05-10-2022, 08:35 PM
(This post was last modified: 23-10-2022, 11:18 PM by luvnaked12. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पार्ट ११: नदीम चाचा
मैंने डरते हुए दरवाजे key - hole से देखा, हरीश बहार हाफ्ते हुए खड़ा था. मैंने दरवाजा खोला, रूम की बत्ती ऑफ ही थी, अच्छा था, मैं अँधेरे मैं सब छुपाना चाहती थी. हरीश अंदर आ गया, वह पसीने से लटपट पूरा भीगा था . मैंने दरवाजा फिर से ठीक से बंद कर दिया, मैं पीछे जाकर हरीश को लिपट गयी. उसकी छाती को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर कहा - हरीश आई ऍम सॉरी , मैं तुज़से बहुत प्यार करती हूँ . हरीश ने मुझे खींच कर अपनी बाँहों मैं भर लिया मैं उसको लिपट कर जोर से रोने लगी. वह मुझे शांत करने लगा, बोला - मैं भी तुम से बहुत प्यार करता हूँ संध्या , प्लीज चुप हो जावो , गलती मेरी हैं . और मेरी आंखें पोंछने लगा और चुप कराने लगा. मैंने उससे कहा, जल्दी सो जाते हैं हरीश, कल सुबह हमें कम्पटीशन के लिए जाना हैं. मैं बिस्तर पर लेट गयी, हरीश ने अपने सरे कपडे उतर दिए , और पूरा नंगा होकर मेरी बाजू लेट गया. मैं उसके बाँहों मैं चली गयी और सो गयी.
दूसरे दिन हम जल्दी सुबह सात बजे उठे, और तैयार हो कर ९ बजे कम्पटीशन के जगह चले गए. हरीश ने ३ इवेंट्स की रेस मैं भाग लिया था - २०० M , 400m , 800m , और तीनो रेस में वह जीत गया और गोल्ड मेडल जित लिया . हर रेस के जीतने के बाद वह दौड़ कर मेरी तरफ आता , मुझे प्यार से पकड़कर ऊपर उठाता और चुम लेता . सब खिलाडी उसे जल भूनकर देखते , उसके लिए मैं एक बड़ी ट्रॉफी थी.
जब हम वापिस होटल आये, नदीम वही रेसप्शन पर बैठा था . वह मुझे घर घर का गन्दी वासना भरी नजरों से बलात्कार कर रहा था. मैं हरीश के पीछे छुप गयी. हम रiत भर वहा रहकर दूसरे दिन सुबह जाना था.
मुझे बार बार रात की घटना याद आ रही थी , दुखी कर रही थी, और खुद पर गुस्सा भी आ रहा था. मैंने दरवाजा क्यों खुला रखा ? मैंने नदीम को हरीश कैसे समाज लिया ? सब मेरी गलती थी .. मेरे आँखों से अभी भी आंसू आ रहे थे..हरीश ने कहा - जानू आई ऍम सॉरी ..मुझे पता नहीं था कल की बात का तुम्हे इतना बुरा लगेगा . मैंने उससे कहा - अब में तुमसे बिल्कुन नाराज नहीं हूँ, बस ऐसे ही .. लाइट मत जलाओ , बस ऐसे अँधेरे मैं तुम मेरे पास आ जाओ . हरीश मुझे पास पकड़कर, चूमने लगा , मेरे कपडे निकालने लगा , बहुत जल्दी हम दोनों नंगे थे , हमने तब से लेकर रात भर बहुत प्यार किया. हरीश ने कम से कम मुझे ४-५ बार चोद ही डाला था, मैं भी अपने गुस्से में उससे चुदते चली गयी. हरीश की प्यार और काम क्रीड़ा की प्रहार से खुद का गुस्सा शांत कर रही थी. बेखबर हरीश खुश था, में उसको पूरा सात दे रही थी.
दोस्तों जब कभी किसी लड़की पर जबरदस्ती होती हैं तब उसके मन और आत्मा पर भारी आघात होता हैं और दर्द के घाव जिंदगी भर की लिए उमट जातें हैं. मुझे बार बार नदीम का गन्दा, भद्दा चेहरा और नंगा बदन और उसका हिंसक रूप आँखों के सामने दिखाई देता . आगे की जिंदगी में , मैं बहुत ज्यादा मजबूत हो गयी. बहार की दुनिया से बची रही, पर फिर से ऐसी घटना होने से रोक नहीं पायी. आगे मेरे सात मेरी जिंदगी ने फिर से दो बार ऐसे खेल खेला और खेल खेलने वाले बहार के नहीं बल्कि घर की चार दीवारी में रहने वाले मर्द थे . यह कैसे हुआ , क्यों हुआ, कब हुआ, सब बाद में घटना क्रम के हिसाब से बताउंगी .
दूसरे दिन हम फिर से कॉलेज , हँसते, खेलते , छेड़-छाड़ करते बाइक से वापस आ गए. पर मेरा मन अभी भी शांत नहीं था. में २ दिन कॉलेज गयी , हरीश से मिलती , पर शाम को उसको मिलने नहीं गयी. तबियत ठीक नहीं का बहाना बनाया .
दोस्तों आप सब को दशहरे की खूब शुभ कामना . बहुत तरक्की करे , प्यार करे , सेक्स का मजा उठाते रहे.. आपकी जिंदगी में हमेशा भरपूर धन, प्यार , सेक्स हो यही मेरी सच्ची शुभ कामना .
आपकी अपनी संध्या
मैंने डरते हुए दरवाजे key - hole से देखा, हरीश बहार हाफ्ते हुए खड़ा था. मैंने दरवाजा खोला, रूम की बत्ती ऑफ ही थी, अच्छा था, मैं अँधेरे मैं सब छुपाना चाहती थी. हरीश अंदर आ गया, वह पसीने से लटपट पूरा भीगा था . मैंने दरवाजा फिर से ठीक से बंद कर दिया, मैं पीछे जाकर हरीश को लिपट गयी. उसकी छाती को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर कहा - हरीश आई ऍम सॉरी , मैं तुज़से बहुत प्यार करती हूँ . हरीश ने मुझे खींच कर अपनी बाँहों मैं भर लिया मैं उसको लिपट कर जोर से रोने लगी. वह मुझे शांत करने लगा, बोला - मैं भी तुम से बहुत प्यार करता हूँ संध्या , प्लीज चुप हो जावो , गलती मेरी हैं . और मेरी आंखें पोंछने लगा और चुप कराने लगा. मैंने उससे कहा, जल्दी सो जाते हैं हरीश, कल सुबह हमें कम्पटीशन के लिए जाना हैं. मैं बिस्तर पर लेट गयी, हरीश ने अपने सरे कपडे उतर दिए , और पूरा नंगा होकर मेरी बाजू लेट गया. मैं उसके बाँहों मैं चली गयी और सो गयी.
दूसरे दिन हम जल्दी सुबह सात बजे उठे, और तैयार हो कर ९ बजे कम्पटीशन के जगह चले गए. हरीश ने ३ इवेंट्स की रेस मैं भाग लिया था - २०० M , 400m , 800m , और तीनो रेस में वह जीत गया और गोल्ड मेडल जित लिया . हर रेस के जीतने के बाद वह दौड़ कर मेरी तरफ आता , मुझे प्यार से पकड़कर ऊपर उठाता और चुम लेता . सब खिलाडी उसे जल भूनकर देखते , उसके लिए मैं एक बड़ी ट्रॉफी थी.
जब हम वापिस होटल आये, नदीम वही रेसप्शन पर बैठा था . वह मुझे घर घर का गन्दी वासना भरी नजरों से बलात्कार कर रहा था. मैं हरीश के पीछे छुप गयी. हम रiत भर वहा रहकर दूसरे दिन सुबह जाना था.
मुझे बार बार रात की घटना याद आ रही थी , दुखी कर रही थी, और खुद पर गुस्सा भी आ रहा था. मैंने दरवाजा क्यों खुला रखा ? मैंने नदीम को हरीश कैसे समाज लिया ? सब मेरी गलती थी .. मेरे आँखों से अभी भी आंसू आ रहे थे..हरीश ने कहा - जानू आई ऍम सॉरी ..मुझे पता नहीं था कल की बात का तुम्हे इतना बुरा लगेगा . मैंने उससे कहा - अब में तुमसे बिल्कुन नाराज नहीं हूँ, बस ऐसे ही .. लाइट मत जलाओ , बस ऐसे अँधेरे मैं तुम मेरे पास आ जाओ . हरीश मुझे पास पकड़कर, चूमने लगा , मेरे कपडे निकालने लगा , बहुत जल्दी हम दोनों नंगे थे , हमने तब से लेकर रात भर बहुत प्यार किया. हरीश ने कम से कम मुझे ४-५ बार चोद ही डाला था, मैं भी अपने गुस्से में उससे चुदते चली गयी. हरीश की प्यार और काम क्रीड़ा की प्रहार से खुद का गुस्सा शांत कर रही थी. बेखबर हरीश खुश था, में उसको पूरा सात दे रही थी.
दोस्तों जब कभी किसी लड़की पर जबरदस्ती होती हैं तब उसके मन और आत्मा पर भारी आघात होता हैं और दर्द के घाव जिंदगी भर की लिए उमट जातें हैं. मुझे बार बार नदीम का गन्दा, भद्दा चेहरा और नंगा बदन और उसका हिंसक रूप आँखों के सामने दिखाई देता . आगे की जिंदगी में , मैं बहुत ज्यादा मजबूत हो गयी. बहार की दुनिया से बची रही, पर फिर से ऐसी घटना होने से रोक नहीं पायी. आगे मेरे सात मेरी जिंदगी ने फिर से दो बार ऐसे खेल खेला और खेल खेलने वाले बहार के नहीं बल्कि घर की चार दीवारी में रहने वाले मर्द थे . यह कैसे हुआ , क्यों हुआ, कब हुआ, सब बाद में घटना क्रम के हिसाब से बताउंगी .
दूसरे दिन हम फिर से कॉलेज , हँसते, खेलते , छेड़-छाड़ करते बाइक से वापस आ गए. पर मेरा मन अभी भी शांत नहीं था. में २ दिन कॉलेज गयी , हरीश से मिलती , पर शाम को उसको मिलने नहीं गयी. तबियत ठीक नहीं का बहाना बनाया .
दोस्तों आप सब को दशहरे की खूब शुभ कामना . बहुत तरक्की करे , प्यार करे , सेक्स का मजा उठाते रहे.. आपकी जिंदगी में हमेशा भरपूर धन, प्यार , सेक्स हो यही मेरी सच्ची शुभ कामना .
आपकी अपनी संध्या