10-10-2022, 05:14 AM
मजे - लूट लो जितने मिले
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-21
अब रुकना मुश्किल है
जेन के लिपट जाने से उसके स्तन और चूची मेरे सीने से टकराने लगे। मेरे को भी जेन के स्तन और चुचियो का अहसाह हो रह था, मैंने जेन पर अपनी बांहों का कसाव बढ़ा दिया, जिससे स्तन और चूची ज्यादा कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगी। इस रगडन से पेंट के अन्दर कैद मेरे लंड में हल्की-सी हरकत हुई।
आमिर-तुम्हे पता है जेन, तुम बहुत खूबसूरत हो! तुम सच में बहुत खूबसूरत औरत हो मेरा यकीन करो। तुम एक ऐसी बला की खूबसूरत औरत हो जिसे कोई भी मर्द अपनी प्रेमिका होने पर गर्व महसूस करेगा।
उसकी चूत में हल्की-सी वासना के उफान की सनसनाहट-सी महसूस हो रही थी, इससे वह इंकार नहीं कर सकती थी, हर बीतते पल के साथ ये सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि मैं अपने एक हाथ से जेन के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड लगातार मसल रहा था और जेन के शरीर को अपने ऊपर ठेल रहा था।
जेन अपनी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चूतडो के बीच मेरे बढ़ते, कठोर होते लंड के तनाव को महसूस कर रही थी।
जैसे ही मैंने जेन के ओठो को कसकर चूम लिया, जेन के मुहँ से हल्की आह निकल गयी, मैं सख्ती से जेन के ओठ चूमने लगा और अपनी जीभ जेन के मुहँ में डाल दी।
एक हाथ से मैंने कसकर जेन को खुद से चिपकाये हुए था जबकि उसका एक हाथ जेन के भारी गोल मांसल चुतड की लगातार मालिश कर रहा था। मैं बार-बार जेन की कमर को धक्का लगाकर खुद पर ठेल देता जिससे मेरा सख्त होकर तन चुके खड़े लंड का उभार जेन की चिकनी नरम गुदाज जांघो पर पहले से ज्यादा जोर से महसूस होता।
पिछले कुछ समय से उसके अन्दर जो काम वासना उफान मार रही थी और मुझे मिलने के बाद उसके कारण जेन का दिल उसके साथ नहीं था। उसकी चेतना का विरोध कमजोर होता जा रहा था। उसे अपनी चूत के अन्दर एक लंड चाहिए था। उसे खून से भरा हुआ, फूला हुआ, गरम, लोहे की राड की सख्त हुए एक तगड़ा लंड अपनी चूत में चहिये था जो उसकी चूत की दीवारों में दहसत पैदा कर दे, अन्दर जाकर चूत का हर कोना चोद दे, जैसे पहले किसी ने उसकी चूत को चोदा न हो। उसे ऐसा लंड अभी चहिये था और मेरे लंड को महसूस करके और फिर लूसी की चुदाई की देख उसकी वासना बढ़ गयी थी। उसे अपनी चूत में एक लंड चहिये था और लंड की सबसे ज्यादा जरुरत उसे अभी थी। अपने दिमाग के सारे विरोध, अंतर्विरोध के बाद भी जेन अपनी जगह से एक इंच भी न हिली, उसके गोरे-गोरे सुडौल ऊपर तनी हुए सख्त चुचियाँ सामने की तरफ तने हुए ठोस स्तन नुमायाथे।
मैंने फुर्ती से जेन की ओठो को जोर से चूम लिया। जेन ने कुछ ही देर पहले पूरे शरीर की वैक्सिंग और नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाया था, जिससे शरीर पर बालों का नामोनिशान नहीं था, जिसके कारन कंधो से लेकर कमर तक उसकी नरम गोरी त्वचा से ढका नाजुक बदन बल्ब की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था। जेन ने सर झुकाकर अधखुली आँखों से खुद के नंगे खूबसूरत शरीर को देखने लगी। उसके स्तन कठोर होकर समाने की तरफ तने हुए थे, जब उसने अपनी तनी हुई चुचियाँ देखि तो जेन की सांसे तेज हो गयी। उसकी गरम-गरम सांसे मक्खन जैसे मुलायम गोरे-गोरे सुडौल स्तनों पर से होती हुई चुचियों पर जाकर लग रही थी। वह बला की खूबसूरत लग रही थी। इतने साल अपनी हवस को कुचलने का एक फायदा भी उसे मिला। उसके कुंवारे स्तन सुडौल, ठोस और सामने की तरफ तने हुए थे और गोल सुडोल और ठोस तने हुए स्तन हमेशा मेरी कमजोरी रहे हैं ।
मैंने जेन के चुतड छोड़ कर अब स्तन मसलने शुरू कर दिए, धीरे-धीरे उसकी हथेली और उँगलियों की सख्ती बढती जा रही थी, बीच-बीच में जेन के ओठ चुसना छोड़ चुचियो पर अपने दांत गडा देता, तो जेन के मुहँ से सीत्कार भरी सिसकारी फूट पड़ती, फिर वह उन्हें छोटे बच्चे की तरह चूसने लगता, फिर वापस जाकर जेन के ओठो से ओठ सटा देता और अपनी जीभ जेन के मुहँ में ठेल देता और दोनों के मुहँ की लार एक दुसरे में घुलने मिलने लगी।
मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रह था, बिना कपड़ो की परतो के क्या ये वही जेन का जादुई खूबसूरत जिस्म है जिसको वह वर्षो से बिना कपड़ो के देखने की तमन्ना पाले हुए था। इतनी खूबसूरत जेन को चोदने के ख्याल से ही मेरा रोम-रोम खड़ा हो गया तो क्या लंड खड़ा नहीं होता । पुरा तन गया । लंड की तरफ खून का दौरान तेज हो गया। आज सालो बाद मैं जेन को चोदने जा रहा था, वह भी वह जेन जो असलियत में मेरी कल्पनाऔ से भी कही ज्यादा खूबसूरत है। इतनी खूबसूरत, फूल-सी नाजुक जेन को जब मैं चोदूगा, तो कितना मजा आएगा, ये सोच के ही मेरा लंड और ज्यादा तनता चला गया। मैं साथ में जेन बेतहाशा चूम रहा था। फिर मैं जेन की जांघो के बीच में त्रिकोण बनाती, चिकनी गोरी बाल रहित चूत त्रिकोण घाटी, को देखने लगा। मुझे लगा जैसे मैं जन्नत से भी अच्छे जगह की सैर कर रह था और मेरे समाने एक नंगी हूर खड़ी होकर मुझे अपने अन्दर समां जाने का आमंत्रण दे रही थी उसकी खूबसूरत कसी हुई चिकनी गुलाबी चूत में समां जाने की। पूरी तरह समा जाने की, अन्दर तक, आखिर छोर तक।
मैं फिर जेन के स्तन पर से हाथ हटाकर उसके दोनों चूतडो का जायजा लेने लगा।
कमर से नीचे जांघो तक उभरे हुए, कुंवारे गोल सुडौल कसावट लिए हुए, नरम-नरम मांसल बड़े-बड़े चुतड देख कर मैं पागल-सा होने लगा।
मैं उसे दीवार की और ले गया और उसके हर उठते पड़ते कदम के साथ उसके सुडौल मांसल बड़े-बड़े गोलाकार नितम्ब बारी-बारी से उठ गिर रहे थे। उसके पीछे चला रहा मैं टकटकी लगाये जेन को पूरी तरह से हमेशा के लिए अपनी आँखों में समा लेना चाहता था। बलखाती कमर और मटकते कुल्हे और हिलते चुतड देखकर मैं तो जैसे पलक झपकाना ही भूल गया।
उसके पीछे चलते-चलते मेरा फनफनाता मुसल जैसा मोटा लंड सीधा हो गया और उछाल कर बाहर आ गया।
जेन ने आश्चर्य से मेरी कमर की तरफ देखा, मेरा मोटा लम्बा, खून के तेज दौरान से कांपता लंड बिलकुल धमकाने वाले अंदाज में ऊपर की तरफ सीधा होता जा रहा है।
मेरे लंड की मोटाई और लम्बाई देख जेन की आंखे फटी की फटी रह गयी।
मेरे मोटे लंड का सुपाडा खून के तेज बहाव के कारन फूल गया था और खून के बहाव के कारन होने वाला कम्पन साफ नजर आ रहा था। उसे थोडा बहुत अंदाजा था कि मेरा लंड बड़ा है लेकिन इतना बड़ा होगा ये उसकी कल्पना से भी परे था।
मैं अपने मुसल लंड को हाथो में लेकर मसलने लगा। तेजी से मसलने लगा।
जेन एकटक उसे देखती रही। जेन मेरे मुसल जैसे तनकर एकदम कड़क लोहे की राड की तरह हो चुके लंड को देखने में खोयी हुई थी। मैं कुछ देर तक लंड को मसलता रहा, फिर आखिरकार हारकर मैं बोलै-जेन इसे अपने हाथो में लो न, ये तड़प रहा है तुमारे लिए, इसे अपने नरम-नरम हाथो से सहलाओ मसलो रगडो कुचलो, जो मर्जी हो वह करो लेकिन इसे अपने हाथो में ले लो।
जेन की जैसे तन्द्रा भंग हुए, उसने धीरे से मेरे लंड की तरह हाथ बढ़ा दिए और अपने नाजुक हथेलियों में मेरे कठोर लंड को जकड़ लिया।
आमिर-इसे रगड़ो न जेन, देखो कितना काँप रहा है।
जेन ने हौले-हौले उसके लंड पर हथेली फिसलानी शुरू कर थी। जेन के हाथ मेरे सख्त खड़े लंड पर फिसलने लगे। मैं लय में कमर हिलाने लगा और अपने लंड की तरफ देखते हुए–इस तरह से पेलूगा तुमारी चूत में ये मोटा लंड।
जेन कुछ नहीं बोली बस लंड मसलती रही।
जेन ने अपने ओठ भींच लिए, वह आंखे फाड़-फाड़ कर बसमेरे लंड को ही देखे जा रही थी और उस पर अपने हाथ तेजी से फिसला रही थी, उसकी नज़रे ही नहीं हट रही थी लंड से, आमिर का लंड तो बहुत बड़ा है और मोटा भी ये तो फाड़ डालेगा। वह इतना बड़ा लंड अपने जीवन में कभी देखेगी ऐसा उसने सपने में भी नहीं सोचा था। कोई औरत, कोई भी औरत इतने बड़े लंड को अपनी चूत के अन्दर कैसे ले सकती है, शायद इसलिए लूसी पहली चुदाई में इतना चिल्ला रही थी और पहली चुदाई के बाद कितनी मुश्किल से बिस्तर से उठी थी, मोटे लम्बे मुसल जैसे लंड की दहशत के बावजूद जेन के दिमाग के कोने में एक अनजानी आकर्षण भरी चाह उपज रही थी। जेन ने एक लम्बी आह भरी और वासना भरी आँखों से लंड को देखने लगी।
जेन ने मेरे फूले हुए सुपाडे पर अपने नरम होठो को मादक किस करते हुए कहा लंड और ज्यादा हाहाकारी लग रहा है ।
मेरे बड़े लंड ने जेन के मन में एक बार फिर दहशत भर दी थी, लेकिन उसे पता था अब बहुत देर हो चुकी है, अब हम दोनों ही इतना आगे आ चुके है-है कि पीछे नहीं लौट सकते, इस हालत में न ही वह मेरे को रोक पायेगी, अगर वह मेरे को रोकना भी चाहे तो वह मानेगा नहीं और मानने का सवाल भी नहीं उठता, इतनी खूबसूरत नंगी औरत का एक-एक रोम देखने के बाद कौन पीछे हटना चाहेगा, कौन रस टपकाते गुलाबी ओठो का रस नहीं पीना चाहेगा, कौन इतनी कोमल, गुलाबी संगमरमर की तरह चमकते दमकते जिस्म को बिना भोगे छोड़ देगा, कौन सुडौल तने हुए स्तनों को नहीं मसलना चाहेगा, कौन गोरी गुदाज मांसल जांघो पर अपनी जांघे नहीं रगड़ना नहीं चाहेगा, कौन मक्खन जैसी चिकनी नरम गुलाबी चूत को बिना चोदे छोड़ देगा।
मेरे को रोकना के बारे में सोचना तो बहुत दूर की बात थी, असल में वह खुद को ही नहीं रोक पा रही थी। उसे ये करना ही होगा, हर हाल में करना होगा, अगर उसे अपनी आत्मा की खिलाफ जाकर भी ये करना पड़े तो वह भी सही। मेरी हर धड़कन के साथ कांपते मोटे तगड़े लंड को अपनी मक्खन जैसी चूत के अन्दर गहराई तक लेना ही होगा, यही हाहाकारी मुसल लंड सालो से हवस की आग में जल रहे शरीर की भूख मिटा सकता है, यही वह लंड है जो उसकी चूत में उमड़ रहे वासना की आग को ख़तम कर रिमझिम फुहारे बरसा सकता है। सालो से लंड की प्यासी चूत को चीर कर, फाड़कर चूत के दूसरे छोर तक जाना होगा, जितना ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेगा मैं ले जाउंगी। चाहे जितना दर्द हो, चाहे चूत फट जाये, उसकी दीवारों चटक जाये, उनसे खून बहने लगे फिर भी ये मोटा-सा भयानक लंड मेरी चूत की अंतिम गहराई तक जायेगा। जब तक मेरे शरीर में दम रहेगा तब तक इससे चुदवाती रहूंगी। मुझे अपनी चूत की वर्षो की प्यास मिटानी है, मुझे अपनी चूत की दीवारों में उमड़ रही चुदास की आग को बुझाना है, जैसे सावन में बार-बार बरसते बादल धरती की प्यास बुझाते है ऐसे ही ये मोटा लम्बा मेरा लंड बार-बार मेरी चूत में जाकर चोदेगा और मैं बार-बार झड़ झड़ कर चूत के अन्दर लगी आग को बुझाऊंगी और अपनी तृप्ति हासिल करूगी, असली तृप्ति भरपूर तृप्ति, परम सुख परम संतुष्टि, ऐसी संतुष्टि जिसको मेरे नंगे जिस्म का एक-एक रोम महसूस करे। जेन ने अपनी टूटी हुई हिम्मत और पस्त हौसलों को एक नयी जान दी।
मैं भी जेन को घूर-घूर कर अपने लड़ को हाथ मसल रहा था उससे मनमाने तरीके से खेल रहा था
वो अब अपनी सालो से मन के कोने में दबी हवस और चुदाई की लालसा को छिपाना नहीं चाहती थी। अब वह खुलकर चुदना चाहती थी और उसकी चूत भी उसके वासना में जलते जिस्म की आग बुझाने को तैयार थी। जोर-जोर से स्तन मसलना और चूची मुहँ में लेकर चुसना। वह अपनी हर सेक्स फंताशी को पूरा करना चाहती थी, सालो से दबी उसकी वासना और हवस की तमन्नाये अब उफान मार-मार कर बाहर आने लगी थी, अब वह और अपनी वासना को दबाना नहीं चाहती थी, जो होगा देखा जायेगा, मेरा लंड चूसने के बाद उसकी इतनी हिम्मत हो गयी थी कि अब लोकलाज को किनारे रख, समाज के खोखले ढकोसलो को दरकिनार कर वह अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए तैयार थी, अब मेरे लंड से वर्षो से दबाती आई अपनी वासना को जी भर के मिटाएगी।
अब मेरे से रहा नहीं गया, मैंने जेन को अपने आगोश में ले लिया और हौले-हौले चूमने लगा। कभी गर्दन कभी कानो कभी कान फिर से गर्दन को चूमने लगता। जेन पूरी तरह से वासना के आगोश में चली गयी थी, उसकी गरम सांसे धौकनी की तरह चलने लगी थी, छाती तेजी से उठने गिरने लगी। यही हाल मेरा का भी हो चूका था, मेरी सांसे भी तेज हो गयी थी, बदन गरम हो गया था और लंड इतना सख्त हो गया था फटने की कगार पर पंहुच गया था।
चुमते चुमते मैं रूक गया और जेन के खूबसूरत जिस्म की एक-एक बनावट एक-एक कोना अपनी आँखों के जरिये अपने दिलो दिमाग में उतारने लगा। जेन का गोरा सपाट पेट, उसकी गोरी, केले के तने जैसी चिकनी मुलायम मांसल जांघे और जांघो के बीच बना चूत घाटी त्रिकोण सब कुछ नुमाया हो गया, बड़े-बड़े गोल सुडौल मांसल चुतड। जांघो के बीच स्थित चिकनी चूत घाटी में बालो का नामोनिशान नहीं था, जेन ने जांघ के बीच चूत के इलाके का न केवल आज क्लीन शेव किया था, बल्कि उसका स्पेशल मेकअप भी किया था ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं और पूरा इलाका हल्का गुलाबी रंग में चमक रहा था।
मुझे जेन की त्रिकोण चूत घाटी साफ़ नजर आ रही थी, बिलकुल संगमरमर की तरह सफ़ेद, मक्खन की तरह चिकनी सपाट और उसके बीच में बनी मदमस्त चूत के नरम ओठो का गुलाबी कटाव भी साफ़ नजर आ रहा था।
सर से लेकर पांव तक जेन के शरीर पर अब एक कपड़ा नहीं था, वह बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में मेरे पास थी, ऊपर से नीचे तक एक दम नंगी, न कोई कपड़ा था न कोई पर्दा था। उसका संगमरमर की तरह चमकता शरीर, हर एक अंग की झलकती मादकता सब कुछ खुलकर बाहर आ गया था।
मैं तो सीधे जैसे स्वर्ग पंहुच गया हो और कोई हूर बिलकुल नंगी होकर अपना मखमली जिस्म लिए उसके सामने हो, मैं जितनी खूबसूरत औरत की कल्पना कर सकता था उससे परे बेमिशाल खूबसूरत जिस्म की मालकिन जेन उसके सामने थी और अपने गुलाबी हूरो जैसे हुस्न से मुझे वासना में मदहोश किये दे रही थी। मेरी आंखे पलक झपकाना भूल गयी, जेन को नंगी देखकर मेरे लंड में खून का दौरान दोगुना हो गया, उसका लंड फूलकर बिलकुल पत्थर बनने की कगार पर आ गया था। मैं कुछ देर तक एकटक जेन की खूबसूरती देखता रहा।
जेन के नाजुक मखमली जिस्म की कसावट देखकर कोई भी जेन की उम्र 10 साल कम ही बताएगा। मैं हमेशा बस अंदाजा ही लगाता था, उसे भी नहीं पता था जेन के जिस्म बनावट इतनी कमाल की है कि किसी के भी होश उड़ा दे। मैं बस ऊपर से नीचे तक जेन को जी भर के देख ही रहा था। अपनी फंताशी में उसने कई बार जेन को नंगा किया लेकिन उसे यकीन नहीं था कि कभी वह जेन को सर से पांव तक पूरा साक्षात् नंगा अपनी आँखों से देख पायेगा। लम्बा गोलकार मुहँ, रस टपकाते पतले ओठ सुराही जैसी पतली गर्दन, छाती पर भरे पूरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए स्तन और उनके शीर्ष पर विराजमान दो चुचियाँ, सपाट पेट और उसके बीच में सुघड़ नाभि, पेट पर फैट का नामोनिशान नहीं, भरी-भरी गोलाकार गोरी-गोरी गुदाज जांघे, उठे हुए गोलकार मांसल बड़े-बड़े चुतड और जांघो के बीच में हल्की गुलाबी सफ़ेद रंग की तरह चमकती मखमल की तरह चिकनी त्रिकोण चूत घाटी, किसी को भी पागल कर दे।
जारी रहेगी
आपका आमिर
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-21
अब रुकना मुश्किल है
जेन के लिपट जाने से उसके स्तन और चूची मेरे सीने से टकराने लगे। मेरे को भी जेन के स्तन और चुचियो का अहसाह हो रह था, मैंने जेन पर अपनी बांहों का कसाव बढ़ा दिया, जिससे स्तन और चूची ज्यादा कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगी। इस रगडन से पेंट के अन्दर कैद मेरे लंड में हल्की-सी हरकत हुई।
आमिर-तुम्हे पता है जेन, तुम बहुत खूबसूरत हो! तुम सच में बहुत खूबसूरत औरत हो मेरा यकीन करो। तुम एक ऐसी बला की खूबसूरत औरत हो जिसे कोई भी मर्द अपनी प्रेमिका होने पर गर्व महसूस करेगा।
उसकी चूत में हल्की-सी वासना के उफान की सनसनाहट-सी महसूस हो रही थी, इससे वह इंकार नहीं कर सकती थी, हर बीतते पल के साथ ये सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि मैं अपने एक हाथ से जेन के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड लगातार मसल रहा था और जेन के शरीर को अपने ऊपर ठेल रहा था।
जेन अपनी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चूतडो के बीच मेरे बढ़ते, कठोर होते लंड के तनाव को महसूस कर रही थी।
जैसे ही मैंने जेन के ओठो को कसकर चूम लिया, जेन के मुहँ से हल्की आह निकल गयी, मैं सख्ती से जेन के ओठ चूमने लगा और अपनी जीभ जेन के मुहँ में डाल दी।
एक हाथ से मैंने कसकर जेन को खुद से चिपकाये हुए था जबकि उसका एक हाथ जेन के भारी गोल मांसल चुतड की लगातार मालिश कर रहा था। मैं बार-बार जेन की कमर को धक्का लगाकर खुद पर ठेल देता जिससे मेरा सख्त होकर तन चुके खड़े लंड का उभार जेन की चिकनी नरम गुदाज जांघो पर पहले से ज्यादा जोर से महसूस होता।
पिछले कुछ समय से उसके अन्दर जो काम वासना उफान मार रही थी और मुझे मिलने के बाद उसके कारण जेन का दिल उसके साथ नहीं था। उसकी चेतना का विरोध कमजोर होता जा रहा था। उसे अपनी चूत के अन्दर एक लंड चाहिए था। उसे खून से भरा हुआ, फूला हुआ, गरम, लोहे की राड की सख्त हुए एक तगड़ा लंड अपनी चूत में चहिये था जो उसकी चूत की दीवारों में दहसत पैदा कर दे, अन्दर जाकर चूत का हर कोना चोद दे, जैसे पहले किसी ने उसकी चूत को चोदा न हो। उसे ऐसा लंड अभी चहिये था और मेरे लंड को महसूस करके और फिर लूसी की चुदाई की देख उसकी वासना बढ़ गयी थी। उसे अपनी चूत में एक लंड चहिये था और लंड की सबसे ज्यादा जरुरत उसे अभी थी। अपने दिमाग के सारे विरोध, अंतर्विरोध के बाद भी जेन अपनी जगह से एक इंच भी न हिली, उसके गोरे-गोरे सुडौल ऊपर तनी हुए सख्त चुचियाँ सामने की तरफ तने हुए ठोस स्तन नुमायाथे।
मैंने फुर्ती से जेन की ओठो को जोर से चूम लिया। जेन ने कुछ ही देर पहले पूरे शरीर की वैक्सिंग और नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाया था, जिससे शरीर पर बालों का नामोनिशान नहीं था, जिसके कारन कंधो से लेकर कमर तक उसकी नरम गोरी त्वचा से ढका नाजुक बदन बल्ब की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था। जेन ने सर झुकाकर अधखुली आँखों से खुद के नंगे खूबसूरत शरीर को देखने लगी। उसके स्तन कठोर होकर समाने की तरफ तने हुए थे, जब उसने अपनी तनी हुई चुचियाँ देखि तो जेन की सांसे तेज हो गयी। उसकी गरम-गरम सांसे मक्खन जैसे मुलायम गोरे-गोरे सुडौल स्तनों पर से होती हुई चुचियों पर जाकर लग रही थी। वह बला की खूबसूरत लग रही थी। इतने साल अपनी हवस को कुचलने का एक फायदा भी उसे मिला। उसके कुंवारे स्तन सुडौल, ठोस और सामने की तरफ तने हुए थे और गोल सुडोल और ठोस तने हुए स्तन हमेशा मेरी कमजोरी रहे हैं ।
मैंने जेन के चुतड छोड़ कर अब स्तन मसलने शुरू कर दिए, धीरे-धीरे उसकी हथेली और उँगलियों की सख्ती बढती जा रही थी, बीच-बीच में जेन के ओठ चुसना छोड़ चुचियो पर अपने दांत गडा देता, तो जेन के मुहँ से सीत्कार भरी सिसकारी फूट पड़ती, फिर वह उन्हें छोटे बच्चे की तरह चूसने लगता, फिर वापस जाकर जेन के ओठो से ओठ सटा देता और अपनी जीभ जेन के मुहँ में ठेल देता और दोनों के मुहँ की लार एक दुसरे में घुलने मिलने लगी।
मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रह था, बिना कपड़ो की परतो के क्या ये वही जेन का जादुई खूबसूरत जिस्म है जिसको वह वर्षो से बिना कपड़ो के देखने की तमन्ना पाले हुए था। इतनी खूबसूरत जेन को चोदने के ख्याल से ही मेरा रोम-रोम खड़ा हो गया तो क्या लंड खड़ा नहीं होता । पुरा तन गया । लंड की तरफ खून का दौरान तेज हो गया। आज सालो बाद मैं जेन को चोदने जा रहा था, वह भी वह जेन जो असलियत में मेरी कल्पनाऔ से भी कही ज्यादा खूबसूरत है। इतनी खूबसूरत, फूल-सी नाजुक जेन को जब मैं चोदूगा, तो कितना मजा आएगा, ये सोच के ही मेरा लंड और ज्यादा तनता चला गया। मैं साथ में जेन बेतहाशा चूम रहा था। फिर मैं जेन की जांघो के बीच में त्रिकोण बनाती, चिकनी गोरी बाल रहित चूत त्रिकोण घाटी, को देखने लगा। मुझे लगा जैसे मैं जन्नत से भी अच्छे जगह की सैर कर रह था और मेरे समाने एक नंगी हूर खड़ी होकर मुझे अपने अन्दर समां जाने का आमंत्रण दे रही थी उसकी खूबसूरत कसी हुई चिकनी गुलाबी चूत में समां जाने की। पूरी तरह समा जाने की, अन्दर तक, आखिर छोर तक।
मैं फिर जेन के स्तन पर से हाथ हटाकर उसके दोनों चूतडो का जायजा लेने लगा।
कमर से नीचे जांघो तक उभरे हुए, कुंवारे गोल सुडौल कसावट लिए हुए, नरम-नरम मांसल बड़े-बड़े चुतड देख कर मैं पागल-सा होने लगा।
मैं उसे दीवार की और ले गया और उसके हर उठते पड़ते कदम के साथ उसके सुडौल मांसल बड़े-बड़े गोलाकार नितम्ब बारी-बारी से उठ गिर रहे थे। उसके पीछे चला रहा मैं टकटकी लगाये जेन को पूरी तरह से हमेशा के लिए अपनी आँखों में समा लेना चाहता था। बलखाती कमर और मटकते कुल्हे और हिलते चुतड देखकर मैं तो जैसे पलक झपकाना ही भूल गया।
उसके पीछे चलते-चलते मेरा फनफनाता मुसल जैसा मोटा लंड सीधा हो गया और उछाल कर बाहर आ गया।
जेन ने आश्चर्य से मेरी कमर की तरफ देखा, मेरा मोटा लम्बा, खून के तेज दौरान से कांपता लंड बिलकुल धमकाने वाले अंदाज में ऊपर की तरफ सीधा होता जा रहा है।
मेरे लंड की मोटाई और लम्बाई देख जेन की आंखे फटी की फटी रह गयी।
मेरे मोटे लंड का सुपाडा खून के तेज बहाव के कारन फूल गया था और खून के बहाव के कारन होने वाला कम्पन साफ नजर आ रहा था। उसे थोडा बहुत अंदाजा था कि मेरा लंड बड़ा है लेकिन इतना बड़ा होगा ये उसकी कल्पना से भी परे था।
मैं अपने मुसल लंड को हाथो में लेकर मसलने लगा। तेजी से मसलने लगा।
जेन एकटक उसे देखती रही। जेन मेरे मुसल जैसे तनकर एकदम कड़क लोहे की राड की तरह हो चुके लंड को देखने में खोयी हुई थी। मैं कुछ देर तक लंड को मसलता रहा, फिर आखिरकार हारकर मैं बोलै-जेन इसे अपने हाथो में लो न, ये तड़प रहा है तुमारे लिए, इसे अपने नरम-नरम हाथो से सहलाओ मसलो रगडो कुचलो, जो मर्जी हो वह करो लेकिन इसे अपने हाथो में ले लो।
जेन की जैसे तन्द्रा भंग हुए, उसने धीरे से मेरे लंड की तरह हाथ बढ़ा दिए और अपने नाजुक हथेलियों में मेरे कठोर लंड को जकड़ लिया।
आमिर-इसे रगड़ो न जेन, देखो कितना काँप रहा है।
जेन ने हौले-हौले उसके लंड पर हथेली फिसलानी शुरू कर थी। जेन के हाथ मेरे सख्त खड़े लंड पर फिसलने लगे। मैं लय में कमर हिलाने लगा और अपने लंड की तरफ देखते हुए–इस तरह से पेलूगा तुमारी चूत में ये मोटा लंड।
जेन कुछ नहीं बोली बस लंड मसलती रही।
जेन ने अपने ओठ भींच लिए, वह आंखे फाड़-फाड़ कर बसमेरे लंड को ही देखे जा रही थी और उस पर अपने हाथ तेजी से फिसला रही थी, उसकी नज़रे ही नहीं हट रही थी लंड से, आमिर का लंड तो बहुत बड़ा है और मोटा भी ये तो फाड़ डालेगा। वह इतना बड़ा लंड अपने जीवन में कभी देखेगी ऐसा उसने सपने में भी नहीं सोचा था। कोई औरत, कोई भी औरत इतने बड़े लंड को अपनी चूत के अन्दर कैसे ले सकती है, शायद इसलिए लूसी पहली चुदाई में इतना चिल्ला रही थी और पहली चुदाई के बाद कितनी मुश्किल से बिस्तर से उठी थी, मोटे लम्बे मुसल जैसे लंड की दहशत के बावजूद जेन के दिमाग के कोने में एक अनजानी आकर्षण भरी चाह उपज रही थी। जेन ने एक लम्बी आह भरी और वासना भरी आँखों से लंड को देखने लगी।
जेन ने मेरे फूले हुए सुपाडे पर अपने नरम होठो को मादक किस करते हुए कहा लंड और ज्यादा हाहाकारी लग रहा है ।
मेरे बड़े लंड ने जेन के मन में एक बार फिर दहशत भर दी थी, लेकिन उसे पता था अब बहुत देर हो चुकी है, अब हम दोनों ही इतना आगे आ चुके है-है कि पीछे नहीं लौट सकते, इस हालत में न ही वह मेरे को रोक पायेगी, अगर वह मेरे को रोकना भी चाहे तो वह मानेगा नहीं और मानने का सवाल भी नहीं उठता, इतनी खूबसूरत नंगी औरत का एक-एक रोम देखने के बाद कौन पीछे हटना चाहेगा, कौन रस टपकाते गुलाबी ओठो का रस नहीं पीना चाहेगा, कौन इतनी कोमल, गुलाबी संगमरमर की तरह चमकते दमकते जिस्म को बिना भोगे छोड़ देगा, कौन सुडौल तने हुए स्तनों को नहीं मसलना चाहेगा, कौन गोरी गुदाज मांसल जांघो पर अपनी जांघे नहीं रगड़ना नहीं चाहेगा, कौन मक्खन जैसी चिकनी नरम गुलाबी चूत को बिना चोदे छोड़ देगा।
मेरे को रोकना के बारे में सोचना तो बहुत दूर की बात थी, असल में वह खुद को ही नहीं रोक पा रही थी। उसे ये करना ही होगा, हर हाल में करना होगा, अगर उसे अपनी आत्मा की खिलाफ जाकर भी ये करना पड़े तो वह भी सही। मेरी हर धड़कन के साथ कांपते मोटे तगड़े लंड को अपनी मक्खन जैसी चूत के अन्दर गहराई तक लेना ही होगा, यही हाहाकारी मुसल लंड सालो से हवस की आग में जल रहे शरीर की भूख मिटा सकता है, यही वह लंड है जो उसकी चूत में उमड़ रहे वासना की आग को ख़तम कर रिमझिम फुहारे बरसा सकता है। सालो से लंड की प्यासी चूत को चीर कर, फाड़कर चूत के दूसरे छोर तक जाना होगा, जितना ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेगा मैं ले जाउंगी। चाहे जितना दर्द हो, चाहे चूत फट जाये, उसकी दीवारों चटक जाये, उनसे खून बहने लगे फिर भी ये मोटा-सा भयानक लंड मेरी चूत की अंतिम गहराई तक जायेगा। जब तक मेरे शरीर में दम रहेगा तब तक इससे चुदवाती रहूंगी। मुझे अपनी चूत की वर्षो की प्यास मिटानी है, मुझे अपनी चूत की दीवारों में उमड़ रही चुदास की आग को बुझाना है, जैसे सावन में बार-बार बरसते बादल धरती की प्यास बुझाते है ऐसे ही ये मोटा लम्बा मेरा लंड बार-बार मेरी चूत में जाकर चोदेगा और मैं बार-बार झड़ झड़ कर चूत के अन्दर लगी आग को बुझाऊंगी और अपनी तृप्ति हासिल करूगी, असली तृप्ति भरपूर तृप्ति, परम सुख परम संतुष्टि, ऐसी संतुष्टि जिसको मेरे नंगे जिस्म का एक-एक रोम महसूस करे। जेन ने अपनी टूटी हुई हिम्मत और पस्त हौसलों को एक नयी जान दी।
मैं भी जेन को घूर-घूर कर अपने लड़ को हाथ मसल रहा था उससे मनमाने तरीके से खेल रहा था
वो अब अपनी सालो से मन के कोने में दबी हवस और चुदाई की लालसा को छिपाना नहीं चाहती थी। अब वह खुलकर चुदना चाहती थी और उसकी चूत भी उसके वासना में जलते जिस्म की आग बुझाने को तैयार थी। जोर-जोर से स्तन मसलना और चूची मुहँ में लेकर चुसना। वह अपनी हर सेक्स फंताशी को पूरा करना चाहती थी, सालो से दबी उसकी वासना और हवस की तमन्नाये अब उफान मार-मार कर बाहर आने लगी थी, अब वह और अपनी वासना को दबाना नहीं चाहती थी, जो होगा देखा जायेगा, मेरा लंड चूसने के बाद उसकी इतनी हिम्मत हो गयी थी कि अब लोकलाज को किनारे रख, समाज के खोखले ढकोसलो को दरकिनार कर वह अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए तैयार थी, अब मेरे लंड से वर्षो से दबाती आई अपनी वासना को जी भर के मिटाएगी।
अब मेरे से रहा नहीं गया, मैंने जेन को अपने आगोश में ले लिया और हौले-हौले चूमने लगा। कभी गर्दन कभी कानो कभी कान फिर से गर्दन को चूमने लगता। जेन पूरी तरह से वासना के आगोश में चली गयी थी, उसकी गरम सांसे धौकनी की तरह चलने लगी थी, छाती तेजी से उठने गिरने लगी। यही हाल मेरा का भी हो चूका था, मेरी सांसे भी तेज हो गयी थी, बदन गरम हो गया था और लंड इतना सख्त हो गया था फटने की कगार पर पंहुच गया था।
चुमते चुमते मैं रूक गया और जेन के खूबसूरत जिस्म की एक-एक बनावट एक-एक कोना अपनी आँखों के जरिये अपने दिलो दिमाग में उतारने लगा। जेन का गोरा सपाट पेट, उसकी गोरी, केले के तने जैसी चिकनी मुलायम मांसल जांघे और जांघो के बीच बना चूत घाटी त्रिकोण सब कुछ नुमाया हो गया, बड़े-बड़े गोल सुडौल मांसल चुतड। जांघो के बीच स्थित चिकनी चूत घाटी में बालो का नामोनिशान नहीं था, जेन ने जांघ के बीच चूत के इलाके का न केवल आज क्लीन शेव किया था, बल्कि उसका स्पेशल मेकअप भी किया था ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं और पूरा इलाका हल्का गुलाबी रंग में चमक रहा था।
मुझे जेन की त्रिकोण चूत घाटी साफ़ नजर आ रही थी, बिलकुल संगमरमर की तरह सफ़ेद, मक्खन की तरह चिकनी सपाट और उसके बीच में बनी मदमस्त चूत के नरम ओठो का गुलाबी कटाव भी साफ़ नजर आ रहा था।
सर से लेकर पांव तक जेन के शरीर पर अब एक कपड़ा नहीं था, वह बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में मेरे पास थी, ऊपर से नीचे तक एक दम नंगी, न कोई कपड़ा था न कोई पर्दा था। उसका संगमरमर की तरह चमकता शरीर, हर एक अंग की झलकती मादकता सब कुछ खुलकर बाहर आ गया था।
मैं तो सीधे जैसे स्वर्ग पंहुच गया हो और कोई हूर बिलकुल नंगी होकर अपना मखमली जिस्म लिए उसके सामने हो, मैं जितनी खूबसूरत औरत की कल्पना कर सकता था उससे परे बेमिशाल खूबसूरत जिस्म की मालकिन जेन उसके सामने थी और अपने गुलाबी हूरो जैसे हुस्न से मुझे वासना में मदहोश किये दे रही थी। मेरी आंखे पलक झपकाना भूल गयी, जेन को नंगी देखकर मेरे लंड में खून का दौरान दोगुना हो गया, उसका लंड फूलकर बिलकुल पत्थर बनने की कगार पर आ गया था। मैं कुछ देर तक एकटक जेन की खूबसूरती देखता रहा।
जेन के नाजुक मखमली जिस्म की कसावट देखकर कोई भी जेन की उम्र 10 साल कम ही बताएगा। मैं हमेशा बस अंदाजा ही लगाता था, उसे भी नहीं पता था जेन के जिस्म बनावट इतनी कमाल की है कि किसी के भी होश उड़ा दे। मैं बस ऊपर से नीचे तक जेन को जी भर के देख ही रहा था। अपनी फंताशी में उसने कई बार जेन को नंगा किया लेकिन उसे यकीन नहीं था कि कभी वह जेन को सर से पांव तक पूरा साक्षात् नंगा अपनी आँखों से देख पायेगा। लम्बा गोलकार मुहँ, रस टपकाते पतले ओठ सुराही जैसी पतली गर्दन, छाती पर भरे पूरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए स्तन और उनके शीर्ष पर विराजमान दो चुचियाँ, सपाट पेट और उसके बीच में सुघड़ नाभि, पेट पर फैट का नामोनिशान नहीं, भरी-भरी गोलाकार गोरी-गोरी गुदाज जांघे, उठे हुए गोलकार मांसल बड़े-बड़े चुतड और जांघो के बीच में हल्की गुलाबी सफ़ेद रंग की तरह चमकती मखमल की तरह चिकनी त्रिकोण चूत घाटी, किसी को भी पागल कर दे।
जारी रहेगी
आपका आमिर