26-12-2018, 01:54 PM
बूढ़ा उसकी सारी मनी चाटने लगा और उसकी सारी चूत ऊपर से नीचे तक चाटते हुए साफ कर दिया। आँटी ने बूढ़े को बेड पर पटक दिया और उसके सारे कपड़े निकालने लगी, चड्ढी उतारते ही आँटी का मुँह फटा रह गया, एक पतला और छोटा काला लण्ड उसकी आँखों के सामने था।
आँटी को बहुत गुस्सा आया। मगर जय के प्रमोशन का सोचते हुए कुछ ना बोली और मन ही मन में सोचने लगी- “साला हरामी बूढ़ा इतनी छोटी सी लुली लेकर भी लड़कियों के शौक रखता है...”
बूढ़े ने आगे बढ़कर सोनाली को अपने नीचे दबोच लिया और अपनी लुली उसके मुँह में घुसाने लगा। सोनाली को उसकी लुली से बहुत बदबू आ रही थी।
आँटी ने अपना मुँह जोर से बंद कर दिया और कहा- “मैं इसे नहीं चाहूँगी तुम इसे नीचे घुसाकर अपना काम करो...”
बूढ़े ने गुस्से से कहा- “रंडी अपनी चूत मुझसे चटवाती हो और मेरा लण्ड लेने में नखरे करती हो..” और अपने अपना हाथ से सोनाली की चूची को मसल दिया।
सोनाली के मुँह से चीख निकली और उसका मुँह खुल गया। बूढ़े ने अपना लण्ड उसके मुँह में घुसा दिया और मुँह में लण्ड घुसते ही बूढ़ा काँपने लगा और सोनाली के मुँह में फुस्स हो गया। सोनाली के मुँह से उसका पानी नीचे गिरने लगा। सोनाली ने उसका लण्ड अपने मुँह से निकाला और उसका सारा पानी थूकते हुए बाहर फेंक दिया, और जोर से हँसने लगी।
सोनाली ने कहा- “साले बूढ़े इतना छोटा लण्ड लेकर फिरते हो और लड़कियों का शौक रखते हो, लड़कियों को बड़ा और तगड़ा लण्ड चाहिये, तुम्हारे जैसी लुली नहीं..." बूढ़े ने एक जोर का चांटा सोनाली को मारा तो उसके मुँह से चीख निकल गई और वो चौंक कर नींद से उठ गई। उसका सारा जिश्म पशीने में भीगा हुआ था।
सोनाली ने उठते हुए एक पानी का गिलास पिया और सपने के बारे में सोचकर मुश्कुराने लगी। अभी तो सुबह के 7:00 बजे थे। सोनाली उठकर नहाने चली गई। उसने बाथरूम में आकर अपने कपड़े उतारे और अपने आपको निहारने लगी। वो सपना देखकर बहुत गर्म हो गई थी, उसने शावर ओन किया और ठंडा पानी अपने-अपने जिश्म पर गिरते ही उसे कुछ सुकून मिला।
* * * * * * * * * * सोनाली का सपना समाप्त
आँटी को बहुत गुस्सा आया। मगर जय के प्रमोशन का सोचते हुए कुछ ना बोली और मन ही मन में सोचने लगी- “साला हरामी बूढ़ा इतनी छोटी सी लुली लेकर भी लड़कियों के शौक रखता है...”
बूढ़े ने आगे बढ़कर सोनाली को अपने नीचे दबोच लिया और अपनी लुली उसके मुँह में घुसाने लगा। सोनाली को उसकी लुली से बहुत बदबू आ रही थी।
आँटी ने अपना मुँह जोर से बंद कर दिया और कहा- “मैं इसे नहीं चाहूँगी तुम इसे नीचे घुसाकर अपना काम करो...”
बूढ़े ने गुस्से से कहा- “रंडी अपनी चूत मुझसे चटवाती हो और मेरा लण्ड लेने में नखरे करती हो..” और अपने अपना हाथ से सोनाली की चूची को मसल दिया।
सोनाली के मुँह से चीख निकली और उसका मुँह खुल गया। बूढ़े ने अपना लण्ड उसके मुँह में घुसा दिया और मुँह में लण्ड घुसते ही बूढ़ा काँपने लगा और सोनाली के मुँह में फुस्स हो गया। सोनाली के मुँह से उसका पानी नीचे गिरने लगा। सोनाली ने उसका लण्ड अपने मुँह से निकाला और उसका सारा पानी थूकते हुए बाहर फेंक दिया, और जोर से हँसने लगी।
सोनाली ने कहा- “साले बूढ़े इतना छोटा लण्ड लेकर फिरते हो और लड़कियों का शौक रखते हो, लड़कियों को बड़ा और तगड़ा लण्ड चाहिये, तुम्हारे जैसी लुली नहीं..." बूढ़े ने एक जोर का चांटा सोनाली को मारा तो उसके मुँह से चीख निकल गई और वो चौंक कर नींद से उठ गई। उसका सारा जिश्म पशीने में भीगा हुआ था।
सोनाली ने उठते हुए एक पानी का गिलास पिया और सपने के बारे में सोचकर मुश्कुराने लगी। अभी तो सुबह के 7:00 बजे थे। सोनाली उठकर नहाने चली गई। उसने बाथरूम में आकर अपने कपड़े उतारे और अपने आपको निहारने लगी। वो सपना देखकर बहुत गर्म हो गई थी, उसने शावर ओन किया और ठंडा पानी अपने-अपने जिश्म पर गिरते ही उसे कुछ सुकून मिला।
* * * * * * * * * * सोनाली का सपना समाप्त