26-12-2018, 01:58 PM
रोहन को जैसे मोका मिल गया। वो अब जानबूझ कर अपनी बाइक खड्ढों में से ले जाने लगा और बिंदिया की नरम और बड़ी चूचियों का मजा लेने लगा। घर के पास पहुँचकर उसने हमको बाइ कहा और चला गया।
अंदर जाते ही हम फ्रेश होकर खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद मैं बिंदिया के कमरे में चली गई और हम बातें करने लगे। मैंने बिंदिया को कृष्णा के बारे में बता दिया।
बिंदिया ने मुझसे कहा- “धन्नो तुम अपना खयाल रखना.. शाम को बाजार चलना है...”
मैंने कहा- कौन सा काम है?
बिंदिया ने शर्माते हुए कहा- “रोहन ने बुलाया है...”
मैं- “अच्छा बात यहाँ तक पहुँच गई। इसीलिए तो तुम बाइक पर उससे चिपक कर बैठी थी। क्या इरादा है कहीं तुम आगे बढ़ने का तो नहीं सोच रही हो?”
बिंदिया का चेहरा लाल हो गया। उसने अपना चेहरा नीचे झुकाए कहा- “अगर रोहन आगे बढ़ा तो मैं उसे नहीं रोकेंगी। अब मैं इस जवानी की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकती...”
मैं हैरत से उसकी सारी बातें सुन रही थी। मैंने बिंदिया से कहा- “मैं अपने कमरे में जा रही हूँ। शाम 5:00 बजे तक मैं तैयार हो जाऊँगी..." ।
शाम को 5:00 बजे मैं तैयार हो चुकी थी की तभी बिंदिया अंदर दाखिल हुई। मैं बिंदिया को देखकर हैरान रह गई। वो नये कपड़ों और बहुत अच्छे मेकअप के साथ हुश्न की देवी लग रही थी। मैंने उसे चिढ़ाते हुए कहाआज किस पर बिजली गिराने का इरादा है..."
बिंदिया मुश्कुराकर कहने लगी- “तुम बहुत शैतान हो गई हो। वैसे तुम भी किसी परी से कम नहीं लग रही हो...”
हम दोनों साथ में रोहन के बताए होटेल में पहुँच गये। अंदर जाते ही रोहन ने हमें देख लिया और हमें वेलकम करते हुए अपनी टेबल तक ले गया। होटेल बहुत शानदार था वो पूरा एसी हाल था।
हमारे बैठते ही उसने पूछा- “तुम दोनों क्या लोगी?”
बिंदिया ने कहा- “चाय कह दो...”
रोहन ने वेटर को चाय का आर्डर दिया और हमलोग आपस में बातें करने लगे। तभी वेटर चाय लेकर आ गया। हम चाय पीने लगे। अचानक रोहन के हाथ से चाय का कप गिर गया और रोहन और बिंदिया दोनों के कपड़े । खराब हो गये। रोहन बिंदिया को लेडीज बाथरूम तक ले गया और इधर-उधर देखते हुए खुद भी उसमें घुस गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया।
मैं अकेली बैठकर उन दोनों का इंतजार कर रही थी की अचानक कृष्णा होटेल में दाखिल हुआ। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा, और उसने मुझे देख लिया और सीधा मेरी तरफ बढ़ने लगा।
अंदर जाते ही हम फ्रेश होकर खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद मैं बिंदिया के कमरे में चली गई और हम बातें करने लगे। मैंने बिंदिया को कृष्णा के बारे में बता दिया।
बिंदिया ने मुझसे कहा- “धन्नो तुम अपना खयाल रखना.. शाम को बाजार चलना है...”
मैंने कहा- कौन सा काम है?
बिंदिया ने शर्माते हुए कहा- “रोहन ने बुलाया है...”
मैं- “अच्छा बात यहाँ तक पहुँच गई। इसीलिए तो तुम बाइक पर उससे चिपक कर बैठी थी। क्या इरादा है कहीं तुम आगे बढ़ने का तो नहीं सोच रही हो?”
बिंदिया का चेहरा लाल हो गया। उसने अपना चेहरा नीचे झुकाए कहा- “अगर रोहन आगे बढ़ा तो मैं उसे नहीं रोकेंगी। अब मैं इस जवानी की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकती...”
मैं हैरत से उसकी सारी बातें सुन रही थी। मैंने बिंदिया से कहा- “मैं अपने कमरे में जा रही हूँ। शाम 5:00 बजे तक मैं तैयार हो जाऊँगी..." ।
शाम को 5:00 बजे मैं तैयार हो चुकी थी की तभी बिंदिया अंदर दाखिल हुई। मैं बिंदिया को देखकर हैरान रह गई। वो नये कपड़ों और बहुत अच्छे मेकअप के साथ हुश्न की देवी लग रही थी। मैंने उसे चिढ़ाते हुए कहाआज किस पर बिजली गिराने का इरादा है..."
बिंदिया मुश्कुराकर कहने लगी- “तुम बहुत शैतान हो गई हो। वैसे तुम भी किसी परी से कम नहीं लग रही हो...”
हम दोनों साथ में रोहन के बताए होटेल में पहुँच गये। अंदर जाते ही रोहन ने हमें देख लिया और हमें वेलकम करते हुए अपनी टेबल तक ले गया। होटेल बहुत शानदार था वो पूरा एसी हाल था।
हमारे बैठते ही उसने पूछा- “तुम दोनों क्या लोगी?”
बिंदिया ने कहा- “चाय कह दो...”
रोहन ने वेटर को चाय का आर्डर दिया और हमलोग आपस में बातें करने लगे। तभी वेटर चाय लेकर आ गया। हम चाय पीने लगे। अचानक रोहन के हाथ से चाय का कप गिर गया और रोहन और बिंदिया दोनों के कपड़े । खराब हो गये। रोहन बिंदिया को लेडीज बाथरूम तक ले गया और इधर-उधर देखते हुए खुद भी उसमें घुस गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया।
मैं अकेली बैठकर उन दोनों का इंतजार कर रही थी की अचानक कृष्णा होटेल में दाखिल हुआ। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा, और उसने मुझे देख लिया और सीधा मेरी तरफ बढ़ने लगा।