Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
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Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
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Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
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Kisi maard ko mana nahi kare
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Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
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bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
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Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३६ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part 2) !
#35
पार्ट १२: बुआ के घर

इस एक घटना ने मेरी जिंदगी हिला कर रख दी. दुनिया में नदीम जैसे शैतान हर नुक्कड़ पर मौके का फ़ायदा उठाने तैयार खड़े रहते हैं. मैं अब उस दिन से हरीश की मिलने जाती, पर गार्डन में अकेले जाने से मना करती.  कोई सेफ जगह हो तो ही हम जाते थे और एक दूसरे  से खूब प्यार करते. मेरी रूम पार्टनर अनीता ने बहुत पूछने की कोशिश की - क्या हुआ, हरीश के सात सेक्स हुआ क्या? कैसे रहा एक्सपीरियंस, पर मैं हंस कर उसे कुछ नहीं बताती और टाल देती थी. मैंने देखा की राजवीर और अनीता कुछ ज्यादा ही करीब आ गए थे और सात - सात बैठा करते. कॉलेज मैं यह भी अफवाह फ़ैल गयी की उनका भी अफेयर चल रहा.

एक दिन राजवीर और मैं लेबोरेटरी मैं प्रैक्टिकल कर रहे थे. राजवीर मेरा पार्टनर था, हम ऐसे  ही हमेशा की तरह हंसी मजाक कर रहे थे.. राजवीर  ने हँसते हुए कहा - संध्या मेरे सात भी कही बहार चलो..मजे करेंगे . मैंने गुस्से मैं कहा - चुप , थप्पड़ पड़ेगी तुझे एकदिन. वो बोला -  क्या यार , मैं तुमपर इतना मरता हूँ..तू ध्यान भी नहीं देती. मैंने कहा - तू तो अनीता के सात हैं. उसने कहा - मैं उसके सात हूँ क्यूंकि तू उसकी रूम पार्टनर हैं. खैर मैंने बात टाल दी .

फर्स्ट ईयर की एग्जाम के बाद, सर्दियों  की छुट्टीयो में , मैं मुंबई आ गयी . हमें बुआ की लड़की वर्षा के शादी मैं जाना था . मम्मी - पापा को तो  जाना जरुरी था  - लड़की के मामा - मामी जो थे. शादी गांव मैं थी. हम लोग २ दिन पहले ही बुआ के घर पहुँच गए. मैं वर्षा को देखकर एकदम खुश हो गयी..वह भी मेरा ही इंतजार कर रही थी. तभी पीछे से अकार किसी ने मेरे आँखों पर हात रखकर मेरी ऑंखें बंद कर दी और जोर से  उसकी और खींच कर  - अलग  तोते की आवाज निकाल  कर पूछा - पहचानो कोण हैं?  मैं थोड़ा पीछे की तरफ फिसल कर उसके शरीर पर गिर गयी. एकदम मजबूत , छाती और हाथ लग रहे थे.. कोई भारदस्त मर्द.. सब हंस रहे थे .. मैं सोचने लगी कोण हैं.. मैंने एक दो  नाम बताये पर सब गलत थे .  उसने फिर से आवाज बदल कर शैतानी अंदाज मैं कहा  - हार मान  लो..  जो कहूंगा वो करना पड़ेगा  ? .. बुआ बोली - अब छोड़ उसे..शैतान..मेरी भांजी इतने दिन बाद आयी. तंग मत कर उसे. मेरी आँखें खुल गयी..मैंने पलटकर देखा.. चेहरे पर तेज, शैतानी अंदाज, स्लीवलेस बनियान मैं कसी गठीली बॉडी और टाइट शॉर्ट्स - एकदम सेक्सी गांव का नौजवान मेरे बुआ का लड़का बंटी था.  २ सालों मैं वह कितना बदल गया था. वह मुज़से २ साल बड़ा था . मैंने कहा - बंटी तुम.. और झूठा झूठा अपने दोनों हाथों की मुट्ठी से उसके छाती पर मारने लगी. सब हंस रहे थे.. उसने फिर से मुझे चिढ़ाकर बोला - अरे क्यों मुझे मार रही, देखो मुज़से पंगा मत लो..तुमने काबुल किया हैं मैं जो मागूंगा वह तुम दोगी. मैंने भी जीभ बहार निकाल कर उसे चिढ़ाकर ठेंगा दिखा दिया. उस दिन बहुत सारे रिश्तेदार भी आ गए. शाम को मेहँदी थी - एक बड़े हॉल मैं . हम सब चचेरे, ममेरे, फुफेरे, मौसेरे भाई - बहन बहुत हंसी मजाक कर रहे थे .. हम सब बहुत दिन के बाद ऐसे फॅमिली फंक्शन मैं एकसात मिल रहे थे. हम सब ने वही हॉल मैं एक सात सोने का फैंसला किया. बातें भी होंगी  और एक दूसरे के सात टाइम भी स्पेंड करेंगे. तभी  मेरी आँखें स्वप्निल से टकरा गयी . स्वप्निल मेरी बुआ का भतीजा था - उनके बड़े जेठ का बेटा.  वह मुज़से बहुत फ़्लर्ट कर रहा था - मामा की बेटी - के रिश्ते से और शैतानी भी कर रहा था. उसकी नज़रों से साफ़ उसकी नियत का पता चल रहा था, स्वप्निल शहर से था और MBA कर रहा था, ६ फ़ीट हाइट, जिम बॉडी ,और आकर्षक पर्सनालिटी थी. उसने एक दो बार मजाक में मेरा हात पकड़कर  भी मरोड़ दिया था. रात को बहुत ठंडी थी, हमने बहुत भारी भारी रजाई और ब्लैंकेट लिए थे. 

कुछ देर बाद हम सब सोने लग गए थे , सब लड़के  बहार चले गए थे..शायद पीने का कुछ प्रोग्राम था. मैंने सलवार कुर्ता पहना था और  एक मोटी रजाई लेकर मैं वहां अपनी चचेरी बहन सुमन  दीदी के बाजू सो गयी.  थक गयी थी, जल्दी नींद आ गयी. बीच रात मैं मेरी ऑंखें खुली.  मुझे अपने पैरों पर कुछ स्पर्श महसूस हुआ. मैंने ऑंखें बंद रखी थी. मेरे दूसरी तरफ कोई रजाई ओढ़कर सोया था .. उसके हात मेरी रजाई के अंदर आकर ..मेरे  पैरों  पर घूम रहे थे. कोण था पता नहीं - पर हात किसी मर्द का था. मैं डर के मारी चुप रही - कही सुमन दीदी या बाकि घर वाले जग न जाये. धीरे धीरे उसके हात मेरे घुटने से जांघों पर आये और मेरी जंघा सहलाने लगा. ठंडी के दिन, उसपर उसका गरम हात.. मुझे उत्तेजित करने लगे थे .. और मेरी चुत गिल्ली हो रही थी. उसका हात धीरे धीरे अब मेरी चुत की तरफ बढ़ रहा था . कोन है  ये ? स्वप्निल या बंटी ? उसने सलवार के ऊपर से मेरी चुत पर हाथ फेर कर प्यार से सहलाने लगा. मेरी पैंटी और सलवार अब मेरी चुत के  पाणी से गिल्ली हो गयी थी. मुज़मे एकदम हिम्मत आयी..मैंने उसका हात जोर से पकड़ कर हटा दिया. वह शायद डर गया होगा - और अँधेरे में उठकर कमरे की दूसरी बाजू - जहाँ सब लड़के सोये थे - वहां चला गया.

दूसरे दिन सुबह उठकर चाय -नाश्ता ले रहे थे, तभी बुआ ने  कहा - बंटी जाओ - तबेले से दूध ले कर आओ .. आज मेहमान ज्यादा हैं. बुआ का अपना   भैंसो का बड़ा तबेला था - १५ - २० गाय और भैंसे थी. बहुत बड़ा खेत भी था. मैंने कहा - बुआ मैं भी जाउंगी.. मुझे भी गाय और भैंसे दखनी हैं. मैं झट से बंटी के सात चली गयी. बंटी  ने एक बड़ी स्टील की बाल्टी ली और उसमे एक लोटा पानी और एक चम्मच तेल डाल दिया . जाते जाते मैंने बंटी से कहा - आपने यह पाणी और तेल क्यों लिया ? बंटी ने कहा - दूध निकालना है न काम आएगा - अभी i तुम खुद देख लेना. जैसे हम तबेले गए .. वहां हरिया - बुआ का  ७० साल का बुड्ढा नौकर एक कच्छी मैं था..और भैंसों का पाणी से नहला रहा था. उसका पूरा बदन काला और तेल से चमक रहा था. मुझे देखकर बोला - आज संध्या बिटिया भी आ गयी ? बंटी ने कहा - हाँ हरिया चाचा, संध्या को देखना हैं की दूध कैसे निकलते . हरिया ने कहा - तू ही बता दे बंटी , और वह उनकी भैंसों को एक हात से पाणी की रबर की नली से पाणी डाल कर और दूसरे हातों से  भैंसों को साबुन से रगड़ का नहलाने लगे. बड़ा अजीब नजारा था - भैंसो का तेल और पानी लगा कर चिकना नहलाना - और हरिया सिर्फ गीली कच्छी  मैं था.. बहुत बार उसकी कच्छी भी भैंसे की शरीर  से रगड़ जाती और वहां अब एक बड़ा तम्बू बन गया था. मैं जानती थी उनका बूढ़ा लण्ड खड़ा हो गया था.

बंटी वही पास मैं एक धुली हुई जर्सी गाय के पास बाल्टी ले कर बैठ गया. मैं भी उसके पास जाकर देखने लगी. उसने बाल्टी से पानी और तेल का मिश्रण गाय की स्तन पर लगा कर गीले कर दिए . वह अपने दोनों हातों से गाय की स्तन को मसलने लगा. ऐसा करते वक़्त उसने  मेरी तरफ देखा और आँख मार दी - मैं शर्मा गयी. वह बोला - ऐसे करने से गाय गरम हो जाती और दूध निकालना आसान हो जाता. मुझे लग रहा था की मैं कितनी मुर्ख हूँ, बंटी से कैसे कैसे सवाल कर दिये  थे. बंटी अब अपने दोनों पैरों पर बैठ गया था और एक - एक स्तन को नीचे खींचकर मसल रहा था. मैं पास जा कर देखने लगी - मैंने कहा - बंटी दूध तो नहीं आ रहा. उसने कहा रुको जरा - इतना आसान नहीं हैं - फिर उसने एक स्तन को जोर से नीचे खिंचा - उससे एक जोरदार धार निकली - जो मेरे मुँह पर और  छाती पर आ गिरी. मैं एकदम हड़बड़ा गयी - और गीली होने से बचने पीछे हो गयी तो नीचे जोर से  बैठ गयी. हम दोनों बहुत हंसने लगे.  यह क्या बंटी .. ऐसे करते हैं? देखो मैं दूध से गीली हो गयी, अब कपड़ों पर निशान आ जायेंगे..  बंटी ने कहा - पास आओ मैं  सारा दूध चाट कर साफ़ कर देता हूँ. मैंने उसके गाल को हल्का प्यार से थप्पड़ मार दिया - चुप - कमीने. हरिया यह सब देख रहा था - उसके कच्ची अब डबल साइज की हो गयी थी. हरिया ने कहा - बबुआ - संध्या को भी सीखा दे दूध निकालना. उनके इस डबल मतलब के बातों से मैं शर्मा गयी. मैंने कहा - नहीं , मैंने नहीं सीखना , गाय लात मारेगी, मुझे डर लगता हैं.

बंटी ने कहा - डर मत संध्या मैं हूँ.. यहाँ आ जा..मेरे पास . मैं थोड़ा आगे हो गयी - बंटी के पास बैठ गयी.. बंटी ने कहा - पकड़ो इसको और नीचे खींचो  - जोर से. मैंने बंटी का देखकर , उस गाय के एक - एक स्तन को अपने  दोनों हातों से पकड़ लिया और जोर से  नीचे की तरफ खिंचा.. पर कुछ भी नहीं हुवा  - एक बून्द भी दूध नहीं आया . मैंने और ३-४ बार कोशिश की. मैं बहुत निराश हो गयी. बंटी ने कहा - अरे कोशिश करो - मैं सिखाता हूँ.. बंटी ने मेरे दोनों हातों को पकड़ लिया - और गाय के स्तनों को ऊपर पकड़ने लगा.. फिर उसने मेरी मुट्ठी जोर से दबायी और नीचे खिंचा - कुछ एक दो बून्द आयी.. मैं खुश हो गयी. उसने कहा हाँ ऐसे ही जोर से दबाकर. बंटी मेरे पीछे एकदम पास बैठा था..मैं अपने दोनों टांगों पर बैठी थी, और मेरे पीछे बंटी . मेरी गांड बंटी के जांघों के बीच थी. मुझे उसका ठोस कड़ा लण्ड मेरी गांड पर रगड़ता  महसूस हुआ. मैंने कहा - बस बंटी अब सीख गयी.. उसने कहा  - ठीक से संध्या - अब तुम्हे और प्रैक्टिस करनी पड़ेगी..पीछे से वह और मेरे पास आकर अपनी जांघों के बीच  मेरी गांड जकड ली. अब दूध की धार अच्छी मोटी आ रही थी..बंटी ने कहा - हा संध्या ऐसे ही - करते रहो - उसने अब उसका एक हाथ मेरे हात से हटा लिया और मेरी गांड के ऊपर नीचे से रख दिया. अब उसका एक हात मेरे एक हात के ऊपर था - जो गाय की स्तन को रगड़ कर दूध निकाल रहा था और दूसरे हातों से वह मेरी गांड सहला था. अब उसका हाथ और आगे की तरफ आ गया और मेरी चुत पर था . तभी मने देखा की हरिया अब नयी भैंस को नहला रहा था - कच्छे मैं से उसका काला मोटा लण्ड बहार आ गया था और भैंस की पीठ पर रगड़ रहा था.

मैं एकदम होश मैं आयी..मैंने कहा - अब बस बंटी , मैं जाती  हूँ.. और वहां से उठकर  जल्दी जल्दी घर के तरफ जाने लगी. मुझे बंटी ने कहा  - प्लीज रुको न संध्या -  अब तुझे बहुत कुछ सिखाना हैं.. मेरा भी दूध निकाल देती. और वह और हरिया जोर जोर से हंसने लगे.  मैं जल्दी जल्दी वहां से बूआ की घर की तरफ जाने लगी . तभी पैर में जोर की मोच की वजह से  मैं किसी से टकरा गयी.. आह .. ओह माँ .मर गयी . कह कर मैं गिरने वाली थी की उस आदमी ने मुझे जोर से जकड लिया और अपनी बाँहों मैं कस लिया. उसने कहा - ऐसे कैसे मरने देंगे तुम्हे.. तुम्हारे दिवाना तुम्हारे पास हूँ. मैंने देखा - स्वप्निल था. नाशीली आँखों से मुस्कराता मुझे देख रहा था और उसके दोनों हात मेरे स्तन पर रगड़ रहे थे. मैं कुछ देर उसके आँखों मैं खो गयी..फिर खुदको संभल कर बोली - थैंक यू , मुझे छोड़ो अब - जाने दो. उसने कहा अरे ऐसे कैसे जाओगी - तेरी पैर मैं मोच आ गयी..तुझे  गोदी मैं उठाकर ले जाता हूँ - और उसने मुझे झट से अपनी गोदी में  उठा लिया. मैंने गुस्से मैं कहा - छोड़ो मुझे  - कोई देख लेगा - गांव मैं बदनामी हो जाएगी और उसके चंगुल से निकल कर लड़खड़ाकर घर के तरफ चली गयी. बहार बुआ चारपाई पर बैठी थी. पूछा - अरे संध्या क्या हो गए - ऐसे क्यों चल रही.  मैंने बताया  - बुआ पैर मैं मोच आ गयी. बुआ ने कहा - ठीक हैं - मैं हरिया से बोलूंगी. वह अच्छी से मालिश कर देगा - पैर की नस ठीक हो जाएगी.

मैं वहां चारपाई पर बैठ गयी. मैं सोचने लगी - स्वप्निल और बंटी दोनों चचेरे भाई बड़े कमीने निकले . पर रह रह कर मेरा दिमाग रात की घटना पर जाता था. कोण होगा वह? स्वप्निल या बंटी ?

दोस्तों आपको क्या लगता हैं? कोण होगा? स्वप्निल या बंटी?  फिर क्या हुआ? क्या रात वाली घटना फिर से हो गयी?

आपकी संध्या 
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RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 08-12-2022, 03:58 PM
मैँ बहक जाती हूँ - (पार्ट १२: दूसरी बार बलात्कारपार्ट) - by luvnaked12 - 10-10-2022, 07:17 PM



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