30-09-2022, 05:46 PM
ब मेरा एक दोस्त था | उसका नाम अतुल था जो मेरे ही साथ कक्षा १२वी में पढता था | हम दोनों बहुत अच्छे जिगरी दोस्त थे | वो रोज मुझे सेक्सी विडियो दिखाता था और सीडी भी दिया करता था | जिसके कारन हम दोनों कि दोस्ती मस्त हो गयी थी और हम दोनों जिगरी दोस्त बन गए |
अतुल कि एक बहन भी है जो दिखने में बहुत ही सुंदर है | उसका नाम सोनिया है और वो मेरे ही कॉलेज में पढ़ती है | सोनिया की उम्र १६ साल थी | और वो देखने में मक्खन कि तरह दिखती थी और सोनिया का बदन बहुत ही ज्यादा गोरा था | सोनिया कि लम्बाई 5 फीट 2 इंच कि थी | और उसके होठ तो बिना लिपस्टिक लगाये इतने लाल दिखाते है कि बस मन करता है कि दिन भर उसके होंटो को चूमता रहूँ | सोनिया कि गांड ज्यादा मोटी नहीं है फिर भी देखने में अच्छी लगती है | और उसकी गांड थोड़ी सी ऊपर की ओर उठी हुई थी जिसके कारण वो और भी सुंदर माल दिख रही थी | सोनिया कॉलेज पर मुझे बहुत देखा करती थी और देख देख कर बहुत मुस्कुराया करती थी | और उस टाइम में ज्यादा सोनिया की तरफ ध्यान नहीं देता था क्यूंकि वो मेरे जिगरी दोस्त अतुल की बहन थी |
फिर उसके बाद मेरे और अतुल के फ़ाइनल एग्जाम चालू होने वाले थे| फिर हम दोनों ने सोचा कि हमें पढाई स्टार्ट कर देनी चाहिए | क्यूंकि हम दोनों ने साल भर से कुछ भी नहीं पढ़ा था और फिर हम दोनों ने साथ में पढाई करने का सोचा और फिर उसके बाद अतुल ने मुझसे कहा कि हम दोनों पढाई उसके ही घर पर करेंगे | क्यूंकि हम दोनों के घर बहुत दूर दूर थे और अतुल के पास गाड़ी नहीं थी तो वो मेरे घर नहीं आ सकता था|
उसके बाद दुसरे दिन मैं अतुल के घर गया | अतुल के घर में उसके मम्मी पापा और उसकी बहन सोनिया रहती है | उसके घर के सभी लोग बहुत अच्छे थे | जब मैं उसके घर पंहुचा तो दरवाज़े बंद थे | फिर मैंने दरवाज़े की रिंग बजाई तो जसे ही दरवाज़े खुला तो सोनिया को सामने देखा | सोनिया ने जींस और टीशर्ट पहनी थी | सोनिया कि टीशर्ट के उपर से मस्त दूध निकले हुए थे | सही में दोस्तों वो बहुत सेक्सी लग रही थी | वो नजारा देखने लायक था | फिर उसके बाद मैंने सोनिया से पूछा अतुल घर पर है सोनिया ने मुस्कुरा कर मुझसे कहा कि हाँ भैया घर पर ही है और उपर अपने कमरे में है | फिर मैंने सोनिया से कहा कि आप बता सकती हो कि उपर अतुल का कमरा कौन सा है | तो उसने मुझसे बोला चलो मैं आपको भैया के रूम में लेकर चलती हूँ | फिर उसके बाद मैं सोनिया के साथ उपर जाने लगा और जसे ही मेरी नजर सोनिया कि गांड पे पड़ी तो मेरा मन मचलने लगा उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी |
अतुल कि एक बहन भी है जो दिखने में बहुत ही सुंदर है | उसका नाम सोनिया है और वो मेरे ही कॉलेज में पढ़ती है | सोनिया की उम्र १६ साल थी | और वो देखने में मक्खन कि तरह दिखती थी और सोनिया का बदन बहुत ही ज्यादा गोरा था | सोनिया कि लम्बाई 5 फीट 2 इंच कि थी | और उसके होठ तो बिना लिपस्टिक लगाये इतने लाल दिखाते है कि बस मन करता है कि दिन भर उसके होंटो को चूमता रहूँ | सोनिया कि गांड ज्यादा मोटी नहीं है फिर भी देखने में अच्छी लगती है | और उसकी गांड थोड़ी सी ऊपर की ओर उठी हुई थी जिसके कारण वो और भी सुंदर माल दिख रही थी | सोनिया कॉलेज पर मुझे बहुत देखा करती थी और देख देख कर बहुत मुस्कुराया करती थी | और उस टाइम में ज्यादा सोनिया की तरफ ध्यान नहीं देता था क्यूंकि वो मेरे जिगरी दोस्त अतुल की बहन थी |
फिर उसके बाद मेरे और अतुल के फ़ाइनल एग्जाम चालू होने वाले थे| फिर हम दोनों ने सोचा कि हमें पढाई स्टार्ट कर देनी चाहिए | क्यूंकि हम दोनों ने साल भर से कुछ भी नहीं पढ़ा था और फिर हम दोनों ने साथ में पढाई करने का सोचा और फिर उसके बाद अतुल ने मुझसे कहा कि हम दोनों पढाई उसके ही घर पर करेंगे | क्यूंकि हम दोनों के घर बहुत दूर दूर थे और अतुल के पास गाड़ी नहीं थी तो वो मेरे घर नहीं आ सकता था|
उसके बाद दुसरे दिन मैं अतुल के घर गया | अतुल के घर में उसके मम्मी पापा और उसकी बहन सोनिया रहती है | उसके घर के सभी लोग बहुत अच्छे थे | जब मैं उसके घर पंहुचा तो दरवाज़े बंद थे | फिर मैंने दरवाज़े की रिंग बजाई तो जसे ही दरवाज़े खुला तो सोनिया को सामने देखा | सोनिया ने जींस और टीशर्ट पहनी थी | सोनिया कि टीशर्ट के उपर से मस्त दूध निकले हुए थे | सही में दोस्तों वो बहुत सेक्सी लग रही थी | वो नजारा देखने लायक था | फिर उसके बाद मैंने सोनिया से पूछा अतुल घर पर है सोनिया ने मुस्कुरा कर मुझसे कहा कि हाँ भैया घर पर ही है और उपर अपने कमरे में है | फिर मैंने सोनिया से कहा कि आप बता सकती हो कि उपर अतुल का कमरा कौन सा है | तो उसने मुझसे बोला चलो मैं आपको भैया के रूम में लेकर चलती हूँ | फिर उसके बाद मैं सोनिया के साथ उपर जाने लगा और जसे ही मेरी नजर सोनिया कि गांड पे पड़ी तो मेरा मन मचलने लगा उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.