30-09-2022, 11:12 PM
(This post was last modified: 02-10-2022, 12:41 PM by luvnaked12. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Story Update 2:
अंकल के गोदी मैं बैठकर उनकी मुँह से चॉक्लेट खाकार मैं होश गवा बैठी थी। पहेली बार किसी मर्द के होठ मेरे होटों से टकराये थे। उनकी जीभ मेरे मुँह मैं जाकर सैर कर रही थी। मैं पिघल रही थी।। विवेक अंकल के बदन की मर्दानी खुशबू मुझे अच्छी लग रही थी। उन्होंने मेरे ओठों को चूसना जारी रखा, मैं भी उनकी जीब को चूसती रही और उनके जीभ पर रखी चॉक्लेट चाटती। उन्होंने मेरी गाउन निकल दी थी और मैं एकदम नंगी उनके गोदी मैं बैठी थी। उनके हलके हाट मेरी चूचियों को दबा रहे थे। मैं बहुत गरम हो गयी और मुझे AC मैं भी पसीना आ रहा था। तभी किस करते हुए उनका दूसरा हाथ उन्होंने मेरी फुद्दी पर रख दिए। मेरी फुद्दी बहुत फुल्ली हुई , गुलाबी और काले बालों वाली थी। विवेक अंकल मेरी फुद्दी के बालों से खेलने लगे और हाथ फेरने लगे। उन्हों ने पूछा कैसे लग रहा गुड़िया, मैं घर जाऊ ? मैंने कहा अंकल बहुत अच्छा लग रहा है , अभी तो आये अभी जा रहे। प्लीज रुकिए , उन्होंने कहा अच्छा लग रहा तो और भी तुम्हे कुछ सीखा दू , किस करना तो आज मैंने तुझे सीखा दिया , अगर सीखने की इच्छा हैं तो हिचक मत राणी। मैं एक मिनट मैं गुड़िया से राणी बन गयी उनकी। मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने जवाब मैं फिर से उनको किस करना शुरू कर दिया और इसबार मैं उनके ओंठों को चूस रही थी , मैंने हलके से उनके ओंठ काट लिए , जिस पर वह एकदम सिसक गए और गरम हो गए। ऐसी बात हैं, तू तो सीखने के लिए तड़प रही हैं, रुक २ मिनट । फिर उन्होंने मुझे अपनी गोदी से उठाया और अपना टी शर्ट निकल दिए , उफ़ क्या बॉडी थी, गोरी कसरत वाली और बालों वाली , मुझे ऐसे बालों वाले , नेचुरल आदमी बहुत पसंद है। फिर उन्होंने दूसरे झटके मैं अपनी बरमूडा शॉर्ट्स निकल दी , वह नंगे हो गए। है राम।।।। यह क्या , मैं पहेली बार किसी मर्द को नंगा देख रही थी। उनके गोरे बदन पर उनका काला लंड , साप की तरह लटक रहा था।। इतना मोटा और बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा था , बाद मैं उन्होंने बताया था की उनका लंड ८ इंच है। मैं शर्मा रही थी पर नजरें उनके नंगे बदन पर थी। विवेक अंकल फिर सोफा पर बैठ गए और मुझे उनकी गोदी मैं बिठा लिए ओर वह मेरे बूब्स चाटने लगे और निप्पल्स चूसने लगे। मुझे उनका लोहे जैसे कड़क लुंड अपनी गांड पर फील हुआ। उनका दूसरा हात मेरे फुद्दी के दाने से खेल रहा था। उन्होंने एक ऊँगली डाली, मुझे दार्द हुआ। विवेक अंकल ने कहा, कुंवारी हो क्या, कभी सेक्स नहीं किया ?, मैंने ना मैं जवाब दिया। उन्होंने कहा डरो मत मैं साब सीखा दूंगा। फिर वह धीरे धीरे मेरे नाभि को चाटने लगे , और मैं उन्हें कुछ भी मना नहीं कर पा रही थी , मैंने बेशरम हो कर सब लाज लज्जा छोड़ दी और उनके बदन पर, उनकी छाती पर किस कर रही थी। फिर उन्होंने मुझे सोफे पर लिटा दिए और मेरे पैर ऊपर अपनी छाती पर लेने को कहा जिस से उनको मेरी फुद्दी साफ़ पूरी दिखाई दी। वाह राणी तुम्हारी फुद्दी कितनी सुन्दर हैं , ऐसी फुद्दी मैंने आज तक नहीं देखि और वह भी सील पैक है। उन्होंने धीरे से अपना मुँह मेरी फुद्दी पर लगा दिया और जीभ से मेरे दाने को चाटने लगे। मेरे अंदर तूफ़ान भर गया , मैं उनका सर मेरी चुत पर रगड़ने लगी। विवेक अंकल बहुत प्यार से धीरे धीरे मेरी चुत चाट रहे थे और अपनी जीभ अंदर दाल रहे थे, मेरी चुत बहुत गिल्ली हो गयी थी और पानी का झरना बहा रहा था। वाह रानी इतना पानी तो बहुत कम चुत से बहता है , तुम तो बड़ी नेचुरल सेक्स की देवी निकली। मुझे यह सब सुनने मैं अच्छा लग रहा था और विवेक अंकल पर और भी ज्यादा प्यार आ रहा था तभी मेरे अंदर की हवा ने तूफ़ान का रूप ले लिया और मैंने उनका सर दबाते हुए जोर से उनके मुँह मैं पानी छोड़ दिया । वह बहुत देर तक प्यार से मेरी चुत चाटते रहे और देखते रहे। तेरी कुंवारी चुत गजब की हैं राणी, इसका उद्घाटन तो मैं ही इस सील को काट कर करूँगा। मैंने शर्मा के कहा की मैंने कब मना किया अंकल, मै आपको आज कोई चीज के लिए मना नहीं करुँगी। मुझे पता नहीं क्या हो गया था , सब सेल्फ रेस्पेक्ट खो दिया और बेशरम हो गयी थी। विवेक अंकल खुश हुए और प्यार से मुझे चूमा और मेरी चुत को फिर से चूमा और फिर उठकर किचन से पानी लेकर आये और मुझे पिलाये। अब कैसा लग रहा रानी, मैंने कहा बहुत अच्छा अंकल, ऐसे कभी पहले फील नहीं हुआ। वोह बोले अभी तो यह शुरवात है। मैंने देखा उनका काला मोटा लंड ाअब पूरा १८० deg खड़ा हैं और उसपर शहद जैसे बून्द बहार आ रहे। मैंने पूछा अंकल यह क्या हैं। उन्होंने कहा रानी यहतो मर्द का शहद हैं, तुम्हे तो चखना चाइये इसको। मैंने शर्मा के कहा आप कुछ भी कह रहे हो। उन्होंने कहा एकबार कोशिश करो, नहीं पसंद आया तो मत स्वाद लो। मैं अंकल को नाराज नहींकरना चाहती थी और शायद अल्कोहल चॉक्लेट की वजह से मैं कुछ खुल गयी थी। मैंने उनका कड़क मोटा गरम लंड हाथ मैं लिया और शहद का बूंद चाट लिया। थोड़ा खट्टा , नमकीन अच्छा स्वाद आया, मैं फिर से चाटा , तो एक बूँद वापस आ गयी। विवेक अंकल बोले रानी ऐसी हे चाटों और इसको लोल्लिपोप की तरह चुसोगी तो और भी शहद मिलेगा। मैंने विवेक अंकल का लोल्लिपोप मुँह मैं ले लिया, मुझे उनके शहद का taste बहुत पसंद आ गया। फिर अंकल ने कहा पूरा मुँह खोल के, बिना दांत लगाए जितना अंदार मुँह मैं लोगी उतना शहद ज्यादा आएगा, और मैं भी कोशिश करने लगी , पर उनके लंड का आधा हिस्सा भी मैं मुँह मैं नहीं ले पायी । उनके काला मोटा लंड फुफकार कर नाच रहा था और बहुत जहरीला शहद बहा रहा था जिससे मुझे और भी नशा हो रहा था । एक एक बूँद पीकर मैं पागल हो रही थी , उनके लंड को देख कर , उसके स्वाद से , उनकी मर्दानी खुशबू से । अंकल अपना सर ऊपर कर के आहें भर रहे थे । वाह राणी तूने तो मेरे लंड को चूसकर स्वर्ग दिया , काश तू पहले मिल जाती, तेरी आंटी तो इसको छूती भी नहीं। यहाँ सुनकर मैं ओर भी प्यार से उनके लंड को चूसने लगी, उनके बालों वाले टट्टे से खेलने लगी , उनके टट्टे बड़े सफरचंद के साइज के थे । उन्होंने कहा राणी मेरा पाणी बहार आएगा , तुम पूरा पाणी पी लोगी जैसे मैंने तुम्हारा पाणी पिया था। मैं मना नहीं कर पायींओर हा कर दिया।। उन्होंने अपने एक हात से मेरा सर पकड़ लिया और दूसरे हात से मेरे बूब्स दबाने लगे और अपना लंड मेरे मुँह मैं जोर से पेलते रहे। अब उनका तीन चौथाई लंड मेरे मुँह मैं जा रहा था और एक बड़ी से आह भर कर उन्होंने मेरे मुँह से लंड बहार निकला और उनके लंड का सारा पाणी मेरी जीभ और मुँह पर डाल दिए , मैं भी चॉक्लेट जैसे उसको निगल गयी। अजीब स्वाद और खुशबू थी, पर उतना बुरा भी नहीं था , और विवेक अंकल का रिस्पांस देखकर मैं ख़ुश हो गयी और उनके लंड से उनका सब पानी चाटने लगी और पी गयी । उन्होंने मुझे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और अपनी बाँहों मैं सुला दिया, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, उनकी बदन की खुशबू, गर्माहट , उनके लंड , सब बहुत अच्छा लग रहा था , मैं उनको किसी चीज के लिए मना नहीं कर पायी थी। वह मुझे हर जगह किस और पप्पी ले रहे थे और बात कर रहे थे। उन्होंने कहा रानी तू तो एकदम खुले दिमाग की निकली , बहुत सारी औरतें लमर्दों का लंड का पाणी पीना छोडो , उनके लंड को चूसती भी नहीं हैं, पर तुम सब एन्जॉय करती हो और यही खुला ऐटिटूड सेक्स के बारे मैं आगे रखना , तुम बहुत खुश रहेगी । उनकी यह बात सच साबित हुई और मैं आज कह सकती हूँ की मैं सेक्स के मामले मैं सच मैं बहुत खुशनसीब निकली। उन्होंने मुझे पूछा की तुमको शहद ( precum ) का स्वाद पसंद आया, और sperms का भी ? मैंने कहा की मुझे अच्छा लगा और जब आप खुश हो रहे थे तब और भी अच्छा लग रहा था। विवेक अंकल बहुत खुश हुए, सोते सोते उन्होंने मुझे फिर से किस के प्रकार - द्देप किसिंग, फ्रेंच , लंड को कैसे चूसना , ६९ , मर्द की निप्पल्स कैसे चूसना , सब सिखाया। अब उनको मुझे चोदना था। उनका औजार अब फिर से तैयार था और नाग की तरह फुफकार रहा था। उनके लुंड से फिर से precum (शहद ० टपकने लगा था और मैं अपने आप को रोक नहीं पायी उसका स्वाद लेने को। उनका काला लुंड और उनका गुलाबी टोपा किसी लोल्लिपोप की तरह लगा रहा थ।। मोटा और खूंखार। उन्होंने मुझे बताया था की अंजू भाभी उनका लुंड नहीं चूसती, बहुत पुराने ख्याल की है। मैं उनको पूरा आनंद देना चाहती थी । ललचाई नज़रों से मैं उनके मोठे लंड को देख रही थी , वह पास आये और उनका लंड मेरे मुँह के पास दे दिया। उन्होंने उल्टा मुड़कर मेरे चुत पर अपना मुँह रख दिया और हम ६९ करने लगे।
दोस्तों अंकल ने मेरी सेक्स की ट्रेनिंग चालू कर दी थी। उनसे बहुत कुछ सीखा और मेरा पहिला एक्सपीरियंस इतना अच्छा रहा , की सेक्स के प्रति मेरे विचार और दिमाग खुल गया , मुझे सेक्स करते वक्त कभी कुछ करना या कोई चीज करना भी बुरा नहीं लगा और मैं सेक्स हर तरह से एन्जॉय करने लगी। आदमी और औरत की बॉडी का हार हिस्सा बड़ा खूबसूरत होता हैं , और बॉडी का कोई फ्लूइड / रस बुरा नहीं होता।
आगे मैं क्या हुआ, अंकल ने मेरी चुदाई कैसे की और क्या क्या सिखाया यह जानने के लिए like कीजिये, रिस्पांस बताइये।।
अंकल के गोदी मैं बैठकर उनकी मुँह से चॉक्लेट खाकार मैं होश गवा बैठी थी। पहेली बार किसी मर्द के होठ मेरे होटों से टकराये थे। उनकी जीभ मेरे मुँह मैं जाकर सैर कर रही थी। मैं पिघल रही थी।। विवेक अंकल के बदन की मर्दानी खुशबू मुझे अच्छी लग रही थी। उन्होंने मेरे ओठों को चूसना जारी रखा, मैं भी उनकी जीब को चूसती रही और उनके जीभ पर रखी चॉक्लेट चाटती। उन्होंने मेरी गाउन निकल दी थी और मैं एकदम नंगी उनके गोदी मैं बैठी थी। उनके हलके हाट मेरी चूचियों को दबा रहे थे। मैं बहुत गरम हो गयी और मुझे AC मैं भी पसीना आ रहा था। तभी किस करते हुए उनका दूसरा हाथ उन्होंने मेरी फुद्दी पर रख दिए। मेरी फुद्दी बहुत फुल्ली हुई , गुलाबी और काले बालों वाली थी। विवेक अंकल मेरी फुद्दी के बालों से खेलने लगे और हाथ फेरने लगे। उन्हों ने पूछा कैसे लग रहा गुड़िया, मैं घर जाऊ ? मैंने कहा अंकल बहुत अच्छा लग रहा है , अभी तो आये अभी जा रहे। प्लीज रुकिए , उन्होंने कहा अच्छा लग रहा तो और भी तुम्हे कुछ सीखा दू , किस करना तो आज मैंने तुझे सीखा दिया , अगर सीखने की इच्छा हैं तो हिचक मत राणी। मैं एक मिनट मैं गुड़िया से राणी बन गयी उनकी। मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने जवाब मैं फिर से उनको किस करना शुरू कर दिया और इसबार मैं उनके ओंठों को चूस रही थी , मैंने हलके से उनके ओंठ काट लिए , जिस पर वह एकदम सिसक गए और गरम हो गए। ऐसी बात हैं, तू तो सीखने के लिए तड़प रही हैं, रुक २ मिनट । फिर उन्होंने मुझे अपनी गोदी से उठाया और अपना टी शर्ट निकल दिए , उफ़ क्या बॉडी थी, गोरी कसरत वाली और बालों वाली , मुझे ऐसे बालों वाले , नेचुरल आदमी बहुत पसंद है। फिर उन्होंने दूसरे झटके मैं अपनी बरमूडा शॉर्ट्स निकल दी , वह नंगे हो गए। है राम।।।। यह क्या , मैं पहेली बार किसी मर्द को नंगा देख रही थी। उनके गोरे बदन पर उनका काला लंड , साप की तरह लटक रहा था।। इतना मोटा और बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा था , बाद मैं उन्होंने बताया था की उनका लंड ८ इंच है। मैं शर्मा रही थी पर नजरें उनके नंगे बदन पर थी। विवेक अंकल फिर सोफा पर बैठ गए और मुझे उनकी गोदी मैं बिठा लिए ओर वह मेरे बूब्स चाटने लगे और निप्पल्स चूसने लगे। मुझे उनका लोहे जैसे कड़क लुंड अपनी गांड पर फील हुआ। उनका दूसरा हात मेरे फुद्दी के दाने से खेल रहा था। उन्होंने एक ऊँगली डाली, मुझे दार्द हुआ। विवेक अंकल ने कहा, कुंवारी हो क्या, कभी सेक्स नहीं किया ?, मैंने ना मैं जवाब दिया। उन्होंने कहा डरो मत मैं साब सीखा दूंगा। फिर वह धीरे धीरे मेरे नाभि को चाटने लगे , और मैं उन्हें कुछ भी मना नहीं कर पा रही थी , मैंने बेशरम हो कर सब लाज लज्जा छोड़ दी और उनके बदन पर, उनकी छाती पर किस कर रही थी। फिर उन्होंने मुझे सोफे पर लिटा दिए और मेरे पैर ऊपर अपनी छाती पर लेने को कहा जिस से उनको मेरी फुद्दी साफ़ पूरी दिखाई दी। वाह राणी तुम्हारी फुद्दी कितनी सुन्दर हैं , ऐसी फुद्दी मैंने आज तक नहीं देखि और वह भी सील पैक है। उन्होंने धीरे से अपना मुँह मेरी फुद्दी पर लगा दिया और जीभ से मेरे दाने को चाटने लगे। मेरे अंदर तूफ़ान भर गया , मैं उनका सर मेरी चुत पर रगड़ने लगी। विवेक अंकल बहुत प्यार से धीरे धीरे मेरी चुत चाट रहे थे और अपनी जीभ अंदर दाल रहे थे, मेरी चुत बहुत गिल्ली हो गयी थी और पानी का झरना बहा रहा था। वाह रानी इतना पानी तो बहुत कम चुत से बहता है , तुम तो बड़ी नेचुरल सेक्स की देवी निकली। मुझे यह सब सुनने मैं अच्छा लग रहा था और विवेक अंकल पर और भी ज्यादा प्यार आ रहा था तभी मेरे अंदर की हवा ने तूफ़ान का रूप ले लिया और मैंने उनका सर दबाते हुए जोर से उनके मुँह मैं पानी छोड़ दिया । वह बहुत देर तक प्यार से मेरी चुत चाटते रहे और देखते रहे। तेरी कुंवारी चुत गजब की हैं राणी, इसका उद्घाटन तो मैं ही इस सील को काट कर करूँगा। मैंने शर्मा के कहा की मैंने कब मना किया अंकल, मै आपको आज कोई चीज के लिए मना नहीं करुँगी। मुझे पता नहीं क्या हो गया था , सब सेल्फ रेस्पेक्ट खो दिया और बेशरम हो गयी थी। विवेक अंकल खुश हुए और प्यार से मुझे चूमा और मेरी चुत को फिर से चूमा और फिर उठकर किचन से पानी लेकर आये और मुझे पिलाये। अब कैसा लग रहा रानी, मैंने कहा बहुत अच्छा अंकल, ऐसे कभी पहले फील नहीं हुआ। वोह बोले अभी तो यह शुरवात है। मैंने देखा उनका काला मोटा लंड ाअब पूरा १८० deg खड़ा हैं और उसपर शहद जैसे बून्द बहार आ रहे। मैंने पूछा अंकल यह क्या हैं। उन्होंने कहा रानी यहतो मर्द का शहद हैं, तुम्हे तो चखना चाइये इसको। मैंने शर्मा के कहा आप कुछ भी कह रहे हो। उन्होंने कहा एकबार कोशिश करो, नहीं पसंद आया तो मत स्वाद लो। मैं अंकल को नाराज नहींकरना चाहती थी और शायद अल्कोहल चॉक्लेट की वजह से मैं कुछ खुल गयी थी। मैंने उनका कड़क मोटा गरम 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पाणी पी लोगी जैसे मैंने तुम्हारा पाणी पिया था। मैं मना नहीं कर पायींओर हा कर दिया।। उन्होंने अपने एक हात से मेरा सर पकड़ लिया और दूसरे हात से मेरे बूब्स दबाने लगे और अपना लंड मेरे मुँह मैं जोर से पेलते रहे। अब उनका तीन चौथाई लंड मेरे मुँह मैं जा रहा था और एक बड़ी से आह भर कर उन्होंने मेरे मुँह से लंड बहार निकला और उनके लंड का सारा पाणी मेरी जीभ और मुँह पर डाल दिए , मैं भी चॉक्लेट जैसे उसको निगल गयी। अजीब स्वाद और खुशबू थी, पर उतना बुरा भी नहीं था , और विवेक अंकल का रिस्पांस देखकर मैं ख़ुश हो गयी और उनके लंड से उनका सब पानी चाटने लगी और पी गयी । उन्होंने मुझे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और अपनी बाँहों मैं सुला दिया, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, उनकी बदन की खुशबू, गर्माहट , उनके लंड , सब बहुत अच्छा लग रहा था , मैं उनको किसी चीज के लिए मना नहीं कर पायी थी। वह मुझे हर जगह किस और पप्पी ले रहे थे और बात कर रहे थे। उन्होंने कहा रानी तू तो एकदम खुले दिमाग की निकली , बहुत सारी औरतें लमर्दों का लंड का पाणी पीना छोडो , उनके लंड को चूसती भी नहीं हैं, पर तुम सब एन्जॉय करती हो और यही खुला ऐटिटूड सेक्स के बारे मैं आगे रखना , तुम बहुत खुश रहेगी । उनकी यह बात सच साबित हुई और मैं आज कह सकती हूँ की मैं सेक्स के मामले मैं सच मैं बहुत खुशनसीब निकली। उन्होंने मुझे पूछा की तुमको शहद ( precum ) का स्वाद पसंद आया, और sperms का भी ? मैंने कहा की मुझे अच्छा लगा और जब आप खुश हो रहे थे तब और भी अच्छा लग रहा था। विवेक अंकल बहुत खुश हुए, सोते सोते उन्होंने मुझे फिर से किस के प्रकार - द्देप किसिंग, फ्रेंच , लंड को कैसे चूसना , ६९ , मर्द की निप्पल्स कैसे चूसना , सब सिखाया। अब उनको मुझे चोदना था। उनका औजार अब फिर से तैयार था और नाग की तरह फुफकार रहा था। उनके लुंड से फिर से precum (शहद ० टपकने लगा था और मैं अपने आप को रोक नहीं पायी उसका स्वाद लेने को। उनका काला लुंड और उनका गुलाबी टोपा किसी लोल्लिपोप की तरह लगा रहा थ।। मोटा और खूंखार। उन्होंने मुझे बताया था की अंजू भाभी उनका लुंड नहीं चूसती, बहुत पुराने ख्याल की है। मैं उनको पूरा आनंद देना चाहती थी । ललचाई नज़रों से मैं उनके मोठे लंड को देख रही थी , वह पास आये और उनका लंड मेरे मुँह के पास दे दिया। उन्होंने उल्टा मुड़कर मेरे चुत पर अपना मुँह रख 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दोस्तों अंकल ने मेरी सेक्स की ट्रेनिंग चालू कर दी थी। उनसे बहुत कुछ सीखा और मेरा पहिला एक्सपीरियंस इतना अच्छा रहा , की सेक्स के प्रति मेरे विचार और दिमाग खुल गया , मुझे सेक्स करते वक्त कभी कुछ करना या कोई चीज करना भी बुरा नहीं लगा और मैं सेक्स हर तरह से एन्जॉय करने लगी। आदमी और औरत की बॉडी का हार हिस्सा बड़ा खूबसूरत होता हैं , और बॉडी का कोई फ्लूइड / रस बुरा नहीं होता।
आगे मैं क्या हुआ, अंकल ने मेरी चुदाई कैसे की और क्या क्या सिखाया यह जानने के लिए like कीजिये, रिस्पांस बताइये।।