26-12-2018, 01:57 PM
उसके लण्ड से ढेर सारा वीर्य निकल रहा था। उस लड़की का सारा मुँह वीर्य से भर गया और कुछ नीचे गिरने लगा। कृष्णा ने उस लड़की को सारा वीर्य पीने को कहा जो वो गटक गई। कृष्णा ने अपना लण्ड उसके मुँह से निकाला और अपने अंडरवेर में डालकर पैंट ऊपर करने लगा।
मैं ना जाने कितनी देर से उस पौधे की पीछे खड़ी थी की अचानक मेरा बैलेन्स बिगड़ गया और मैं गिरने लगी। मैंने उस पेड़ को पकड़ लिया। मैं नीचे तो नहीं गिरी मगर पौधा हट जाने की वजह से कृष्णा ने मुझे देख लिया।
कृष्णा ने कहा- “ए लड़की इधर आ...”
मैं डर गई और वहाँ से भागकर अपने क्लास में आ गई। कृष्णा मेरे पीछे क्लास में आ गया। क्लास शुरू चुकी थी। वो मेरी सीट के पीछे जाकर बैठ गया। उसे देखकर मेरे दिल की धड़कनें तेज होनी लगी। क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई।
मैं उठकर जाने लगी तो कृष्णा भी मेरे पीछे चलते हुए मुझसे पूछा- “आए लड़की तुम्हारा नाम क्या है?”
मैंने डरते हुए कहा- “धन्नो...”
कृष्णा ने पूछा- “तुम वहाँ क्या कर रही थी और तुमने क्या देखा?”
तभी सामने से बिंदिया और रोहन आ गये। मैंने कृष्णा का जवाब दिए बगैर रोहन को हाय कहा और उसके साथ खड़ी हो गई।
रोहन ने कृष्णा को देखकर कहा- “अरे यार क्या हाल है? आजकल लिफ्ट ही नहीं दे रहे हो..” और दोनों गले मिल गये।
कृष्णा ने रोहन से कहा- “यार तुम तो सारा दिन किताबों से चिपके हुए रहते हो। हम दोस्तों के लिए तो तुम्हारे पास टाइम ही नहीं...”
रोहन ने कहा- “ऐसी कोई बात नहीं, और तुमने खूब बाडी बना रखी है। अच्छा इनसे मिलो यह है बिंदिया तुम्हारी होने वाली भाभी..."
बिंदिया ने शर्माकर कृष्णा को हाय कहा।
रोहन- “और यह हैं धन्नो, हमारी साली साहिबा...”
मैंने डरते हुए हाय कहा।
कृष्णा ने कहा- “आप सबसे मिलकर बेहद खुशी हुई। अब मैं चलता हूँ मुझे कुछ काम है..." और अपने रास्ते चला गया, तो मेरी जान में जान आई।
रोहन ने कृष्णा के जाते ही हमसे कहा- “साला बहुत बदमाश है। सारा दिन लड़कियों के पीछे रहता है, अमीर माँ बाप की औलाद है इसीलिए इसे पढ़ाई की कोई परवाह नहीं...” और कहा- “आज तुम दोनों को मैं अपने बाइक पर घर छोड़ देता हूँ...”
बिंदिया ने जल्दी से कहा- “ठीक है तुम अपनी बाइक निकालो..”
मेरा हैरत से मुँह खुला रह गया क्योंकी इससे पहले कई दफा रोहन हमें आफर कर चुका था, मगर बिंदिया मना कर देती थी। रोहन बाइक लेकर आ गया। बिंदिया पहले बाइक पर बैठी, वो अपनी दोनों टाँगें फैलाकर बाइक पर बैठी थी। मैं भी उसके पीछे बैठ गई। रोहन ने बाइक स्टार्ट की। मैंने अपना हाथ बाइक के बैक की स्टैंड में डाल दिया। बिंदिया ने अपने दोनों हाथों से रोहन को पकड़ लिया, वो उससे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी। अचानक बाइक एक खड्ढे से गुजरी और बिंदिया की चूचियां रोहन के बैक में दब गई।
बिंदिया के मुँह से- “आहहह.” निकल गई।
रोहन ने बिंदिया से कहा- “क्या हुआ, कोई प्राब्लम है?”
बिंदिया ने मुश्कुराते हुये कहा- “आई.."
मैं ना जाने कितनी देर से उस पौधे की पीछे खड़ी थी की अचानक मेरा बैलेन्स बिगड़ गया और मैं गिरने लगी। मैंने उस पेड़ को पकड़ लिया। मैं नीचे तो नहीं गिरी मगर पौधा हट जाने की वजह से कृष्णा ने मुझे देख लिया।
कृष्णा ने कहा- “ए लड़की इधर आ...”
मैं डर गई और वहाँ से भागकर अपने क्लास में आ गई। कृष्णा मेरे पीछे क्लास में आ गया। क्लास शुरू चुकी थी। वो मेरी सीट के पीछे जाकर बैठ गया। उसे देखकर मेरे दिल की धड़कनें तेज होनी लगी। क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई।
मैं उठकर जाने लगी तो कृष्णा भी मेरे पीछे चलते हुए मुझसे पूछा- “आए लड़की तुम्हारा नाम क्या है?”
मैंने डरते हुए कहा- “धन्नो...”
कृष्णा ने पूछा- “तुम वहाँ क्या कर रही थी और तुमने क्या देखा?”
तभी सामने से बिंदिया और रोहन आ गये। मैंने कृष्णा का जवाब दिए बगैर रोहन को हाय कहा और उसके साथ खड़ी हो गई।
रोहन ने कृष्णा को देखकर कहा- “अरे यार क्या हाल है? आजकल लिफ्ट ही नहीं दे रहे हो..” और दोनों गले मिल गये।
कृष्णा ने रोहन से कहा- “यार तुम तो सारा दिन किताबों से चिपके हुए रहते हो। हम दोस्तों के लिए तो तुम्हारे पास टाइम ही नहीं...”
रोहन ने कहा- “ऐसी कोई बात नहीं, और तुमने खूब बाडी बना रखी है। अच्छा इनसे मिलो यह है बिंदिया तुम्हारी होने वाली भाभी..."
बिंदिया ने शर्माकर कृष्णा को हाय कहा।
रोहन- “और यह हैं धन्नो, हमारी साली साहिबा...”
मैंने डरते हुए हाय कहा।
कृष्णा ने कहा- “आप सबसे मिलकर बेहद खुशी हुई। अब मैं चलता हूँ मुझे कुछ काम है..." और अपने रास्ते चला गया, तो मेरी जान में जान आई।
रोहन ने कृष्णा के जाते ही हमसे कहा- “साला बहुत बदमाश है। सारा दिन लड़कियों के पीछे रहता है, अमीर माँ बाप की औलाद है इसीलिए इसे पढ़ाई की कोई परवाह नहीं...” और कहा- “आज तुम दोनों को मैं अपने बाइक पर घर छोड़ देता हूँ...”
बिंदिया ने जल्दी से कहा- “ठीक है तुम अपनी बाइक निकालो..”
मेरा हैरत से मुँह खुला रह गया क्योंकी इससे पहले कई दफा रोहन हमें आफर कर चुका था, मगर बिंदिया मना कर देती थी। रोहन बाइक लेकर आ गया। बिंदिया पहले बाइक पर बैठी, वो अपनी दोनों टाँगें फैलाकर बाइक पर बैठी थी। मैं भी उसके पीछे बैठ गई। रोहन ने बाइक स्टार्ट की। मैंने अपना हाथ बाइक के बैक की स्टैंड में डाल दिया। बिंदिया ने अपने दोनों हाथों से रोहन को पकड़ लिया, वो उससे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी। अचानक बाइक एक खड्ढे से गुजरी और बिंदिया की चूचियां रोहन के बैक में दब गई।
बिंदिया के मुँह से- “आहहह.” निकल गई।
रोहन ने बिंदिया से कहा- “क्या हुआ, कोई प्राब्लम है?”
बिंदिया ने मुश्कुराते हुये कहा- “आई.."