29-09-2022, 03:23 PM
मैं मंजु , आगे की कहानी लेकर ।
विवाह के समय मुझे इतना ही बताया गया था कि मेरे ससुर कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और साथ ही ज़मीन का लेन देन भी करते हैं । विनोद ने भी सिविल इन्जीनियरिंग की पढ़ाई की है कि ज़रूरत पड़ने पर अपने बाबूजी का धंधा सँभाल सके । हमारे घर के लोगों को मालूम था कि नहीं लेकिन मुझे नहीं बताया गया था कि हमारे ससुर कोई ब्यूटी और मसाज पार्लर चलाते हैं । अब सिर्फ़ मालूम ही नहीं हुआ ससुर जी ने मुझे वहॉं का मालकिन भी बना दिया ।
मैं उसी पार्लर के ऑंफिस में बैठी थी और वहॉं की मैनेजर कल्पना मुझे वहॉं का रेट बता रही थी । कल्पना ने कहा कि दूसरे सभी पार्लर की तरह यहॉं भी अलग अलग रेट है ।
कल्पना — मंजु , पहले मर्दों का रेट सून लो,
मर्द अगर मर्दों से ही मालिश करवायेंगे तो १०००/- , अगर मालिश के साथ गॉंड भी मरवायेंगे तो २०००/- । वे अगर औरत से मालिश करबायेंगे तो २०००/- , मालिश के समय लौडा चुसबायेगें तो १०००/- अलग से। ५००० में हमारी औरत लौडा भी चूस देगी , चुदवायेंगी भी और बूर भी चुसने देगी । अगर कोई गॉंड भी मारना चाहता तो औरत खुद ही डील करती है । हमारी ४ रेगुलर मालिश करने बाली है और सब एक से बढिया एक मालिश करती हैं । कल आकर आप भी एक बार मालिश करवा दो , सच पुछो तो मैं खुद तुम्हारे खुबसूरत बदन की मालिश करना चाहती हूँ ।
मैं —- जल्दी क्या है ? यहॉं आती ही रहुंगी ।
कल्पना—- औरतों का रेट अलग है । हमारी अपनी ४ औरतें है , उसके अलावा रोज़ कम से कम १० औरतें आती है या तो चुदाई का मस्ती लेने या फिर चुदवा कर कमाई करने । वे अगर हमारे मर्दों से मालिश करवाती है और चुदबाती हैं तो हम उनसे ४०००-५००० लेते हैं और अगर धंधा करने आती है तो उनकी उम्र, खुसूरती और जवानी देख कर हम उन्हें २ हज़ार से लेकर ५ हज़ार तक देते हैं । हम उन औरतों को जितना देते हैं कम से कम उससे दुगुना मर्दों से वसुल करते हैं ।
हम बात कर रहे थे कि दो ४०-४५ साल के आदमी अंदर आये । दोनों कल्पना के साथ मोल-भाव कर रहे थे लेकिन दोनों की नज़र मेरे चेहरे पर थी । अचानक एक आदमी ने हिम्मत दिखाई ।
आदमी — इन्हें पहली बार ही यहॉं देखा है । मुझे इनसे मालिश करवाना है , कितना लगेगा ?
कल्पना कुछ बोलती उससे पहले मैं ने कहा -
“ मैं मैनेजर मैडम की रिश्तेदार हूँ । मैं खुद यहाँ मालिश करवाने आई हूँ , लेकिन मैं जिससे मालिश करवाती हूँ वो आज जल्दी घर चला गया । मैं रंडी नहीं हूँ । कोई मुझे एक लाख भी देंगा तो भी नहीं चुदवाऊँगी । आप कोई दूसरी माल के ले जाओ , सभी बढिया मालिश भी करती हैं और लौडा भी बहुत बढिया चूसती है । “
इतनी फ़र्राटे से चुदाई की बात बोलते सुन सिर्फ़ दोनों मर्द ही नहीं कल्पना और दोनों मसाज लेडी दंग होकर मेरी ओर देखती रही । ख़ैर दोनों मर्दों ने रुपया जमा किया और हमारी मसाज लेडी को लेकर अंदर चले गये । तभी फ़ोन की घंटी बजी । कल्पना ने उससे बात की और वो बार बार डौली और रश्मि का नाम ले रही थी । आख़िर में कल्पना बोली ,
“ आप लोग हमारे मालिक हैं , आपको खुश करना हमारी ड्यूटी है । लेकिन साहब आपकी दोनों माल भी किसी इज़्ज़तदार आदमियों की घरवाली है , वहु है। वे पूरी रात आपके साथ नहीं रह सकती । कल २ बजे आप जहां बोलिए दोनों को एक साथ भेज दुंगी । आप अकेले मस्ती लीजिए या दूसरों के साथ मिलकर , रात आठ बजे तक दोनों आपके साथ रहेगी । रेट आपको मालूम है । “
कल्पना ने एक पैड पर शायद एक एड्डेस लिखा ।
“ दोनों २ बजे तक वहॉं पहुँच जायेगी । आप जितना चाहे १२ बजे तक हमारे पास भिजवा दीजिए । सर आप जानते हैं कि हम आपसे मोल भाव नहीं कर सकते । “
कल्पना बात करते हुए मेरी ओर देखते हुई बोली ,
“ सर, एक १८-१९ साल की बहुत ही खुबसूरत और मस्त माल पर नज़र पड़ी है , उसे अपने जाल में फँसने की कोशिश कर रही हूँ । “
जो बात कर रहा था उसने कुछ कहा ,
कल्पना —- नहीं साहब, कुँवारी नहीं है , १५-२० दिन पहले ही शादी हुई है लेकिन उसका घरवाला कमजोर है। आपका गदहा जैसा मोटा और लंबा लौडा जब मेरे जैसी औरत नहीं सँभाल सकती तो कुँवारी लड़कियाँ क्या सँभालेंगी । अगर पट गई तो उसे सबसे पहले आपके लौडा पर ही बिठाऊँगी लेकिन सर बहुत ही क़ीमती माल है।
फ़ोन कर रहे आदमी ने फिर कुछ कहा होगा ।
कल्पना—— सर, मुझे बहुत बढ़िया से मालूम है कि आप हीरा को परखना भी जानते हैं और तराशना भी , जब तक वो हाथ नहीं आती तब तक आपकी रश्मि और डॉली है ही । सर उन दोनों रंडियों को भी आपका गदहा वाला लौडा ही पसंद है । आपके अलावा किसी और के साथ घंघा नहीं करती है।
फिर कुछ बात ।
कल्पना—- सर आज शनिवार है , आप मैडम को परसों , यानी सोमवार को ११ बजे भेज दीजिए । उनको उनकी प्यार चूत भी मिलेगी और जैसा मैडम को लौंडा पसंद है वह भी मिलेगा ।
प्रणाम बोलकर कल्पना ने रिसीवर रख दिया ।
कल्पना— हमारे कमिश्नर साहब थे । ख़ुद तो रंडीवाज है ही, इसकी घरवाली बहुत बड़ी हरामजादी है , उसे हर तरह का मज़ा चाहिए । नई जवान छोकरडियों की बूर चाटेंगी, कॉलेज के लड़कों से चुदवायेंगी और गॉंड भी मरवाती है । साली परसों आयेगी , चूत चटवाने के लिए लड़की तो है लेकिन सॉंढ जैसा चोदने वाला कॉलेज का लड़का कहॉं से लाउँगी।
मुझे फिर मेर दूसरा घरवाला कपिल की याद आ गई । मैं भगवान से प्रार्थना करने लगी कि कपिल को जल्दी मेरे पास भेज दे । कपिल की चुदाई के बाद भी बहुतों ने बहुत बढिया चोदा लेकिन इतने लोगों से चुदवाने के बाद भी मुझे कपिल और उसकी प्यार भरी चुदाई की बहुत याद आती रही।
कल्पना की बात का मै क्या जवाब देती । मैंने ने कल्पना को ऑंख मारी ।
मैं —- रंडी, तु कमिश्नर से मेरे बारे में ही बोल रही थी ना । ये डॉली और रश्मि कौन है ?
कल्पना ने अपने ड्रावर से एक और एल्बम निकाला और मेरी ओर बढ़ाया ।
कल्पना— तुमसे क्या छुपाना ! ये सब हमारी बहुत ही स्पेशल माल है । हर २ घंटा का २० हज़ार लेती है फिर चाहे एक आदमी हो या एक सौ आदमी । २ घंटा में आदमी जो चाहेगा सब करेगी । हम कस्टोमर से ३० हज़ार लेते हैं और मालूम नहीं दोनों क्या करती है लोग इन्हें बार बार बुलाते है। कमिश्नर हर आठ - दस दिन पर दोनो को बुलाता है। कल दोनो ६ घंटा रहेगी , दोनों के लिए हमें एक एक लाख मिलेगा । हम उन्हें ६०-७० हज़ार देंगे, बाक़ी हमारा ।
मैं एल्बम देख रही थी । एक फ़ोटो के नीचे डॉली लिखा था ।
मैंने कल्पना को देखा और अंगुली से उस फ़ोटो की ओर इशारा किया । कल्पना समझ गई ।
कल्पना—- आपकी ये ननद बहुत ही मस्त माल है । लोग पागल है इसे चोदने के लिए । शादी के १०-१२ दिनों बाद ही बाज़ार में आ गई । इसका घरवाला खुद ममता को मेरे पास लाया था । बाप इसे चोदने के लिए पागल है लेकिन आपकी ननद का बोलना है कि कुत्ता , गदहा से चुदवा लेगी लेकिन कभी अपने बाप और भाई से नहीं चुदवायेंगी ।
उस छोटे एल्बम में कुल १३ औरतों का फ़ोटो था । कल्पना का भी फ़ोटो था। सबकी शादी हो चुकी थी ।
कल्पना—- ये एल्बम हम सिर्फ़ बड़े बड़े सरकारी अफ़सरों और मंत्रियों को ही दिखाते हैं ।
मैं — दीदी , एक मेरा भी फ़ोटो इस एल्बम में डाल दो । कितना मिलेगा मुझे ?
कुछ देर कल्पना मेरी ओर देखती रही ।
कल्पना— तुम्हारा खुबसूरत मुखड़ा और बदन देख कर शुरु में कोई भी तुम्हें ५० हज़ार या एक लाख भी दे देगा लेकिन अगर तुम उसे खुश नहीं कर पाओगी तो अगली बार से हमारी यहाँ की रंडियों जैसा सिर्फ़ २-३ हज़ार ही मिलेगा । मैं अब २३ सालों से चुदवा रही हूँ । २५०-३०० लंडो ने बूर में लौडा पेला होगा लेकिन आज तक यह बात समझ नहीं आई कि ये बहनचोद मर्द आख़िर खुश कैसे होते हैं ।कोई कोई माल इतनी पसंद आती है कि उसे रोज़ बुलाएँगे और कुछ बहुत खुबसूरत होती है फिर भी एक बार चोदने के बाद कोई दुबारा नहीं बुलाता है।
पिछले साल तक एक निशा नाम की ३०-३२ साल की औरत थी । बहुत ही साँवली और बदन भी बस ठीक ठीक। खुबसूरत दिखने वाली कोई चीज़ उसमें नहीं थी। एक बैंक ऑफ़िसर की पत्नी थी । कहीं से सुना होगा, चार साल पहले एक दोपहर आ गई । उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत थी मेरे पास आ गई। उसने कहा कि उसे एक हफ़्ता के अंदर २५ हज़ार रुपया चाहिए और वो रोज़ सिर्फ़ २ घंटा समय देगी । एक करीब ५० साल के आदमी ने उसे देखा । उस आदमी ने कहा कि वो जो भी बोलेगा सब करेगी तो एक घंटा का ५ हज़ार देगा । औरत तैयार थी । और मंजु , पूछो मत , साली तीन बजे अंदर गई उस ५० साल के आदमी के साथ और ५ घंटा बाद निकली । ५ हज़ार के बदले वो कमरे से ३५ हज़ार लेकर निकली । इतना ही नहीं उस आदमी ने निशा को अगले दिन के लिए भी बुक किया । साल २५ हज़ार कमाने आई थी हफ़्ता भर चुदवा कर और रोज़ ही ३०-३५ हज़ार कमाने लगी । अब हमारा ये पार्लर १२ साल से चल रहा है लेकिन जितना कमीशन उस निशा के कारण मिला उतना कमीशन बाक़ी सब रंडिया मिलकर भी नहीं दे पाई । निशा ने तीन साल यहाँ धंधा किया और जाते समय ख़ुद बोली कि धंधा की कमाई से उसने कलकत्ता में तीन बड़े बड़े मकान ख़रीद लिए हैं ।उसकी कमाई से उसका घरवाला इतना खुश हुआ कि वो खुद अपनी घरवाली के लिए अमीर से अमीर ग्राहक लाने लगा । यहॉं से ट्रांसफ़र होकर अभी बम्बई में है। निशा ने कहा कि वह भी वही सब करती है जो दूसरी रंडिया करती है । उसे ख़ुद नहीं मालूम की सारे के सारे मर्द क्यों उसे अपने साथ नंगा रखना चाहते हैं ।
मेरी बढिया क़िस्मत समझ लो कि अब तक जिसने भी एक बार चोदा उसने दूबारा जरुर बुलाया ।
मुझे ना कल्पना में कोई दिलचस्पी थी ना निशा की कहानी में । मैं ख़ुद मर्द के लिए सबकुछ करने को तैयार थी ।
मैं — कोई अगर २ घंटा का ५० हज़ार देने को तैयार है तो मुझे बुक कर देना ।
कुछ देर कल्पना चुप चाप मेरी ओर देखती रही ।
कल्पना— कल ११ बजे यहाँ आ जाना । हमारा फ़ोटोग्राफ़र तुम्हारी कुछ फ़ोटो लेगा , नंगी फ़ोटो भी लेग। , तुम्हें बस उसका लौडा चूसना होगा । वो चुदाई नहीं कर सकता है । कमिश्नर को बोल दूँ कि माल तैयार हो गई है । सच कहती हूँ , तुम्हारे ससुर मुंझे २३-२४ साल से चोद रहे हैं बहुत ही खुश करते है मुझे लेकिन रानी कमिश्नर से चुदवाने का अलग ही मज़ा है । बूक कर दू?
मैं — इतनी जल्दी नहीं । अगले हफ़्ता देखुंगी । लेकिन ये बात अभी सिर्फ़ हमारे बीच ही रहनी चाहिए ।
कल्पना ने नॉड किया और एक आलमारी खोल। कर एक बड़ा सा डौसियर जैसा फ़ाईल निकाला । मुझे दिया और देखते देखते मैं पसीने पसीने हो गई । उस डौसियर में बहुत सी लडकियों और औरतेों की नंगी तस्वीरें थी, कल्पना और मेरी बड़ी ननद ममता के साध निशा की भी नंगी तस्वीरें थी । जिसने भी खींचा था ज़रूर बहुत ही बढ़िया फ़ोटोग्राफ़र था । एक से एक गंदी तस्वीरें थी । हॉ, किसी का भी मर्द के साथ कोई फ़ोटो नहीं था ।
कल्पना— तुम्हारी भी नंगी तस्वीरें यहॉं लगेगी । एक तो इसे हम अपने खाश खाश कस्टोमर को दीखाते हैं और दूसरी बात , कोई भी रंडी हमारे ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोल सकती । उसे मालूम है कि हमारे ख़िलाफ़ जाने से क्या होगा ? उसकी नंगी तस्वीरें शहर के सभी दीवारों पर होंगी । और कुछ बुड्ढे हैं जिन्हें जीती जागती औरतों की नंगी तस्वीरें देख कर लौडा हिलाने में हगाती मज़ा आता है । हम ये तस्वीरें बेचते भी है लेकिन डरो मत आज तक किसी ने ग़लत फ़ायदा नहीं उठवाया ।
कल्पना मुझे रंडी के धंधा के बारे में समझाती रही । ९ बजे से पहले ससुर जी भी आ गये ।
कल्पना—- साहब, आप की यह बहु चुदवायेंगी नहीं फिर भी अगर ये यहाँ रोज़ २-४ घंटा बैठे तो हमारी घंघा बहुत बढ़ जायेगा । कमिश्नर ने कल फिर डॉली और रश्मि को बूक किया है और परसों उसकी घरवाली अपनी माल का चूत खाने आयेगी लेकिन रंडी को फिर एक लौंडा चाहिए । कोई है नज़र में ?
मेरे सामने ही ससुर जी ने कल्पना को अपनी गोदी में बिठाकर प्यार किया ।
कल्पना —- राजा, ममता से आज भी बहुत खुशामद किया लेकिन साली अब भी अपने बाप से चुदवाने को तैयार नहीं है । मंजु , विनोद से कहीं ज़्यादा मज़ा विनोद के बाप के साथ आयेगा ।मंजु , तुम्हारे ससुर ने चुदाई का ऐसा मज़ा दिया कि बाप और भाई क्या ससुर से भी चुदवा लिया लेकिन तुम्हारे ससुर जैसा कोई नहीं । रानी कल ११ बजे तक आ जाना ।
मेरा ससुर मेरे सामने एक हाथ से उसकी चूचियों को मसलते हुए दूसरा हाथ साड़ी के अन्दर डाल मेरी ओर देखता रहा । जैसे कह रहा हो कि मेरे साथ भी ऐसा ही करेगा ।
मैं —— बाबू जी, लौडा बहुत फनफना रहा है तो किसी केविन ने ले जाकर चोदिए । मुझे क्यों गर्म कर रहे हैं ?
कल्पना—- तेरे घरवाला विनोद को मालूम है कि विजेन्द्र की असल घरवाली मैं हूँ फिर भी उसने बहुत ज़िद की तो मैंने उससे चुदवा लिया । वो सिर्फ़ मुझसे ही नहीं दूसरी १०-१२ माल को चोद कर उनसे ट्रेनिंग लेकर तुम्हें चोदने गया । तुम्हें विनोद कैसा लगा तुम ही जानो लेकिन न तो मुझे न ही अपनी बाक़ी चार औरतों में से किसी को भी उसके साथ मज़ा आया । तुम्हारे आने के थोड़ी देर पहले ही आया था रुक्मा को चोदने लेकिन उस लड़की ने कहा कि भले ही वो एक एक रुपया में चुदवाये, विनोद जैसे नामर्द से दूबारा नहीं चुदवायेंगी ।
कल्पना ने रुक्मा का नाम लिया तो मैं भूल गई कि रुक्मा जुगनू रिक्शा वाले की बहन है । मैं अपने ससुर की हरकत देख रही थी । मैं चाह रही थी कि कल्पना मेरे सामने लौडा को सहलाए , चूसे ।
मैं —- विनोद को तुम रंडियों ने क्या ट्रेंनिंग दिया मुझे नहीं मालूम । लेकिन उसने सुहाग रात से लेकर पिछली रात ट्रेन में भी मुझे चोदकर बहुत खुश किया । मेरे विनोद के लौडा को रंडियों की ढीली , घीसी हुइ बूर नहीं मेरी और केतकी जैसी टाईट और रसीली बूर जाहिए । “
मैंने उस समय ध्यान नहीं दिया कि मै ने अपनी छोटी ननद केतकी का नाम लिया कि विनोद को उसे चोदने में बहुत मज़ा आयेगा ।
कल्पना—- केतकी क़रीब क़रीब रोज़ यहाँ आकर कुछ देर बैठती है । हमारे बहुत से कस्टोमर उसे चोदना चाहते है। एक सेठ लड़की की कुँवारी चूत के लिए २-३ लाख देगा लेकिन लड़की घंघा करने के लिए तैयार ही नहीं हो रही है । मंजु उसे तैयार करो , में विश्वास के साथ कह सकती हूँ कि केतकी की डिमांड ममता से ज़्यादा होगी ।
एक रंडी बाप के सामने उसकी बेटी को रंडी बनाने की बात कर रही है लेकिन बाप आराम से सुन रहा है ।
मैं —— बाबू जी, आप ही क्यों नहीं उसे अपना लौडा दिखाकर मस्त करते है । लड़की जवान हो गई है बढिया लौडा देखकर ज़रूर चुदाई के लिए तैयार हो जायेगी ।
बाबू जी —- तुम्हारी ननद मेरा , अपने बाप का लौडा देखकर गर्म नहीं होगी . चुदाई के लिए तैयार होने के बदले डर कर भाग जायेगी । अब तक जितनी कुँवारीओ को चोदा वे फिर दूबारा मुझसे चुदवाने वहीं आई ।
कल्पना—- तुम्हारे ससुर ने पहली बार बहला फुसला कर चोद लिया । चूत फाड़ दी । एक चुदाई का बाद क़रीब तीन महिना मैं इनके सामने आई ही नही । लेकिन एक दिन , घर में मॉं बाप थे, भाई था , यह मेरे कमरे में घुस गया । बहुत खुशामद किया और बूर को चूस चाट कर इतना गर्म कर दिया कि मैं ने खुद लौडा को अपनी बूर में ले लिया । हम दोनों की चुदाई रोज़ होने लगी । हम दोनों बहुत रोए लेकिन हमारी शादी नहीं हो पाई । हम दोनों ने अलग अलग जगह शादी कर ली लेकिन शादी के बाद भी हमारी चुदाई चालू रही ।
सुहाग रात को मेरी बूर में इस आदमी का लौडा था और हमारे बग़ल में ही मेरा घरवाला मनीष तुम्हारी सास को चोद रहा था । मनीष लगातार १२ साल तक तुम्हारी सास को चोदता रहा और एक दिन मालूम नहीं कहॉं ग़ायब हो गया । मेरे तीनों बच्चों को मालूम है कि उनका असल बाप यही है । मेरे बाबू जी और बड़े भाई को साफ़ दीखा कि मैं विजेन्द्र के लिए पागल हूँ । उन्होंने साफ़ साफ़ कहा कि अगर हमदोनों चुदाई करते रहना चाहते हैं तो मुझे बीच बीच में उन दोनों से भी चुदवाना पड़ेगा । मैं ने उन दोनो से चुदवाया और मेरे बाबू जी ने ही इस पार्लर का आईडिया दिया और अपनी कुछ सहेलियों, दोनों ननद , भाभी और तुम्हारी सास के साथ मिलकर चुदाई का धंधा शुरु किया । फिर तो औरतें खुद हमसे जुड़ती गई । क़रीब ११ सालों से हम यह धंधा कर रहे हैं , कम से कम २०० औरतों ने यहाँ आकर चुदवाया और कमाई की । तुम्हारे ससुर और मेरे भाई से चुदवाने के लिए औरतों की लाइन लगी रहती थी । आज भी बहुत सी औरतें तुम्हारे ससुर से ही चुदवाने आती है । लेकिन आज कल की औरतों को कम उम्र के लड़कों से चुदवाना ज़्यादा पसंद है । तुम्हें कैसे मर्द पसंद है ?
मैं —- कोई खाश पसंद नही । विनोद के अलावा एक ३४/३५ साल के मर्द से चुदवाया है । दोनों ने बढिया चोदा है ।
कल्पना की बातें सुन एक बात तो साफ हो गई कि विनोद की तरह यह आदमी , मेरा ससुर भी अपने घर की औरतों को अपने सामने दूसरों से चुदवाता है । बिनोद ने अब तक मुझसे धंधा नही करबाया है लेकिन ये आदमी अपनी घरवाली और प्रेमिका दोनों को दूसरों से चुदवाया ही नहीं उनसे धंधा भी करबाया है । ज़रूर ही बहुत जल्दी मुझे और अपनी छोटी बेटी को भी अपने सामने दूसरों से चुदवायेगा । राँची में जतीन ने उंची किमत लेकर ५ आदमियों से चूदवाया था । राघव ने भी बहुत बड़ी किमत , ११०००/- नगद और एक बीस- बाइस हज़ार का गोल्ड नेकलेस दिया । मै रंडी हो ही गई थी ।
मैं खुद अपने ससुर का लौडा अपने बूर में लेने को तैयार थी साथ ही मैं अपने ससुर के सामने इस रंडी कल्पना को अपने आशिक़ प्यारे और दूसरा घरवाला कपिल से चुदवाना चाहती थी । राघव ने चुदाई करते हुए वादा किया था कि प्यारे और कपिल तक मेरा संदेश जल्दी पहुँचा देगा । पहले तो संदेह था कि मेरे ससुराल वाले प्यारे और कपिल को घर में रहने देंगे कि नहीं लेकिन अब पार्लर मेरा था । अब प्यारे और कपिल के साथ अफ़ज़ल और जतीन को भी अपने पार्लर में रख सकती थी ।
कल्पना से वादा कर की अगले दिन भी आउंगी मैं ससुर का साथ घर के लिए निकल गई । दोपहर में बाबूजी खुद ड्राइव कर मुझे अप्सरा होटल ले गये थे लेकिन अभी हम दोनों पिछले सीट पर बैठे थे और एक जवान आदमी कार चला रहा था ।
हम कार के पास आये और कल्पना और ड्राइवर के सामने बाबू जी ने मेरा एक गाल सहलाया ।
बाबूजी——- मंजु बेटी , यह बलवंत , बल्लू है। १५-१६ साल का था तभी से मेरे साथ है। मैं और कल्पना जितना बल्लू पर भरोसा करते हैं उतना किसी पर नही । यह हमारे लिए कुछ भी कर सकता है । तुम भी इसे अपना ही समझना कोई नौकर या ड्राइवर नही ।
मैं ने दोनों के सामने झुक कर बल्लू का दोनों पॉंव छू कर प्रणाम किया । वो भी ससुर के ही उम्र का था ।
मैं —- बल्लू काका , जैसे कल्पना दीदी की ध्यान रखते हैं अपनी इस बेटी का भी ख़्याल रखना ।
मेरी बात सुन उसके चेहरे पर चमक आ गई ।
बल्लू भी अप्सरा होटल के कालिया जैसा ही नाटा था । मेरे दिमाग़ ने सोचा की कहीं इसकी भी लौडा कालिया के लौडा जैसा ४ इंच का ना हो लेकिन उस छोटे लौडा ने चुदाई की जो मस्ती दी थी वैसी मस्ती ना प्यारे ने दिया था ना ही कपिल ने ।
बल्लू—- बहुरानी , ये बल्लू आपके लिए कोई भी काम करेगा । मेरे रहते आप पर कभी कोई ऑंच नहीं आयेगी ।
बल्लू की परसोनालिटी मेरे ससुर जैसी नहीं थी लेकिन बहुत ही गठीला और कसरत बदन था । मुंझे लगा कि इस आदमी का धक्का सबसे पावरफुल होगा । मैं इसे भी अपनी चूत का दीवाना बनाने का सोचा लेकिन पहल उसके तरफ़ से चाहती थी ।
हम घर पहुँचे । हम कार से उतरे तो बलवंत भी उतर गया । ससुर के सामने मेरा हाथ पकड़ा ।
बलवंत —- बहु रानी , जब तक आप खुद नहीं कहेोगी आपकी बूर में लौडा नही पेलुंगा लेकिन एक बार यह देखना चाहता था कि इतनी खुबसूरत और प्यारी औरत की बूर कैसी होगी । बहुरानी आस पास कई नहीं है , कोई आने वाला भी नही , कपड़े उठा कर एक बार बूर दिखा दो ।
मैं ने सोचा कि बलवंत की बात सुन बाबूजी उसे मारेंगे लेकिन मारना तो दूर मेरा ससुर मुस्कुरा रहा था । मैंने भी ड्राइवर को उसके ही भाषा में जबाब दिया ।
मैं —— काका , इतनी रात वो भी रास्ते पर मेरा बूर देख कर क्या करोगे । अब तो हम मिलते ही रहेंगे मौक़ा मिलने पर सारे कपड़े उतार दूँगी । बूर , चूची सिर्फ़ देखोगे क्यों खुब मसलने , दवाने भी दूँगी , लौडा भी चुसुंगी और तुम्हारा लौडा पसंद आ गया तो चुदवा भी लुंगी । परसों एक ऐसे लड़के को लेकर आओ जिसने अब तक किसी को ना चोदा हो लेकिन उसका लौडा बढिया लंबा और मोटा होना चाहिए । मुझे नहीं एक बड़े उम्र की औरत को वैसा ही लौडा चाहिए । औरत जो भी बोले लड़के को सब करना पड़ेगा । २०००/- मिलेगा ।
बोलकर मैं घर का अंदर घुस गई । मंजु घर घुसी । बलवंत और मंजु के ससुर बात करते रहे ।
विजेन्द्र —- बलवंत भाई , कई और भी रंडीयॉं है जो चुदाई की बात करती है लेकिन मंजु जैसा कोई नहीं बोल सकती । इसे चोदने की बात की तो कुतिया ने साफ़ साफ़ कह दिया कि इसका घरवाला यानी मेरा बेटा जिसमें बोलेगा रंडी उसी से चुदवायेगी । विनोद से कैसे बोलूँ कि अपनी खुबसूरत घरवाली को मुझ से , अपने बाप से चुदवाओ ।
बलवंत —- विनोद बेटा से बोलिए कि अगर वो अपनी घरवाली को आप से चुदवायेगा तो आप अपनी घरवाली को उससे चुदवाइयेगा । हर बेटा अपनी मॉं को चोदना चाहता है ।
बलवंत भी अपने मालिक विजेंद्र के साथ घर के अंदर घुसा । बलवंत बहुत देर तक मंजु के सामने नहीं आया ।
विवाह के समय मुझे इतना ही बताया गया था कि मेरे ससुर कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और साथ ही ज़मीन का लेन देन भी करते हैं । विनोद ने भी सिविल इन्जीनियरिंग की पढ़ाई की है कि ज़रूरत पड़ने पर अपने बाबूजी का धंधा सँभाल सके । हमारे घर के लोगों को मालूम था कि नहीं लेकिन मुझे नहीं बताया गया था कि हमारे ससुर कोई ब्यूटी और मसाज पार्लर चलाते हैं । अब सिर्फ़ मालूम ही नहीं हुआ ससुर जी ने मुझे वहॉं का मालकिन भी बना दिया ।
मैं उसी पार्लर के ऑंफिस में बैठी थी और वहॉं की मैनेजर कल्पना मुझे वहॉं का रेट बता रही थी । कल्पना ने कहा कि दूसरे सभी पार्लर की तरह यहॉं भी अलग अलग रेट है ।
कल्पना — मंजु , पहले मर्दों का रेट सून लो,
मर्द अगर मर्दों से ही मालिश करवायेंगे तो १०००/- , अगर मालिश के साथ गॉंड भी मरवायेंगे तो २०००/- । वे अगर औरत से मालिश करबायेंगे तो २०००/- , मालिश के समय लौडा चुसबायेगें तो १०००/- अलग से। ५००० में हमारी औरत लौडा भी चूस देगी , चुदवायेंगी भी और बूर भी चुसने देगी । अगर कोई गॉंड भी मारना चाहता तो औरत खुद ही डील करती है । हमारी ४ रेगुलर मालिश करने बाली है और सब एक से बढिया एक मालिश करती हैं । कल आकर आप भी एक बार मालिश करवा दो , सच पुछो तो मैं खुद तुम्हारे खुबसूरत बदन की मालिश करना चाहती हूँ ।
मैं —- जल्दी क्या है ? यहॉं आती ही रहुंगी ।
कल्पना—- औरतों का रेट अलग है । हमारी अपनी ४ औरतें है , उसके अलावा रोज़ कम से कम १० औरतें आती है या तो चुदाई का मस्ती लेने या फिर चुदवा कर कमाई करने । वे अगर हमारे मर्दों से मालिश करवाती है और चुदबाती हैं तो हम उनसे ४०००-५००० लेते हैं और अगर धंधा करने आती है तो उनकी उम्र, खुसूरती और जवानी देख कर हम उन्हें २ हज़ार से लेकर ५ हज़ार तक देते हैं । हम उन औरतों को जितना देते हैं कम से कम उससे दुगुना मर्दों से वसुल करते हैं ।
हम बात कर रहे थे कि दो ४०-४५ साल के आदमी अंदर आये । दोनों कल्पना के साथ मोल-भाव कर रहे थे लेकिन दोनों की नज़र मेरे चेहरे पर थी । अचानक एक आदमी ने हिम्मत दिखाई ।
आदमी — इन्हें पहली बार ही यहॉं देखा है । मुझे इनसे मालिश करवाना है , कितना लगेगा ?
कल्पना कुछ बोलती उससे पहले मैं ने कहा -
“ मैं मैनेजर मैडम की रिश्तेदार हूँ । मैं खुद यहाँ मालिश करवाने आई हूँ , लेकिन मैं जिससे मालिश करवाती हूँ वो आज जल्दी घर चला गया । मैं रंडी नहीं हूँ । कोई मुझे एक लाख भी देंगा तो भी नहीं चुदवाऊँगी । आप कोई दूसरी माल के ले जाओ , सभी बढिया मालिश भी करती हैं और लौडा भी बहुत बढिया चूसती है । “
इतनी फ़र्राटे से चुदाई की बात बोलते सुन सिर्फ़ दोनों मर्द ही नहीं कल्पना और दोनों मसाज लेडी दंग होकर मेरी ओर देखती रही । ख़ैर दोनों मर्दों ने रुपया जमा किया और हमारी मसाज लेडी को लेकर अंदर चले गये । तभी फ़ोन की घंटी बजी । कल्पना ने उससे बात की और वो बार बार डौली और रश्मि का नाम ले रही थी । आख़िर में कल्पना बोली ,
“ आप लोग हमारे मालिक हैं , आपको खुश करना हमारी ड्यूटी है । लेकिन साहब आपकी दोनों माल भी किसी इज़्ज़तदार आदमियों की घरवाली है , वहु है। वे पूरी रात आपके साथ नहीं रह सकती । कल २ बजे आप जहां बोलिए दोनों को एक साथ भेज दुंगी । आप अकेले मस्ती लीजिए या दूसरों के साथ मिलकर , रात आठ बजे तक दोनों आपके साथ रहेगी । रेट आपको मालूम है । “
कल्पना ने एक पैड पर शायद एक एड्डेस लिखा ।
“ दोनों २ बजे तक वहॉं पहुँच जायेगी । आप जितना चाहे १२ बजे तक हमारे पास भिजवा दीजिए । सर आप जानते हैं कि हम आपसे मोल भाव नहीं कर सकते । “
कल्पना बात करते हुए मेरी ओर देखते हुई बोली ,
“ सर, एक १८-१९ साल की बहुत ही खुबसूरत और मस्त माल पर नज़र पड़ी है , उसे अपने जाल में फँसने की कोशिश कर रही हूँ । “
जो बात कर रहा था उसने कुछ कहा ,
कल्पना —- नहीं साहब, कुँवारी नहीं है , १५-२० दिन पहले ही शादी हुई है लेकिन उसका घरवाला कमजोर है। आपका गदहा जैसा मोटा और लंबा लौडा जब मेरे जैसी औरत नहीं सँभाल सकती तो कुँवारी लड़कियाँ क्या सँभालेंगी । अगर पट गई तो उसे सबसे पहले आपके लौडा पर ही बिठाऊँगी लेकिन सर बहुत ही क़ीमती माल है।
फ़ोन कर रहे आदमी ने फिर कुछ कहा होगा ।
कल्पना—— सर, मुझे बहुत बढ़िया से मालूम है कि आप हीरा को परखना भी जानते हैं और तराशना भी , जब तक वो हाथ नहीं आती तब तक आपकी रश्मि और डॉली है ही । सर उन दोनों रंडियों को भी आपका गदहा वाला लौडा ही पसंद है । आपके अलावा किसी और के साथ घंघा नहीं करती है।
फिर कुछ बात ।
कल्पना—- सर आज शनिवार है , आप मैडम को परसों , यानी सोमवार को ११ बजे भेज दीजिए । उनको उनकी प्यार चूत भी मिलेगी और जैसा मैडम को लौंडा पसंद है वह भी मिलेगा ।
प्रणाम बोलकर कल्पना ने रिसीवर रख दिया ।
कल्पना— हमारे कमिश्नर साहब थे । ख़ुद तो रंडीवाज है ही, इसकी घरवाली बहुत बड़ी हरामजादी है , उसे हर तरह का मज़ा चाहिए । नई जवान छोकरडियों की बूर चाटेंगी, कॉलेज के लड़कों से चुदवायेंगी और गॉंड भी मरवाती है । साली परसों आयेगी , चूत चटवाने के लिए लड़की तो है लेकिन सॉंढ जैसा चोदने वाला कॉलेज का लड़का कहॉं से लाउँगी।
मुझे फिर मेर दूसरा घरवाला कपिल की याद आ गई । मैं भगवान से प्रार्थना करने लगी कि कपिल को जल्दी मेरे पास भेज दे । कपिल की चुदाई के बाद भी बहुतों ने बहुत बढिया चोदा लेकिन इतने लोगों से चुदवाने के बाद भी मुझे कपिल और उसकी प्यार भरी चुदाई की बहुत याद आती रही।
कल्पना की बात का मै क्या जवाब देती । मैंने ने कल्पना को ऑंख मारी ।
मैं —- रंडी, तु कमिश्नर से मेरे बारे में ही बोल रही थी ना । ये डॉली और रश्मि कौन है ?
कल्पना ने अपने ड्रावर से एक और एल्बम निकाला और मेरी ओर बढ़ाया ।
कल्पना— तुमसे क्या छुपाना ! ये सब हमारी बहुत ही स्पेशल माल है । हर २ घंटा का २० हज़ार लेती है फिर चाहे एक आदमी हो या एक सौ आदमी । २ घंटा में आदमी जो चाहेगा सब करेगी । हम कस्टोमर से ३० हज़ार लेते हैं और मालूम नहीं दोनों क्या करती है लोग इन्हें बार बार बुलाते है। कमिश्नर हर आठ - दस दिन पर दोनो को बुलाता है। कल दोनो ६ घंटा रहेगी , दोनों के लिए हमें एक एक लाख मिलेगा । हम उन्हें ६०-७० हज़ार देंगे, बाक़ी हमारा ।
मैं एल्बम देख रही थी । एक फ़ोटो के नीचे डॉली लिखा था ।
मैंने कल्पना को देखा और अंगुली से उस फ़ोटो की ओर इशारा किया । कल्पना समझ गई ।
कल्पना—- आपकी ये ननद बहुत ही मस्त माल है । लोग पागल है इसे चोदने के लिए । शादी के १०-१२ दिनों बाद ही बाज़ार में आ गई । इसका घरवाला खुद ममता को मेरे पास लाया था । बाप इसे चोदने के लिए पागल है लेकिन आपकी ननद का बोलना है कि कुत्ता , गदहा से चुदवा लेगी लेकिन कभी अपने बाप और भाई से नहीं चुदवायेंगी ।
उस छोटे एल्बम में कुल १३ औरतों का फ़ोटो था । कल्पना का भी फ़ोटो था। सबकी शादी हो चुकी थी ।
कल्पना—- ये एल्बम हम सिर्फ़ बड़े बड़े सरकारी अफ़सरों और मंत्रियों को ही दिखाते हैं ।
मैं — दीदी , एक मेरा भी फ़ोटो इस एल्बम में डाल दो । कितना मिलेगा मुझे ?
कुछ देर कल्पना मेरी ओर देखती रही ।
कल्पना— तुम्हारा खुबसूरत मुखड़ा और बदन देख कर शुरु में कोई भी तुम्हें ५० हज़ार या एक लाख भी दे देगा लेकिन अगर तुम उसे खुश नहीं कर पाओगी तो अगली बार से हमारी यहाँ की रंडियों जैसा सिर्फ़ २-३ हज़ार ही मिलेगा । मैं अब २३ सालों से चुदवा रही हूँ । २५०-३०० लंडो ने बूर में लौडा पेला होगा लेकिन आज तक यह बात समझ नहीं आई कि ये बहनचोद मर्द आख़िर खुश कैसे होते हैं ।कोई कोई माल इतनी पसंद आती है कि उसे रोज़ बुलाएँगे और कुछ बहुत खुबसूरत होती है फिर भी एक बार चोदने के बाद कोई दुबारा नहीं बुलाता है।
पिछले साल तक एक निशा नाम की ३०-३२ साल की औरत थी । बहुत ही साँवली और बदन भी बस ठीक ठीक। खुबसूरत दिखने वाली कोई चीज़ उसमें नहीं थी। एक बैंक ऑफ़िसर की पत्नी थी । कहीं से सुना होगा, चार साल पहले एक दोपहर आ गई । उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत थी मेरे पास आ गई। उसने कहा कि उसे एक हफ़्ता के अंदर २५ हज़ार रुपया चाहिए और वो रोज़ सिर्फ़ २ घंटा समय देगी । एक करीब ५० साल के आदमी ने उसे देखा । उस आदमी ने कहा कि वो जो भी बोलेगा सब करेगी तो एक घंटा का ५ हज़ार देगा । औरत तैयार थी । और मंजु , पूछो मत , साली तीन बजे अंदर गई उस ५० साल के आदमी के साथ और ५ घंटा बाद निकली । ५ हज़ार के बदले वो कमरे से ३५ हज़ार लेकर निकली । इतना ही नहीं उस आदमी ने निशा को अगले दिन के लिए भी बुक किया । साल २५ हज़ार कमाने आई थी हफ़्ता भर चुदवा कर और रोज़ ही ३०-३५ हज़ार कमाने लगी । अब हमारा ये पार्लर १२ साल से चल रहा है लेकिन जितना कमीशन उस निशा के कारण मिला उतना कमीशन बाक़ी सब रंडिया मिलकर भी नहीं दे पाई । निशा ने तीन साल यहाँ धंधा किया और जाते समय ख़ुद बोली कि धंधा की कमाई से उसने कलकत्ता में तीन बड़े बड़े मकान ख़रीद लिए हैं ।उसकी कमाई से उसका घरवाला इतना खुश हुआ कि वो खुद अपनी घरवाली के लिए अमीर से अमीर ग्राहक लाने लगा । यहॉं से ट्रांसफ़र होकर अभी बम्बई में है। निशा ने कहा कि वह भी वही सब करती है जो दूसरी रंडिया करती है । उसे ख़ुद नहीं मालूम की सारे के सारे मर्द क्यों उसे अपने साथ नंगा रखना चाहते हैं ।
मेरी बढिया क़िस्मत समझ लो कि अब तक जिसने भी एक बार चोदा उसने दूबारा जरुर बुलाया ।
मुझे ना कल्पना में कोई दिलचस्पी थी ना निशा की कहानी में । मैं ख़ुद मर्द के लिए सबकुछ करने को तैयार थी ।
मैं — कोई अगर २ घंटा का ५० हज़ार देने को तैयार है तो मुझे बुक कर देना ।
कुछ देर कल्पना चुप चाप मेरी ओर देखती रही ।
कल्पना— कल ११ बजे यहाँ आ जाना । हमारा फ़ोटोग्राफ़र तुम्हारी कुछ फ़ोटो लेगा , नंगी फ़ोटो भी लेग। , तुम्हें बस उसका लौडा चूसना होगा । वो चुदाई नहीं कर सकता है । कमिश्नर को बोल दूँ कि माल तैयार हो गई है । सच कहती हूँ , तुम्हारे ससुर मुंझे २३-२४ साल से चोद रहे हैं बहुत ही खुश करते है मुझे लेकिन रानी कमिश्नर से चुदवाने का अलग ही मज़ा है । बूक कर दू?
मैं — इतनी जल्दी नहीं । अगले हफ़्ता देखुंगी । लेकिन ये बात अभी सिर्फ़ हमारे बीच ही रहनी चाहिए ।
कल्पना ने नॉड किया और एक आलमारी खोल। कर एक बड़ा सा डौसियर जैसा फ़ाईल निकाला । मुझे दिया और देखते देखते मैं पसीने पसीने हो गई । उस डौसियर में बहुत सी लडकियों और औरतेों की नंगी तस्वीरें थी, कल्पना और मेरी बड़ी ननद ममता के साध निशा की भी नंगी तस्वीरें थी । जिसने भी खींचा था ज़रूर बहुत ही बढ़िया फ़ोटोग्राफ़र था । एक से एक गंदी तस्वीरें थी । हॉ, किसी का भी मर्द के साथ कोई फ़ोटो नहीं था ।
कल्पना— तुम्हारी भी नंगी तस्वीरें यहॉं लगेगी । एक तो इसे हम अपने खाश खाश कस्टोमर को दीखाते हैं और दूसरी बात , कोई भी रंडी हमारे ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोल सकती । उसे मालूम है कि हमारे ख़िलाफ़ जाने से क्या होगा ? उसकी नंगी तस्वीरें शहर के सभी दीवारों पर होंगी । और कुछ बुड्ढे हैं जिन्हें जीती जागती औरतों की नंगी तस्वीरें देख कर लौडा हिलाने में हगाती मज़ा आता है । हम ये तस्वीरें बेचते भी है लेकिन डरो मत आज तक किसी ने ग़लत फ़ायदा नहीं उठवाया ।
कल्पना मुझे रंडी के धंधा के बारे में समझाती रही । ९ बजे से पहले ससुर जी भी आ गये ।
कल्पना—- साहब, आप की यह बहु चुदवायेंगी नहीं फिर भी अगर ये यहाँ रोज़ २-४ घंटा बैठे तो हमारी घंघा बहुत बढ़ जायेगा । कमिश्नर ने कल फिर डॉली और रश्मि को बूक किया है और परसों उसकी घरवाली अपनी माल का चूत खाने आयेगी लेकिन रंडी को फिर एक लौंडा चाहिए । कोई है नज़र में ?
मेरे सामने ही ससुर जी ने कल्पना को अपनी गोदी में बिठाकर प्यार किया ।
कल्पना —- राजा, ममता से आज भी बहुत खुशामद किया लेकिन साली अब भी अपने बाप से चुदवाने को तैयार नहीं है । मंजु , विनोद से कहीं ज़्यादा मज़ा विनोद के बाप के साथ आयेगा ।मंजु , तुम्हारे ससुर ने चुदाई का ऐसा मज़ा दिया कि बाप और भाई क्या ससुर से भी चुदवा लिया लेकिन तुम्हारे ससुर जैसा कोई नहीं । रानी कल ११ बजे तक आ जाना ।
मेरा ससुर मेरे सामने एक हाथ से उसकी चूचियों को मसलते हुए दूसरा हाथ साड़ी के अन्दर डाल मेरी ओर देखता रहा । जैसे कह रहा हो कि मेरे साथ भी ऐसा ही करेगा ।
मैं —— बाबू जी, लौडा बहुत फनफना रहा है तो किसी केविन ने ले जाकर चोदिए । मुझे क्यों गर्म कर रहे हैं ?
कल्पना—- तेरे घरवाला विनोद को मालूम है कि विजेन्द्र की असल घरवाली मैं हूँ फिर भी उसने बहुत ज़िद की तो मैंने उससे चुदवा लिया । वो सिर्फ़ मुझसे ही नहीं दूसरी १०-१२ माल को चोद कर उनसे ट्रेनिंग लेकर तुम्हें चोदने गया । तुम्हें विनोद कैसा लगा तुम ही जानो लेकिन न तो मुझे न ही अपनी बाक़ी चार औरतों में से किसी को भी उसके साथ मज़ा आया । तुम्हारे आने के थोड़ी देर पहले ही आया था रुक्मा को चोदने लेकिन उस लड़की ने कहा कि भले ही वो एक एक रुपया में चुदवाये, विनोद जैसे नामर्द से दूबारा नहीं चुदवायेंगी ।
कल्पना ने रुक्मा का नाम लिया तो मैं भूल गई कि रुक्मा जुगनू रिक्शा वाले की बहन है । मैं अपने ससुर की हरकत देख रही थी । मैं चाह रही थी कि कल्पना मेरे सामने लौडा को सहलाए , चूसे ।
मैं —- विनोद को तुम रंडियों ने क्या ट्रेंनिंग दिया मुझे नहीं मालूम । लेकिन उसने सुहाग रात से लेकर पिछली रात ट्रेन में भी मुझे चोदकर बहुत खुश किया । मेरे विनोद के लौडा को रंडियों की ढीली , घीसी हुइ बूर नहीं मेरी और केतकी जैसी टाईट और रसीली बूर जाहिए । “
मैंने उस समय ध्यान नहीं दिया कि मै ने अपनी छोटी ननद केतकी का नाम लिया कि विनोद को उसे चोदने में बहुत मज़ा आयेगा ।
कल्पना—- केतकी क़रीब क़रीब रोज़ यहाँ आकर कुछ देर बैठती है । हमारे बहुत से कस्टोमर उसे चोदना चाहते है। एक सेठ लड़की की कुँवारी चूत के लिए २-३ लाख देगा लेकिन लड़की घंघा करने के लिए तैयार ही नहीं हो रही है । मंजु उसे तैयार करो , में विश्वास के साथ कह सकती हूँ कि केतकी की डिमांड ममता से ज़्यादा होगी ।
एक रंडी बाप के सामने उसकी बेटी को रंडी बनाने की बात कर रही है लेकिन बाप आराम से सुन रहा है ।
मैं —— बाबू जी, आप ही क्यों नहीं उसे अपना लौडा दिखाकर मस्त करते है । लड़की जवान हो गई है बढिया लौडा देखकर ज़रूर चुदाई के लिए तैयार हो जायेगी ।
बाबू जी —- तुम्हारी ननद मेरा , अपने बाप का लौडा देखकर गर्म नहीं होगी . चुदाई के लिए तैयार होने के बदले डर कर भाग जायेगी । अब तक जितनी कुँवारीओ को चोदा वे फिर दूबारा मुझसे चुदवाने वहीं आई ।
कल्पना—- तुम्हारे ससुर ने पहली बार बहला फुसला कर चोद लिया । चूत फाड़ दी । एक चुदाई का बाद क़रीब तीन महिना मैं इनके सामने आई ही नही । लेकिन एक दिन , घर में मॉं बाप थे, भाई था , यह मेरे कमरे में घुस गया । बहुत खुशामद किया और बूर को चूस चाट कर इतना गर्म कर दिया कि मैं ने खुद लौडा को अपनी बूर में ले लिया । हम दोनों की चुदाई रोज़ होने लगी । हम दोनों बहुत रोए लेकिन हमारी शादी नहीं हो पाई । हम दोनों ने अलग अलग जगह शादी कर ली लेकिन शादी के बाद भी हमारी चुदाई चालू रही ।
सुहाग रात को मेरी बूर में इस आदमी का लौडा था और हमारे बग़ल में ही मेरा घरवाला मनीष तुम्हारी सास को चोद रहा था । मनीष लगातार १२ साल तक तुम्हारी सास को चोदता रहा और एक दिन मालूम नहीं कहॉं ग़ायब हो गया । मेरे तीनों बच्चों को मालूम है कि उनका असल बाप यही है । मेरे बाबू जी और बड़े भाई को साफ़ दीखा कि मैं विजेन्द्र के लिए पागल हूँ । उन्होंने साफ़ साफ़ कहा कि अगर हमदोनों चुदाई करते रहना चाहते हैं तो मुझे बीच बीच में उन दोनों से भी चुदवाना पड़ेगा । मैं ने उन दोनो से चुदवाया और मेरे बाबू जी ने ही इस पार्लर का आईडिया दिया और अपनी कुछ सहेलियों, दोनों ननद , भाभी और तुम्हारी सास के साथ मिलकर चुदाई का धंधा शुरु किया । फिर तो औरतें खुद हमसे जुड़ती गई । क़रीब ११ सालों से हम यह धंधा कर रहे हैं , कम से कम २०० औरतों ने यहाँ आकर चुदवाया और कमाई की । तुम्हारे ससुर और मेरे भाई से चुदवाने के लिए औरतों की लाइन लगी रहती थी । आज भी बहुत सी औरतें तुम्हारे ससुर से ही चुदवाने आती है । लेकिन आज कल की औरतों को कम उम्र के लड़कों से चुदवाना ज़्यादा पसंद है । तुम्हें कैसे मर्द पसंद है ?
मैं —- कोई खाश पसंद नही । विनोद के अलावा एक ३४/३५ साल के मर्द से चुदवाया है । दोनों ने बढिया चोदा है ।
कल्पना की बातें सुन एक बात तो साफ हो गई कि विनोद की तरह यह आदमी , मेरा ससुर भी अपने घर की औरतों को अपने सामने दूसरों से चुदवाता है । बिनोद ने अब तक मुझसे धंधा नही करबाया है लेकिन ये आदमी अपनी घरवाली और प्रेमिका दोनों को दूसरों से चुदवाया ही नहीं उनसे धंधा भी करबाया है । ज़रूर ही बहुत जल्दी मुझे और अपनी छोटी बेटी को भी अपने सामने दूसरों से चुदवायेगा । राँची में जतीन ने उंची किमत लेकर ५ आदमियों से चूदवाया था । राघव ने भी बहुत बड़ी किमत , ११०००/- नगद और एक बीस- बाइस हज़ार का गोल्ड नेकलेस दिया । मै रंडी हो ही गई थी ।
मैं खुद अपने ससुर का लौडा अपने बूर में लेने को तैयार थी साथ ही मैं अपने ससुर के सामने इस रंडी कल्पना को अपने आशिक़ प्यारे और दूसरा घरवाला कपिल से चुदवाना चाहती थी । राघव ने चुदाई करते हुए वादा किया था कि प्यारे और कपिल तक मेरा संदेश जल्दी पहुँचा देगा । पहले तो संदेह था कि मेरे ससुराल वाले प्यारे और कपिल को घर में रहने देंगे कि नहीं लेकिन अब पार्लर मेरा था । अब प्यारे और कपिल के साथ अफ़ज़ल और जतीन को भी अपने पार्लर में रख सकती थी ।
कल्पना से वादा कर की अगले दिन भी आउंगी मैं ससुर का साथ घर के लिए निकल गई । दोपहर में बाबूजी खुद ड्राइव कर मुझे अप्सरा होटल ले गये थे लेकिन अभी हम दोनों पिछले सीट पर बैठे थे और एक जवान आदमी कार चला रहा था ।
हम कार के पास आये और कल्पना और ड्राइवर के सामने बाबू जी ने मेरा एक गाल सहलाया ।
बाबूजी——- मंजु बेटी , यह बलवंत , बल्लू है। १५-१६ साल का था तभी से मेरे साथ है। मैं और कल्पना जितना बल्लू पर भरोसा करते हैं उतना किसी पर नही । यह हमारे लिए कुछ भी कर सकता है । तुम भी इसे अपना ही समझना कोई नौकर या ड्राइवर नही ।
मैं ने दोनों के सामने झुक कर बल्लू का दोनों पॉंव छू कर प्रणाम किया । वो भी ससुर के ही उम्र का था ।
मैं —- बल्लू काका , जैसे कल्पना दीदी की ध्यान रखते हैं अपनी इस बेटी का भी ख़्याल रखना ।
मेरी बात सुन उसके चेहरे पर चमक आ गई ।
बल्लू भी अप्सरा होटल के कालिया जैसा ही नाटा था । मेरे दिमाग़ ने सोचा की कहीं इसकी भी लौडा कालिया के लौडा जैसा ४ इंच का ना हो लेकिन उस छोटे लौडा ने चुदाई की जो मस्ती दी थी वैसी मस्ती ना प्यारे ने दिया था ना ही कपिल ने ।
बल्लू—- बहुरानी , ये बल्लू आपके लिए कोई भी काम करेगा । मेरे रहते आप पर कभी कोई ऑंच नहीं आयेगी ।
बल्लू की परसोनालिटी मेरे ससुर जैसी नहीं थी लेकिन बहुत ही गठीला और कसरत बदन था । मुंझे लगा कि इस आदमी का धक्का सबसे पावरफुल होगा । मैं इसे भी अपनी चूत का दीवाना बनाने का सोचा लेकिन पहल उसके तरफ़ से चाहती थी ।
हम घर पहुँचे । हम कार से उतरे तो बलवंत भी उतर गया । ससुर के सामने मेरा हाथ पकड़ा ।
बलवंत —- बहु रानी , जब तक आप खुद नहीं कहेोगी आपकी बूर में लौडा नही पेलुंगा लेकिन एक बार यह देखना चाहता था कि इतनी खुबसूरत और प्यारी औरत की बूर कैसी होगी । बहुरानी आस पास कई नहीं है , कोई आने वाला भी नही , कपड़े उठा कर एक बार बूर दिखा दो ।
मैं ने सोचा कि बलवंत की बात सुन बाबूजी उसे मारेंगे लेकिन मारना तो दूर मेरा ससुर मुस्कुरा रहा था । मैंने भी ड्राइवर को उसके ही भाषा में जबाब दिया ।
मैं —— काका , इतनी रात वो भी रास्ते पर मेरा बूर देख कर क्या करोगे । अब तो हम मिलते ही रहेंगे मौक़ा मिलने पर सारे कपड़े उतार दूँगी । बूर , चूची सिर्फ़ देखोगे क्यों खुब मसलने , दवाने भी दूँगी , लौडा भी चुसुंगी और तुम्हारा लौडा पसंद आ गया तो चुदवा भी लुंगी । परसों एक ऐसे लड़के को लेकर आओ जिसने अब तक किसी को ना चोदा हो लेकिन उसका लौडा बढिया लंबा और मोटा होना चाहिए । मुझे नहीं एक बड़े उम्र की औरत को वैसा ही लौडा चाहिए । औरत जो भी बोले लड़के को सब करना पड़ेगा । २०००/- मिलेगा ।
बोलकर मैं घर का अंदर घुस गई । मंजु घर घुसी । बलवंत और मंजु के ससुर बात करते रहे ।
विजेन्द्र —- बलवंत भाई , कई और भी रंडीयॉं है जो चुदाई की बात करती है लेकिन मंजु जैसा कोई नहीं बोल सकती । इसे चोदने की बात की तो कुतिया ने साफ़ साफ़ कह दिया कि इसका घरवाला यानी मेरा बेटा जिसमें बोलेगा रंडी उसी से चुदवायेगी । विनोद से कैसे बोलूँ कि अपनी खुबसूरत घरवाली को मुझ से , अपने बाप से चुदवाओ ।
बलवंत —- विनोद बेटा से बोलिए कि अगर वो अपनी घरवाली को आप से चुदवायेगा तो आप अपनी घरवाली को उससे चुदवाइयेगा । हर बेटा अपनी मॉं को चोदना चाहता है ।
बलवंत भी अपने मालिक विजेंद्र के साथ घर के अंदर घुसा । बलवंत बहुत देर तक मंजु के सामने नहीं आया ।
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE