Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
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Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
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Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
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1 4.35%
Kisi maard ko mana nahi kare
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1 4.35%
Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
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bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
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Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३७ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part ३)
#14
स्टोरी अपडेट - ८ 

दोस्तों यह बात सच हैं की हरीश और मैं कई बार ओरल सेक्स कर चुके थे . हरीश को मेरे चूत के ओंठ मतलब (वैजिनल लिप्स) चूसने मैं भी बहुत मजा आता था . यह भी सच हैं की यह ओंठ चुत की सील फटने की वजह से होते हैं .. अब विवेक के मोटे तगड़े लण्ड ने मेरी सील को तोड़ मरोड़ के ऐसे मेरी ज़िल्ली फाड़ दी थी की मेरी चुत के लिप्स एक खूबसूरत  फूल की तरह लगते थे .  


हरीश ने इतनी बार मेरी चुत चाटी और देखी और उसको पता था की मैं वर्जिन नहीं हूँ . उसको मेरी फटी झिल्ली साफ दिखाई देती और वह उसको बड़ी प्यार से चाटता और चूसता . उसे इस बात से फरक नहीं पड़ता की मैं वर्जिन या कुंवारी नहीं थी . हम प्यार का इजहार करते, पर कभी एक -  दूसरे से कभी  शादी या किसी बंधन का वादा  नहीं करते . ना ही कभी हरीश ने मुझे मेरे विर्जिनिटी या टूटी सील का राज पूछा न ही मैंने कभी उसका पास्ट पूछने की कोशिश की.. हम सिर्फ आज मैं जीना चाहते थे और बहुत खुश थे . 

हरीश ने मुझे बाँहों मैं ले लिए था .. संध्या तुम इतनी सुन्दर हो . यह सरप्राइज मैंने कभी नहीं सोचा .. आई लव यू 

मैंने लाल कलर की खूबसूरत सारी  पहनी थी , जो मैंने कॉलेज की फंक्शन्स के लिए घर से लेकर आयी थी . वह डिज़ाइनर सारी थी और थोड़ी ट्रांसपेरेंट जिससे मेरा स्लीवलेस बैकलेस ब्लाउज साफ़ दिखता था . मैंने सारी एकदम नीचे लो वैस्ट पहनी थी . मेरी कमर के काफी नीचे और मेरी चुत से थोड़ा ऊपर . मैंने मेरे झाटें साफ़ राखी थी नहीं तो इस सारी के ऊपर सब को मेरी झाटें जरूर दिख जाती. सारी के ऊपर मेरी नाभि और पेट खुला था. खैर झाटों से मैं बच गयी पर अपनी गांड की दोनों कूल्हों की चिर को छुपा ना सकी. मैंने सिर्फ पेटीकोट पहना था और अंदर कोई पैंटी नहीं पहनी थी. मैंने मेरे लिप्स पर लाल रंग की लिपस्टिक लगा राखी थी, आँखों मैं मस्कारा और एक बड़ी लाल रंग की बिंदी  भी लगा ली थी . मैंने अपने बाल खुले रखे थे और अपने बालों मैं एक बड़ा सा मोगरे का गजरा भी लगा लिया था , जो मैंने पहले ही कॉलेज के मंदिर के बहार खरीद लिया था . मुझे पता था की यह सब मेहनत  बेकार जाने वाली हैं क्यूंकि ५ मिनट मैं हरीश मुझे नंगा कर देगा ..पर वह ५ मिनिट भी बेशुमार कीमती थे. मेरे इस रंग रूप को देखकर हरीश मदहोश हो गया और उसका खड़ा लुंड मेरी गांड पर चिपक गया . हरीश ने मुझे खींच कर बाँहों मैं ले लिए और मुझे जोर जोर से किस करने लगा , मेरे ओंठों को चूसने लगा .उसने मेरे खुली गांड की दरार पर हाथ फेरा और मेरी गांड हाथों से दबा के मसल दी . वह बार बार मेरे बालों को और मेरे गजरे सूंघता  और अपनी उंगलितों से गजरे पर लगे मोगरे के फूलों  को तोड़ मरोड़ देता . मेरा स्लीवलेस और बैकलेस ब्लाउज़ उसे पागल कर रहा था .. वह मेरी बगल और पीठ को चुम रहा  था और चाट रहा था . मैंने उसका टी शर्ट निकल दिया और उसकी बरमूडा भी ..वह  अब मेरे सात बिलकुल नंगा था . क्या सन  था - मैं बिलकुल एक दुल्हन की तरह कपडे मैं थी और वह पूरा नंगा होकर मुझे प्यार कर रहा था . उसे मेरे कपडे निकालने मैं कोई जल्दी नहीं थी . हरीश बोला - मेरी जान तुम इस कपड़ों मैं जन्नत की पारी लग रही हो , कोई भी मर्द आज तुम्हे प्यार करने से नहीं रोक पाता ..वह मेरे पीठ पर किस करते करते निचे  कमर तक गया और फिर मेरी गांड की दरार को चाटने लगा ... उसने मेरी पेटीकोट और सारी और भी नीचे सारखा दी.. ताकि मेरी गांड की दरार को और भी  नीचे चाट सके .. वह मेरी गांड को चाट रहा था, काट भी रहा था .. फिर उसने मुझे बेड पर सुला दिया .. और मेरी सारी और पेटीकोट खोल कर अपना सर अंदर डाल दिया ... वह मेरी जंघे चाट रहा था , काट रहा था .. मेरे जांघें  फैला कर मेरी चुत के अजु बाजु काट रहा था , चाट रहा था और चूमी ले रहा था . उसने सर बहार निकल लिया और मेरे ब्लाउज़ को नीचे खींच लिया .. मैंने कोई ब्रा नहीं पहनी थी .. वह मेरे दोनों आम पकड़ कर चूसने लगा .. मेरी निप्पल्स चूसने लगा और काटने लगा  ..  फिर एक झटके मैं उसने मरा ब्लाउज़ निकाल दिया और सारी भी पेटटीकट के सात  नीचे खिसका कर निकाल दी .. अब मैं मेरे हरीश की बाँहों मैं पूरी नंगी थी और उससे चुदने का इंतजार करने लगी .. मेरी चुत गिल्ली हो गे थी .. वो हरीश के लण्ड  का स्वागत करने के लिए ख़ुशी से पाणी बहा रही थी. हरीश का  मुसलदार लण्ड मेरे चुत के दाणे को रगड़ रहा था . हरीश ने भी ना आव देखा ना ताव .. उसके लण्ड के सुपडे को मेरी चुत की मुँह पर  सटा दिया और एक जोरदार धक्का लगा दिया .. मैं जोर से दर्द से करहा उठी .. उह माँ .. उसका लण्ड अभी आधा ही गया था . विवेक के बाद ६ महीने के बाद सेक्स कर रही थी, इन ६ महीनो मैं मेरी चुत बिना लण्ड  के टाइट हो गयी थी , हरीश ने कहा सब्र करो डार्लिंग .. शरू मैं दर्द होगा..फिर मजा आएगा ..वह मेरे ओंठ चूसने लगा और दूसरे हातों से मेरे मम्मे दबाने लगा . मैं फिर से उत्तेजित हो गयी और हरीश की गांड अपने दोनों हाथों  से  पकड़ कर खुद के ऊपर खींच लिया .  हरीश आह कर के कसमसा गया .. उसका पूरा लण्ड मेरी टाइट चुत मैं प्रवेश कर गया था ..हरीश बोला ..मेरी जान ..तेरी चुत कितनी टाइट और कसी हुई हैं..  लगता हैं मेरा लण्ड अपने भट्टी की आग में जला देगी. मैंने कहा-  नहीं मेरे राजा देखो  अभी इस भट्टी से में कैसे तेरे लण्ड को सकून देती हूँ . मेरी चुत बहुत गिल्ली थी और अपना पाणी बहाकर उसके लण्ड का प्रवेश का इंतजार कर रही थी.  हरीश का लण्ड एक बड़े केले जैसे  था और मेरे दाणे से भी रगड़ रहा था . इसके कारन मेरी चुत बहुत गरम हो गयी और उत्तेजित भी.. हरीश का लुंड मुझे हर जगह अंदर से छू रहा था और मैं  बेबस हो गयी थी . हरीश मेरे पैर ओर भी  ऊपर कर दिये और मेरी छाती पर चिपका दिये.. जिससे मेरी चुत और भी खुल गयी और उसका लण्ड आसानी से पूरा अंदर चला गया .. मैं फिर से  कन्हा उठी .. हाई मेरे राजा .. मiर डालोगे क्या .. हरीश ने बड़ी कमीनी नजरों से मुस्कराते कहा .. नहीं रानी मैं तुझे मरने नहीं दूंगा .. सूत सहित तेरा प्यार वापस लौटाऊंगा .. मेरा ही तीर मेरे ऊपर उलट आया था अब.मैंने भी उसको पकड़ के चूमना शुरू किया और उसकी गर्दन पर जोर से चूमकर / चूस कर एक बड़ा निशान बना दिए .. हरीश इससे  और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया और मुझे जोर जोर से चोदने लगा .. मेरी चुत का बांध अब टूट गया और मैं जोर से ाआअह  कर के झड़ गयी .. मेरी चुत से बहुत सारा पानी निकल गया .. जिससे हरीश के लुंड को और भी आसानी हो गयी .. हरीश अभी भी नहीं झाड़ा था. वो कुछ देर रुक गया और मेरी निप्पल्स को प्यार से चूसने लगा . मैं भी शांत हो गयी थी ..पर मेरे हाथ हरीश के सर पर उसके बालों को सहला रहे थे , उसके पीठ पर घूम रहे थे और उसकी गांड भी सहला रहे थे . बड़ा ही प्यारा,  कोमल और सेंसुअल सिन था . हरीश ने धीरे से मेरी जीभ चूसना शुरू किया और फिर मुझे भी उसकी गिल्ली जीभ चूसने दी .. उसकी गिल्ली जीभ चूसने मैं बाद मजा आ रहा था .. मुझे लग रहा था की जैसे मैं उसकी जीभ नहीं , उसका लण्ड चूस रही हूँ , और उसका दूसरा लण्ड मेरी चुत मैं फुफकार रहा था .. हमारे बीच में  बड़ा ही संवेदलशील और कामुक सम्भोग हो रहा था. मैं अब फिर से गरम हो गयी और उत्तेजित भी . हरीश मुझे अपने लण्ड से धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहा था . उसके टट्टे मेरी चुत के नीचे टकरा रहे थे . उसके लण्ड के  धक्के कभी रुके नहीं थे .. एक स्पोर्टमैन होने की वजह से गजब का स्टैमिना और कण्ट्रोल था .. उसका कण्ट्रोल तभी छूटता जब मैं उसका पूरा लण्ड अपने गले तक मुँह मैं लेती.

मैंने अब उत्तेजना मैं अपने हातों से उसके बाल पकड़ लिए और उसको खींच कर फिर से उसके लिप्स चूसने लगी .. मेरी इस हरकत से वह गरम हो गया और जोर से  धक्के मारने लगा .. अब वह उसका पूरा लण्ड बहार निकाल कर फिर से पूरा अंदर घुसेड़ देता . वह अपने फौलादी लण्ड से बड़े और फुल स्ट्रोक मार कर मेरी चुत पेल रहा  था . मैं इससे और भी उत्तेजित हो गयी.. मैं उसकी छाती को किस करने लगी और जोर से उसके निप्पल्स और छाती को चूसने लगी ... वह और भी कामुक हो गया ..गालिया देने लगा .. ले रानी पूरा लण्ड ले ले .. आज तेरी चुत मैं अपना पाणी डाल दूंगा .. बोल तैयार हो ? मैंने कहा हाँ मैं पूरी तैयार हूँ .. हरीश बोलै .. मेरे बच्चे की माँ बन जाएगी ... मैंने कहा हाँ .. तेरे  १५ - २० बच्चों की माँ बन जाऊंगी .. वह अब हाफ रहा था .. करीब  एक घंटे से मुझे चोद रहा था .. मैं एक बार झाड़ गयी  थी और अब दूर बार झड़ने को तैयार थी .. मैं उसकी छाती को चाट रही थी..मैंने उसके निप्पल्स  को जोर से चूसा और अपने दातों से काट लिया .. वह जोर से चिल्लाया .. कामिनी .. ले ले ..पूरा पानी पी ले ..और जोर से मेरी चूत में उसके लुंड ने  कई झटके देकर पाणी की फंवारें छोड़ दिया  .. आह .. आह कर के मैं गिनती रही..हर एक झटके से उसके लण्ड का गरम लावा मेरे चूत मैं जाता रहा .. हरीश क़े मोटे लम्बे जहरीले  नाग ने अपना जहर मेरी चुत मैं उगल दिया था  इसी वक्त मेरी चुत भी फिर से  झड़ गयी थी और जोरदार पानी छोड गयी थी ..हरीश मदमस्त होकर मेरे ऊपर लेट गया ..उसने अभी अपना लण्ड बहार नहीं निकाला था .. मैं भी शांत  हो कर  उसको कस के पकड़कर उसके बालों पर हात फेर रही थी . उसका गरम वीर्य मेरी चुत को अंदर तक सेंक रहा था . थोड़ी देर तक हम वैसे  ही एक दूसरे की बाँहों मैं नंगे पड़े रहे, हरीश का लुंड भी सिकुड़ कर मेरी चुत से बहार आ  गया था .. हरीश ने मेरा चेहरा अपने दोनों हातों मैं ले लिया..मेरे सर पर पप्पी ली... और कहा . आई लव यू बेबी .. मैंने भी उसको हलके से किस कर लिया और बोला - आई लव यू  टू. फिर वह मेरे ऊपर से उठकर बाजु मैं लेट  गया ..मैं भी उसके बाँहों मैं अपना सर रख कर सो गयी .

दोस्तों इस तरह आखिर में  तीन महीनों  के इंतजार का बाद हम एक हो गये थे  ..हमारा मिलन हो गया था .  हमारे बीच का सम्भोग सिर्फ कामुक ही नहीं सवेदनशील भी था .. उसमे प्यार भी था .. जो कोई अपेक्षा नहीं रखता था .

दोस्तों आगे की कहानी के लिए लाइक्स कीजिये ...  क्या हरीश और मेरा प्यार सच्चा था ?  क्या राजवीर के बारे मैं मेरे दिमाग मैं गलत ख्याल आना गलत था ?  क्या मैं हरीश सको धोका दे रही थी ?आगे क्या हुआ और हमारा रिश्ता कैसे रहा यह  सब जानने के लिए कमैंट्स जरूर दे .. लिखे ओर  रेटिंग्स भी जरूर दे ..

आपकी संध्या 
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RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by Chut chatu - 10-11-2024, 11:10 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 12-11-2024, 02:13 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
क्या करू -- मैं बहक जाती हूँ (part 8 updated today) - by luvnaked12 - 02-10-2022, 11:40 PM



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