26-12-2018, 01:55 PM
आकाश के लण्ड के छेद पर एक बूंद प्री-कम की चमक रही थी। सोनाली ने अपनी जीभ निकाली और उसके प्रीकम की बूंद को चाट लिया। आकाश के मुँह से हल्की सिसकी निकली। सोनाली अपनी जीभ उसके लण्ड के सुपाड़े पर फिराने लगी और उसे अपने मुँह में लेकर चाटने लगी।
आकाश ने- “आहहह... ऊऊहह..” करते हुए सोनाली के सिर को पकड़ लिया और अपने लण्ड पर दबाने लगा। अचानक आकाश ने उसके सिर को पकड़कर एक जोर का धक्का मारा, तो सोनाली को लगा जैसे आकाश का लण्ड उसका गला फाड़कर पेट में घुस जाएगा, और वो दर्द से छटपटाने लगी। उसने फिर से लण्ड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से अंदर धकेल दिया।
कुछ देर बाद सोनाली को भी अच्छा लगने लगा और उसका बदन अकड़ने लगा और निपलों तनने लगे। सोनाली की चूत से ढेर सारा रस निकलता हुआ उसकी जांघों से होता हुआ उसकी घुटनों को गीला कर रहा था।
आकाश ने अपना लण्ड सोनाली मुँह से निकालते हुए उसे उठाकर बेड पर लेटा दिया। सोनाली ने अपनी टाँगें फैला दी। आकाश सोनाली की चमकती चूत को देखते हुए अपना लण्ड चूत पर रख दिया। सोनाली उसके चहरे को निहार रही थी, मगर उसका सारा ध्यान आकाश के लण्ड पर था की वो कब उसकी चूत की भूख मिटाएगा। उत्तेजना के मारे सोनाली की चूत के होंठ खुल गए। आकाश ने एक जोर का धक्का मारा और पूरा लण्ड सरकता हुआ अंदर तक चला गया।
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सोनाली चीख उठी- “ऊऊऊ... ओफफ्फ़... आहहह..” उसे ऐसे लगा जैसे लण्ड उसके पूरे बदन को चीर कर रख देगा। सोनाली ने अपनी टाँगें आकाश की कमर में जकड़ रखी थी, उसके मुँह से हल्की चीखें निकल रही थी। मगर अपनी टाँगों से वो आकाश को अपनी योनि पे दबा रही थी।
आकाश ने अपना लण्ड बाहर खींचा, उसके लण्ड के साथ सोनाली का पानी भी निकल गया। सोनाली को ऐसा लगा जैसे आकाश का लण्ड पिस्टन की तरह बाहर जाते हुए अपने साथ उसकी चूत के रस को बाहर खींचता हुआ ले जा रहा हो। सोनाली झड़ते ही हाँफने लगी।
आकाश ने धक्के लगाने शुरू कर दिये। कुछ ही देर में सोनाली फिर से गर्म हो गई। आकाश अब सोनाली की चूत से लण्ड निकालकर सीधा लेट गया और सोनाली को ऊपर आने को कहा। सोनाली ने उठते हुए आकाश के लण्ड को देखा। अपने ही रस से भीगा हुआ मोटा लण्ड उसे पागल बना रहा था। सोनाली उसकी कमर के दोनों ओर अपने घुटनों को रखकर अपनी चूत को आसमान की ओर तने लण्ड पर रखा, और फिर अपने हाथों से आकाश के लण्ड को अपनी चूत पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे दबाया, आकाश के लण्ड का कुछ हिस्सा अंदर चला गया। सोनाली के मुँह से हल्की आह निकल गई।
आकाश ने अपने दोनों हाथों से सोनाली की छातियों को थाम लिया और दबाने लगा। सोनाली ने अपना सारा बोझ आकाश पर डालते हुए उसके पूरे लण्ड को अपनी चूत में ले लिया और अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी। आकाश सोनाली की छातियों को जोर से दबाते हुए उसकी एक चूची को मसल देता कभी दूसरी को। सोनाली मजे से ‘आअहह्ह... ओईई... करते हुए अपने चूतड़ को आकाश के लण्ड के टोपे तक ले जाती और अपने पूरे बोझ के साथ नीचे बैठ जाती। वो उत्तेजना के मारे पागल हो रही थी, और आकाश के लण्ड पे तेजी से ऊपरनीचे हो रही थी। अचानक सोनाली आअह्ह... करते हुए आकाश के लण्ड से दूसरी बार झड़ गई और हाँफते हुए निढाल होकर उसके ऊपर लेट गई।
आकाश ने सोनाली के होंठ चूमते हुए उसे अपने ऊपर से उठाया और उसे खींचकर बेड के किनारे हाथ और पैरों के बल ऊंचा किया। आकाश ने बेड के पास जमीन पर खड़े होकर पीछे से सोनाली की चूत में लण्ड डाल दिया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। आकाश के धक्के इतने जोर के थे की सोनाली उसके हर धक्के के साथ चीख उठती। पूरे कमरे में सोनाली की उत्तेजना की आवाजें गूंज रही थी। सोनाली की ऐसी शानदार चुदाई पहले कभी नहीं हुई थी।
आकाश ने- “आहहह... ऊऊहह..” करते हुए सोनाली के सिर को पकड़ लिया और अपने लण्ड पर दबाने लगा। अचानक आकाश ने उसके सिर को पकड़कर एक जोर का धक्का मारा, तो सोनाली को लगा जैसे आकाश का लण्ड उसका गला फाड़कर पेट में घुस जाएगा, और वो दर्द से छटपटाने लगी। उसने फिर से लण्ड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से अंदर धकेल दिया।
कुछ देर बाद सोनाली को भी अच्छा लगने लगा और उसका बदन अकड़ने लगा और निपलों तनने लगे। सोनाली की चूत से ढेर सारा रस निकलता हुआ उसकी जांघों से होता हुआ उसकी घुटनों को गीला कर रहा था।
आकाश ने अपना लण्ड सोनाली मुँह से निकालते हुए उसे उठाकर बेड पर लेटा दिया। सोनाली ने अपनी टाँगें फैला दी। आकाश सोनाली की चमकती चूत को देखते हुए अपना लण्ड चूत पर रख दिया। सोनाली उसके चहरे को निहार रही थी, मगर उसका सारा ध्यान आकाश के लण्ड पर था की वो कब उसकी चूत की भूख मिटाएगा। उत्तेजना के मारे सोनाली की चूत के होंठ खुल गए। आकाश ने एक जोर का धक्का मारा और पूरा लण्ड सरकता हुआ अंदर तक चला गया।
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सोनाली चीख उठी- “ऊऊऊ... ओफफ्फ़... आहहह..” उसे ऐसे लगा जैसे लण्ड उसके पूरे बदन को चीर कर रख देगा। सोनाली ने अपनी टाँगें आकाश की कमर में जकड़ रखी थी, उसके मुँह से हल्की चीखें निकल रही थी। मगर अपनी टाँगों से वो आकाश को अपनी योनि पे दबा रही थी।
आकाश ने अपना लण्ड बाहर खींचा, उसके लण्ड के साथ सोनाली का पानी भी निकल गया। सोनाली को ऐसा लगा जैसे आकाश का लण्ड पिस्टन की तरह बाहर जाते हुए अपने साथ उसकी चूत के रस को बाहर खींचता हुआ ले जा रहा हो। सोनाली झड़ते ही हाँफने लगी।
आकाश ने धक्के लगाने शुरू कर दिये। कुछ ही देर में सोनाली फिर से गर्म हो गई। आकाश अब सोनाली की चूत से लण्ड निकालकर सीधा लेट गया और सोनाली को ऊपर आने को कहा। सोनाली ने उठते हुए आकाश के लण्ड को देखा। अपने ही रस से भीगा हुआ मोटा लण्ड उसे पागल बना रहा था। सोनाली उसकी कमर के दोनों ओर अपने घुटनों को रखकर अपनी चूत को आसमान की ओर तने लण्ड पर रखा, और फिर अपने हाथों से आकाश के लण्ड को अपनी चूत पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे दबाया, आकाश के लण्ड का कुछ हिस्सा अंदर चला गया। सोनाली के मुँह से हल्की आह निकल गई।
आकाश ने अपने दोनों हाथों से सोनाली की छातियों को थाम लिया और दबाने लगा। सोनाली ने अपना सारा बोझ आकाश पर डालते हुए उसके पूरे लण्ड को अपनी चूत में ले लिया और अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी। आकाश सोनाली की छातियों को जोर से दबाते हुए उसकी एक चूची को मसल देता कभी दूसरी को। सोनाली मजे से ‘आअहह्ह... ओईई... करते हुए अपने चूतड़ को आकाश के लण्ड के टोपे तक ले जाती और अपने पूरे बोझ के साथ नीचे बैठ जाती। वो उत्तेजना के मारे पागल हो रही थी, और आकाश के लण्ड पे तेजी से ऊपरनीचे हो रही थी। अचानक सोनाली आअह्ह... करते हुए आकाश के लण्ड से दूसरी बार झड़ गई और हाँफते हुए निढाल होकर उसके ऊपर लेट गई।
आकाश ने सोनाली के होंठ चूमते हुए उसे अपने ऊपर से उठाया और उसे खींचकर बेड के किनारे हाथ और पैरों के बल ऊंचा किया। आकाश ने बेड के पास जमीन पर खड़े होकर पीछे से सोनाली की चूत में लण्ड डाल दिया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। आकाश के धक्के इतने जोर के थे की सोनाली उसके हर धक्के के साथ चीख उठती। पूरे कमरे में सोनाली की उत्तेजना की आवाजें गूंज रही थी। सोनाली की ऐसी शानदार चुदाई पहले कभी नहीं हुई थी।