Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
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Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
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Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
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Kisi maard ko mana nahi kare
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Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
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bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
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Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३७ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part ३)
#13
स्टोरी अपडेट - ७

मेरी ओर हरीश का लव अफेयर चालू हो गया था ओर पूरी कॉलेज  को पता चल गया  था .  मैं रोज हरीश से मिलने प्लेग्राउंड जाती, फिर हम बगीचे मैं प्यार करते ओर वह रोज मुझे हॉस्टल तक चलके छोड जाता. मुझे अब हरीश की पसीने  से गीली बॉडी ओर उसकी महक की एडिक्शन हो गयी थी . पर हमें सेक्स करने के लिए सही जगह नहीं मिल रही थी, ना उस समय आज के जैसे कपल फ्रेंडली होटल्स थे ओर बहार सुनसान जगह बहुत रिस्की होता था, मवाली लड़के घूमते फिरते थे .. हम दोनों रोज बातें करते की कैसे अकेले मैं हमें कुछ मिल पल मिल जाये ओर हम दोनों का मिलन सही मायने से हो जाये. मैं भी हरीश से चुदने के लिए बेताब थी , ओर हरीश का नाग भी मेरी बिल मैं विष घोलने को बेताब था. 

मेरे क्लास मैं अब सब लड़कों से अच्छी दोस्ती हो गयी थी . सब मुझे हरीश के नाम से चिढ़ाते ओर मजाक करते थे .राजवीर पंजाब के भटिंडा से सरदार परिवार से था .. वह भी एक हॉकी प्लेयर था , बहुत मजाकिया ओर हसमुख स्वाभाव का था .  हत्ता कट्टा सरदार , गोरा चिटा ओर बालों वाला बदन , ओर ऊपर पगड़ी ओर हलकी दाढ़ी , बहुत मरदाना लगता था . हमेशा मुझे हरीश के नाम से छेड़ता था . कोई भी बात बेझिझक बोल देता बिना कुछ सोचे समजे ओर उसकी यही बात मुझे पसंद थी . ऐसे मर्द सच्चे होते हैं - मन मैं कुछ नहीं रखते . सब के सामने क्लास मैं बिंदास हमेशा मुज़से कहता था - क्या यार तेरे जलवे सिर्फ हरीश के लिए , मुझे भी एक किस दे दे , मैं हंस कर - जा पगले - कह कर  टाल देती..एक दिन क्लास मैं सबके सामने बोला - क्या यार हरीश के सात इतना टाइम स्पेंड करती हो . कुछ टाइम मेरे लिए भी निकाल दे , मैंने भी पूछा - तुझे टाइम दिया तो क्या करेगा , बिंदास हो कर राजवीर बोला - सब कुछ दूंगा, तुझे खुश कर दूंगा .मैंने भी उसे हंसकर - चुप हरामी गाली दी ओर चली गयी वो मेरा अच्छा दोस्त बन गया था , पर उसकी शरारत कभी नहीं रुकती. मुझे अब कॉलेज के लड़को की फ़्लर्ट की आदत पद  गयी  थी.  सिर्फ राजवीर ही नहीं , कई दोस्त मुज़से मजाक मैं ऐसे फ़्लर्ट करते थे . सब से ज्यादा फ़्लर्ट 3rd  ओर 4th (फाइनल) ईयर के लड़के करते , उनके कॉलेज के आखरी साल बचे रहने से वो  लड़की को पटाने के लिए डेस्पेरेट हो जाते है 

तभी सितम्बर महीना आया ओर भगवन ने जैसे मेरी सुन ली . कॉलेज के स्पोर्ट्स इवेंट्स चल रहे थे , ओर हरीश को इंटरकॉलेज स्पोर्ट कम्पटीशन के लिए करीब के सिटी मैं २ दिन के लिए जाना था . कॉलेज उसको होटल ओर खाने पीने का अलाउंस दे रही थी .हरीश ने जिद  की  की मैं भी उसके सात जाऊ ओर दोनों एक कमरे मैं एक होटल मैं रहेंगे. पर मेरे पास हॉस्टल वार्डन को २ दिन बहार जाने के लिए कोई बहाना नहीं था. हमें कोई मार्ग नहीं मिल रहा था . अब हरीश को जाने के लिए सिर्फ २ दिन रह गए थे ओर मेरे पास कोई पालन नहीं था. पर भगवन ने मेरी सुन ली ओर  उस रात पता चला की वार्डन साहिबा दूसरे दिन गांव जाने वाली हैं, उनकी माँ की तबियत अचानक ख़राब हो गयी ओर वो हॉस्पिटल मैं दूसरे शहर मैं एडमिट हैं. हम खुश हो गए , मैंने मेरी रूम पार्टनर  अनीता को  पहले से पटा लिया  था , वह सब से  क्लास मैं कहेगी की मेरी तबियत ठीक नहीं हैं, मैं आराम कर रही हूँ . ओर हॉस्टल के peon  को हरीश ने पैसे देकर पटा लिआ ओर उसने एडवांस मैं ही रजिस्टर पर मेरी अटेंडेंस लगा दी . दूसरे दिन मैंने बैग मैं सिर्फ ब्रश ओर जरुरी सामान रखा, एक एक्स्ट्रा कपडा,ओर एक दो स्पेशल कपडे (जो मैं आपको बाद मैं बताउंगी )  ओर कॉलेज के बहाने चुप चाप मैं गेट से बहार चली गयी . कुछ दुरी पर हरीश अपनी बाइक पर मेरा वेट कर रहा था . रास्ता सिर्फ ४ घंटे का था , इसलिए हम दोनों  ने बाइक से जाने का प्लान बना लिया. हरीश के पास रॉयल एनफील्ड की बुलेट थी , उस ज़माने मैं बहुत कम लोग अफ़्फोर्ड कर सकते थे . मैं हरीश के पीछे चिपक कर बैठ गयी ओर हरीश ने गाड़ी मुख्य रोड पर ले ली 

हरीश ने टी शर्ट ओर जीन्स  पहना था ओर मैंने भी टी शर्ट ओर जीन्स ही पहनी थी .. अब मैं हरीश के सात शरारत करने लगी .. रोड खाली   था , ओर हरीश के हात हैंडल पर बिजी थे पर मेरे हात खाली थे ,  मैंने हरीश को कस कर पीछे से पकड़ लिआ ओर मेरे बूब्स उसके पीठ पर रगड़ दिए ,, वह सिसक गया - बोला - जानेमन मस्ती मत कर, मुझे रोड पर ध्यान देने दे .. मैंने कहा .. फिर दो ना ध्यान .. मैंने कब मना किआ ओर मैंने मेरे हात उसके टी शर्ट को ऊपर कर के अंदर डाल दिए ओर उसके चेस्ट के बालों से खेलने लगी ..वह बोला रुक जा तू - तेरे से इंटरेस्ट के सात सब वसूल करूँगा, बंद कमरे मैं . मैंने कहा - कर लेना सब वसूल - ओर मैंने जोर से उसके दोनों निप्पल्स अपने ऊँगली से दबा दिए . वह जोर से.. आह .. कमीनी . मार डालेगी क्या .. मैंने कहा - नहीं जानू  -  ऐसे कैसे तुझे मरने दूंगी .. ओर फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किआ ओर जीभ फिरा कर उसको प्यार से चाटने लगी .. उसके कान भी  धीरे से चबाये .. उसको सब अच्छा लग रहा था पर .. जानबूझ कर नखरे कर रहा था .. मैंने  अब अपने हाथ उसके पेट पर फेरना चालू किआ ओर उसकी नाभि से खेलती रही .. ओर धीरे से हाथ उसके जीन्स के ऊपर उसके लण्ड पर रख दिया .. उस्का लण्ड बहुत टाइट ओर खड़ा हो कर फनफना रहा था ..टाइट जीन्स की वजह से मैं उसके जीन्स के अंदर हाथ नहीं डाल पा रही थी .. मैंने धीरे से उसकी जीन्स की ज़िप खोल दी ओर अपना हाथ अंदर डाल दिया .. उसके खड़े लण्ड की वजा से उसकी निकर बहुत टाइट थी - मुझे उस पोजीशन में उस्का लण्ड बहार निकालना मुश्किल हो रहा था . मैं वैसे हे उसके लण्ड  को बहार से सहला ओर दबा रही थी. इस बीच कुछ कार ओर ट्रक वाले भी हमें क्रॉस कर के आगे गए .. बड़ी सावधानी बरतनी पड़ी .. हरीश बोला - मन कर रहा है तुझे यही रास्ते में उतार  कर  बीच सड़क पर नंगा कर के चोद दू .. मैंने प्यार से उसे कस कर पकड़ लिया ओर उसकी गर्दन को चूमकर बोली - में मना नहीं करुँगी तुझे मेरी जान .
हम एक ढाबे पर खाना खाने रुक गए .. वहा पर कुछ खटिया भी पड़ी थी .. वहा सीमेंट की टंकी पर वाटर पंप चल रहा था .. हम वहा हात पाँव  धोने - गए .. वहा कुछ सरदारजी ट्रक वाले नहा भी रहे थे .. पानी बहुत ठंडा था .. फ्रेश हो गयी ..हरीश वहा बाथरूम मैं सुसु - पेशाब  करने चला गया . तभी सामने  मुझे एक हट्टा कट्टा मोटा सरदार नहाते नजर आया ओर  वो अपनी बॉडी पर साबुन लगा था , मुझे अकेली देखकर वह कमीने अंदाज मैं मुस्कराया ओर उसने अपनी गीली निकर निचे खिसका दी ओर अपने  लण्ड को साबुन लगाने लगा. वह अच्छा गोरा चिट्टा था ओर उसके सारे बदन पर काले काले बाल थे .. उस्का लण्ड देखकर मेरी ऑंखें फटी की फटी रह गयी .. इतना बड़ा लण्ड मैंने कभी देखा नहीं था .. मैं शर्मा कर वहा  से  भाग आयी. हमने दोनों ने खाना  खाया ओर फिर से बुलेट पर चल दिए .. अब सिर्फ एक घंटे का सफर बाकी था . 
में फिर से बाइक पर बैठ गयी .पर अब  मेरी चुत नंगे सरदार को देखकर बहुत गिल्ली हो गयी थी . मुझे बार बार सरदारजी का नंगा बदन ओर उस्का भयंकर लण्ड दिखाई देता .. ओर राजवीर का भी चेहरा आँखों मैं आता .. क्या राजवीर का  भी लण्ड ऐसे ही होगा  ? मेरे दिमाग मैं अब राजवीर को लेकर गंदे ख्याल आने लगे थे  - मेरे दिमाग मैं राजवीर की नंगी तस्वीर बनना शुरू हुई .  

मैंने उसी उत्तेजना मैं फिर से हरीश के जीन्स की ज़िप खोल दी .. ओर मेरा हाथ में सीधा उस्का नंगा तना हुआ लण्ड आ गया . मैं सकपका गयी ..अरे यह क्या .. हरीश जोर जोर से हसने लगा . अब खेलो राणी ..जितना जी चाहे खेल मेरे लण्ड से .. कमीनी तुझे अब ऐसे चोदूंगा  रूम ले जाकर , तू भी यद् रखेंगी .. हरीश ने ढाबे के बाथरूम मैं पेशाब करते वक्त अपनी निकर निकाल दी थी ताकि मुझे आसानी हो. मैं भी यही चाहती थी . मेरे दिल की बात हरीश तक अपनेआप पहुँच जाती थी . मैं अपने दोनों हातों से हरीश के लण्ड से खेलने लगी .. उस्का इतना बड़ा लण्ड किसी को भी रास्ते पर चलने वाले को दिख सकता था ... पर नसीब से रोड पूरा खाली था  सिवाय कुछ कार ओर ट्रक के .. ओर आजु बाजु खेत थे ओर रास्ते के दोनों बाजु बड़े बड़े पेड़ थे. मैंने हरीश के टोपे को पकड़ लिआ ओर प्यार से मसाज करने लगी ओर दूसरे हात  से उसके टट्टे दबाने ओर खेलने लगी .. हरीश बहुत उत्तेजित हो गया था .. ऐसे रोड पर पब्लिक प्लेस मैं हमने कभी नहीं किया था .  हरीश का लुंड अब जोर जोर  से फुफकार रहा था . ओर मैं जान गयी की किसी भी वक्त वो अपना पाणी निकाल देगा .
तभी अचानक हरीश ने बाइक स्लो की.. ओर रास्ते के बाजु एक बड़े पेड़ की पास रुका दी..मैं कुछ बोलू उससे पहल वह बोला जल्दी उतरो जानू .. ओर खुद भी बाइक से उतर गया ओर बाइक वहा स्टैंड पर लगा दी .. वह खींच कर मुझे  बड़े पेड़ के पीछे ले गया .. जल्दी नीचे बैठो संध्या .. ओर उसने मेरे मुँह मैं अपना लण्ड दे दिया . मुझे मालूम था हरीश अपने चरम सीमा पर हैं ओर कभी भी पानी निकाल देगा .. पर रास्ते पर रिस्की था इसलिए मैं जल्दी से जल्दी उसका पाणी  निकालना चाहती थी .  मैंने धीरे से उसका पूरा लण्ड मुँह मैं ले लिया ओर आगे पीछे करने लगी .. मुझे मालूम था की पूरा लण्ड मुँह मैं जायेगा तो हरीश जल्दी अपना पानी निकाल देगा . हरीश अब होश खो बैठा था ..उस्का लण्ड फुफकार मार रहा था .. मैंने भी जोर से उस्का पूरा लण्ड चूसना शुरू किया ओर उस्का पूरा ८ इंच का नाग अपने गले मैं फसा लिया .. हरीश बोला - ले कमीनी . पी ले मेरा रास. बन जा मेरी बच्चों की माँ .. ओर उसके बाद उसके लण्ड  ने एक के बाद एक ऐसे अनेक झटके दिए ओर उसके वीर्य का फवारा मेरे मुँह मैं उमड़ आया . मुझे उसके वीर्य का स्वाद पसंद था . हरीश को मुझे उसका पाणी पिलाना बहुत पसंद था  ..मैं भी उसके लण्ड से पूरा एक एक बूँद चूस चूस कर पी गयी . अब हरीश शांत हो गया, उसने मुझे खड़ा किया ओर बहुत देर तक मुझे किस करता रहा .. मुझे वहा सुनसान सड़क पर डर लग रहा था .. मैंने कहा हरीश यहाँ बहुत रिस्की हैं.. जल्दी यहाँ से चलो .

हम बहुत जल्दी होटल पहुँच गये . हरीश अक्सर इस होटल मैं स्पोर्ट्स कम्पटीशन की दौरान रुकता था . होटल मैनेजर से पहचान हो गयी थी ओर हरीश ने उससे पहल ही बात कर रखी थी  . इसलिए हमें कोई दिक्कत नहीं हुई. कम्पटीशन दूसरे दिन थी .चुकी हरीश स्टेट लेवल चैंपियन था उसको डायरेक्ट फाइनल इवेंट्स मैं एंट्री थी ..क्वालीफाइंग  राउंड्स उसको नहीं देने थे . हमारे पास अब पूरा दिन ओर रात थी, हरीश ने रूम मैं आते  ही मुझे कस कर पकड़ लिया .. ओर मेरे टी शर्ट निकाल कर फेक दी ..ओर मेरे मम्मे चूसने लगा .. उस ने मेरा एक एक कपडा निकाल कर फेक दिया ओर खुद भी नंगा हो कर बिस्तर पर लेट गया .. हरीश बोला - जानेमन अब दो दिन ऐसे ही रूम मैं फुल टाइम नंगा रहेंगे .. कभी कपडे नहीं पहनेगे. मैंने कहा ठीक  हैं..जैसे तेरी मर्जी .. उसने मुझे जोर से अपने ओर खींच लिया..आओ जानू .. आज मेरा सपना पूरा होगा..तुम्हारा ओर मेरा मिलन होगा ..मैंने उसको धीरे से सर पर चूमा .. कहा ..बस जानू मुझे १५ मिनट दो .. तुम तब तक बहार से मेडिकल की दुकान से यह गोलिया (गर्भा निरोधक - जो मुझे विवेक खिलाता था  ) ले कर आओ ओर कुछ जूस ओर खाने का सामान भी, हरीश ने कहा अब रुका नहीं जाता, उसने कंडोम लाया था .. मैंने कहा बस सिर्फ १५ मिनट .. ओर मुझे उसका वीर्य मेरे बच्चेदनी मैं चाहिए .. हामरे बीच रबर का कंडोम नहीं रहेगा ... जाओ जल्दी से. हरीश थोड़ा नाराज हो गया पर बिना कंडोम के चोदने की ख्याल से खुश हो गया . 
हरीश  के जाने के बाद मैंने अपनी बैग से स्पेशल सामान निकाला. १५ मिनट के  बाद हरीश आया  ओर दरवाजे पर रिंग की .. मैंने शरमाते हुए दरवाजा खोल दिया .. हरीश मुझे देखता ही रहा गया .. wow  .. क्या बात हैं  - बस इतना ही कहा पाया ओर रूम के अंदर आकर दरवाजा लगा दिया. हरीश ने मुझे प्यार से अपनी बाँहों मैं जकड लिया  ओर बोला - मेरी जानेमन ऐसा सरप्राइज मैंने कभी सोचा भी नहीं था .. आई  लव यू 

दोस्तों आगे की कहानी के लिए लाइक्स कीजिये ... मेरा स्पेशल सामान क्या था ? हरीश  ने मुझे देख कर wow  क्यों कहा , हमारी फर्स्ट सेक्स कैसे रही .. सब जानने के लिए कमैंट्स जरूर दे .. लिखे ओर  रेटिंग्स भी जरूर दे ..

आपकी संध्या 
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RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by Chut chatu - 10-11-2024, 11:10 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 12-11-2024, 02:13 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
क्या करू -- मैं बहक जाती हूँ (part 7 updated today) - by luvnaked12 - 02-10-2022, 06:20 PM



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