01-10-2022, 02:04 AM
(This post was last modified: 02-10-2022, 12:42 PM by luvnaked12. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
(30-09-2022, 09:50 PM)hirarandi Wrote: Acha start hai… aise hi likhte rahiye.
Updates regular or spicy hon gay to sab log enjoy karain gay
हाय दोस्तों.. मेरा नाम है संध्या.. 45 साल.. मैं योग करती हूं.. और पेशेवर कामकाजी महिलाएं, शादी शुदा हूं या 2 बच्चे भी हैं।
मुझे सेक्स बहुत पसंद है.. या मैं बहुत नजॉय करता हूं।
मेरा पहला सेक्स ** साल की उमर मैं हुआ था या तब से आज तक मैंने बहुत बार, बहुत सारे मर्दों के सात सेक्स आनंद किया है। मैं अपना अनुभव यहां आप साब सेक्सी लोगों के सात शेयर करना चाहता हूं। मैं लैपटॉप से टाइप कर रही हूं..अगर..इंग्लिश टू हिंदी यहां पर टाइप कर सकाते तो प्लीज बताएं..मैं हिंदी मैं लिखना ज्यादा पसंद करूंगी।
तो चलो शुरू करते हैं.. यह कहानी करीब 28 साल पुरानी है जब मैं **वीं मैं थी या पढती थी।
मैं मुंबई से हूं, हमारे घर में छोटा भाई जो मेरे से 3 साल छोटा है या मेरी मां या पापा दोनो उनके काम कर रहे हैं। मैं पढाई मैं काफ़ी होशियार हूं..**वीं मैं टॉपर रही, अब ** वी मैं ही **वीं की कक्षाएं शुरू हो गए..बहुत व्यस्त हूं.
मैं ** साल की हूं, ऊंचाई काफ़ी अच्छी हैं, 5-7, बहुत गोरा रंग हैं.. मैं कोंकणी गोवा मराठी हूं..आप मेरे रंग का औराजा लगा सकाते हैं। 60 किलो, फिट..या लगभाग पुरी कॉलेज के लड़के मुज पर मरते, मुझे देखने आते.. या मेरी फिगर देखते तड़प जाते..
मैं बहुत सिंपल रहती हूं..पुरा पढाई मैं ध्यान था..पर रंग रूप ऐसा दिया..की मर्दों की नजर.. या हरकतें छुपी नहीं रहती..
मेरे पैडोस मैं दहिया परिवार था, विवेक अंकल करीब 40 के, उनकी पत्नी अंजू या 2 छोटे बच्चे। विवेक अंकल एकदम हॉट, हरियाणवी, मर्दाना, लंबा 6-2 फीट या एकदम स्पोर्ट्समैन लेगेट .. हमेश इंटरनेशनल बिजनेस टूर पर रहते, ऑफिस के काम से। जब भी वापस आते हैं हमारे लिए या भाई के लिए चॉकलेट लेकर आते हैं।
एक दिन मां-पापा को इमरजेंसी मैं जाना पड़ा..पारिवारिक मौत की वजह से.. मेरे क्लासेस के करन मैं अकेली थी, या मां ने अंजू आंटी से कहकर गई की 2-4 दिन मैं वापस आएंगे..मेरा ध्यान रखना.
गरमी के दिन..मुंबई की नमी...मैं दोपहर को सब काम निपाता कर पढ़ रही थी, मैंने सिर्फ गाउन पहनना था.. और कुछ नहीं था..मुजे कम कपडे मैं अच्छा लगा था..
तबी दरवाजे से घंटी की आवाज दी मैंने दरवाजा खोला..बहार विवेक अंकल...आई ना अंकल..आप कब आए लंदन से..विवेक अंकल ने बताया..आज ही आया हूं..तुम्हारे लिए खास चॉकलेट्स लाया हूं। मैंने कहा..दिखाये..या मैंने उनको ठंडा पानी पिलाया या सोफ़े पर बिठाया। अंकल ने सिरफ एक टी शर्ट या शॉर्ट्स पहनना था...मुंबई मैं ऐसे ही समर मैं सब कम कपडे पहंते हैं। विवेक अंकल बहुत हॉट लग रहे हैं।
अंकल ने चॉकलेट्स का बॉक्स खोलो..अल्कोहल चॉकलेट्स लेकर आए थे मेरे लिए खास..हम दोनो ने मिल कर एक चॉकलेट खाया..बड़ा कदवा था..मुजे सर मैं सुन्न हो गई..इससे पहले कभी ड्रिंक्स या अल्कोहल नहीं लिया था। अंकल ने पढ़ाया..धीरे से मुंह मैं रखूंगा..आराम से पिघलने दो या धीरे धीरे स्वद लेकर खाउ..एकदम से मात खा लो..
मैं समाज गई..दूसरा चॉकलेट आराम से खाया..मुजे अच्छा लगा... 3-4 चॉकलेट के बाद मुझे हल्का महसूस होने लगा.. अच्छा लगा लगा. बॉक्स मैं बहुत साड़ी वैरायटी यह .. अंकल ने कहा ..वाह ये चॉकलेट एकदम लाजवाब स्वादिष्ट हैं। मैंने कहा मुझे दिजिये.. विवेक अंकल ने मुजे पास बुलाकर..मुह खोलने कहा.. या एकदम से उनके मुह में की चॉकलेट मेरे मुह मैं दाल दी. मैं कुछ सोच पाटी..इतनी जल्दी साब हो गया..मुजे चॉकलेट अच्छी लगी.. मैं शॉक्ड थी..पर अच्छा लग रहा था..पता नहीं क्यों।
इसी तरह अंकल ने फिर से दुसरी चॉकलेट खिलाड़ी या इस बार उनके होंठ मेरे होंठ से लगे रहे.. या उनकी जीभ भी मेरे मुह के और गई.. मुजे नशा सा हो गया.. पर साब बहुत अच्छा लगा रहा था..
अंकल ने कब मुझे अपनी गोदी मैं बिठा लिया..काब मेरा गाउन निकला कर फेका..या कब मैं उनकी गोदी मैं नंगा बैठाकर उनके मुंह से चॉकलेट खा रही थी.. मुझे पता नहीं चला..
जब होश आया.. मैं उनकी गोदी मैं पूरी नंगी थी..वो मुजे किस कर रहे..उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर था या दूसरी मेरी बालो वाली चुत पर...जो अब तक कुंवारी थी..
दोस्तो मैं क्या कर सकती थी..सब एकदम अचानक हो गया...दिमाग कहा रहा था गलत है..पर दिल सब मान रहा था..सब अच्छा लग रहा था...
आब अगर आपको यहां तक कहानी अच्छी लगी तो लाइक करें..फीडबैक दे...मैं आगे का किस्सा जल्दी बताऊंगी..