10-10-2022, 05:09 AM
मजे - लूट लो जितने मिले
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-18
जेन के साथ आलिंगन चुंबन और सहलाना
मैंने चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। अब जेन के मुहँ से सिसकारियाँ निकने लगी। टांगो के बीच में लगातार मेरा हाथ चल रहा था। उत्तेजना के मारे जेन की चुत भी गीली होने लगी। धड़कने और तेज हो गयी। मैं जैसे-जैसे चूत का दाना रगडता, उसके चुतड उछाल लेने लगे।
जेन ने अपना हाथ भी चूत पर रख दिया, एक हाथ मैं उसकी चुत का दाना रगड़ रहा था और वह दूसरे से चूत को तेजी से सहला रही थी, उसके मुहँ से सिसकारियो की आवाजे तेजी से निकलने लगी, वासना से भरी चूत की दरार से पानी रिसने लगा। उसका पेट और नाभि भी इस उत्तेजना के चरम में फड़फड़ाने लगे, पेट और चुतड उचलने लगे। जेन के हाथो ने चूत को और तेजी से रगड़ना शुरू कर दिया।
जेन की आंखे बंद थी, ओठ भींचे हुए थे, उत्तेजना चरम पर थी। कभी निचले ओठ से ऊपर वाले को काटती, कभी उपरी ओठ से निचले वाले को। सांसे धौकनी की तरह चल रही थी। चूत की दरार से निकलता गीलापन अब उसकी उंगलिया भिगो रहा था, कुछ बह कर जांघो की तरफ बह गया था।
उंगलिया चूत पर तेजी से चल रही थी। जेन बार-बार चुतड ऊपर की तरफ उछाल रही थी। वह ये सब नहीं करना चाहती थी लेकिन शरीर की वासना के आगे बेबस थी। उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था। चूत के पतले ओठो पर नाच रही उंगलियों पर उसका कोई बस नहीं था। चूत की दरार से बहते पानी को रोकने में वह लाचार थी। वासना के कारन थिरकते चुतड को रोकने में असमर्थ थी। उसे पता था ये सब रोकने का अब कोई रास्ता नहीं था। सिसकारियो के बीच उसने अपने एक उंगली चूत की दरार के बीच डाली, फिर दो चार बार अंदर बाहर करने के बाद, दो उंगलियों से चूत के दोनों ओठ फलाये और फिर से उंगली अन्दर घुसेड दी। मैंने मेरे हाथ से दाने को रगड़ना जारी रखा।
धीरे धीरे वह पूरी तरह लेट गयी। दोनों जांघे ऊपर की तरह उठा दी और अब मैंने अपनी दो उंगलियों को कसी चूत के छेद में घुसेड के अन्दर बाहर करने लगा।
जेन की कुवारी चूत बिलकुल कासी हुई थी। जेन चुत में अपनी दोनों उंगलिया को अन्दर डालने के लिए जोर लगाना पड़ रहा था। जेन की कसी हुई चूत की मखमली दीवारे उंगलियों को कस के जकड रही थी। उंगलियों की चुदाई जेन की उत्तेजना में चार चाँद लगा रही थी, जिससे उसे चरम सुख का अनुभव हो रहा था। जेन के मुहँ से लगातार सिसकारियो का सिलसिला चल रहा था, उगलियाँ के चूत में अन्दर बाहर होने से शरीर भी उसी अनुसार लय में आगे पीछे हो रहा था। अब न कोई शर्म थी, न कोई हिचक थी, बस एक आग थी और उसे बुझाना था, उंगलिया अपनी चरम गति से चूत में आ जा रही थी और उसी के साथ मैंने दाने को भी अधिक ताकत और गति से रगड़ने का सिलसिला शुरूकर दिया। जेन की हालत देख कर मेरा लंड भी फटने को हो रहा था।
जेन को लग रहा था जैसे अब चरम अब निकट ही है, एक तूफ़ान जो अन्दर धमाल मचाये हुआ था अब बस गुजर जाने को है। जेन अब बिस्तर पर तेजी से उछाल रही थी। उसकी कमर जोर-जोर के झटके खाने लगी। मेरी उंगलिया जिस गहराई तक जा सकती थी, वहाँ तक जाकर अन्दर बाहर होने लगी। पहले चूत में मेरी एक उंगलि भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी अब दो भी आराम से जा रही थी। मेरा हाथ जेन के अन्दर बाहर पूरी ताकत से के झटके दे रहा था। अचानक उसका पूरा शरीर अकड़ गया, सिसकारियो का न रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया, जांघे अपने आप खुलने बंद होने लगी, जबकि मेरी अंगुलियाँ अभी भी चूत की गहराई में गोते लगाकर आ जा रही थी, दाना फूलकर दोगुने साइज़ का हो गया था लेकिन मेने उसे रगड़ना अभी भी बंद नहीं किया था। दाने के रगड़ने से चूत के कोने-कोने तक में उत्तेजना की सिहरन थी। चूत की दीवारों में एक नया प्रकार का सेंसेशन होने लगा, कमर और जांघे अपने आप कापने लगी, जेन को पता चल गया अब चरम निकट है, ये वासना के तूफ़ान की अंतिम लहर है। मैंने चूत से उंगलियाँ निकाल ली, चूत रस तेजी से बाहर की तरफ बहने लगा। सारा शरीर कापने लगा, उत्तेजना के चरम का अहसास ने उसके शरीर पर से बचा खुचा नियंत्रण भी ख़त्म कर दिया।
कमर अपने आप ही हिल रही थी, पैर काँप रहे थे, मुहँ से चरम की आहे निकल रही थी और फिर अंतिम झटके के साथ पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी और पूरा शरीर बिस्तर पर धडाम से ढेर हो दया।
जेन आनंद के सागर में गोते लगाते-लगाते लगभग अर्ध मूर्छा की हालत में पंहुच गयी। धीरे-धीरे सांसे काबू में आने लगी, चूत के दाने की सुजन कम होने लगी, स्तनों की कठोरता कम होने लगी। अपनी उखड़ती सांसे संभाले जेन अपने आप के स्त्रीत्व को महसूस करने लगी, उसे अपने औरत होने का अहसास होने लगा। उसने शरीर को ढीला छोड़ दिया।
मैं धीरे-धीरे उसका दूसरा हाथ पकड़ कर धीरे-धीरे खिसकाते हुए नीचे ले गया है और अपनी दोनों जांघो के बीच खड़े लंड पर रख दिया और जेन का हाथ, मेरे तन चुके लंड को सहलाने लगा।
दूसरी तरफ जेन की कमर के आस पास एक नयी सनसनी हुई क्योंकि अब मेरा हाथ जेन के बड़े-बड़े स्तनों को मसल रहा था कुचल रहा था। मेरे लंड में खून का दौरा और तेज हो गया था। मेरा दूसरा हाथ जेन की गोल चिकनी नरम गुदाज गोरी जांघो और नितम्बो की सहलाने लगा। ये सब कुछ मेरी उम्मीदों से बहुत ज्यादा था, जिसकी मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी। मेरा लंड इतना ज्यादा कड़ा हो चूका था कि मुझे और मैंने अगर अन्दर का दहकता लावा बाहर नहीं निकाला, अगर मैंने अब जेन को नहीं चोदा तो कही फट ना जाये।
जेन के हाथ मेरे लंड तक पंहुच गया था उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया।
जेन ने महसूस किया की मेरा लंड पकड़ते ही मेरी कमर ने उत्तेजना की कारन झटके लगने शुरू हो गए थे, जेन ने एक हाथ से गरम, खून से भरे मांस की गरम राड, लोहे की तरह सख्त हो चके लड़ को कसकर पकड़ा, मेरा बड़ा लंड पत्थर की तरह कठोर हो चूका था। जेन ने लंड को जड़ से पकड़कर जोर से ऊपर नीचे किया तो मैं कराह उठा और मेरे चहरे पर उत्तेजना नजर आ रही थी। जेन ने जीभ से अपने ओठो को गीला किया और तेज खून के बहाव के चलते कांपते लोहे की तरह सख्त हो चुके लंड को भूखी नजरो से देखते हुए जेन ने लंड से खेलना शुरू कर दिया, लंड की खाल को धीरे-धीरे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। जेन की उंगलियों की मालिश से मुझे बड़ा अच्छा फील हो रहा था, इतना अच्छा मुझे उस दिन तक किसी दूसरी चीज से नहीं अनुभव हुआ था। जेन के कोमल हाथो से मेरे लंड पर लग रहे झटके से इतना अच्छा मुझे कभी महसूस नहीं हुआ था।
जेन ने फुर्ती से बिस्तर के पास से तेल की शीशी को उठाया और मेरे लंड पर उड़ेल दिया और लंड के चारो और तेजी से हाथ ऊपर नीचे करने लगी। जेन के हाथ नीचे जाते ही तेल से सना सुपाड़ा चमकने लगता और ऊपर आते ही मुठी में घुस कर गुम हो जाता। तेल लगाने से अब हाथ आसानी से लंड पर फिसल रहे थे।
जैसे जैसे जेन मेरे खड़े लंड पर झटको को स्मूथ और लयदार ऊपर नीचे करती उसी तरह मेरी कमर भी झटके मारती रहती। धीरे-धीरे जेन ने स्ट्रोक्स की रफ़्तार बढ़ा दी, बीच-बीच अपने ओठो पर अपनी जुबान फिराती रहती। अब उसने लंड पर हथेली की कसावट और तेज कर दी थी और अपनी पूरी स्पीड से लंड की खाल को ऊपर नीचे करने लगी। तभी लंड के सुपारे पर उसे वीर्य के निकलने से पहले निकलने वाली कुछ बूंदे नजर आई। जेन ने हाथो के ऊपर नीचे करने की स्पीड कम कर दी और फिर कलात्मक तरीके से उंगलियाँ लंड पर फिराने लगी। हवस की आग में जलती जेन की अतृप्त कामवासना उससे कुछ नए खेल खिलवाना चाहती थी। अब सही गलत सबका भेद मिट गया था। बस अब वासना ही रह गयी थी।
मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह हलके-हलके मुस्कराने लगी मैंने फिर उसके गालो को चाटा। बहुत मोठा स्वाद था फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे-धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा। फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा।
मैंने जेन की छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए ... फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे। जेन के पिंक गुलाबी चुचुक उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।
मैंने जेन को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जेन का मुँह चूमा और लिप किस करि। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेला मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा ।नहीं बता सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर मैंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से काटा जेन कराह उठी
मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे। मैंने चूचियों को दांतो से काटा जेन कराह उठी आह कह रही थी धीरे मेरेआमिर धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे
इस बीच जेन धीरे-धीरे सुपाडे को उंगलियों से सहलाने लगी और उंगलियों से मेरे लंड की मालिश करनेटी रही। इतने प्यार और जादुई तरीके से लंड की मालिश होने से मैं आनंद की सागर में गोते लगाने लगा। लंड को फुफकारते हुए देख उसका मन करने लगा की लंड को चूसना चाहिए।
जारी रहेगी
आपका आमिर
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-18
जेन के साथ आलिंगन चुंबन और सहलाना
मैंने चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। अब जेन के मुहँ से सिसकारियाँ निकने लगी। टांगो के बीच में लगातार मेरा हाथ चल रहा था। उत्तेजना के मारे जेन की चुत भी गीली होने लगी। धड़कने और तेज हो गयी। मैं जैसे-जैसे चूत का दाना रगडता, उसके चुतड उछाल लेने लगे।
जेन ने अपना हाथ भी चूत पर रख दिया, एक हाथ मैं उसकी चुत का दाना रगड़ रहा था और वह दूसरे से चूत को तेजी से सहला रही थी, उसके मुहँ से सिसकारियो की आवाजे तेजी से निकलने लगी, वासना से भरी चूत की दरार से पानी रिसने लगा। उसका पेट और नाभि भी इस उत्तेजना के चरम में फड़फड़ाने लगे, पेट और चुतड उचलने लगे। जेन के हाथो ने चूत को और तेजी से रगड़ना शुरू कर दिया।
जेन की आंखे बंद थी, ओठ भींचे हुए थे, उत्तेजना चरम पर थी। कभी निचले ओठ से ऊपर वाले को काटती, कभी उपरी ओठ से निचले वाले को। सांसे धौकनी की तरह चल रही थी। चूत की दरार से निकलता गीलापन अब उसकी उंगलिया भिगो रहा था, कुछ बह कर जांघो की तरफ बह गया था।
उंगलिया चूत पर तेजी से चल रही थी। जेन बार-बार चुतड ऊपर की तरफ उछाल रही थी। वह ये सब नहीं करना चाहती थी लेकिन शरीर की वासना के आगे बेबस थी। उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था। चूत के पतले ओठो पर नाच रही उंगलियों पर उसका कोई बस नहीं था। चूत की दरार से बहते पानी को रोकने में वह लाचार थी। वासना के कारन थिरकते चुतड को रोकने में असमर्थ थी। उसे पता था ये सब रोकने का अब कोई रास्ता नहीं था। सिसकारियो के बीच उसने अपने एक उंगली चूत की दरार के बीच डाली, फिर दो चार बार अंदर बाहर करने के बाद, दो उंगलियों से चूत के दोनों ओठ फलाये और फिर से उंगली अन्दर घुसेड दी। मैंने मेरे हाथ से दाने को रगड़ना जारी रखा।
धीरे धीरे वह पूरी तरह लेट गयी। दोनों जांघे ऊपर की तरह उठा दी और अब मैंने अपनी दो उंगलियों को कसी चूत के छेद में घुसेड के अन्दर बाहर करने लगा।
जेन की कुवारी चूत बिलकुल कासी हुई थी। जेन चुत में अपनी दोनों उंगलिया को अन्दर डालने के लिए जोर लगाना पड़ रहा था। जेन की कसी हुई चूत की मखमली दीवारे उंगलियों को कस के जकड रही थी। उंगलियों की चुदाई जेन की उत्तेजना में चार चाँद लगा रही थी, जिससे उसे चरम सुख का अनुभव हो रहा था। जेन के मुहँ से लगातार सिसकारियो का सिलसिला चल रहा था, उगलियाँ के चूत में अन्दर बाहर होने से शरीर भी उसी अनुसार लय में आगे पीछे हो रहा था। अब न कोई शर्म थी, न कोई हिचक थी, बस एक आग थी और उसे बुझाना था, उंगलिया अपनी चरम गति से चूत में आ जा रही थी और उसी के साथ मैंने दाने को भी अधिक ताकत और गति से रगड़ने का सिलसिला शुरूकर दिया। जेन की हालत देख कर मेरा लंड भी फटने को हो रहा था।
जेन को लग रहा था जैसे अब चरम अब निकट ही है, एक तूफ़ान जो अन्दर धमाल मचाये हुआ था अब बस गुजर जाने को है। जेन अब बिस्तर पर तेजी से उछाल रही थी। उसकी कमर जोर-जोर के झटके खाने लगी। मेरी उंगलिया जिस गहराई तक जा सकती थी, वहाँ तक जाकर अन्दर बाहर होने लगी। पहले चूत में मेरी एक उंगलि भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी अब दो भी आराम से जा रही थी। मेरा हाथ जेन के अन्दर बाहर पूरी ताकत से के झटके दे रहा था। अचानक उसका पूरा शरीर अकड़ गया, सिसकारियो का न रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया, जांघे अपने आप खुलने बंद होने लगी, जबकि मेरी अंगुलियाँ अभी भी चूत की गहराई में गोते लगाकर आ जा रही थी, दाना फूलकर दोगुने साइज़ का हो गया था लेकिन मेने उसे रगड़ना अभी भी बंद नहीं किया था। दाने के रगड़ने से चूत के कोने-कोने तक में उत्तेजना की सिहरन थी। चूत की दीवारों में एक नया प्रकार का सेंसेशन होने लगा, कमर और जांघे अपने आप कापने लगी, जेन को पता चल गया अब चरम निकट है, ये वासना के तूफ़ान की अंतिम लहर है। मैंने चूत से उंगलियाँ निकाल ली, चूत रस तेजी से बाहर की तरफ बहने लगा। सारा शरीर कापने लगा, उत्तेजना के चरम का अहसास ने उसके शरीर पर से बचा खुचा नियंत्रण भी ख़त्म कर दिया।
कमर अपने आप ही हिल रही थी, पैर काँप रहे थे, मुहँ से चरम की आहे निकल रही थी और फिर अंतिम झटके के साथ पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी और पूरा शरीर बिस्तर पर धडाम से ढेर हो दया।
जेन आनंद के सागर में गोते लगाते-लगाते लगभग अर्ध मूर्छा की हालत में पंहुच गयी। धीरे-धीरे सांसे काबू में आने लगी, चूत के दाने की सुजन कम होने लगी, स्तनों की कठोरता कम होने लगी। अपनी उखड़ती सांसे संभाले जेन अपने आप के स्त्रीत्व को महसूस करने लगी, उसे अपने औरत होने का अहसास होने लगा। उसने शरीर को ढीला छोड़ दिया।
मैं धीरे-धीरे उसका दूसरा हाथ पकड़ कर धीरे-धीरे खिसकाते हुए नीचे ले गया है और अपनी दोनों जांघो के बीच खड़े लंड पर रख दिया और जेन का हाथ, मेरे तन चुके लंड को सहलाने लगा।
दूसरी तरफ जेन की कमर के आस पास एक नयी सनसनी हुई क्योंकि अब मेरा हाथ जेन के बड़े-बड़े स्तनों को मसल रहा था कुचल रहा था। मेरे लंड में खून का दौरा और तेज हो गया था। मेरा दूसरा हाथ जेन की गोल चिकनी नरम गुदाज गोरी जांघो और नितम्बो की सहलाने लगा। ये सब कुछ मेरी उम्मीदों से बहुत ज्यादा था, जिसकी मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी। मेरा लंड इतना ज्यादा कड़ा हो चूका था कि मुझे और मैंने अगर अन्दर का दहकता लावा बाहर नहीं निकाला, अगर मैंने अब जेन को नहीं चोदा तो कही फट ना जाये।
जेन के हाथ मेरे लंड तक पंहुच गया था उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया।
जेन ने महसूस किया की मेरा लंड पकड़ते ही मेरी कमर ने उत्तेजना की कारन झटके लगने शुरू हो गए थे, जेन ने एक हाथ से गरम, खून से भरे मांस की गरम राड, लोहे की तरह सख्त हो चके लड़ को कसकर पकड़ा, मेरा बड़ा लंड पत्थर की तरह कठोर हो चूका था। जेन ने लंड को जड़ से पकड़कर जोर से ऊपर नीचे किया तो मैं कराह उठा और मेरे चहरे पर उत्तेजना नजर आ रही थी। जेन ने जीभ से अपने ओठो को गीला किया और तेज खून के बहाव के चलते कांपते लोहे की तरह सख्त हो चुके लंड को भूखी नजरो से देखते हुए जेन ने लंड से खेलना शुरू कर दिया, लंड की खाल को धीरे-धीरे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। जेन की उंगलियों की मालिश से मुझे बड़ा अच्छा फील हो रहा था, इतना अच्छा मुझे उस दिन तक किसी दूसरी चीज से नहीं अनुभव हुआ था। जेन के कोमल हाथो से मेरे लंड पर लग रहे झटके से इतना अच्छा मुझे कभी महसूस नहीं हुआ था।
जेन ने फुर्ती से बिस्तर के पास से तेल की शीशी को उठाया और मेरे लंड पर उड़ेल दिया और लंड के चारो और तेजी से हाथ ऊपर नीचे करने लगी। जेन के हाथ नीचे जाते ही तेल से सना सुपाड़ा चमकने लगता और ऊपर आते ही मुठी में घुस कर गुम हो जाता। तेल लगाने से अब हाथ आसानी से लंड पर फिसल रहे थे।
जैसे जैसे जेन मेरे खड़े लंड पर झटको को स्मूथ और लयदार ऊपर नीचे करती उसी तरह मेरी कमर भी झटके मारती रहती। धीरे-धीरे जेन ने स्ट्रोक्स की रफ़्तार बढ़ा दी, बीच-बीच अपने ओठो पर अपनी जुबान फिराती रहती। अब उसने लंड पर हथेली की कसावट और तेज कर दी थी और अपनी पूरी स्पीड से लंड की खाल को ऊपर नीचे करने लगी। तभी लंड के सुपारे पर उसे वीर्य के निकलने से पहले निकलने वाली कुछ बूंदे नजर आई। जेन ने हाथो के ऊपर नीचे करने की स्पीड कम कर दी और फिर कलात्मक तरीके से उंगलियाँ लंड पर फिराने लगी। हवस की आग में जलती जेन की अतृप्त कामवासना उससे कुछ नए खेल खिलवाना चाहती थी। अब सही गलत सबका भेद मिट गया था। बस अब वासना ही रह गयी थी।
मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह हलके-हलके मुस्कराने लगी मैंने फिर उसके गालो को चाटा। बहुत मोठा स्वाद था फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे-धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा। फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा।
मैंने जेन की छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए ... फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे। जेन के पिंक गुलाबी चुचुक उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।
मैंने जेन को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जेन का मुँह चूमा और लिप किस करि। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेला मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा ।नहीं बता सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर मैंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से काटा जेन कराह उठी
मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे। मैंने चूचियों को दांतो से काटा जेन कराह उठी आह कह रही थी धीरे मेरेआमिर धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे
इस बीच जेन धीरे-धीरे सुपाडे को उंगलियों से सहलाने लगी और उंगलियों से मेरे लंड की मालिश करनेटी रही। इतने प्यार और जादुई तरीके से लंड की मालिश होने से मैं आनंद की सागर में गोते लगाने लगा। लंड को फुफकारते हुए देख उसका मन करने लगा की लंड को चूसना चाहिए।
जारी रहेगी
आपका आमिर