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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-22(b)

जेन ने कौमार्य मुझे सौंप दिया




जेन भी नहीं चाहती थी कि मैं उस पर दया करके उसकी कसी हुई चूत से जो अभी भीषण दर्द से वेहाल में से लंड बाहर निकाल ले। मैं भी समझ गया जेन दर्द बर्दाश्त कर रही है। एक तरह से जेन मेरी कमर को अपनी गोरी गुदाज जांघो से कसकर जकड लिया और दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी। अब उसे कुछ देर जेन की गोरी गुदाज जांघो के बंधन में रहकर ही कमर हिला-हिला कर जेन को चोदना होगा।

दोनों के बदनो की गरमी एक दूसरे में घुलने लगी, पसीना एक दूसरे में मिलने लगा और गरम-गरम सांसे एक दूसरे की बदन से टकराने लगी। जेन ने मेरी कमर पर बनाये जांघो का कसाव को ढीला कर दिया, मैं उसका इशारा समझ गया, मैंने कमर को हल्का-सा पीछे लेकर झटका दिया, लेकिन लंड अपनी जगह से चूत थोडा और आगे खिसक गया। फिर उसने धीरे-धीरे लंड को जेन की संकरी गुलाबी चिकनी चूत में उतारना शुरू कर दिया।

मैंने जेन को अभी हलके-हलके धक्के लगाकर चूत के मुहाने की दीवारों को नरम करने में लगा था। जितना अन्दर तक लंड घुस गया था वहाँ तक धक्के मार रहा था। दर्द के बावजूद भी जेन की मादक कराहे निकल रही थी-यस यस आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्आ ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यस-यस चोदो मुझे, चोदो इस चूत को, कसकर चोदो।

कुछ देर मैंने अपनी कमर पर पूरा जोर डालकर एक तगड़ा झटका लगाया और लंड थोडा और अन्दर खिसक गया। इस अचानक हमले से चूत की दीवारों से भयानक घर्षण हुआ। चूत की गुलाबी गीली दीवारों को मेरे लंड ने थोडा और चीर दिया, दीवारों की सलवटे फैलती चली गयी, भयानक घर्षण से जेन की मक्खन जैसी नरम गुलाबी गीली दीवारों में जलन शुरू हो गयी, ऐसा लग रहा था किसी ने लोहे की गरम राड उसके चूत में घुसेड दिया हो। दर्द और जलन से जेन की चूत की दीवारे बेहाल थी, दर्द के मारे चूत की दीवारों में खून का दौरान तेज हो गया था और वह बेतहाशा फाड़फाड़ने लगी।

जेन दर्द के कराहते हुए कांपते होठो से बोली-पेलो न बेदर्दी से, जो होगा देखा जायेगा, अब ठेल तो पूरा अन्दर तक, जितना ताकत से घुसेड सकते हो, डाल दो अन्दर तक, जहाँ तक जा सकता है जाने दो, उसके लिए राह बनावो, मेरी और मेरी चूत की परवाह न करो तुम, कब तक मेरी चूत के दर्द के चक्कर में लंड को इस तरह तड़पाते रहोगे। जब तक लंड चूत को चीरेगा नहीं, ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी। पेल दो पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में।

मैंने अबकी बार अपना लौड़ा चूत से सटाकर कसकर शाट मारा, अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। मेरी साँसे जल्दी-जल्दी आ रही थीं। जेन ने अपनी टंगे मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। जेन ने जोर से एक चीख मारी। मैंने भी उसको रोका नहीं।

मैंने अपना लण्ड थोड़ा-सा बाहर निकाला और अब मैंने कस के शाट मारा, तो मेरा लण्ड अब जेन की कुँवारी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। जेन के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया मेरा 10 इंची गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया।

जेन की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा मेरा लैंड उसमे जैसे फस गया और छील गया है मेरी भी चीखे निकल गयीl ऊह्ह्हह्ह मर गएl मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन लण्ड टस से मस नहीं हुआ जेन की चूत ने मेरा लण्ड जकड लिया था। मैंने बहुत आगे पीछे होने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और लण्ड पूरा अंदर समां गया और मैं जेन के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुईl

मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने जेन को धीरे-धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला मेरी रानी, मेरी जेन कुछ नहीं होगा थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा।

मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया, फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। जेन मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी। वह सिसकारियाँ ले मजे लेने लगी।

मैंने अब उसकी चूची को मुँह में ले लिया और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट थी। फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया जेन का चीखना चिलाना बंद हो गया था।

जेन तेज-तेज सांसें ले रही थी। उसकी चूचियाँ अब ऊपर-नीचे हो रही थी। मैंने उसकी टांगों को अपनी टांगों में फंसा लिया था। मेरे हाथ जब उसकी गाण्ड पर लगे तो कुछ गीला-गीला-सा लगा। मैंने देखा तो उसके सफेद चादर पर खून के धब्बे साफ दिख रहे थे। वह मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई।

मैंने जेन को लिप किश दी और उनके बदन को सहलाया। उनके चुचो को दबाया और चूत पर हाथ फेरा और बोला आप तो जानती हो पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है उसके बाद तो मजा है मजा है।

मेरा लंड और उसकी चूत दोनों मेरे वीर्य और चुतरस से एक दम चिकने हो चुके थे फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है? फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, हाईईईईई, म्म्म्मम! अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है।

जेन की चुत बहुत टाइट थी अभी तक लंड पूरा अंदर नहीं गया था। जेन को चुदाई में दर्द हो रहा था। वह पहली चुद रही थी इसलिए उसे ज्यादा देर एक पोजीशन में चोदना ठीक भी नहीं था। और फिर मैंने सोचा अब पोजीशन को बदला जाए।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। मैंने जेन को उलटा करकर घुटनों के बल ला दिया और पीछे से धीरे से उसकी दर्द से बेहाल चूत में मुसल लंड पेल दिया। मैं जेन को पीछे से चोद रहा था। जेन अपने चूत दाने को सहलाकर अपना ध्यान दर्द से हटा रही थी। जेन को पता था कि जब मेरा लंड उसकी संकरी चूत के छेद को अन्दर गहराई तक चीरेगा तो उसे दर्द होना ही है। मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया।

जेन ने अब आगे होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने के लिए तकिये में अपना मुहँ दबा लिया, ओठ भींच लिए, मुट्ठियाँ भींच ली और पैर के पंजो और उंगलियों को सिकोड़ कर खुद को दर्द झेलने के लिए तैयार कर लिया। मैंने एक लम्बा झटका लगाया।

जेन के मुहँ से घुटी-घुटी चीख निकल गयी, उसके दोनों आँखों में आंसू आ गए लेकिन मैंने लंड पर दबाव बनाते हुए उसे जेन की चूत में घुसेड़ना जारी रखा। जेन कभी पैर पटकती कभी सर झटकती। लेकिन मैंने जेन की चूत में लंड पेलना जारी रखा।

जरा जरा-सा खिसकता हुआ लंड धीरे-धीरे जेन की चूत में समां रहा था। जेन की चूत की आपस में चिपकी दीवारे मेरे लंड के लिए जगह बनाती जा रही थी, चूत की दीवारों की सिलवटे गायब होती जा रही थी, मक्खन जैसे नरम गुलाबी दीवारे जितना ज्यादा फ़ैल सकती थी फ़ैल जा रही थी और मेरे मुसल जैसे लंड को कसकर जकड़ ले रही थी। मैं जेन को लगातार चोद रहा था अपना लंड उसकी चूत में ठेलता जा रहा था। उसने फिर से जेन को सीधा किया और पहले की तरह चोदने लगा। जेन की पिंडलियाँ और नितम्ब उसकी चूत में हो रहे दर्द के कारन उसकी कमर को नीचे की तरफ ठेल रहे थे लेकिन मैं जेन को हिलने का कोई मौका नहीं दे रहा था। जेन मेरे लंड की खाल की सलवटे और फूली हुए नसे अपनी चूत की दीवारों पर महसूस कर रही थी लेकिन उसका दर्द के मारे बुरा हाल था, दर्द के कारन उसकी आँखो में आंसू आंसुओं की धारा बह रही थी, फिर भी उसने मुझे रुकने का इशारा किया नहीं किया। मैं भी लगातार धक्के लगाकर जेन को चोदता रहा।

मैं समझ गया था जेन को भीषण दर्द हो रहा होगा, आखिर लंड है ही इतना मोटा तगड़ा और जेन की चूत में सालो से कोई लंड नहीं गया था, इसलिए उसकी चूत का छेद बहुत संकरा और दीवारे कुछ ज्यादा ही सख्त हो चुकी थी। मेरे लिए इसमें कुछ ज्यादा अलग नहीं था, मैंने जीतनी भी लडकियों को चोदा था लंड चूत में डालते समय लगभग सबका ही हाल ऐसा हो जाता था। मैंने जेन का चेहरा तकिये से निकाला और उसके दर्द से भरे चेहरे को एकटक देखने लगा, उसकी आँखों के किनारे से होकर कान की तरफ बहती आंसुओं की धार पोंछी और पूरे चेहरे को बेतहाशा चूमने लगा। मैंने जेन के ओठो पर अपने ओठ रख दिए और जीभ उसके मुहँ में घुसेड दी और कसकर उसे चूमने लगा। मैंने जेन की पोजीशन फिर बदल दी, अब वह उसे घुटनों पर ले आया। जेन को चुदाई में दर्द हो रहा था। वह पहली चुद रही थी इसलिए उसे ज्यादा देर एक पोजीशन में चोदना ठीक भी नहीं था। मैंने अपने खून से भरे मोटे फूले हुए लंड को उसकी चूत पर रखा और फिर से एक झटके में जेन की गीली दर्द से बेहाल चूत पेल दिया। जेन के मुहँ से चीख निकल गयी। मैं पीछे से उसकी चूत में सटासट लंड पेलने लगा।

जेन फिर से भीषण दर्द से कराह उठी उसने बिस्तर में अपना मुहँ छिपा लिया, बिस्तर की चादर को कसकर जकड लिया, इस कारन उसकी चीख उसके चेहरे और बिस्तर के बीच में ही घुटकर रह गयी। जेन की दोनों आँखों से दर्द के कारन लगातार आंसू बह रहे थे। जेन से दर्द बर्दास्त नहीं हो रहा था, उसने मुझे रोका और सीधी होकर पीठ के बल बिस्तर पर लेट गयी। मैं जेन के ऊपर आ गया, जेन ने मुझे अपनी बांहों में जकड लिया और उसकी कमर पर पैर जमा दिए। जेन की गोरी गुदाज जांघे और कोमल हाथ मेरे बलिष्ट शरीर के इर्द गिर्द लिपट गए। मैंने जेन की चूत पर लंड सटाकर अन्दर की ओर पेल दिया और कमर हिलाकर धक्के लगाने लगा। जेन से कसकर मुझे जकड़ लिया और अपनी नाजुक संकरी चूत में उसका लंड फिर से लेने लगी। जेन के मुहँ से अब भी दर्द भरी कराहे ही निकल रही थी।

मैं जोर-जोर से कमर हिलाकर जेन की गुलाबी गीली चूत की दीवारों को जो उसके लंड को कसकर जकड़े थी को चीर कर, रगड़ता हुआ अपने मोटे मुसल जैसे लंड को जेन की चूत में पेल रहा था और हर धक्के के साथ चूत की गहराई के आखिरी छोर तक जाने का रास्ता बना रहा था।

जेन कांपती हुए आवाज में–आमिर अब देर मत करो, दर्द होता है तो होने दो। लंड को पूरी ताकत से चूत की आखिरी गहराई तक उतार दो, पूरा का पूरा लंड चूत के अन्दर डाल दो। मुझे मेरे चूत के आखिरी कोने तक जमकर चोद डालो। मुझे तुमारा पूरा लंड चाहिए। जो होगा देखा जायेगा। ये चूत है ही इसी लायक, जब तक मोटा तगड़ा लोहे जैसा सख्त लंड इसे कुचलेगा नहीं ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी। इस पर जितनी दया दिखावोगे उतना ही ये नाटक करेगी, बिना सख्ती किये ये तुमारे लंड को अपनी गहराई में उतरने का रास्ता नहीं देने वाली। मेरी चूत फटती है तो फट जाने दो।

मेरे धक्के बदस्तूर जारी थे और जेन की कराहे भी।

जलन के कारन जेन की चूत की गुलाबी दीवारों से रिसने वाला पानी बंद हो गया था, जिससे उसकी चूत सूख गयी थी, इससे मुझे लंड पेलने में ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा था और चूत की दीवारों से रगड़ भी ज्यादा हो रही थी जो असुविधा जनक था। कम से कम आरामदायक लंड पेलने के लिए वह आदर्श स्थिति नहीं थी। पहले जेन की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी लेकिन अब उसकी दीवारे दर्द के कारन खुश्क हो गयी है। मैने अपने लंड को बाहर निकाला और पास में पड़े चिकने तेल से सरोबार कर लिया। थोडा-सा तेल जेन की चूत के छेद पर उड़ेल दिया। फिर जेन की चिकनी चूत के छेद पर रखकर ठेल दिया। मेरा लंड जेन की गुलाबी नरम चूत की दीवारों को चीरता हुआ अन्दर चला गया।

मैंने जेन को सख्ती से जकड लिया और अपनी कमर पर पूरा जोर लगा दिया। मेरा लंड वासना की आग में तप रही जेन की चूत की दीवारों के प्रतिरोध को धराशाई करता हुआ, चीरता हुआ चूत की गहराईयों में जा धंसा। चूत की गुलाबी दीवारों की सलवटे गायब हो गयी, दीवारों के दोनों छोर अलग-अलग हो गए और दर्द से कांपती जेन की चूत की दीवारे फैलती चली गई और मेरे लंड ने आखिरकार अपने जरुरत भर की जगह बना ली। इतनी भीषण रगड़ के कारन जेन की चूत की गुलाबी मखमली दीवारे फिर से बुरी तरह जल उठी, वही भीषण दर्द फिर से लौट आया। दर्द से बेहाल जेन की चूत की दीवारे, आग की तरह तप रहे मुसल जैसे मोटे लंड को अपनी जकड़न से बाँधने की असफल कोशिश करने लगी, लेकिन अब न मुझे और न ही जेन को जलन की परवाह थी और न दर्द की। मैंने कमर उठाई और फिर में अपना मुसल लंड जेन की नाजुक-सी चूत में पेल दिया। लंड के लिए राह बनाते हुए चूत की दीवारे फैलती चली गयी और अन्दर जाते ही मेरे लंड को फिर से जकड लिया। मैं अब बेदर्दी से बिना किसी दया के जेन की चूत में लंड पेल रहा था।

मेरा लंड इतना बड़ा था कि जेन की जांघो के बीच में बना संकरा-सा चूत का छेद पूरी तरह एयरटाइट हो गया था, उसकी चूत पुरी तरह से भरी-भरी महसूस हो रही थी जबकि लंड का कुछ भाग अभी भी बाहर था। मैं अब तेजी से जेन की चूत में लंड ठेल रहा था।

मैं हर बार थोड़ी-सी कमर उठाता और पूरा का पूरा लंड जेन की चूत में ठेल देता, हर धक्के के साथ जेन के मुहँ से एक वासना भरी मादक कराह निकलती। जब जेन का दर्द थोडा कम हुआ तो उसने आंखे खोली और समाने मेरा चेहरा देखकर हल्का-सा शर्मा गयी। वह मेरी बांहों में, पूरी तरह से नंगी होकर अपने बदन की आग बुझवा रही थी और हमारी चुदाई की आवाजे और कराहे पूरे घर में गूँज रही थी। मैंने उसे कस कर चोद रहा है और वह जांघे उठा कर अपनी नाजुक-सी फूल-सी कोमल चूत में मेरा लम्बा तगड़ा लंड ले रही थी।

लंड इतना मोटा था कि उसकी चूत का कोना-कोना लंड से भर गया। इस तरह से कोई लंड से उसकी चूत ऊपर तक टाइट पैक हो जाएगी, उसके अन्दर की सारी जगह घेर कर उसकी चूत को चूत के मुहँ तक इस कदर कसकर भर देगा उसने कभी सोचा नहीं था। मैंने कमर हिलाने की स्पीड तेज कर दी, हर धक्के के साथ मेरा मोटा लंड जेन की चूत का हर कोना भरता हुआ उसकी योनि की गहराई के आखिर छोर तक पहुँच जाता और फिर एक झटके में बाहर आकर फिर अन्दर चला जाता। जेन की चूत की दीवारे फिर से चूत रस छोड़ने लगी थी। लगातार चोदते रहने से मैं भी हांफने लगा था। मैंने जेन से दोनों हाथ अपने चुताड़ो पर रखकर उन्हें फ़ैलाने को कहा। जेन से अपनी जांघो की फैलाया और दोनों हाथो से चुतड फैला दिए। मैंने धीरे से उसकी चूत में लंड घुसेडा और हलके धक्के-धक्के लगाने लगा। जेन अपनी नाजुक-सी छोटी गुलाबी चूत में इतना मोटा लंड आता जाता महसूस कर हैरान थी। मैं आइस्ते-आइस्ते लयबद्ध तरीके से जेन की चूत में लंड पेलने लगा।

झिझक ख़तम होते ही अब जेन की फुद्दि को अपने यार लंड की इतनी शिद्दत से तलब हो गई कि अब उस के लिए इंतिज़ार मुहाल हो रहा है । जेन ने फिर से चुतड जोड़ अपनी जांघे सीधे करी और मेरी कमर पर अपनी जांघो का घेरा बना लिया। मैं जेन को चूमता हुया आराम से धक्के लगा रहा था। जेन भी इस चुदाई का पूरा मजा ले रही थी।

मेरे को अब लंड को चूत में पेलने के लिए थोडा कम ताकत लगानी पड़ रही थी। मैंने फिर करारा झटका लगाया और लंड चूत को चीरता हुआ सीधा जेन के बच्चे दानी के मुहँ से टकराया और पूरा जोर लगा दिया। मेरा मोटा लम्बा लंड पूरा का पूरा जेन की नाजुक चूत में समा गया। मुझे उसकी टाइट चुत के कारण करने में समय कुछ ज्यादा लगा, लेकिन आखिरकार मैंने कर डाला।

मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। जेन भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिलाना एकदम बंद हो गया। और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच-बीच में पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा। जब मैं जेन के मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं जेन के लिप्स चूसने लगता। करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा। जेन की हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी।


जारी रहेगी
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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 10-10-2022, 05:18 AM



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