा था. इसलिए स्वपनील का लण्ड मेरी चुत के अंदर से बहुत ज्यादा रगड़ रहा था. 

मैं बंटी के काले लंड को प्यार से चूस रही थी. बंटी के काले लंड का स्वाद स्वपनील के गुलाबी लंड से अलग था. दोनों के लंड के  स्वाद की अपनी खुबिया थी, दोनों  ले लंड की महक मुझे स्वर्ग का आनंद  दे रही थी. बीच में मैं स्वपनील के लंड पर की काली चमड़ी (फोरस्किन) भी चबा देती, चूस देती. फोरस्किन या लंड की चमड़ी, कड़क लोहे जैसे लंड पर इतनी मुलायम और कोमल होती हैं. कड़क लंड को चूसकर, मुलायम चमड़ी को चबाने और चूसने का अपना मजा होता हैं. शायद प्रकृति ने इसलिए ये सर्वानंद का कॉम्बिनेशन दिया हैं - कड़क लंड के सात मुलायम  लंड की चमड़ी (फोरस्किन), फुल्ली - कोमल चुत के साथ कड़क चुत का दाणा , मुलायम मम्मे के साथ कड़क निप्पल्स. यही कॉम्बिनेशन सर्वानंद की अनुभूति देती हैं.
मैंने भी प्यार से बंटी का पूरा लंड मुँह मैं लेकर गले तक निगल लिया. वही स्वपनील के लंड पर मेरे और बंटी के पाणी से बहुत चिकनाहट महसूस हो रही थी. दोनों जल्दी से झड़ गये. इस दौरान मैं ४ बार झड़ गयी  थी. और मेरे दोनों जवान शेर दो-दो  बार झड़ गये थे. मैंने उन दोनों के लण्ड  के पानी का  स्वाद मुँह मैं लेकर चख लिया था. हम सब अब थक गये थे. 

मैंने कहा - अब हमें चलना चाहिए, किसी को पता चला की अगर मैं घर पर नहीं हूँ तो फसाद हो जायेगा. बंटी और स्वपनील ने कहा - हाँ मन तो नहीं कर रहा तेरी चुत से जुदा होने का, पर यह भी सच हैं. मैंने कहा - अब तो मेरी पैंटी दे दो? दोनों हंसकर बोले - नहीं, यह तो तेरी तरफ से हमारा गिफ्ट हैं. मैं हंस दी - अरे मेरा वीडियो डिलीट कर देना प्लीज. स्वपनील ने कहा - कोन सा वीडियो ? कैसे वीडियो? तुझे क्या लगता की हम इतने कमीने हैं की तेरा वीडियो लेंगे. वह तो हमने सिर्फ तुझे हरिया के सात देख लिया था. वीडियो की हमने झूठी  स्टोरी बना दी. मैंने गुस्से मैं कहा - बड़े कमीने हो तुम दोनों. मुझे कितनी टेंशन आ गयी थी.  बंटी ने कहा - क्या करते, तुझे मानाने का यही तरीका था. कल रात को स्वपनील ने तुझे छूने की कोशिश की तो तूने मना  कर दिया.  पर हाँ..हम सच मैं तेरे सात चुदाई करना चाहते थे. तुझे गलत लगा तो  सॉरी. पर प्लीज हमसे गुस्सा  मत होना और नाराज भी नहीं. मैंने कहा - नहीं अब मैं नाराज नहीं हूँ. पर आगे से ऐसे झूठ मत बताना. स्वपनील शरारती अंदाज मैं बोला - मतलब अब आगे तू हमें बिना इंकार किये चोदने देगी. मैं हंस दी और कहा - मैं इंकार नहीं करुँगी. अब चलो मुझे घर तक छोड़ दो . मैं चुपके से घर मैं घुसी और दीवाल से लग कर सो गयी. मेरी चुत अभी  भी स्वपनील और बंटी के पाणी से गीली थी.  मैं घोड़े बेचकर सो गयी. 
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RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by Chut chatu - 10-11-2024, 11:10 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 12-11-2024, 02:13 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट १३/१४: हरिया और बुवा के लड़कों से चुद गयी ! - by luvnaked12 - 13-10-2022, 03:32 PM



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