25-09-2022, 04:55 PM
मैं मंजु , आगे की कहानी लेकर हाज़िर हूँ ।
आपने पढ़ा कि रॉंची में दो दिन ही होटल में रही और १० लोगों से मस्ती से चुदवाया । रात में ट्रेन में मुझसे दुगुनी उम्र के आदमी राघव ने चोदा। वो जब दूसरी बार पेल रहा था तब उसकी घरवाली किरण ने देखा लेकिन वो चुप रही । राघव ने अगले दिन मुझे एक होटल में बुलाया । मैं ने हॉं कर दी । वापस घर आई तो ससुर ने अपना नंगा बदन, अपना मस्त लौडा दिखाकर साफ़ साफ़ कहा कि जैसे भी हो रात में मुझे उससे चुदवाना ही है। मैं ने उसे चैलेंज दिया कि वो अपना बहु को बेटा के सामने ही चोदे । मैं ने उससे यह नहीं कहा कि उस के बेटे को मुझे दूसरों से चुदवाने देखने में अपना चुदाई से ज़्यादा मज़ा आता है । मैंने ससुर से ही कहा कि वो मुझे २ बजे होटल अप्सरा पहुँचा दे । उसने जब पूछा कि क्या मैं अपने यार से चुदवाने जा रही हूँ तो मैं ने हॉ कर दिया । ससुर ने मुझे समय पर होटल पहुँचाया । राघव ने एक बार ही मुझे चोदा । वो चला गया लेकिन मैं कमरे में ही रह गई ।
राघव ने चाय नाश्ता का आर्डर दिया था वो लेकर जो वेटर रुम में आया था वह बिलकुल काला कलूटा था । चाय नाश्ता रखकर, बिना मुझ से कुछ बात किए वो रुम से बाहर चला गया लेकिन क़रीब २० मिनट बाद फिर रुम में आया ।कमरे में घुसा और दरवाज़ा को अंदर से बोल्ट कर दिया । इतने लोगों से चुदवा चुकी थी कि दिल में डर नाम का कुछ भी नहीं था । वो ये बोलते हुए आगे बढ़ा कि जो भी मुझे यहाँ लेकर आया है वो मुझे असंतुष्ट छोड़ कर गया है । उसने कहा कि मैं बहुत ही प्यासी हूँ । राघव ने बढिया चोदा था लेकिन यह वेटर ठीक ही कह रहा था कि मुझे और भी चुदाई की ज़रूरत थी । मैं नंगी थी ही , वो भी मेरे तरफ़ आते आते नंगा हो गया । उसका बदन बहुत ही गठीला था , चेहरे पर मासूमियत थी , लौडा लोहा के रॉड जैसा टाईट था , अब तक मैं ने जितना लौडा खाया था यह लौडा उस सबसे मोटा था । मैं विश्वास के साथ नहीं कह सकती थी कि मेरे ससुर का लौडा ज़्यादा मोटा था या इस आदमी का । फिर भी मुझे लौडा बिलकुल पसंद नहीं आया ।
मेरे पास आकर मेरी चूत मसलकर बोला ,
“ आपकी ये चूत सबसे प्यारी है “
मैंने लौडा पकड़ कर कहा ,
“ और तुम दुनिया के सबसे बदसूरत आदमी ही नहीं एक नंबर के मादरचोद हो , सुबह शाम अपनी मॉं को चोदते हो , उसकी गॉंड मारते हो । चोदने आये हो तो पुरा लौडा लेकर आते , आधा लौडा अपनी मॉं के बूर में छोड़कर आये हो , मैं ऐसे आधा लौडा से नहीं खुदवाती ।
रुम में मैं अकेली वो भी नंगी । और रुम में था एक नंगा आदमी , चुदाई तो होनी ही थी । मैं बेड के पास ही खड़ी थी । उसे अपने आप पर या लौडा पर बहुत भरोसा शा । उसने मुझे अपनी बाँहों पर उठाया और वॉंहो पर लिटा कर रुम में घुमाने लगा । उसका एक हाथ मेरी पीठ के नीचे था और दूसरा हाथ उसे दोनों चुत्तर के बीज घुसा कर बूर के ज़ोरों से दवा रखा था । वो मुझे इतनी आसानी से रुम में घुमा रहा था मानो मेरी कोई वजन हो ही नहीं ।
वेटर ——खुबसूरत परी , पहले इस आधे लौडा का कमाल देख लो अगर पसंद नहीं आया तो अपनी मॉं के बूर से बाक़ी लौडा निकाल कर आइंदा और आपको खुश करुंगॉं ! मेरा नाम कृष्णा है लेकिन जब से होश सँभाला है अपने को मैं कालिया के नाम से ही जानता हूँ । मेरे मॉं और बाबूजी इसी होटल में काम करते थे । बाबू जी यहॉं के गार्ड से और मॉं यहॉं आने बाले , रहने बाले लोगों की सेवा करती थी । सीधा बोलू तो रंडी थी । यहॉं रहने बालों लोगों के साथ चुदाई कर रुपया कमाती थी । तीन साल पहले बाबू जी का साँप काटने से देहांत हो गया । मॉं के ही कारण मुझे यहॉं नौकरी मिल गई । तुमने गाली देकर कहा या या मज़ाक़ में कहा था , मैं ने अब तक सिर्फ़ अपनी मॉं के ही बूर में लौडा पेला है । तीन साल पहले जिस दिन मैं ने पहला दिन नौकरी किया उसी रात मॉं को पहली बार चोदा था । अब तीन साल से मैं मॉं को ही चोद रहा हूँ। वो औरत ३६-३७ साल की है लेकिन उस कुतिया की डिमांड इस होटल में बहुत है। होटल में रोज़ २-३ ग्राहक को खुश करती है और और घर में मुझे ऐसा मस्ती देती है कि किसी भी दूसरा माल की तरफ़ देखने का जी ही नहीं करता है । लेकिन तुम्हारे इस प्यारा मुखड़ा ने मुझे मुफ़्त का गुलाम बना दिया ।
कालिया बोलता रहा ,
आज मॉं के अलावा के पहली बार किसी दूसरी औरत को वो भी दुनिया की सबसे प्यारी चूत बाली सबसे खुबसूरत औरत के नंगे बदन को छुआ है । अब मेरी मॉं रुम रुम जा कर नहीं चुदवाती बहुत ही खाश खाश लोगों को खुश करती है । इस होटल का मालिक ही मेरी मॉं केतकी को बहुत खाश खाश लोगों के पास भेजता है । मेरी केतकी मर्दों को चुदाई का , औरत का ऐसा मज़ा देती है जो कोई और नहीं दे सकती । यहाँ की सबसे मंगही रंडी है । तुम तो अभी बच्ची हो । तुम्हारा बदन देखकर लगता है तुमने बहुत ही कम चुदवाया है लेकिन मेरी मॉं शादी के पहले से धंधा करती है और अब तक १० -१२ हज़ार लोगों से चुदवाया ही होगा लेकिन आज भी उस औरत के चोदने के लिए लोग पागल है और मैं उस रंडी को चोद कर पागल रहता हूँ ।
इस रुम में आया तो तुम जिस तरह चादर ओढ़ कर सोईं थी, साफ़ लग रहा था कि तुम बिलकुल नंगी हो और मेरा लौडा तुम्हें चोदने के लिए पागल हो गया । अपनी मॉं के बाद पहली औरत हो जिसे मैं ने छुआ है । मेरी गंदी सूरत देख कोई लड़की मेरी ओर देखती भी नहीं ।
मैं—— सूरत को छोड़ो , औरतो को सूरत नहीं बढिया लौडा चाहिए । तेरी रंडी मॉं सिर्फ़ अपने बेटे को खुश रखने के लिए ही तुमसे चुदवाती होगी । तुम्हारा लौडा ४ इंच का ही होगा शायद , कौन चुदवायेंगी ऐसे छोटे लौडा से ?
मेरी बात ख़त्म हुई । कालिया ने मुझे बेड पर लिटाया । बिना कुछ बोले मेरे उपर आया । अपने एक हाथ से पकड़ लौडा को बूर के छेद से सटाया और एक ऐसा जवरदस्त धक्का मारा कि मेरा पूरा बदन चरमरा गया ।
“ मादरचोद , ये तेरी कुतिया मॉं का ढीला भोंसरा नहीं है १८ सास की १०-१२ बार ही चूदी हुई मंजु का बूर है धीरे पेल यार । आह कालिया मज़ा आ गया । “
और उसके बाद तो मैं मदहोश हो गई । बाक़ी सब कुछ भूल गई, याद रहा सिर्फ़ ज़ोरदार धक्का और ऐसी तेज चुदाई जैसे किसी ने , ना प्यारे ने, ना अफ़ज़ल ने ना ही राजीव ने की थी । अपना पूरा होशो हवास खो बैठी थी । वो जीतनी देर चोदता रहा मैं सिर्फ़ सिसकारी ही मारती रही । कभी उसे अपनी बाँहों और जाँघों से बांधने की कोशिश करती तो कभी उसे पागलों जैसा चूमती ।
उसने कितना देर चोदा मालूम नहीं । मैं झड़ गई, पस्त पस्त हो गई । उसके कुछ देर बाद कालिया भी मेरे बदन पर सुस्त हो गया । उसके लौडा ने मेरी बुर को अपने रस से दभर दिया । राघव ने जो मुझे प्यासा छोड़ा था इस ४ इंच के लौडा ने मुझे भरपेट पिला दिया , मुझे बिलकुल ठंडा कर दिया । हमदोनो एक दूसरे से चिपक कर लम्बी लम्बी सॉसे लेने लगे । मुझे होश तब आया जब मादरचोद मेरी बूर को चुसने चाटने लगा । मैं नहीं नहीं करती रही लेकिन वो कुत्ता रुका नही ।
मुझे उल्टा किया । मेरी कमर के नीचे २ मोटा तकिया लगाया । बहुत होगा तो १५-१६ मिनट ही बूर चुसा चाटा होगा । मेरे उपर आया ।
“ रानी , बहुत ही मस्त खुबसूरत चुत्तर और गॉंड का छोटा सा गुलाबी छेदा बहुत प्यारा है । अपनी कुतिया ( मॉं ) से बहुत बार कहा कि गॉंव में लौडा पेलने दें लेकिन हमेशा बोलती है उसकी गॉंड के छेदा को एक खाश तरह का ही लौडा पसंद है ।
मैं — कैसा , कौन खाश तरह का लौडा ?
उसने मेरी कान में जबाब दिया । उसी जबाब सुन मैं अवाक रह गई और उस ४ इंच का लौडा बहुत ही तेज़ी से गॉंड में घुसा ।
“ हरामी , मादरचोद तुमने गॉंड फाड़ दी । “
मैं चिल्लाई लेकिन कुत्ता रुका नहीं। चूचियों को मसलते हुए गॉंड में भी राजधानी एक्सप्रेस चलाता रहा । गॉंड की दीवारों से रगड़ खाती हुआ वो चार इंच के लौडा ने राजीव और प्यारे के गॉंड मारने के मस्ती को भुला दिया । पहले जैसे जतीन ने कहा था मैंने सोचा था कि शुक्रवार की रात फिर राँची जाउंगी और जतीन के मालिक के साथ चुदवाना ही होगा प्यारे और कपिल के साथ भी मस्ती लुंगी । लेकिन इस कालिया के लौडा ने सब भुला दिया । मैं कुछ दिन लगातार कालिया और उसकी मॉं के साथ रहकर चुदाई के मज़े के साथ मर्दों को खुंश करने का तरीक़ा भी सीखना चाहती घी ।
कालिया ने चुदाई का मज़ा दिया ही था गॉंड मरवाने ने भी ऐसा मज़ा पहले नहीं आया था । मैं मस्ती लेती रही ।
जब फ़ोन की घंटी बजी ।
मै ने लेटे हुए ही फ़ोन का रिसीवर लिया । रिसेप्शन से फ़ोन था । लड़की ने कहा कि हमारा चार घंटा समय ख़त्म हो रहा है मुझे जल्दी रुम ख़ाली करना होगा । रिसीवर रख मैंने कालिया की ऑंखों में कुछ देर देखा और फिर खुब ज़ोर से हंसी ।
“ रानी , इससे ज़्यादा प्यारी हँसी और हो ही नहीं सकती । “
मैं - कालिया , आज जो तुमने मुझे चोदा, गॉंड मारी , मुझे खुश किया वो मैं कभी नहीं भूल सकती । तुम्हारा लौडा देखकर मुझे लगा था कि तुम बस मेरी खुबसूरती और कमसीन ज़बानी देखकर मुझ पर पागल हो रहे हो लेकिन तुमने ७-८ इंच लम्बे और मोटे लौडा से जितना मैं ने कभी सोचा भी नहीं था उससे कहीं बढ़िया चोदा । मैं गॉंड में भी २ लंबा और मोटा लौडा ले चुकी हूँ लेकिन किसी ने तुम्हारे जैसा खुश नहीं किया । तेरा मोटा लौडा देखकर मैं डर गई थी लेकिन राजा तुमने अपना रानी को मस्त ही नहीं किया पस्त भी कर दिया लेकिन मुझे ये मस्ती बार बार चाहिए लेकिन मेरा रोज़ रोज़ यहाँ आना मुश्किल है । तुमने बहुत ही ज़्यादा थका दिया है लेकिन मेरे पास एक रुपया भी नहीं है । पहले कुछ खिला पिला दो और फिर मुझे घर भी पहुँचा दो ।
हम दोनों ने कपड़े पहने ।
कालिया ——- मंजु रानी , सिर्फ़ आपको बहकाने के लिए नहीं , आपकी बूर में लौडा पेलने से पहले तीन साल से अपनी रंडी मॉं को ही चोद रहा हूँ । लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आपका यार आपको लेकर यहाँ क्यों आया । रानी कोई इतना प्यारा मुखड़ा देखे उस से पहले आप बुर्का पहन लो ।
मंजु बुर्का पहन ही रही थी कि एक दूसरा वेटर आया । मैं ने उसे देखा । यह दूसरा वेटर ३०-३२ साल का था , देखने में भी कालिया से बहुत ही ज़्यादा बढ़िया था लेकिन अब मुझे किसी भी दूसरे मर्द में कोई इनटेरेस्ट नहीं था । मुझे अब कपिल , प्यारे या राजीव नहीं सिर्फ़ यही कालिया ही चाहिए था ।
नया वेटर —- मैडम आपका समय ख़त्म हो गया है ,,,,
मंजु ने बीच में ही टोका ।
“ दिख नहीं रहा, मैं रुम ख़ाली कर रही हूँ । कृष्णा भैया चलो , मुझे घर पहुँचा दो । ॰
वेटर ने कालिया से पूछा कि वो कस्टोमर के रुम में काम कर रही है तो मैंने जबाब दिया ,
“ मैं ने बोला ना ये कालिया मेरा भाई है । चलो भैया , घर पहुँचा दो । “
वेटर ने क्या समझा मालूम नहीं हम तीनों रुम से बाहर निकले । नये वेटर को नहीं दिखा कि कालिया के साथ जो औरत है वह कितनी हसीन और खुबसूरत है । रिसेप्शन में आकर कालिया ने कहा कि वह अपनी बहन ( मंजु ) को जल्दी घर छोड़ कर आता है । मैनेजर ने परमिशन दे दिया और दोनों बाहर आए ।
होटल के कई कस्टोमर और दूसरे लोगों के साथ मैनेजर भी कालिया की मॉं को कई बार चोद चूका था ।
कालिया को एक बुर्के बाली के साथ बाहर निकलते देख एक पैडल रिक्सा बाला आ गया । मंजु ने बिना कुछ बोले अपने बैग से एक पर्चा निकाल कर कालिया को दिया । राघव ने उस पर्चे पर मंजु के ससुर के ऑफिस का पता लिखा था । कालिया ने पर्चा पढ़ा और उसे फाड़कर फेंक दिया । दोनों रिक्शा पर बैठे । कालिया ने रिक्सा बाले से कहीं चलने के लिए कहा । बुर्का के अंदर से कालिया के लौडा को सहलाती हुई मंजु ने पुछा ,
“ तुमने ऐसा क्यों कहा कि मेरा आदमी मुझे इस होटल में लेकर क्यों आया ? “
कालिया कुछ बोलता उससे पहले रिक्शा बाले ने कहा ,
“ मैडम, आपकी आवाज़ बहुत ही मीठी है । आवाज़ से लगता है कि आप किसी बढिया घर की है और इस होटल में सिर्फ़ रंडिया ही आती हैं । आप ने अगर बुर्का नहीं पहना होता तो कोई ना कोई आपकी किमत देकर आपको चोद ही लेता ।”
कालिया —- जुगनू क्या फ़ालतू बात कर रहा है । क्यों डरा रहा है मेरी बहन को !
रिक्शा बाला — मैडम , सिर्फ पेशेवर रंडिया ही नहीं बड़े बड़े , बढिया घर की औरतें भी इस होटल में चुदवाने आती है और नये नये लंड का मज़ा लेने के अलावा बढिया कमाई करके भी जाती है । बेकार से बेकार औरतों को भी एक घंटा ग्राहक के साथ रहने का तीन हज़ार मिलता ही है । आपको भी कभी अगर रुपया की ज़रूरत हो तो यहॉं कभी भी आ जाना । बाहर चुदाई का जो मिलेगा उससे ज़्यादा ही यहाँ मिलेगा और आपने एक बार भी इस होटल के खाश प्रोग्राम में भाग ले लिया तो रातों रात आप लखपति बन जायेगी ।
कालिया को जुगनू की बात सुन शरम आ रही थी लेकिन मंजु को मज़ा आ रहा था । मंजु रिक्शा वाले की हिम्मत देख दंग थी ।
मंजु —- जब यहॉं एक रात में ही औरत लाखों कमा लेती हैं तो तुमने भी अपनी मॉं , बहन , बेटी से इस होटल में धंधा करबाया होगा । तु भी यहॉं की रंडियों को चोदता होगा ?
मंजु और कालिया दोनों को लगा कि मंजु की बात से जुगनू बहुत नाराज़ होगा । लेकिन वो बिलकुल नाराज़ नहीं हुआ ।
रिक्शा वाला — मेरे घर चलकर देख लो मेरी मॉं इतनी दुबली पतली है कि कोई उस कुतिया को नंगा भी देखेगा तो उसका लौडा ढीला हो जायेगा । मेरी बहन और बेटी दोनों इस होटल में इसलिए नहीं आती कि उन्हें डर है कि वे नहीं भी चाहेंगी तो भी कभी ना कभी होटल के स्पेशल तमाशा में भाग लेना ही पड़ेगा । दोनों मेरी बहन और बेटी चुदवा कर कमाती है लेकिन यहॉं नहीं शहर के अंदर जो ‘शालिन ब्यूटी पार्लर’ है बहॉं काम करती है । मैडम आपको शायद ये लगता होगा कि मेरी इतनी बड़ी बेटी कैसे हो सकती है जो चुदवाने भी लगी है। मेरी शादी बहुत जल्दी हो गई थी । पहले बेटी हुई और फिर बेटा । मेरी बेटी रुक्मा आपके ही उम्र की १८-१९ साल की होगी और बहन ३० साल की है । कुतिया की शादी कर दी थी लेकिन एक लौडा से उसका मन नहीं भरा । अब मालिश भी करती है और चुदाई भी । बहुत बढिया मालिश करती है एक बार जरुर करवाइयेगा । मेरी बहन चंपा को चोदने बाले कहते हैं कि साली चुदाई में भी बहुत मज़ा देती है ।
मंजु ने नहीं पूछा कि क्या लोभी अपनी बहन और बेटी को चोदता है ।
मंजु — इस होटल में क्या स्पेशल तमाशा होता है और वो पार्लर कहॉं है ?
रिक्शा वाला —- मैडम जिस तरीक़े से आप बात कर रही है उससे साफ़ लगता है कि आप को चुदाई बहुत पसंद है। लेकिन आपका ये भाई बहुत ही शरीफ़ है। न ये ख़ुद किसी को चोदेगा ना अपनी बहन को, आपको किसी से यहाँ चुदवायेगा। ये एक साल से यहाँ काम कर रहा है लेकिन अब तक इसने किसी भी माल को हाथ नहीं लगाया । जब कि सुबह से मैं तीन औरत को चोद चूका हूँ ।
मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि कालिया ने मुझसे झूठ नहीं कहा । वो सिर्फ़ अपनी मॉं को ही चोदता है । रिक्शा वाला मुझे अपना ओर अट्रैक्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा था ।
रिक्शा वाला—— मैडम , बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि उनके पास बहुत ही ज़्यादा धन दौलत है लेकिन उनके लौडा में कोई दम नहीं होता है। ख़ूबसूरत जवान औरत को , कच्ची उम्र की लड़की को ख़रीद तो लेते हैं लेकिन चोद नहीं पाते हैं । वैसी भूखी औरतों को हम जैसे मर्दों को ही चोद कर खुश करना पड़ता है । आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन कई आदमियों ने अपनी ऑंखों के सामने अपनी घरवालियाों को मुझसे चुदवाया है ।
रिक्शा वाला की बात से मुझे रॉंची के होटल में अपने घरवाला के सामने दूसरों से चुदवाने की बात याद आ गई । मैं कुछ बोलती उससे पहले रिक्शा एक होटल के सामने रुकी ।
जुगनू - यार ( कालिया ) , पहले भी तुमसे गुज़ारिश की है , आज भी खुशामद कर रहा हूँ । वो मेरी आँखों के सामने दूसरों का लौडा चूसती है, चुदवाती है, गॉड भी मरवाती है । तुम्हें मालूम है कि वो मुझे पसंद भी करती है लेकिन जब तक तुम नहीं बोलोगे वो मस्त माल मुझे हाथ भी लगाने नहीं देगी । यार मुझे वो रंडी बहुत पसंद है । बदले में तुम मेरी घरवाली, बेटी और बहन को जितना चाहे चोदो ।
कालिया ने कोई जवाब नहीं दिया । वह मेरा हाथ पकड़ होटल रेस्टोरेन्ट के अंदर घुस गया । अंधेरा हो गया था । होटल क़रीब क़रीब भरा था । कालिया मुझे लेकर एक केबिन में ले गया । बाद में मुझे पता चला कि फ़ैमिली केबिन था ।
हम अग़ल बग़ल बैठे । मैं चेहरा से पर्दा हटाना चाहती थी लेकिन कालिया ने रोक दिया । वेटर ऑर्डर लेकर गया । थोड़े देर बाद वो आर्डर भी लेकर आया । उसके जाने के बाद कालिया ने मेरे चेहरा का पर्दा ख़ुद हटाया ।
कालिया —— रानी , तुम्हारी जैसी सुंदर औरतो को अपने घर से बाहर निकलना ही नहीं चाहिए । जैसे मैं ने चोद लिया वैसे ही जो भी तुम्हें देखेगा अपना लौडा तेरी बूर में पेले बिना नहीं रुकेगा । हमारे होटल के मालिक अगर तुम्हें देखेंगे तो किसी भी क़ीमत पर तुम्हारे घर वालों से ख़रीद लेंगें । वो जुगनू मेरी माँ को चोदने की बात कर रहा था । मैं मॉं को बोल दूँ कि उससे चुदवा ले ?
मैं —— अगर तुम्हारी माँ भी जुगनू से चुदवाना चाहती है तो फिर तुम क्यों बीच में आते हो ? दोनो को मज़ा लेने दो जैसे हम दोनों ने लिया और तुम भी उसक बहन और बेटी को चोदो ।
कालिया —— तुमने कह दिया है तो आज ही दोनों को चोदने की छूट दे दूँगा ।
मैं —— उतना ही नहीं , जब जुगनू दूसरों को चोद सकता है तो तुम हर औरत को उससे ज़्यादा खुश कर सकते हो । फिर तुम क्यों नहीं चोदते । बढिया माल के साथ कमाई भी होगी ।
मेरी बात सुन उसने बहुत ही पते की बात की ।
कालिया—— रानी , मेरी क़िस्मत बहुत ही बढ़िया है कि तुमने अपनी बूर में मुझे लौडा पेलने से नहीं रोका और अब तुम मेरी चुदाई से इतनी खुश भी हो । लेकिन शायद ही कोई दूसरा ऐसा करें । मेरा रंग देखकर ही ज़्यादा तर औरतें मुझसे दूर भागती है , उपर से सिर्फ़ देखकर शायद ही किसी को मेरा लौडा पसंद आये । जुगनू का लौडा बढ़िया लंबा भी है और मोटा भी । हर रोज़ होटल में आई हुई ३-४ माल को चोदता है। रंडी की कीमत देता कोई और है और मस्ती जुगनू जैसे लोग मारते हैं और औरत खुश होकर बहुत इनाम भी देती है । । जुगनु जैसे बढ़िया चुदाई करने बाले १०-१२ और मर्द को होटल वालों ने रखा है जो चुदाई का मज़ा लेने बाली औरतों को खुश करता है। जैसा उसने कहा बहुत सी बढ़िया घर परिवार की औरतें चुदाई की मस्ती के साथ कमाने भी आती है । वैसी औरतों को क़ीमत तो कोई और देता है लेकिन चुराई सिर्फ़ वही आदमी नहीं जुगनू जैसे मर्द भी करते हैं । वैसी औरतें हर वार ३-४ आदमियों से चुदवा कर जाती है ।
मैं सारी बात समझा गई । लेकिन एक बात जानना बाक़ी था ।
मैं —- और सब समझ गई लेकिन तुमने अपने होटल में होने बाला तमाशा के बारे में नहीं बताया ?
कालिया —- वो जब ख़ुद देखोगी तभी समझोगी । लेकिन वो तमाशा देखने के लिए तुम्हें पुरे समय , ७-८ घंटा नंगा ही रहना पड़ेगा । ख़ुद नहीं चाहोगी तो कोई तुम्हें हाथ भी नहीं लगायेगा । लेकिन एक ही हॉल में सैकड़ों ज़ोडों को चुदाई करते देख तुम ख़ुद ही अपने को नहीं सँभाल पाओगी । मेरे एक लौडा के बदले हो सकता है कि पूरी रात में १५-२० लौडो से चुदवा लो । और जिस पार्लर की बात जुगनू कर रहा था , तुम जहां जा रही है उससे कुछ दूरी पर एक अजन्ता होटल है , उसी के बग़ल में पार्लर है । मैं वहाँ कभी गया नहीं लेकिन सुना है कि वहाँ काम करने बाली औरतें वंदन की मालिश बहुत बढिया करती है ।जुगनू की बेटी और बहन भी वहीं काम करती है । बदन की मालिश करवाना हो तो चले जाना ।
मुझे विश्वास था कि बदन मालिश करने के लिए प्यारे से बढिया और कोई नहीं हो सकता है । लेकिन इस कालिया के साथ की चुदाई ने मुझे मस्त कर दिया था ।
मेरे पास बोलने के लिए कुछ नहीं था । हम खा पीकर बाहर निकले ।
क़रीब आधा घंटा बाद मुझे ससुर के ऑफिस के पास उतार कर कालिया वापस होटल चला गया ।
मैं जब ससुर के ऑफिस में घुसी तो ७ से ज़्यादा हो गया था । मुझे देखते ही वो खड़ा हो गया और ऑफिस में बैठे दो आदमियों को बाहर भेज दिया । उनके जाने के बाद ,
बाबूजी — मेरी प्यारी बहु रानी, तुमने कहा था कि सिर्फ़ एक ही यार होगा लेकिन तुम्हारा चेहरा देखकर लग रहा है कि ४-५ मर्दों ने मेरी प्यारी बहु को चोद चोद कर मस्त कर दिया है ।
मेरा ससुर भी मेरी ही तरह खुल कर चुदाई की बात कर रहा था । मैं ने थोड़ा झूठ बोला ।
मैं —- चोदने वाला एक ही था । पहला राउंड तो उसने आपके बेटा जैसा ही खुब प्यार से २०-२२ मिनट ही चोदा । लेकिन मालूम नहीं मादरचोद क्या ख़ाक आया चा , दूसरे राउंड में जब बूर में लौडा पेला तो बाबू जी हरामी ने पहले बूर में एक घंटा पेला और चुदाई करते करते साले ने गॉंड भी मार ली । पहली बार ही गॉंड मरवाया . बहुत मज़ा आया ।उसने लगातार २ घंटा से ज़्यादा चोदा और गॉंड मारी । आपके बेटे ने सब मिला कर जितनी देर मुझे चोदा होगा उस हरामी ने एक दिन में ही उतना देर पेल दिया । और आप विश्वास नहीं करेंगे , मेरे यार का लौडा मुश्किल से चार इंच लंबा ही होगा लेकिन चोद कर मस्त कर दिया उसने । आप कितने देर पेलते हो ?
बाबूजी—- मुझे गर्म करने के लिए ये सब बोल रही हो ना । मैं वैसे ही तुमको , अपनी बहु को चोदने के लिए हमेशा तैयार हूँ ।
एक बात तो मैं समझ गई कि जिस तरह मेरे पति देव को मेरा दूसरे से चुदवाना पसंद है वैसे ही मेरा ससुर भी मेरा दूसरे के साथ चुदवाने से बिलकुल ही नाराज़ नहीं है । फिर भी मैं ने पुछा ,
“ बाबू जी , मैं झूठ नहीं बोल रही । आपको अगर विश्वास नहीं तो आप जब भी बोलिए , जहां भी बोलिए मैं आपके सामने उस से, अपने यार से चुदवा कर दिखा दूँगी कि वो कितना देर चोदता है ! लेकिन यह बोलिए कि आप को ग़ुस्सा नहीं आ रहा है की आपकी बहु किसी और से चुदवा कर आई है , दुबारा चुदवाने की बात कर रही है आपके ग़ुस्सा नहीं आ रहा है ? “
बाबूजी मुस्कुराते रहे ।
बाबूजी— आज तुम्हें वो बात बताता हूँ जो तुम्हें मालूम नहीं है । तीन महिना पहले मैंने तुम्हें अपने बाबा ( पिता जी ) के साथ बाज़ार में देखा था । और तुम्हें देखते ही मेरा लौडा फरफराने लगा था । तुम्हारी चुत में घुसने के लिए बेताब होने लगा । मैं तुम्हें ज़िंदगी भर चोद सकुं, तुम्हारे पेट से अपना बच्चा पैदा कर सकुं इसलिए विनोद की शादी तुमसे करवा दिया । इतना ही नहीं तुमको पहली बार देखकर ही समझ गया था कि तुम बहुत ही ज़्यादा चुदासी औरत हो । कितना भी बढिया मर्द हो तुम उसके ही साथ टीक कर नहीं रह सकती । आज भी तुम जिसके साथ उतनी लंबी चुदाई करबा कर आई हो , उस के साथ भी कुछ दिन चुदवाकर ही तुम्हें दूसरे मर्द की ज़रूरत महसूस लगने लगेगी । इसलिए तुम जिस किसी के भी साथ , घर में या घर के बाहर चुदवाना चाहो चुदवाओ, गॉंड मरवाओ लेकिन आज रात मेरा लौडा अपनी बहु की बूर में रहेगा । तुमने सुबह कहा , मैं ने बहुत सोचा । अपने बेटे को ही खुशामद करुंगा कि वह मुंडे तुम्हारी चूदाई करने दे। मैं ९ बजे यहाँ से निकलूँगा , तब तक मेरी एक बहुत ही बढ़िया दोस्त ज्योति से मिल लो ।
बाबूजी मुझे लेकर हॉंल में आये । ऑफिस में जितने ३०-३२ आदमी थे , सभी को हॉल में बुलवाया और सबसे कहा
“ यह मंजु है मेरे बेटे विनोद की पत्नी और अभी से हमारे साथ यह भी हमारे कंपनी की पार्टनर है । “
मैं ने सबको प्रणाम किया । सभी के उपर नज़र दौड़ाई । ग्रूप में ७ औरतें थी । मर्दों में ५ ऐसे मर्द थे जो मुझे दिखाकर पैंट के उपर से लौडा सहला रहे थे । एक दूसरे मर्द ने ज़ोर से कहा ,
“ साहब मंजु जी यहाँ आयेंगी तो हम में से कोई कुछ भी काम नहीं कर लायेगा । सभी इनके खुबसूरत चेहरे और सुडौल शरीर को ही देखते रहेंगे । “
मैं—- आप सब भी बहुत खुबसूरत और सुंदर है । आप सब मुझे पसंद आये । रोज़ आउंगी तभी तो हमारी दोस्ती होगी । फिर मुझे आप सबसे काम भी सिखना है ।
बाबूजी ने एक औरत ज्योति से कुछ कहा और मुझे उसके साथ जाने के लिए कहा । मैं ने बुर्का पहना ही था सिर्फ़ चेहरा का कवर हटा दिया था । एक किलोमीटर ही चले होंगे कि मुझे “ शालिन ब्यूटी पार्लर “ का वोर्ड नज़र आया ।
वो औरत, ज्योति मुझे अंदर ले गई । चार कुर्सियों थी और चारो पर एक एक औरत बैठी थी और चार जवान लड़कियों उनका काम कर रही थी । ज्योति ने सबसे कहा कि मैं मालिक की बहु हूँ और अब से इस पार्लर की मालकिन मैं ही हूँ । बाबूजी ने मुझसे यह बात नहीं कही थी ।
सबने मुझे नमस्ते, प्रणाम किया । सबके गाल थपथपाती हुइ ज्योति के साथ एक दूसरे कमरे में गई । यह वहाँ का पार्लर का मेन ऑफिस था । एक बड़ी सी मेज़ के एक तरफ़ एक आकर्षक डील- डौल की औरत बैठी थी । उसकी उम् ४० के आस पास की होगी ।
ज्योति —- कल्पना मैडम , हम सब की नई मालकिन मंजु जी , साहब की बहु से मिलिए ।
कल्पना हाथ जोड़ते हुए खड़ी हो गई ।
कल्पना— आप सच की औरत हैं या कोई जापानी गुडिया है । कितनी सुंदर है आप । बस मंजु मैडम देखते रहिए , अब हमारी कमाई कितनी बढ़ जायेगी । सिर्फ़ आपका प्यारा मुखड़ा देखने के लिए ही लोग यहॉं लाईन लगा देंगे । ज्योति तुम जाओ, मालकिन को मैं सब समझा देती हूँ ।
ज्योति चली गई । कल्पना ने मुझे पार्लर के बारे में सब कुछ बताया । दो बातों पर मेरा ध्यान गय। पहला कि सारे शहर को यही मालूम था कि पार्लर की असल मालकिन कल्पना है विजेंद्र बाबू नहीं। कल्पना ने अपनी चुदाई की शुरुआत मेरे ससुर के साथ ही की थी और अब भी दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं । दूसरा कि ब्यूटी पार्लर का वोर्ड लोगों को दिखाने के लिए है असल में यह एक मालिश करने कराने और चुदाई का अड्डा है । वहाँ ६ केबिन थे जिसमें या तो मालिश होती थी या फिर चुदाई चलती थी ।
कल्पना ने बताया कि उस समय भी २ केविन में औरतें औरत से ही नंगी मालिश करवा रही थी और दूसरे दो केविन में दो औरतें चुदवा रही थी । हमारे आने के २ मिनट पहले ही २ दूसरी औरतें पार्लर के २ काम करनेवाले मर्दों से पूरे बदन की नंगी मालिश करबा कर गई थी ।
कल्पना— उन दोनों औरतों को बहुत समझाया लेकिन वे चुदवाने को तैयार नहीं हुई ।
मैं —- कल्पना दीदी , इसकी मतलब साफ़ है कि आपके मर्द औरतों को गर्म नहीं कर सकते हैं ।
कल्पना— ठीक बोल रही है आप । बहुत मर्दों को ट्राई किया लेकिन १५-२० मिनट की मालिश के बाद ही मादरचोद बूर में लौडा पेल देता हो जो ज़्यादातर औरतें को पसंद नहीं है । अधिकतर औरतें एक घंटा के मालिश के दौरान ४०-४५ मिनट की बहुत बढिया मालिश चाहती है , ऐसा मालिश की वो खुद लौडा को पकड़ कर चूसे , बूर में घुसाने के लिए खुशामद करे । अप्सरा होटल में कई ऐसे मर्द है लेकिन हम उन्हें उतना नहीं दे सकते जितना वहॉं मिलता है । मंजु , अप्सरा होटल में रोज़ २५-३० औरतें मस्ती मारने आती है और शनीवार और रविवार को १०० से ज़्यादा औरतें वहॉं चुदवाने जाती है । हमारे यहॉं कभी एक दिन में २० सेजायादा औरत नहीं आई ।
मैं —और उतनी औरतों को कौन चोदता है ?
तभी दो औरतें अपने अपने कपड़े ठीक करते हुए निकली । उन औरतों ने घबराते हुए मेरी ओर देखा ।
कल्पना— डरिये मत , ये हमारी बॉस है । मेरे आदमियों ने आपको खुश किया कि नहीं ?
एक औरत— दोनों ठीक है लेकिन कोई खाश बात नहीं था ।
दोनों औरतें के जाने के बाद कल्पना ने बताया कि दोनों सीनियर सरकारी अधिकारी की घरवाली है । महिना में दो बार तो आती ही है । हम बात कर रहे थे और वही दोनों आदमी आये जिनसे चुदवाकर दोनों गई थी ।
दोनों का वॉडी जरुर बढिया था लेकिन मुझे भी दोनों में से कोई पसंद नहीं आया । कल्पना ने उन्हें उस दिन का फ़ीस दिया और वो चले गये ।
कल्पना—- हमारे आदियों को हर एक औरत को चोदने का ५००/- मिलता है । आज दोनों ने तीन तीन रंडियों को चोदा ।
अब आफ़िस में हम दोनों ही थे । कल्पना ने मेरे सामने तीन बड़ा साईज़ का एल्बम रखा ।
कल्पना— इस एल्बम में सब मिलाकर २०० से ज़्यादा रंडियों के फ़ोटो है जो यहॉं आकर हमारे मर्दों से , अनजान मर्दों से चुदवाती है ।
मैं पन्ने पलट रही थी और कल्पना वहॉं का रेट बता रही थी ।
आपने पढ़ा कि रॉंची में दो दिन ही होटल में रही और १० लोगों से मस्ती से चुदवाया । रात में ट्रेन में मुझसे दुगुनी उम्र के आदमी राघव ने चोदा। वो जब दूसरी बार पेल रहा था तब उसकी घरवाली किरण ने देखा लेकिन वो चुप रही । राघव ने अगले दिन मुझे एक होटल में बुलाया । मैं ने हॉं कर दी । वापस घर आई तो ससुर ने अपना नंगा बदन, अपना मस्त लौडा दिखाकर साफ़ साफ़ कहा कि जैसे भी हो रात में मुझे उससे चुदवाना ही है। मैं ने उसे चैलेंज दिया कि वो अपना बहु को बेटा के सामने ही चोदे । मैं ने उससे यह नहीं कहा कि उस के बेटे को मुझे दूसरों से चुदवाने देखने में अपना चुदाई से ज़्यादा मज़ा आता है । मैंने ससुर से ही कहा कि वो मुझे २ बजे होटल अप्सरा पहुँचा दे । उसने जब पूछा कि क्या मैं अपने यार से चुदवाने जा रही हूँ तो मैं ने हॉ कर दिया । ससुर ने मुझे समय पर होटल पहुँचाया । राघव ने एक बार ही मुझे चोदा । वो चला गया लेकिन मैं कमरे में ही रह गई ।
राघव ने चाय नाश्ता का आर्डर दिया था वो लेकर जो वेटर रुम में आया था वह बिलकुल काला कलूटा था । चाय नाश्ता रखकर, बिना मुझ से कुछ बात किए वो रुम से बाहर चला गया लेकिन क़रीब २० मिनट बाद फिर रुम में आया ।कमरे में घुसा और दरवाज़ा को अंदर से बोल्ट कर दिया । इतने लोगों से चुदवा चुकी थी कि दिल में डर नाम का कुछ भी नहीं था । वो ये बोलते हुए आगे बढ़ा कि जो भी मुझे यहाँ लेकर आया है वो मुझे असंतुष्ट छोड़ कर गया है । उसने कहा कि मैं बहुत ही प्यासी हूँ । राघव ने बढिया चोदा था लेकिन यह वेटर ठीक ही कह रहा था कि मुझे और भी चुदाई की ज़रूरत थी । मैं नंगी थी ही , वो भी मेरे तरफ़ आते आते नंगा हो गया । उसका बदन बहुत ही गठीला था , चेहरे पर मासूमियत थी , लौडा लोहा के रॉड जैसा टाईट था , अब तक मैं ने जितना लौडा खाया था यह लौडा उस सबसे मोटा था । मैं विश्वास के साथ नहीं कह सकती थी कि मेरे ससुर का लौडा ज़्यादा मोटा था या इस आदमी का । फिर भी मुझे लौडा बिलकुल पसंद नहीं आया ।
मेरे पास आकर मेरी चूत मसलकर बोला ,
“ आपकी ये चूत सबसे प्यारी है “
मैंने लौडा पकड़ कर कहा ,
“ और तुम दुनिया के सबसे बदसूरत आदमी ही नहीं एक नंबर के मादरचोद हो , सुबह शाम अपनी मॉं को चोदते हो , उसकी गॉंड मारते हो । चोदने आये हो तो पुरा लौडा लेकर आते , आधा लौडा अपनी मॉं के बूर में छोड़कर आये हो , मैं ऐसे आधा लौडा से नहीं खुदवाती ।
रुम में मैं अकेली वो भी नंगी । और रुम में था एक नंगा आदमी , चुदाई तो होनी ही थी । मैं बेड के पास ही खड़ी थी । उसे अपने आप पर या लौडा पर बहुत भरोसा शा । उसने मुझे अपनी बाँहों पर उठाया और वॉंहो पर लिटा कर रुम में घुमाने लगा । उसका एक हाथ मेरी पीठ के नीचे था और दूसरा हाथ उसे दोनों चुत्तर के बीज घुसा कर बूर के ज़ोरों से दवा रखा था । वो मुझे इतनी आसानी से रुम में घुमा रहा था मानो मेरी कोई वजन हो ही नहीं ।
वेटर ——खुबसूरत परी , पहले इस आधे लौडा का कमाल देख लो अगर पसंद नहीं आया तो अपनी मॉं के बूर से बाक़ी लौडा निकाल कर आइंदा और आपको खुश करुंगॉं ! मेरा नाम कृष्णा है लेकिन जब से होश सँभाला है अपने को मैं कालिया के नाम से ही जानता हूँ । मेरे मॉं और बाबूजी इसी होटल में काम करते थे । बाबू जी यहॉं के गार्ड से और मॉं यहॉं आने बाले , रहने बाले लोगों की सेवा करती थी । सीधा बोलू तो रंडी थी । यहॉं रहने बालों लोगों के साथ चुदाई कर रुपया कमाती थी । तीन साल पहले बाबू जी का साँप काटने से देहांत हो गया । मॉं के ही कारण मुझे यहॉं नौकरी मिल गई । तुमने गाली देकर कहा या या मज़ाक़ में कहा था , मैं ने अब तक सिर्फ़ अपनी मॉं के ही बूर में लौडा पेला है । तीन साल पहले जिस दिन मैं ने पहला दिन नौकरी किया उसी रात मॉं को पहली बार चोदा था । अब तीन साल से मैं मॉं को ही चोद रहा हूँ। वो औरत ३६-३७ साल की है लेकिन उस कुतिया की डिमांड इस होटल में बहुत है। होटल में रोज़ २-३ ग्राहक को खुश करती है और और घर में मुझे ऐसा मस्ती देती है कि किसी भी दूसरा माल की तरफ़ देखने का जी ही नहीं करता है । लेकिन तुम्हारे इस प्यारा मुखड़ा ने मुझे मुफ़्त का गुलाम बना दिया ।
कालिया बोलता रहा ,
आज मॉं के अलावा के पहली बार किसी दूसरी औरत को वो भी दुनिया की सबसे प्यारी चूत बाली सबसे खुबसूरत औरत के नंगे बदन को छुआ है । अब मेरी मॉं रुम रुम जा कर नहीं चुदवाती बहुत ही खाश खाश लोगों को खुश करती है । इस होटल का मालिक ही मेरी मॉं केतकी को बहुत खाश खाश लोगों के पास भेजता है । मेरी केतकी मर्दों को चुदाई का , औरत का ऐसा मज़ा देती है जो कोई और नहीं दे सकती । यहाँ की सबसे मंगही रंडी है । तुम तो अभी बच्ची हो । तुम्हारा बदन देखकर लगता है तुमने बहुत ही कम चुदवाया है लेकिन मेरी मॉं शादी के पहले से धंधा करती है और अब तक १० -१२ हज़ार लोगों से चुदवाया ही होगा लेकिन आज भी उस औरत के चोदने के लिए लोग पागल है और मैं उस रंडी को चोद कर पागल रहता हूँ ।
इस रुम में आया तो तुम जिस तरह चादर ओढ़ कर सोईं थी, साफ़ लग रहा था कि तुम बिलकुल नंगी हो और मेरा लौडा तुम्हें चोदने के लिए पागल हो गया । अपनी मॉं के बाद पहली औरत हो जिसे मैं ने छुआ है । मेरी गंदी सूरत देख कोई लड़की मेरी ओर देखती भी नहीं ।
मैं—— सूरत को छोड़ो , औरतो को सूरत नहीं बढिया लौडा चाहिए । तेरी रंडी मॉं सिर्फ़ अपने बेटे को खुश रखने के लिए ही तुमसे चुदवाती होगी । तुम्हारा लौडा ४ इंच का ही होगा शायद , कौन चुदवायेंगी ऐसे छोटे लौडा से ?
मेरी बात ख़त्म हुई । कालिया ने मुझे बेड पर लिटाया । बिना कुछ बोले मेरे उपर आया । अपने एक हाथ से पकड़ लौडा को बूर के छेद से सटाया और एक ऐसा जवरदस्त धक्का मारा कि मेरा पूरा बदन चरमरा गया ।
“ मादरचोद , ये तेरी कुतिया मॉं का ढीला भोंसरा नहीं है १८ सास की १०-१२ बार ही चूदी हुई मंजु का बूर है धीरे पेल यार । आह कालिया मज़ा आ गया । “
और उसके बाद तो मैं मदहोश हो गई । बाक़ी सब कुछ भूल गई, याद रहा सिर्फ़ ज़ोरदार धक्का और ऐसी तेज चुदाई जैसे किसी ने , ना प्यारे ने, ना अफ़ज़ल ने ना ही राजीव ने की थी । अपना पूरा होशो हवास खो बैठी थी । वो जीतनी देर चोदता रहा मैं सिर्फ़ सिसकारी ही मारती रही । कभी उसे अपनी बाँहों और जाँघों से बांधने की कोशिश करती तो कभी उसे पागलों जैसा चूमती ।
उसने कितना देर चोदा मालूम नहीं । मैं झड़ गई, पस्त पस्त हो गई । उसके कुछ देर बाद कालिया भी मेरे बदन पर सुस्त हो गया । उसके लौडा ने मेरी बुर को अपने रस से दभर दिया । राघव ने जो मुझे प्यासा छोड़ा था इस ४ इंच के लौडा ने मुझे भरपेट पिला दिया , मुझे बिलकुल ठंडा कर दिया । हमदोनो एक दूसरे से चिपक कर लम्बी लम्बी सॉसे लेने लगे । मुझे होश तब आया जब मादरचोद मेरी बूर को चुसने चाटने लगा । मैं नहीं नहीं करती रही लेकिन वो कुत्ता रुका नही ।
मुझे उल्टा किया । मेरी कमर के नीचे २ मोटा तकिया लगाया । बहुत होगा तो १५-१६ मिनट ही बूर चुसा चाटा होगा । मेरे उपर आया ।
“ रानी , बहुत ही मस्त खुबसूरत चुत्तर और गॉंड का छोटा सा गुलाबी छेदा बहुत प्यारा है । अपनी कुतिया ( मॉं ) से बहुत बार कहा कि गॉंव में लौडा पेलने दें लेकिन हमेशा बोलती है उसकी गॉंड के छेदा को एक खाश तरह का ही लौडा पसंद है ।
मैं — कैसा , कौन खाश तरह का लौडा ?
उसने मेरी कान में जबाब दिया । उसी जबाब सुन मैं अवाक रह गई और उस ४ इंच का लौडा बहुत ही तेज़ी से गॉंड में घुसा ।
“ हरामी , मादरचोद तुमने गॉंड फाड़ दी । “
मैं चिल्लाई लेकिन कुत्ता रुका नहीं। चूचियों को मसलते हुए गॉंड में भी राजधानी एक्सप्रेस चलाता रहा । गॉंड की दीवारों से रगड़ खाती हुआ वो चार इंच के लौडा ने राजीव और प्यारे के गॉंड मारने के मस्ती को भुला दिया । पहले जैसे जतीन ने कहा था मैंने सोचा था कि शुक्रवार की रात फिर राँची जाउंगी और जतीन के मालिक के साथ चुदवाना ही होगा प्यारे और कपिल के साथ भी मस्ती लुंगी । लेकिन इस कालिया के लौडा ने सब भुला दिया । मैं कुछ दिन लगातार कालिया और उसकी मॉं के साथ रहकर चुदाई के मज़े के साथ मर्दों को खुंश करने का तरीक़ा भी सीखना चाहती घी ।
कालिया ने चुदाई का मज़ा दिया ही था गॉंड मरवाने ने भी ऐसा मज़ा पहले नहीं आया था । मैं मस्ती लेती रही ।
जब फ़ोन की घंटी बजी ।
मै ने लेटे हुए ही फ़ोन का रिसीवर लिया । रिसेप्शन से फ़ोन था । लड़की ने कहा कि हमारा चार घंटा समय ख़त्म हो रहा है मुझे जल्दी रुम ख़ाली करना होगा । रिसीवर रख मैंने कालिया की ऑंखों में कुछ देर देखा और फिर खुब ज़ोर से हंसी ।
“ रानी , इससे ज़्यादा प्यारी हँसी और हो ही नहीं सकती । “
मैं - कालिया , आज जो तुमने मुझे चोदा, गॉंड मारी , मुझे खुश किया वो मैं कभी नहीं भूल सकती । तुम्हारा लौडा देखकर मुझे लगा था कि तुम बस मेरी खुबसूरती और कमसीन ज़बानी देखकर मुझ पर पागल हो रहे हो लेकिन तुमने ७-८ इंच लम्बे और मोटे लौडा से जितना मैं ने कभी सोचा भी नहीं था उससे कहीं बढ़िया चोदा । मैं गॉंड में भी २ लंबा और मोटा लौडा ले चुकी हूँ लेकिन किसी ने तुम्हारे जैसा खुश नहीं किया । तेरा मोटा लौडा देखकर मैं डर गई थी लेकिन राजा तुमने अपना रानी को मस्त ही नहीं किया पस्त भी कर दिया लेकिन मुझे ये मस्ती बार बार चाहिए लेकिन मेरा रोज़ रोज़ यहाँ आना मुश्किल है । तुमने बहुत ही ज़्यादा थका दिया है लेकिन मेरे पास एक रुपया भी नहीं है । पहले कुछ खिला पिला दो और फिर मुझे घर भी पहुँचा दो ।
हम दोनों ने कपड़े पहने ।
कालिया ——- मंजु रानी , सिर्फ़ आपको बहकाने के लिए नहीं , आपकी बूर में लौडा पेलने से पहले तीन साल से अपनी रंडी मॉं को ही चोद रहा हूँ । लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आपका यार आपको लेकर यहाँ क्यों आया । रानी कोई इतना प्यारा मुखड़ा देखे उस से पहले आप बुर्का पहन लो ।
मंजु बुर्का पहन ही रही थी कि एक दूसरा वेटर आया । मैं ने उसे देखा । यह दूसरा वेटर ३०-३२ साल का था , देखने में भी कालिया से बहुत ही ज़्यादा बढ़िया था लेकिन अब मुझे किसी भी दूसरे मर्द में कोई इनटेरेस्ट नहीं था । मुझे अब कपिल , प्यारे या राजीव नहीं सिर्फ़ यही कालिया ही चाहिए था ।
नया वेटर —- मैडम आपका समय ख़त्म हो गया है ,,,,
मंजु ने बीच में ही टोका ।
“ दिख नहीं रहा, मैं रुम ख़ाली कर रही हूँ । कृष्णा भैया चलो , मुझे घर पहुँचा दो । ॰
वेटर ने कालिया से पूछा कि वो कस्टोमर के रुम में काम कर रही है तो मैंने जबाब दिया ,
“ मैं ने बोला ना ये कालिया मेरा भाई है । चलो भैया , घर पहुँचा दो । “
वेटर ने क्या समझा मालूम नहीं हम तीनों रुम से बाहर निकले । नये वेटर को नहीं दिखा कि कालिया के साथ जो औरत है वह कितनी हसीन और खुबसूरत है । रिसेप्शन में आकर कालिया ने कहा कि वह अपनी बहन ( मंजु ) को जल्दी घर छोड़ कर आता है । मैनेजर ने परमिशन दे दिया और दोनों बाहर आए ।
होटल के कई कस्टोमर और दूसरे लोगों के साथ मैनेजर भी कालिया की मॉं को कई बार चोद चूका था ।
कालिया को एक बुर्के बाली के साथ बाहर निकलते देख एक पैडल रिक्सा बाला आ गया । मंजु ने बिना कुछ बोले अपने बैग से एक पर्चा निकाल कर कालिया को दिया । राघव ने उस पर्चे पर मंजु के ससुर के ऑफिस का पता लिखा था । कालिया ने पर्चा पढ़ा और उसे फाड़कर फेंक दिया । दोनों रिक्शा पर बैठे । कालिया ने रिक्सा बाले से कहीं चलने के लिए कहा । बुर्का के अंदर से कालिया के लौडा को सहलाती हुई मंजु ने पुछा ,
“ तुमने ऐसा क्यों कहा कि मेरा आदमी मुझे इस होटल में लेकर क्यों आया ? “
कालिया कुछ बोलता उससे पहले रिक्शा बाले ने कहा ,
“ मैडम, आपकी आवाज़ बहुत ही मीठी है । आवाज़ से लगता है कि आप किसी बढिया घर की है और इस होटल में सिर्फ़ रंडिया ही आती हैं । आप ने अगर बुर्का नहीं पहना होता तो कोई ना कोई आपकी किमत देकर आपको चोद ही लेता ।”
कालिया —- जुगनू क्या फ़ालतू बात कर रहा है । क्यों डरा रहा है मेरी बहन को !
रिक्शा बाला — मैडम , सिर्फ पेशेवर रंडिया ही नहीं बड़े बड़े , बढिया घर की औरतें भी इस होटल में चुदवाने आती है और नये नये लंड का मज़ा लेने के अलावा बढिया कमाई करके भी जाती है । बेकार से बेकार औरतों को भी एक घंटा ग्राहक के साथ रहने का तीन हज़ार मिलता ही है । आपको भी कभी अगर रुपया की ज़रूरत हो तो यहॉं कभी भी आ जाना । बाहर चुदाई का जो मिलेगा उससे ज़्यादा ही यहाँ मिलेगा और आपने एक बार भी इस होटल के खाश प्रोग्राम में भाग ले लिया तो रातों रात आप लखपति बन जायेगी ।
कालिया को जुगनू की बात सुन शरम आ रही थी लेकिन मंजु को मज़ा आ रहा था । मंजु रिक्शा वाले की हिम्मत देख दंग थी ।
मंजु —- जब यहॉं एक रात में ही औरत लाखों कमा लेती हैं तो तुमने भी अपनी मॉं , बहन , बेटी से इस होटल में धंधा करबाया होगा । तु भी यहॉं की रंडियों को चोदता होगा ?
मंजु और कालिया दोनों को लगा कि मंजु की बात से जुगनू बहुत नाराज़ होगा । लेकिन वो बिलकुल नाराज़ नहीं हुआ ।
रिक्शा वाला — मेरे घर चलकर देख लो मेरी मॉं इतनी दुबली पतली है कि कोई उस कुतिया को नंगा भी देखेगा तो उसका लौडा ढीला हो जायेगा । मेरी बहन और बेटी दोनों इस होटल में इसलिए नहीं आती कि उन्हें डर है कि वे नहीं भी चाहेंगी तो भी कभी ना कभी होटल के स्पेशल तमाशा में भाग लेना ही पड़ेगा । दोनों मेरी बहन और बेटी चुदवा कर कमाती है लेकिन यहॉं नहीं शहर के अंदर जो ‘शालिन ब्यूटी पार्लर’ है बहॉं काम करती है । मैडम आपको शायद ये लगता होगा कि मेरी इतनी बड़ी बेटी कैसे हो सकती है जो चुदवाने भी लगी है। मेरी शादी बहुत जल्दी हो गई थी । पहले बेटी हुई और फिर बेटा । मेरी बेटी रुक्मा आपके ही उम्र की १८-१९ साल की होगी और बहन ३० साल की है । कुतिया की शादी कर दी थी लेकिन एक लौडा से उसका मन नहीं भरा । अब मालिश भी करती है और चुदाई भी । बहुत बढिया मालिश करती है एक बार जरुर करवाइयेगा । मेरी बहन चंपा को चोदने बाले कहते हैं कि साली चुदाई में भी बहुत मज़ा देती है ।
मंजु ने नहीं पूछा कि क्या लोभी अपनी बहन और बेटी को चोदता है ।
मंजु — इस होटल में क्या स्पेशल तमाशा होता है और वो पार्लर कहॉं है ?
रिक्शा वाला —- मैडम जिस तरीक़े से आप बात कर रही है उससे साफ़ लगता है कि आप को चुदाई बहुत पसंद है। लेकिन आपका ये भाई बहुत ही शरीफ़ है। न ये ख़ुद किसी को चोदेगा ना अपनी बहन को, आपको किसी से यहाँ चुदवायेगा। ये एक साल से यहाँ काम कर रहा है लेकिन अब तक इसने किसी भी माल को हाथ नहीं लगाया । जब कि सुबह से मैं तीन औरत को चोद चूका हूँ ।
मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि कालिया ने मुझसे झूठ नहीं कहा । वो सिर्फ़ अपनी मॉं को ही चोदता है । रिक्शा वाला मुझे अपना ओर अट्रैक्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा था ।
रिक्शा वाला—— मैडम , बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि उनके पास बहुत ही ज़्यादा धन दौलत है लेकिन उनके लौडा में कोई दम नहीं होता है। ख़ूबसूरत जवान औरत को , कच्ची उम्र की लड़की को ख़रीद तो लेते हैं लेकिन चोद नहीं पाते हैं । वैसी भूखी औरतों को हम जैसे मर्दों को ही चोद कर खुश करना पड़ता है । आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन कई आदमियों ने अपनी ऑंखों के सामने अपनी घरवालियाों को मुझसे चुदवाया है ।
रिक्शा वाला की बात से मुझे रॉंची के होटल में अपने घरवाला के सामने दूसरों से चुदवाने की बात याद आ गई । मैं कुछ बोलती उससे पहले रिक्शा एक होटल के सामने रुकी ।
जुगनू - यार ( कालिया ) , पहले भी तुमसे गुज़ारिश की है , आज भी खुशामद कर रहा हूँ । वो मेरी आँखों के सामने दूसरों का लौडा चूसती है, चुदवाती है, गॉड भी मरवाती है । तुम्हें मालूम है कि वो मुझे पसंद भी करती है लेकिन जब तक तुम नहीं बोलोगे वो मस्त माल मुझे हाथ भी लगाने नहीं देगी । यार मुझे वो रंडी बहुत पसंद है । बदले में तुम मेरी घरवाली, बेटी और बहन को जितना चाहे चोदो ।
कालिया ने कोई जवाब नहीं दिया । वह मेरा हाथ पकड़ होटल रेस्टोरेन्ट के अंदर घुस गया । अंधेरा हो गया था । होटल क़रीब क़रीब भरा था । कालिया मुझे लेकर एक केबिन में ले गया । बाद में मुझे पता चला कि फ़ैमिली केबिन था ।
हम अग़ल बग़ल बैठे । मैं चेहरा से पर्दा हटाना चाहती थी लेकिन कालिया ने रोक दिया । वेटर ऑर्डर लेकर गया । थोड़े देर बाद वो आर्डर भी लेकर आया । उसके जाने के बाद कालिया ने मेरे चेहरा का पर्दा ख़ुद हटाया ।
कालिया —— रानी , तुम्हारी जैसी सुंदर औरतो को अपने घर से बाहर निकलना ही नहीं चाहिए । जैसे मैं ने चोद लिया वैसे ही जो भी तुम्हें देखेगा अपना लौडा तेरी बूर में पेले बिना नहीं रुकेगा । हमारे होटल के मालिक अगर तुम्हें देखेंगे तो किसी भी क़ीमत पर तुम्हारे घर वालों से ख़रीद लेंगें । वो जुगनू मेरी माँ को चोदने की बात कर रहा था । मैं मॉं को बोल दूँ कि उससे चुदवा ले ?
मैं —— अगर तुम्हारी माँ भी जुगनू से चुदवाना चाहती है तो फिर तुम क्यों बीच में आते हो ? दोनो को मज़ा लेने दो जैसे हम दोनों ने लिया और तुम भी उसक बहन और बेटी को चोदो ।
कालिया —— तुमने कह दिया है तो आज ही दोनों को चोदने की छूट दे दूँगा ।
मैं —— उतना ही नहीं , जब जुगनू दूसरों को चोद सकता है तो तुम हर औरत को उससे ज़्यादा खुश कर सकते हो । फिर तुम क्यों नहीं चोदते । बढिया माल के साथ कमाई भी होगी ।
मेरी बात सुन उसने बहुत ही पते की बात की ।
कालिया—— रानी , मेरी क़िस्मत बहुत ही बढ़िया है कि तुमने अपनी बूर में मुझे लौडा पेलने से नहीं रोका और अब तुम मेरी चुदाई से इतनी खुश भी हो । लेकिन शायद ही कोई दूसरा ऐसा करें । मेरा रंग देखकर ही ज़्यादा तर औरतें मुझसे दूर भागती है , उपर से सिर्फ़ देखकर शायद ही किसी को मेरा लौडा पसंद आये । जुगनू का लौडा बढ़िया लंबा भी है और मोटा भी । हर रोज़ होटल में आई हुई ३-४ माल को चोदता है। रंडी की कीमत देता कोई और है और मस्ती जुगनू जैसे लोग मारते हैं और औरत खुश होकर बहुत इनाम भी देती है । । जुगनु जैसे बढ़िया चुदाई करने बाले १०-१२ और मर्द को होटल वालों ने रखा है जो चुदाई का मज़ा लेने बाली औरतों को खुश करता है। जैसा उसने कहा बहुत सी बढ़िया घर परिवार की औरतें चुदाई की मस्ती के साथ कमाने भी आती है । वैसी औरतों को क़ीमत तो कोई और देता है लेकिन चुराई सिर्फ़ वही आदमी नहीं जुगनू जैसे मर्द भी करते हैं । वैसी औरतें हर वार ३-४ आदमियों से चुदवा कर जाती है ।
मैं सारी बात समझा गई । लेकिन एक बात जानना बाक़ी था ।
मैं —- और सब समझ गई लेकिन तुमने अपने होटल में होने बाला तमाशा के बारे में नहीं बताया ?
कालिया —- वो जब ख़ुद देखोगी तभी समझोगी । लेकिन वो तमाशा देखने के लिए तुम्हें पुरे समय , ७-८ घंटा नंगा ही रहना पड़ेगा । ख़ुद नहीं चाहोगी तो कोई तुम्हें हाथ भी नहीं लगायेगा । लेकिन एक ही हॉल में सैकड़ों ज़ोडों को चुदाई करते देख तुम ख़ुद ही अपने को नहीं सँभाल पाओगी । मेरे एक लौडा के बदले हो सकता है कि पूरी रात में १५-२० लौडो से चुदवा लो । और जिस पार्लर की बात जुगनू कर रहा था , तुम जहां जा रही है उससे कुछ दूरी पर एक अजन्ता होटल है , उसी के बग़ल में पार्लर है । मैं वहाँ कभी गया नहीं लेकिन सुना है कि वहाँ काम करने बाली औरतें वंदन की मालिश बहुत बढिया करती है ।जुगनू की बेटी और बहन भी वहीं काम करती है । बदन की मालिश करवाना हो तो चले जाना ।
मुझे विश्वास था कि बदन मालिश करने के लिए प्यारे से बढिया और कोई नहीं हो सकता है । लेकिन इस कालिया के साथ की चुदाई ने मुझे मस्त कर दिया था ।
मेरे पास बोलने के लिए कुछ नहीं था । हम खा पीकर बाहर निकले ।
क़रीब आधा घंटा बाद मुझे ससुर के ऑफिस के पास उतार कर कालिया वापस होटल चला गया ।
मैं जब ससुर के ऑफिस में घुसी तो ७ से ज़्यादा हो गया था । मुझे देखते ही वो खड़ा हो गया और ऑफिस में बैठे दो आदमियों को बाहर भेज दिया । उनके जाने के बाद ,
बाबूजी — मेरी प्यारी बहु रानी, तुमने कहा था कि सिर्फ़ एक ही यार होगा लेकिन तुम्हारा चेहरा देखकर लग रहा है कि ४-५ मर्दों ने मेरी प्यारी बहु को चोद चोद कर मस्त कर दिया है ।
मेरा ससुर भी मेरी ही तरह खुल कर चुदाई की बात कर रहा था । मैं ने थोड़ा झूठ बोला ।
मैं —- चोदने वाला एक ही था । पहला राउंड तो उसने आपके बेटा जैसा ही खुब प्यार से २०-२२ मिनट ही चोदा । लेकिन मालूम नहीं मादरचोद क्या ख़ाक आया चा , दूसरे राउंड में जब बूर में लौडा पेला तो बाबू जी हरामी ने पहले बूर में एक घंटा पेला और चुदाई करते करते साले ने गॉंड भी मार ली । पहली बार ही गॉंड मरवाया . बहुत मज़ा आया ।उसने लगातार २ घंटा से ज़्यादा चोदा और गॉंड मारी । आपके बेटे ने सब मिला कर जितनी देर मुझे चोदा होगा उस हरामी ने एक दिन में ही उतना देर पेल दिया । और आप विश्वास नहीं करेंगे , मेरे यार का लौडा मुश्किल से चार इंच लंबा ही होगा लेकिन चोद कर मस्त कर दिया उसने । आप कितने देर पेलते हो ?
बाबूजी—- मुझे गर्म करने के लिए ये सब बोल रही हो ना । मैं वैसे ही तुमको , अपनी बहु को चोदने के लिए हमेशा तैयार हूँ ।
एक बात तो मैं समझ गई कि जिस तरह मेरे पति देव को मेरा दूसरे से चुदवाना पसंद है वैसे ही मेरा ससुर भी मेरा दूसरे के साथ चुदवाने से बिलकुल ही नाराज़ नहीं है । फिर भी मैं ने पुछा ,
“ बाबू जी , मैं झूठ नहीं बोल रही । आपको अगर विश्वास नहीं तो आप जब भी बोलिए , जहां भी बोलिए मैं आपके सामने उस से, अपने यार से चुदवा कर दिखा दूँगी कि वो कितना देर चोदता है ! लेकिन यह बोलिए कि आप को ग़ुस्सा नहीं आ रहा है की आपकी बहु किसी और से चुदवा कर आई है , दुबारा चुदवाने की बात कर रही है आपके ग़ुस्सा नहीं आ रहा है ? “
बाबूजी मुस्कुराते रहे ।
बाबूजी— आज तुम्हें वो बात बताता हूँ जो तुम्हें मालूम नहीं है । तीन महिना पहले मैंने तुम्हें अपने बाबा ( पिता जी ) के साथ बाज़ार में देखा था । और तुम्हें देखते ही मेरा लौडा फरफराने लगा था । तुम्हारी चुत में घुसने के लिए बेताब होने लगा । मैं तुम्हें ज़िंदगी भर चोद सकुं, तुम्हारे पेट से अपना बच्चा पैदा कर सकुं इसलिए विनोद की शादी तुमसे करवा दिया । इतना ही नहीं तुमको पहली बार देखकर ही समझ गया था कि तुम बहुत ही ज़्यादा चुदासी औरत हो । कितना भी बढिया मर्द हो तुम उसके ही साथ टीक कर नहीं रह सकती । आज भी तुम जिसके साथ उतनी लंबी चुदाई करबा कर आई हो , उस के साथ भी कुछ दिन चुदवाकर ही तुम्हें दूसरे मर्द की ज़रूरत महसूस लगने लगेगी । इसलिए तुम जिस किसी के भी साथ , घर में या घर के बाहर चुदवाना चाहो चुदवाओ, गॉंड मरवाओ लेकिन आज रात मेरा लौडा अपनी बहु की बूर में रहेगा । तुमने सुबह कहा , मैं ने बहुत सोचा । अपने बेटे को ही खुशामद करुंगा कि वह मुंडे तुम्हारी चूदाई करने दे। मैं ९ बजे यहाँ से निकलूँगा , तब तक मेरी एक बहुत ही बढ़िया दोस्त ज्योति से मिल लो ।
बाबूजी मुझे लेकर हॉंल में आये । ऑफिस में जितने ३०-३२ आदमी थे , सभी को हॉल में बुलवाया और सबसे कहा
“ यह मंजु है मेरे बेटे विनोद की पत्नी और अभी से हमारे साथ यह भी हमारे कंपनी की पार्टनर है । “
मैं ने सबको प्रणाम किया । सभी के उपर नज़र दौड़ाई । ग्रूप में ७ औरतें थी । मर्दों में ५ ऐसे मर्द थे जो मुझे दिखाकर पैंट के उपर से लौडा सहला रहे थे । एक दूसरे मर्द ने ज़ोर से कहा ,
“ साहब मंजु जी यहाँ आयेंगी तो हम में से कोई कुछ भी काम नहीं कर लायेगा । सभी इनके खुबसूरत चेहरे और सुडौल शरीर को ही देखते रहेंगे । “
मैं—- आप सब भी बहुत खुबसूरत और सुंदर है । आप सब मुझे पसंद आये । रोज़ आउंगी तभी तो हमारी दोस्ती होगी । फिर मुझे आप सबसे काम भी सिखना है ।
बाबूजी ने एक औरत ज्योति से कुछ कहा और मुझे उसके साथ जाने के लिए कहा । मैं ने बुर्का पहना ही था सिर्फ़ चेहरा का कवर हटा दिया था । एक किलोमीटर ही चले होंगे कि मुझे “ शालिन ब्यूटी पार्लर “ का वोर्ड नज़र आया ।
वो औरत, ज्योति मुझे अंदर ले गई । चार कुर्सियों थी और चारो पर एक एक औरत बैठी थी और चार जवान लड़कियों उनका काम कर रही थी । ज्योति ने सबसे कहा कि मैं मालिक की बहु हूँ और अब से इस पार्लर की मालकिन मैं ही हूँ । बाबूजी ने मुझसे यह बात नहीं कही थी ।
सबने मुझे नमस्ते, प्रणाम किया । सबके गाल थपथपाती हुइ ज्योति के साथ एक दूसरे कमरे में गई । यह वहाँ का पार्लर का मेन ऑफिस था । एक बड़ी सी मेज़ के एक तरफ़ एक आकर्षक डील- डौल की औरत बैठी थी । उसकी उम् ४० के आस पास की होगी ।
ज्योति —- कल्पना मैडम , हम सब की नई मालकिन मंजु जी , साहब की बहु से मिलिए ।
कल्पना हाथ जोड़ते हुए खड़ी हो गई ।
कल्पना— आप सच की औरत हैं या कोई जापानी गुडिया है । कितनी सुंदर है आप । बस मंजु मैडम देखते रहिए , अब हमारी कमाई कितनी बढ़ जायेगी । सिर्फ़ आपका प्यारा मुखड़ा देखने के लिए ही लोग यहॉं लाईन लगा देंगे । ज्योति तुम जाओ, मालकिन को मैं सब समझा देती हूँ ।
ज्योति चली गई । कल्पना ने मुझे पार्लर के बारे में सब कुछ बताया । दो बातों पर मेरा ध्यान गय। पहला कि सारे शहर को यही मालूम था कि पार्लर की असल मालकिन कल्पना है विजेंद्र बाबू नहीं। कल्पना ने अपनी चुदाई की शुरुआत मेरे ससुर के साथ ही की थी और अब भी दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं । दूसरा कि ब्यूटी पार्लर का वोर्ड लोगों को दिखाने के लिए है असल में यह एक मालिश करने कराने और चुदाई का अड्डा है । वहाँ ६ केबिन थे जिसमें या तो मालिश होती थी या फिर चुदाई चलती थी ।
कल्पना ने बताया कि उस समय भी २ केविन में औरतें औरत से ही नंगी मालिश करवा रही थी और दूसरे दो केविन में दो औरतें चुदवा रही थी । हमारे आने के २ मिनट पहले ही २ दूसरी औरतें पार्लर के २ काम करनेवाले मर्दों से पूरे बदन की नंगी मालिश करबा कर गई थी ।
कल्पना— उन दोनों औरतों को बहुत समझाया लेकिन वे चुदवाने को तैयार नहीं हुई ।
मैं —- कल्पना दीदी , इसकी मतलब साफ़ है कि आपके मर्द औरतों को गर्म नहीं कर सकते हैं ।
कल्पना— ठीक बोल रही है आप । बहुत मर्दों को ट्राई किया लेकिन १५-२० मिनट की मालिश के बाद ही मादरचोद बूर में लौडा पेल देता हो जो ज़्यादातर औरतें को पसंद नहीं है । अधिकतर औरतें एक घंटा के मालिश के दौरान ४०-४५ मिनट की बहुत बढिया मालिश चाहती है , ऐसा मालिश की वो खुद लौडा को पकड़ कर चूसे , बूर में घुसाने के लिए खुशामद करे । अप्सरा होटल में कई ऐसे मर्द है लेकिन हम उन्हें उतना नहीं दे सकते जितना वहॉं मिलता है । मंजु , अप्सरा होटल में रोज़ २५-३० औरतें मस्ती मारने आती है और शनीवार और रविवार को १०० से ज़्यादा औरतें वहॉं चुदवाने जाती है । हमारे यहॉं कभी एक दिन में २० सेजायादा औरत नहीं आई ।
मैं —और उतनी औरतों को कौन चोदता है ?
तभी दो औरतें अपने अपने कपड़े ठीक करते हुए निकली । उन औरतों ने घबराते हुए मेरी ओर देखा ।
कल्पना— डरिये मत , ये हमारी बॉस है । मेरे आदमियों ने आपको खुश किया कि नहीं ?
एक औरत— दोनों ठीक है लेकिन कोई खाश बात नहीं था ।
दोनों औरतें के जाने के बाद कल्पना ने बताया कि दोनों सीनियर सरकारी अधिकारी की घरवाली है । महिना में दो बार तो आती ही है । हम बात कर रहे थे और वही दोनों आदमी आये जिनसे चुदवाकर दोनों गई थी ।
दोनों का वॉडी जरुर बढिया था लेकिन मुझे भी दोनों में से कोई पसंद नहीं आया । कल्पना ने उन्हें उस दिन का फ़ीस दिया और वो चले गये ।
कल्पना—- हमारे आदियों को हर एक औरत को चोदने का ५००/- मिलता है । आज दोनों ने तीन तीन रंडियों को चोदा ।
अब आफ़िस में हम दोनों ही थे । कल्पना ने मेरे सामने तीन बड़ा साईज़ का एल्बम रखा ।
कल्पना— इस एल्बम में सब मिलाकर २०० से ज़्यादा रंडियों के फ़ोटो है जो यहॉं आकर हमारे मर्दों से , अनजान मर्दों से चुदवाती है ।
मैं पन्ने पलट रही थी और कल्पना वहॉं का रेट बता रही थी ।
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE