10-10-2022, 05:12 AM
मजे - लूट लो जितने मिले
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-20
जेन के मुँह में पिचकारी
जेन के शरीर में एक सिहरन-सी दौड़ गयी जब मैंने उसके गोलाकार ठोस मांसल चुतड को हाथ-हाथ भरने की कोशिश करने लगा। जेन ने फूले हुए लंड चूसते-चूसते बीच में एक लम्बी साँस ली और एक पल को ठहर-सी गयी, जब उसे अहसाह हुआ की मेरी उंगलियाँ उसके चुतड की दरार के बीच नाच रही है। जेन ने लंड चूसने के रफ़्तार और बढ़ा दी। इस तरह का कामुक समर्पण और काम पीड़ा उसके अन्दर भी है उसे तो पता ही नहीं था।
मेरी उंगलिया जांघो के अन्दर घुस कर उसकी जांघो को सहला रही थी। वह कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी थी, फिर मैंने उसकी चिकनी गीली हो चुकी चूत को सहलाने लगा तो इससे जेन का खुद पर से बचा खुचा नियंत्रण भी समाप्त हो रहा था। जेन पूरी गति सेमेरे लंड को चूस रही थी, उसका हाथ और ओठ लंड पर ऊपर नीचे तेजी से हो रहे थे और मेरी उंगलिया जेन की चूत के ओंठो पर विचरण कर रही थी। जिससे चूत के ओठ उत्तेजना से कांपने लगे।
उसके बाद एक तेज सिसकारी जेन के मुहँ से निकली, मेरी एक उंगली ने चूत के गीले हो चुके ओठ पर से गुजरते हुए, ठोस खून से भरे लाल, उत्तेजना से फडकते, कली नुमा चूत के दाने को छु लिया। जेन के नितम्ब अपने आप ही हिलने लगे, उसको गोरी चिकनी गुदाज जांघे कापने लगी।
मेरी मिडिल फिंगर जेन के चूतडो की दारार को सहलाती हुई गांड के छेद पर से गुजरी तो मैंने मिडिल फिंगर से गांड के छेद पर हल्का दबाव डाला और आगे सहलाते हुए चला गया। जेन के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन दौड़ गयी। जेन ने अब पागलो की तरह मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी गड़ाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी।
जेन जिस तरह से मेरे लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे मेरी कराहने की आवाज और बढ़ गयी। कराहते हुए मैंने एक बार फिर अपना ध्यान जेन के लगभग नंगे हो चुके चुतड और चूत की तरफ लगाया। मेरी मिडिल उंगली गांड के छेद से हटकर जेन की चूत पर आ गयी और नीचे से ऊपर की तरफ चूत के ओठो को रगड़ने लगी। उगली रगड़ते-रगड़ते चूत के फूले दाने के पास तक जाती और फिर नीचे आ जाती। कभी-कभी दाने को भी छु लेती और तभी जेन के पूरे शरीर में सिहरन दौड़ जाती। इसके बादमैंने जेन के चूत के ओठो अलग करते हुए, अपनी उंगली जेन की गरम गीली मखमली गुलाबी चूत के अन्दर घुसा दी। मेरा पूरा शरीर चूत के स्पर्श से रोमांचित हो गया। इधर जेन ने भी मेरा लंड चूसने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखी।
मैं–ओह ओह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मिस जेन! वह भी उत्तेजना से कांपने लगी।
इसे उत्तेजना में मेरे लण्ड से मेरा पूर्व वीर्य द्रव उसकी जीभ पर रिस गया। यह अविश्वसनीय उत्साह का मिश्रण था, जहाँ वह भी उत्तेजना से कांप रही थी। उसके बादजेन ने थोड़ा और ओठ खोले, ओठो पर जीभ फिरा कर उसको गीला किया। फिर थोड़ा-सा और झुक कर पूरी जीभ बाहर निकाल ली। जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया था, मिस जेन ने जल्दी से प्रीकम की निकल आई बूंदों को जीभ से चाट लिया।
प्रीकम की बूंदों के स्वाद ने जेन की भूख और बढ़ा दी। वह मेरे लंड को अपने मुँह में फूला हुआ महसूस कर रही थी, जब मैंने धक्का दिया तो मेरे अंडकोष उसकी ठोड़ी से टकराये उसने मेरे लंड को उसके मुंह से बाहर निकाल दिया।
मैंने अपने लिंग को तब इतना ही बाहर निकाला कि अब केवल फूला हुआ लंडमुंड ही उसके मुंह में था और मैं कराह उठा, "मस जेन अब बस लंडमुंड चूसो ... ओह, हाँ ... यह ... आप उस पर अपनी जीभ का उपयोग करें ... ओह, हाँ, यह अच्छा लगता है ..."
मेरे लंड का प्लम के आकार का लंडमुंड मेरे लंड से बड़ा हो गया था, इसलिए एक बार उसके सामने के दांतों मेरे लंड पर लगे तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसके दांतों से बचा कर चूसने के लिए-लिए सख्ती से फुसफुसाया। तो उसने लंड के अपने मुँह से मुक्त कर दिया। वह अपनी आँखें बंद करके, अपना मुँह खोल कर मज़े ले रही थी और मेरे लंड उसके मुँह के बाहर था। मैंने लंड को उस खाली जगह में वापस धकेल दिया और वह वापस अपनी जीभ से लंड के सिर को रगड़ती चली गई। अब वह मेरे लंड को एक लोली पॉप की तरह से जीभ फिरा कर चूसने लगी। अब उसके मुँह की लार से वह वास्तव में मेरे लंड को स्पॉन्ज कर रही थी और जिस तरह से उसकी लार और मुँह के तरल पदार्थ मेरे लंड पर लेप कर रहे थे।
थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद, मैंने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और अपने लंड को उसके मुंह में ज्यादा से ज्यादा घुसेड़ दिया। इससे उसे इस बात का अहसास हुआ कि इस दर पर, मैं बहुत जल्द उसके मुंह में पिचकारियाँ मारूंगा।
वह मेरे वीर्य को इतने करीब से निकलते हुए देखने की संभावनाओं से उल्लेखनीय रूप से उत्साहित थी। मैं उसके चेहरे पर पिचकारी मारूंगा ये तथ्य उसे परेशान नहीं कर रहा था बल्कि उसे लगा यह देखना रोमांचकारी होगा और उसे लगा कि वह बाद में सफाई कर सकती है।
मैंने अपने अब तक के जीवन में ऐसा कुछ कभी अनुभव नहीं किया था। मुझे एहसास हुआ की अब कभी भी जेन के लंड चूसते मुहँ के अन्दर उसके अन्दर उबल रहे गरम लावे की शूटिंग शुरू हो सकती है। मेरे लंड पर जेन की जीभ और ओठो का गीला नरम स्पर्श उसके चरम आनंद की अनुभूति करा रहा था। मुझे पता था अब उसका नियंत्रण कभी भी टूट सकता है मैं कभी भी जेन के मुहँ में झड़ना शुरू कर सकता हूँ।
अब मेरा लंड और कठोर हो गया था और लंड का सर भी फूल कर उसकी जीभ से भी बड़ा हो गया था। उस समय मैं अपना पूरा लंड उसके मुँह में घुसा देता था, लेकिन लंड को केवल आंशिक रूप से बाहर खींच रहा था। मैंने अपने हाथों को उसके सिर से हटा दिया।
मेरी टांगे तनने लगी चुतड सिकुड़ने लगे, अब उसका खुद को काबू में रखना असंभव था, फिर भी जेन की चूत से खेलने के लालच में मैं खुद को थोड़ी देर और रोकने की नाकाम कोशिश करने लगा। लेकिन जेन अपनी पूरी स्पीड से मेरा लंड चूस रही थी, इसलिए अब ज्यादा देर तक मेरा रुक पाना असंभव था। इससे पहले किसी भी औरत ने मेरे लंड को चूसा नहीं था इसलिए इतनी उत्तेजना मैं संभल नहीं पा रहा था। मुझे अहसाह होने लगा था अब गरम सफ़ेद गाढ़ा लावा बस निकलने ही वाला है और दुनिया में कोई भी तरीका ऐसा नहीं जो इसे रोक सके। जेन ने महसूस किया की मेरा शरीर अकड़ने लगा है और वह भी बेतहाशा तरीके से चूस-चूस के थक चुकी थी इसलिए उसको भी अब जल्दी मची थी। उसने भी अपनी जांघे और कुल्हे जोर-जोर से झटकने शुरू कर दिए, वह चूत में घुसी मेरी उंगली के इर्द गिर्द अपनी कमर और कुल्हे हिलाने लगी, ताकि उसकी गीली चिकनी मखमली चूत भी साथ में झड जाये।
मैं-ओह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है मिस जेन ऐसा लगता है मेरे लंड से कुछ बाहर निकलने वाला है लगता है मैं झड़ने वाला हूँ। ओ ओह्ह्ह। अब मैं और नहीं रोक सकता।
मेरा कुल्हा पहले ऊपर उठा फिर नीचे गिरा। जेन अबमेरा रस अपने मुहँ में ही गिराना चाहती है ताकि एक भी बूँद बेकार न जाये। उस समय मैं नौसखियो की तरह इधर उधर हिल रहा था, लेकिन जेन ने कठोरता से उसका लंड थामे रखा और मुहँ में गले की गहराई तक ले जा कर पूरा अन्दर लेती रही। जेन ने इससे पहले कभी किसी के लंड का रस अपने मुहँ में नहीं गिराया था लेकिन वोमेरा लंड रस मुहँ में लेने को त्यार थी। वह चाहती थी मैं सिर्फ और सिर्फ उसके मुंह में झडूं।
काम उत्तेजना के चरम पर मैंने बेदर्दी से अपना लंड जेन के मुहँ में पेल दिया, उसका लार से सना, फूला कठोर लंड जेन के ओठो को चीरता हुआ जेन के मुहँ में घुसता चला गया और जब तक जेन के ओठ लंड की जड़ तक नहीं पंहुच गए, लंड सरसराता हुआ मुहँ में जाता रहा। फिर मैंने एक लम्बी कराह ली और अपने लंड को पूरी तरह जेन के हवाले कर दिया और खुद की उंगली और ज्यादा तेजी से जेन की चूत में अन्दर बाहर करने लगा। मुझे अपनी गोलियों में फट रहे ज्वालामुखी की आग उगलती हुई उत्तेजना साफ़ महसूस होने लगी। लग रहा था गरम धधकते लावे की एक तेज लहर मेरे गोलियों को छोड़कर आगे की तरफ निकल पड़ी थी।
तभी जेन ने मुँह पीछे कर लिया और मेरा लंड का मुँह उस समय उसके गले के प्रवेश द्वार के ठीक सामने था ठीक उस समय मैं उत्कर्ष पर पहुँचा और उसके मुँह में पिचकारी मार दी। वीर्य की बड़ी धार उसके गले तक जा कर लगी और वही चिपक गयी और वह तुरंत उस गाढ़े और मोटी वीर्य की धार को निगलने की कोशिश करने लगी। एकमात्र समस्या यह थी कि इसकी चिपचिपाहट के कारण, वह वीर्य जिस गति से निकलन रहा था उस गति से वह वीर्य की निगल नहीं पायी।
साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे मेरे अंडकोष उसकी नाक से टकरा कर नाक को भी दबा रहे थे, उसके मुँह में मेरा लंड ठूसा हुआ था इसलिए वह केवल नाक से ही या जब लंड बाहर निकलता था तब ही साँस ले सकती थी। मैं उसकी सांस लेने तक अपने शुक्राणु की पिचकारी मार रहा था।
जब उसे सांस लेने में दिक्कत हुए तो वह खाँसने लगी, तो उसकी नाक से मेरे वीर्य निकल आया, मैंने उसके मुँह के अंदर पम्पिंग करनी और पिचकारियाँ मारनी जारी रखि। बलगम और शुक्राणु से उसका नाक मुँह और गला भर गया जिससे खांसी होती थी और अब निगलना और भी कठिन हो गया। उसने कातर निगाहो से मेरी और देखा तो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और आखरी कुछ पिचकारियाँ उसके मुँह पर मार दी जिससे मेरे वीर्य उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया
तभी जेन ने अपने गीले मुहँ में मेरे सफ़ेद गाढे लंड रस की गरम ताजा बूँद महसूस की, जिसे वह तुरंत ही गटक गयी, ताकि इस बार दम घुटने की कोई गुंजाईश न रहे और लंड अपनी गहराई तक जा कर पूरा समाये और झड़ता रहे।
जिस तरह मैं इस समय झड रहा था बिलकुल इसी तरह की संवेदना और करंट वह भी अपने कमर के आसपास महसूस कर रही थी जहाँ मैं तेजी से अपनी उंगली जेन की चिकनी गीली चूत में अन्दर बाहर कर रहा था। जेन की चूत में भी झड़ना शुरू होने का कम्पन महसूस होने लगा था, एक गुदगुदी भरी कंपकपी से उसकी चूत की दीवारे झनझनाने लगी थी। उसका पूरा शरीर अकड़ा। वह भी मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगी जिसके कारन मेरे नितम्ब तेजी से हिल रहे थे कांप रहे थे। जेन के ओठो की सख्ती चरम पर थी और लंड रस के मुहँ में झड़ने से, लंड को उसकी जड़ तक मुहँ में निगलने से जेन के मुहँ से बस गलगल्लाने की आवाज ही आ रही थी।
मेरे लंड से निकलती वीर्य की हर बूँद को जेन अपने मुहँ में लेकर निगलती जा रही थी, मैं अब तक 6-7 बार शूट कर चूका था और जेन झट से लंड रस को निगलकर उसके लंड को अपने सख्त ओठो जकडे हुए, उस पर अपनी जीभ तेजी से फिर रही थी। मेरे परम आनंद की सीमा नहीं थी, झड़ते लंड पर गीले मुहँ में जब लगातार गीली खुर्खुरी जीभ आपके लंड को अपने आगोश में लेकर सहलाने से मैं काम आनंद से पागल हो गया। मैंने ने चार पांच बार और अपने कुल्हो को तेज झटका दिया और पहले की तरह की पूरा लंड जेन के मुहँ में, इसी के साथ उसके लंड रस की बची आखिरी चार पांच किस्ते भी जेन के मुहँ में जा गिरी। जेन का पूरा मुहँ मेरे वीर्य से भर गया।
मैंने भी जेन की चूत में अपनी पूरी उंगली घुसा दी और ठहर गया। जेन का कुल्हा जोर से कांपा, जेन के मुहँ से लम्बी सिसकारी भरी आह निकली और कुछ देर तक जेन का पूरे शरीर में कंपकपी होती रही, मैं जेन का कम्पन महसूस कर रहा था और जेन का अकड़ा शरीर निढाल होने लगा। मैं भी हांफते हुए बिस्तर पर निढाल हो गया, जेन सारा लंड रस गटक गयी और फिर से लंड चूसने लगी। अब वह धीरे-धीरे लंड चूस रही थी।
मैंने जेन को गले लगा लिया और जेन भी जोर से मुझ से लिपट गयी, में जेन की बांह के ऊपर सिरे पर हलके-हलके हाथो से सहलाने लगा।
जारी रहेगी
आपका आमिर
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-20
जेन के मुँह में पिचकारी
जेन के शरीर में एक सिहरन-सी दौड़ गयी जब मैंने उसके गोलाकार ठोस मांसल चुतड को हाथ-हाथ भरने की कोशिश करने लगा। जेन ने फूले हुए लंड चूसते-चूसते बीच में एक लम्बी साँस ली और एक पल को ठहर-सी गयी, जब उसे अहसाह हुआ की मेरी उंगलियाँ उसके चुतड की दरार के बीच नाच रही है। जेन ने लंड चूसने के रफ़्तार और बढ़ा दी। इस तरह का कामुक समर्पण और काम पीड़ा उसके अन्दर भी है उसे तो पता ही नहीं था।
मेरी उंगलिया जांघो के अन्दर घुस कर उसकी जांघो को सहला रही थी। वह कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी थी, फिर मैंने उसकी चिकनी गीली हो चुकी चूत को सहलाने लगा तो इससे जेन का खुद पर से बचा खुचा नियंत्रण भी समाप्त हो रहा था। जेन पूरी गति सेमेरे लंड को चूस रही थी, उसका हाथ और ओठ लंड पर ऊपर नीचे तेजी से हो रहे थे और मेरी उंगलिया जेन की चूत के ओंठो पर विचरण कर रही थी। जिससे चूत के ओठ उत्तेजना से कांपने लगे।
उसके बाद एक तेज सिसकारी जेन के मुहँ से निकली, मेरी एक उंगली ने चूत के गीले हो चुके ओठ पर से गुजरते हुए, ठोस खून से भरे लाल, उत्तेजना से फडकते, कली नुमा चूत के दाने को छु लिया। जेन के नितम्ब अपने आप ही हिलने लगे, उसको गोरी चिकनी गुदाज जांघे कापने लगी।
मेरी मिडिल फिंगर जेन के चूतडो की दारार को सहलाती हुई गांड के छेद पर से गुजरी तो मैंने मिडिल फिंगर से गांड के छेद पर हल्का दबाव डाला और आगे सहलाते हुए चला गया। जेन के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन दौड़ गयी। जेन ने अब पागलो की तरह मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी गड़ाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी।
जेन जिस तरह से मेरे लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे मेरी कराहने की आवाज और बढ़ गयी। कराहते हुए मैंने एक बार फिर अपना ध्यान जेन के लगभग नंगे हो चुके चुतड और चूत की तरफ लगाया। मेरी मिडिल उंगली गांड के छेद से हटकर जेन की चूत पर आ गयी और नीचे से ऊपर की तरफ चूत के ओठो को रगड़ने लगी। उगली रगड़ते-रगड़ते चूत के फूले दाने के पास तक जाती और फिर नीचे आ जाती। कभी-कभी दाने को भी छु लेती और तभी जेन के पूरे शरीर में सिहरन दौड़ जाती। इसके बादमैंने जेन के चूत के ओठो अलग करते हुए, अपनी उंगली जेन की गरम गीली मखमली गुलाबी चूत के अन्दर घुसा दी। मेरा पूरा शरीर चूत के स्पर्श से रोमांचित हो गया। इधर जेन ने भी मेरा लंड चूसने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखी।
मैं–ओह ओह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मिस जेन! वह भी उत्तेजना से कांपने लगी।
इसे उत्तेजना में मेरे लण्ड से मेरा पूर्व वीर्य द्रव उसकी जीभ पर रिस गया। यह अविश्वसनीय उत्साह का मिश्रण था, जहाँ वह भी उत्तेजना से कांप रही थी। उसके बादजेन ने थोड़ा और ओठ खोले, ओठो पर जीभ फिरा कर उसको गीला किया। फिर थोड़ा-सा और झुक कर पूरी जीभ बाहर निकाल ली। जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया था, मिस जेन ने जल्दी से प्रीकम की निकल आई बूंदों को जीभ से चाट लिया।
प्रीकम की बूंदों के स्वाद ने जेन की भूख और बढ़ा दी। वह मेरे लंड को अपने मुँह में फूला हुआ महसूस कर रही थी, जब मैंने धक्का दिया तो मेरे अंडकोष उसकी ठोड़ी से टकराये उसने मेरे लंड को उसके मुंह से बाहर निकाल दिया।
मैंने अपने लिंग को तब इतना ही बाहर निकाला कि अब केवल फूला हुआ लंडमुंड ही उसके मुंह में था और मैं कराह उठा, "मस जेन अब बस लंडमुंड चूसो ... ओह, हाँ ... यह ... आप उस पर अपनी जीभ का उपयोग करें ... ओह, हाँ, यह अच्छा लगता है ..."
मेरे लंड का प्लम के आकार का लंडमुंड मेरे लंड से बड़ा हो गया था, इसलिए एक बार उसके सामने के दांतों मेरे लंड पर लगे तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसके दांतों से बचा कर चूसने के लिए-लिए सख्ती से फुसफुसाया। तो उसने लंड के अपने मुँह से मुक्त कर दिया। वह अपनी आँखें बंद करके, अपना मुँह खोल कर मज़े ले रही थी और मेरे लंड उसके मुँह के बाहर था। मैंने लंड को उस खाली जगह में वापस धकेल दिया और वह वापस अपनी जीभ से लंड के सिर को रगड़ती चली गई। अब वह मेरे लंड को एक लोली पॉप की तरह से जीभ फिरा कर चूसने लगी। अब उसके मुँह की लार से वह वास्तव में मेरे लंड को स्पॉन्ज कर रही थी और जिस तरह से उसकी लार और मुँह के तरल पदार्थ मेरे लंड पर लेप कर रहे थे।
थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद, मैंने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और अपने लंड को उसके मुंह में ज्यादा से ज्यादा घुसेड़ दिया। इससे उसे इस बात का अहसास हुआ कि इस दर पर, मैं बहुत जल्द उसके मुंह में पिचकारियाँ मारूंगा।
वह मेरे वीर्य को इतने करीब से निकलते हुए देखने की संभावनाओं से उल्लेखनीय रूप से उत्साहित थी। मैं उसके चेहरे पर पिचकारी मारूंगा ये तथ्य उसे परेशान नहीं कर रहा था बल्कि उसे लगा यह देखना रोमांचकारी होगा और उसे लगा कि वह बाद में सफाई कर सकती है।
मैंने अपने अब तक के जीवन में ऐसा कुछ कभी अनुभव नहीं किया था। मुझे एहसास हुआ की अब कभी भी जेन के लंड चूसते मुहँ के अन्दर उसके अन्दर उबल रहे गरम लावे की शूटिंग शुरू हो सकती है। मेरे लंड पर जेन की जीभ और ओठो का गीला नरम स्पर्श उसके चरम आनंद की अनुभूति करा रहा था। मुझे पता था अब उसका नियंत्रण कभी भी टूट सकता है मैं कभी भी जेन के मुहँ में झड़ना शुरू कर सकता हूँ।
अब मेरा लंड और कठोर हो गया था और लंड का सर भी फूल कर उसकी जीभ से भी बड़ा हो गया था। उस समय मैं अपना पूरा लंड उसके मुँह में घुसा देता था, लेकिन लंड को केवल आंशिक रूप से बाहर खींच रहा था। मैंने अपने हाथों को उसके सिर से हटा दिया।
मेरी टांगे तनने लगी चुतड सिकुड़ने लगे, अब उसका खुद को काबू में रखना असंभव था, फिर भी जेन की चूत से खेलने के लालच में मैं खुद को थोड़ी देर और रोकने की नाकाम कोशिश करने लगा। लेकिन जेन अपनी पूरी स्पीड से मेरा लंड चूस रही थी, इसलिए अब ज्यादा देर तक मेरा रुक पाना असंभव था। इससे पहले किसी भी औरत ने मेरे लंड को चूसा नहीं था इसलिए इतनी उत्तेजना मैं संभल नहीं पा रहा था। मुझे अहसाह होने लगा था अब गरम सफ़ेद गाढ़ा लावा बस निकलने ही वाला है और दुनिया में कोई भी तरीका ऐसा नहीं जो इसे रोक सके। जेन ने महसूस किया की मेरा शरीर अकड़ने लगा है और वह भी बेतहाशा तरीके से चूस-चूस के थक चुकी थी इसलिए उसको भी अब जल्दी मची थी। उसने भी अपनी जांघे और कुल्हे जोर-जोर से झटकने शुरू कर दिए, वह चूत में घुसी मेरी उंगली के इर्द गिर्द अपनी कमर और कुल्हे हिलाने लगी, ताकि उसकी गीली चिकनी मखमली चूत भी साथ में झड जाये।
मैं-ओह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है मिस जेन ऐसा लगता है मेरे लंड से कुछ बाहर निकलने वाला है लगता है मैं झड़ने वाला हूँ। ओ ओह्ह्ह। अब मैं और नहीं रोक सकता।
मेरा कुल्हा पहले ऊपर उठा फिर नीचे गिरा। जेन अबमेरा रस अपने मुहँ में ही गिराना चाहती है ताकि एक भी बूँद बेकार न जाये। उस समय मैं नौसखियो की तरह इधर उधर हिल रहा था, लेकिन जेन ने कठोरता से उसका लंड थामे रखा और मुहँ में गले की गहराई तक ले जा कर पूरा अन्दर लेती रही। जेन ने इससे पहले कभी किसी के लंड का रस अपने मुहँ में नहीं गिराया था लेकिन वोमेरा लंड रस मुहँ में लेने को त्यार थी। वह चाहती थी मैं सिर्फ और सिर्फ उसके मुंह में झडूं।
काम उत्तेजना के चरम पर मैंने बेदर्दी से अपना लंड जेन के मुहँ में पेल दिया, उसका लार से सना, फूला कठोर लंड जेन के ओठो को चीरता हुआ जेन के मुहँ में घुसता चला गया और जब तक जेन के ओठ लंड की जड़ तक नहीं पंहुच गए, लंड सरसराता हुआ मुहँ में जाता रहा। फिर मैंने एक लम्बी कराह ली और अपने लंड को पूरी तरह जेन के हवाले कर दिया और खुद की उंगली और ज्यादा तेजी से जेन की चूत में अन्दर बाहर करने लगा। मुझे अपनी गोलियों में फट रहे ज्वालामुखी की आग उगलती हुई उत्तेजना साफ़ महसूस होने लगी। लग रहा था गरम धधकते लावे की एक तेज लहर मेरे गोलियों को छोड़कर आगे की तरफ निकल पड़ी थी।
तभी जेन ने मुँह पीछे कर लिया और मेरा लंड का मुँह उस समय उसके गले के प्रवेश द्वार के ठीक सामने था ठीक उस समय मैं उत्कर्ष पर पहुँचा और उसके मुँह में पिचकारी मार दी। वीर्य की बड़ी धार उसके गले तक जा कर लगी और वही चिपक गयी और वह तुरंत उस गाढ़े और मोटी वीर्य की धार को निगलने की कोशिश करने लगी। एकमात्र समस्या यह थी कि इसकी चिपचिपाहट के कारण, वह वीर्य जिस गति से निकलन रहा था उस गति से वह वीर्य की निगल नहीं पायी।
साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे मेरे अंडकोष उसकी नाक से टकरा कर नाक को भी दबा रहे थे, उसके मुँह में मेरा लंड ठूसा हुआ था इसलिए वह केवल नाक से ही या जब लंड बाहर निकलता था तब ही साँस ले सकती थी। मैं उसकी सांस लेने तक अपने शुक्राणु की पिचकारी मार रहा था।
जब उसे सांस लेने में दिक्कत हुए तो वह खाँसने लगी, तो उसकी नाक से मेरे वीर्य निकल आया, मैंने उसके मुँह के अंदर पम्पिंग करनी और पिचकारियाँ मारनी जारी रखि। बलगम और शुक्राणु से उसका नाक मुँह और गला भर गया जिससे खांसी होती थी और अब निगलना और भी कठिन हो गया। उसने कातर निगाहो से मेरी और देखा तो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और आखरी कुछ पिचकारियाँ उसके मुँह पर मार दी जिससे मेरे वीर्य उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया
तभी जेन ने अपने गीले मुहँ में मेरे सफ़ेद गाढे लंड रस की गरम ताजा बूँद महसूस की, जिसे वह तुरंत ही गटक गयी, ताकि इस बार दम घुटने की कोई गुंजाईश न रहे और लंड अपनी गहराई तक जा कर पूरा समाये और झड़ता रहे।
जिस तरह मैं इस समय झड रहा था बिलकुल इसी तरह की संवेदना और करंट वह भी अपने कमर के आसपास महसूस कर रही थी जहाँ मैं तेजी से अपनी उंगली जेन की चिकनी गीली चूत में अन्दर बाहर कर रहा था। जेन की चूत में भी झड़ना शुरू होने का कम्पन महसूस होने लगा था, एक गुदगुदी भरी कंपकपी से उसकी चूत की दीवारे झनझनाने लगी थी। उसका पूरा शरीर अकड़ा। वह भी मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगी जिसके कारन मेरे नितम्ब तेजी से हिल रहे थे कांप रहे थे। जेन के ओठो की सख्ती चरम पर थी और लंड रस के मुहँ में झड़ने से, लंड को उसकी जड़ तक मुहँ में निगलने से जेन के मुहँ से बस गलगल्लाने की आवाज ही आ रही थी।
मेरे लंड से निकलती वीर्य की हर बूँद को जेन अपने मुहँ में लेकर निगलती जा रही थी, मैं अब तक 6-7 बार शूट कर चूका था और जेन झट से लंड रस को निगलकर उसके लंड को अपने सख्त ओठो जकडे हुए, उस पर अपनी जीभ तेजी से फिर रही थी। मेरे परम आनंद की सीमा नहीं थी, झड़ते लंड पर गीले मुहँ में जब लगातार गीली खुर्खुरी जीभ आपके लंड को अपने आगोश में लेकर सहलाने से मैं काम आनंद से पागल हो गया। मैंने ने चार पांच बार और अपने कुल्हो को तेज झटका दिया और पहले की तरह की पूरा लंड जेन के मुहँ में, इसी के साथ उसके लंड रस की बची आखिरी चार पांच किस्ते भी जेन के मुहँ में जा गिरी। जेन का पूरा मुहँ मेरे वीर्य से भर गया।
मैंने भी जेन की चूत में अपनी पूरी उंगली घुसा दी और ठहर गया। जेन का कुल्हा जोर से कांपा, जेन के मुहँ से लम्बी सिसकारी भरी आह निकली और कुछ देर तक जेन का पूरे शरीर में कंपकपी होती रही, मैं जेन का कम्पन महसूस कर रहा था और जेन का अकड़ा शरीर निढाल होने लगा। मैं भी हांफते हुए बिस्तर पर निढाल हो गया, जेन सारा लंड रस गटक गयी और फिर से लंड चूसने लगी। अब वह धीरे-धीरे लंड चूस रही थी।
मैंने जेन को गले लगा लिया और जेन भी जोर से मुझ से लिपट गयी, में जेन की बांह के ऊपर सिरे पर हलके-हलके हाथो से सहलाने लगा।
जारी रहेगी
आपका आमिर