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Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
अपडेट - 15




राज: तुम लोग निकलो मैं 10 मिनट में आ रहा हूँ।


मंगल: अब इसे क्या हो गया।


श्याम: अरे यार पेशाब करने गया होगा। वैसे भी तू तो जानता ही है ये कितना शर्माता है।


(मंगल और श्याम एक दूसरे की तरफ देख कर राज के शर्म के विषय पर व्यंगात्मक तरीके एक दूसरे को ताली मारकर हंसने लगते है)




अब आगे....





मंगल और श्याम दोनो वहाँ से निकल जाते है। उन्हें नहीं पता था कि राज कहाँ जा रहा है।


राज नदी के आसपास चक्कर काट कर देखता है। और नक्शे के मुताबिक पूरी नदी का जायजा लेने लगता है। 


वापस लौटते वक्त राज काफी खुश नजर आ रहा था। बस राज के मन में एक ख्याल था। कि मैं जल्दी से किसी के साथ सेक्स करके अपने इस दर्द से छुटकारा पा लूं। लेकिन क्या सच में सेक्स करने के बाद मुझे दर्द नही होगा। पता नही क्यों मैं कालू की बातों में आकर वो दवा ले ली।


यदि ये दर्द मुझे उस नक्शे के खजाने की खोज के दौरान हो गया तो? यदि ये उस खतरे के दौरान जिसका जिक्र नक्शे में था? नहीं नहीं मुझे कुछ तो करना ही होगा।


राज इसी प्रकार के कई विचार मन में लाते हुए वहां से तेजी से चलते हुए वापस उसी जगह पहुंचता है जहां पर सुबह कालू , श्याम और मंगल से मुलाकात हुई थी।


वहां पर केवल श्याम ही खड़ा था। श्याम ने जैसे ही राज को देखा उसने तुरंत राज को गले लगाकर होले से कान में बोला।




श्याम: चल आज तुझे हम अपना सीक्रेट अड्डा दिखाते है।


राज: श्याम, मंगल कहाँ है?


श्याम राज को चुप रहने का इशारा करके अपने साथ आने को बोलता है।


करीब 10 मिनट खेतों के बीच चलते-चलते राज अचानक से खुली जगह मैं पहुंच जाता है।




ये खिली जगह खेत की बीच में से दो तीन क्यारियों की कटाई करके रहने लायक जगह बनाई हुई थी।


नीचे एक चटाई और चटाई के ऊपर गद्दे जैसी गूदडी बिछाई हुई थी।



(गूदडी: गांवों में पुरानी साड़ियों के बीच में पुराने खराब कपड़े डाल कर मोटे धागे से सिलाई करके गद्दे जैसी बनाई जाती है।)


राज: वाह... यार ये तो बहुत अच्छा है। चारों तरफ खेत ही खेत और बीच में ये बिस्तर।


मंगल: हाँ! और इस वक्त हम लोग जहां पर है यहाँ कितनी भी जोर से चिल्लाओ कोई नहीं सुन पायेगा। हाँ उस ऊपर वाले कि बात अलग है।


(मंगल ऊपर आसमान की तरफ इशारा करते हुए राज को बोलता है)


मंगल की ये बात सुनकर राज और श्याम दोनो हंसने लगते है।


तभी खेतों में सरसराहट की आवाज के साथ कालू आता है।कालू के आते ही सब कालू को देखने लगते है। श्याम कालू की तरफ कोई इशारा करता है जिसे देख कर कालू हल्की सी गर्दन हाँ मैं हिलाता है।



कालू: लड़की का इंतजाम हो गया।


राज: क्या? इतनी जल्दी? कैसे? म..म मेरा मतलब कौन है वो।


कालू: मेरी बड़ी बहन लता!


(कालू के अचानक से कहे गए ये शब्द राज पर हजारों वोल्ट की बिजलियाँ गिरा देते है।)


राज: क्या? नही नहीं तुम पागल हो गए हो क्या? और तुम्हारी बहन इस बात के लिए मान भी कैसे सकती है। कमऑन यार अगर ये मजाक है तो सच में बहुत ही घटिया मजाक है।


(राज की बात सुनकर कालू झुंझला जाता है और बोलने लगता है)


कालू: मजाक तुझे ये मजाक लगता है। राज मैं दोस्ती और दुश्मनी दोनो जिगर के बलबूते पर निभाता हूँ। इसलिए ये कोई मजाक नही हैै और क्या पूछ रहा था तू? हाँ! की मेरी बहन इन सब के लिए तैयार भी कैसे हो सकती है तो सुन जब मैंने पहली बार ये दवा ली थी तब मुझे भी इसी तरह से दर्द होता था। और उस वक़्त मेरी इसी बड़ी बहन ने ही मुझे संभाला था। इसी बहन ने मेरे लिए अपना कौमार्य भंग किया था। 


इसी लिए जब मैंने लता को ये बताया कि तुझे मैंने वो दवा दी थी और तूने शहर में होकर भी किसी लड़की के साथ चूssss मेरा मतलब सेक्स नहीं किया। और अब वो दर्द तेरा इतना ज्यादा बढ़ गया कि कभी कभी सहन करना भी मुश्किल हो जाता है। तो लता को वो शायद वो मेरे पुराने दर्द भरे दिन याद आ गये होंगे। शायद इसी लिए लता तैयार हो गयी।


मंगल और श्याम दोनो थोड़ा सा सोचते हुए।


मंगल: अरे यार लेकिन इस काम के लिए मेरी बहन भी ठीक थी। अगर वो राज के साथ कर लेती तो अगली बार के लिए उसके मन में हमारे प्रति उल्टे सीधे विचार नही आते।


कालू: नही! उसपर ड्रग्स का असर था जब वो हमारे साथ थी। मैंने उस से बात की तो उसने कहा मैं कोई रंडी नही हूँ और गांड पर लात मार कर निकाल दिया। इसलिए तू अपनी बहन की तो बात ही मत छेड़।


मंगल और श्याम कालू की बात सुनकर हसने लगते है। 


कालू: हँसलों बहन चौद कमीनो कभी तो मेरा भी दिन आएगा।


तभी राज बोल पड़ता है।


राज: छि छि छि छि कैसे लोग हो तुम? एक दूसरे की बहन को... छि... शर्म नहीं आती। इतने दिन से जब तुम ऐसी बात करते थे तो मैं सोचता था शायद मजाक में बोल रहे है या फिर गाली दे रहे होंगे मगर तुम तो छि....


मंगल राज को कुछ बोलने ही वाला था कि कालू ने उसके कंधे पर हाथ रख कर चुप करवा दिया।


कालू: तुझे करना है राज तो कर ये फालतू दिमाग मत खराब कर। और वैसे भी मैं जो भी कर रहा हूँ तेरे लिए ही तो कर रहा हूँ ना किसी और के लिए तो नहीं कर रहा। और चल देखते है तू कितना शरीफ है एक बार चूत मारकर तो देख। फिर मैं देखता हूँ तुझे खुद पर इतना कितना कंट्रोल है।


राज बहुत कुछ सोच रहा था। लेकिन फिर राज को अपना मकसद याद आता है।


नक्शा 





खज़ाना

???


राज कालू की किसी भी बात का जवाब नही दे पाता और जवाब देता भी तो फिलहाल तो राज कोई जवाब ही नहीं देना चाहता था क्यों कि इस वक़्त कोई कुछ भी करे राज का ही फायदा था। 


तभी गन्ने के खेतों की फसल हिलने लगती है। और एक तरफ से सरसराहट की आवाज आने लगती है। 


मंगल: लगता है कोई आ रहा है।


मंगल की बात सुनकर सब चौकन्ने हो जाते है। अभी मंगल ने इतना ही बोला था कि कालू की बहन लता गन्नों के पीछे से निकल कर सामने आती है। लता के सर पर पानी भरने की चरी रखी थी और कंधों पर कुछ पुराने कपड़े। उसकी आँखों में क़ातिल सी अदा थी और होंटों पर बहुत ही मासूम सी मुस्कान।


[Image: 5ceb962ca0bcd.jpg] 

कालू एक नज़र अपनी बहन को देख कर मंगल और श्याम की तरफ आंखों से इशारा करता है और दोनों को लेकर कालु वहाँ से बाहर निकल जाता है।


राज अब दुविधा में था। वो समझ नही पा रहा था कि क्या करे और क्या ना करे?


राज बस गर्दन झुकाये खड़ा था और उसके ठीक सामने बस मामूली सी दूरी पर कालू की बहन लता थी।


कालू की बहन लता। दिखने में गांव की सिम्पल सी लड़की है लेकिन है बहुत खूबसूरत है।


सुराहीदार गर्दन, रंग हल्का गेहुंआ, शरीर पर ज़रूरत के हिसाब से मांस चढ़ा हुआ। फिगर का अंदाज़ा इस हिसाब से लगा लीजिये जैसे साउथ इण्डियन फिल्मों की हेरोइन अनुष्का शेट्टी। अरे वही बाहुबली की पत्नी देवसेना।



करीब 5 मिनट तक की खोमोशी छाई रही। ना राज कुछ बोल रहा था ना लता। लता ने भले ही कालू के साथ सेक्स किया हो लेकिन कालू के बाद अगर किसी ने लता के मादक शरीर का भोग लगाया था तो सिर्फ लता का पति था। 


लता की शादी अभी कुछ ही महीनों पहले हुई थी। गांव की परंपरा के हिसाब से जब लड़की की नई नई शादी हुई होती है तो पहला सावन लड़की अपने पीहर ही मानती है।शायद इसी लिए लता भी अपने पीहर अपने घर आई हुई थी।


जब कालू घर जा कर लता के लिए पूछा तो कालू की माँ ने बताया कि लता नदी किनारे गयी है। बोल रही थी कुछ कपड़े धोने है और आते भगत उधर से पानी भी भर लाएगी।


कालू ने अपनी माँ से जब ये जान लिया कि लता नदी किनारे पानी के लिए घर से निकल गयी तो कालू सीधे रास्ते से ना जाकर के खेतों के बीच से दौड़ता हुआ बीच रास्ते में चला गया। 


[Image: 5ceb968593290.jpg] 

जहाँ उसे कुछ ही दूरी पर लता जाती हुई नजर आई।


कालू ने लता को आवाज दी और उसे रुकने को कहा। लता ने जब अपने भाई की आवाज सुनी तो वो रुक गयी। लेकिन जब कालू लता के पास पहुंच कर उसे राज की हालत बताई तो लता एक दम से गुस्सा हो गयी थी।


लता ने कालू से कहा कि " क्या तुमने मुझे कोई बाजारू रंडी समझ रखा है या तुमने कोई समाज सेविका रंडीखाना खोल लिया है? तुम क्या चाहते हो तुम्हारी बहन तुम्हारे दोस्तों के सामने टांगे खोले पड़ी रहे। तुम जानते हो ना मैंने तुम्हारे साथ किया था क्योंकि तुम्हे उस वक़्त उसकी जरूरत थी।


कालू: तो तुम्हे क्या लगता है तुम्हे ऐसा पूछ कर मुझे बड़ा गर्व महसूस हो रहा है। राज को भी मैंने वही दावा दी थी। जिसका दर्द व पिछले 2 साल से भोग रहा है। बहन उसके दर्द का कारण तेरा ये भाई ही है। इसी लिए मैं तुझसे पूछ रहा था।


फिर कालू 2 साल पुरानी सारी बाते लता को बताता है। कि कैसे उसकी राज की मुलाकात हुई? कैसे उसने राज को वो दावा दी? और फिर राज शहर चला गया। और जब लौट कर वो लोग नदी में नहा रहे थे तो राज का तड़पना सब कुछ कालू ने लता को बता दिया।


लता थोड़ा सा उदास सा मुह बना लेती है लेकिन फिर कालू की तरफ देख कर ठीक है लेकिन आखिरी बार इसके बाद तू कभी भी मुझे ये सब करने के लिए मत बोलना वरना तेरी कसम मैं नदी में कूद कर जान दे दूंगी। 


कालू: पक्का वादा आज के बाद तुझे कभी नही बोलूंगा इस काम के किये अपने लिए भी नही।


और इस तरह से लता राज के सामने आ जाती है।


5 मिनट की खामोशी के बाद लता राज से


लता: क्या तुम्हें अब भी दर्द हो रहा है?


राज: क्या???? वो वो जी नहीं। अभी तो नही हो रहा।


लता: अच्छा रुको! मेरे पास आओ।


राज बिना कोई हरकत किये बस वही खड़े खड़े लता को ताड़ता रहता है।


लता मुस्कुराते हुए।


लता: इधर आओ ना, शर्माओ मत।


राज लता के पास धीरे धीरे जाता है। लता राज के भोले से चेहरे को देख कर उसके चेहरे में ग़ुम सी हो जाती है। इस वक़्त राज लता को बहुत ही प्यार लग रहा था।


राज जैसे ही लता के पास आता है। लता एक दम से राज का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लेती है और राज के होंटों पर अपने होंठ रख देती है।राज कुछ समझ पाता इससे पहले लता राज के होंटों को अपने होंटों मैं दबा कर चूसने लगती है।




करीब 2 मिनट तक लता राज के होंटों को चूसती रहती है। लेकिन राज एक दम नोसिखिया था। इस बात का अंदाज़ा लता को उसे चूमते ही हो गया था। क्यों कि राज अभी भी लता के चुम्बन का साथ नही दे रहा था बस खड़ा खड़ा सोच रहा था कि हो क्या रहा है।




लता एक पल को राज के होंठ छोड़ कर नशीली अदा से राज की आंखों में देखती है। तभी राज अचानक से उछल पड़ता है। और शर्म से राज के गाल लाल पड़ जाते है। 


आज पहली बार किसी लड़की ने राज के लन्ड को छुआ था। राज शर्म से अपने आप में सिमट जाता है।


लता: पहले किसी के साथ नहीं किये हो ना?


राज: क्या???? क्या नहीं किया ?


लता मुस्कुराते हुए उंगली और अंगूठे को गोल बना कर दूसरे हाथ की उंगली को अंदर बाहर करके चुदाई का यूनिवर्सल इशारा राज को बनाकर पूछती है।


[Image: 5ceb9803190a2.gif] 


लता: तुमने पहले किसी के साथ चुदाई नहीं कि है ना?


राज अब क्या बोलता। सामने से खुद एक लड़की उसे चूम कर उसके लन्ड को दबाती है और अब उसे चुदाई करने के अनुभव के बारे में पूछ रही है।


राज के श्रम से गाल लाल हो रहे थे एक दम जैसे किसी लड़की के गाल ब्लश करते है। राज ने बड़ी ही मासूमियत से ना में गर्दन हिला दी। 


लता सोच रही थी कि अब मैं क्या करूँ? लड़की तो मैं हूँ मुझे शर्माना चहिये लेकिन ये है कि ये लड़की से भी ज्यादा शर्मा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम कभी कुछ नही कर पाएंगे। मुझे लगता है मुझे कालू को बताना पड़ेगा कि इसे थोड़ा बहुत कुछ तो समझा कर भेजे। मैं की रंडी थोड़े ही हूँ जो चढ़ जाऊँ इस पर।


लता उदास मन से उठ कर कालू की तरफ जाने लगती है कि तभी राज के लन्ड में एक बार फिर से दर्द होने लगता है। राज वही पर आssssss करते हुए घुटने के बल बैठ जाता है अपने लन्ड को अपने दोनों हाथों से पकड़ लेता है।


लता राज के चेहरे की तरफ देखती है तो उसे अंदाजा लगता है कि वाकई में राज एक भयंकर दर्द से गुजर रहा है।


लता राजssss , राजsss बोलते हुए राज के पास चली जाती है। राज लता को क्या जवाब देता राज तो खुद अपने दर्द को बर्दाश्त करने में लगा हुआ था। 


लता होले से राज के करीब पहुंच कर राज की ठुड्डी को उंगली से उपर करती है। जब राज की आंखें लता से मिलती है तो राज की आंखों में आंसू थे।


लता का दिल राज को इस तरह से तड़पता देख कर बुरी तरह से तड़प उठा। 


लता: आज आखिरी बार ये दर्द बर्दाश्त कर ले। आज के बाद तुम्हे ये दर्द कभी नही होगा।


ऐसा कह कर लता राज का पेंट खोलने लगती है। देखते ही देखते राज के कपड़े दूर पड़े थे। वही लता भी अपने कपड़े खोल देती है। लेकिन सिर्फ नीचे से ऊपर अभी भी एक शर्ट पहन रखी थी।


लता होले से राज को सीधा लिटा कर राज को चूमते हुए नीचे जाने लगती है।


दरअसल ये जो दर्द राज को होता था। ये उत्तेजना का दर्द था। जिसके कारण से राज के लन्ड की नसें बुरी तरह से खिंच जाती थी। और एक समय बाद ये नसें अकड़ ने के कारण से नीली पड़ने लगती थी। इसलिए राज का लन्ड एक दम नीला पड़ जाता था। 

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डॉक्टर प्रिया को इस बात का अंदाज़ा तो पहले से ही था। बस उन्हें ये समझ नही आ रहा था कि साधारणतया किसी का लन्ड कुछ पोर्न या न्यूड़ पिक्स देखने से इरेक्ट होता है जो कि थोड़ी देर बाद खुद ही शांत हो जाता है। लेकिन राज का लन्ड तो एक लंबे समय तक अपनी अकड़ बरक़रार रख पाए रहा है।


इसका क्या कारण हो सकता है? इसीलिए डॉक्टर प्रिया ने राज को डिस्चार्ज करने से पहले राज का ब्लड सेम्पल ले लिया था। खेर वो तो आगे देखेंगे चलो अभी वापस से कहानी पर आते है।


लता राज को चूमते हुए राज के लन्ड को गौर से देखने लगती है। राज के लन्ड में कोई असाधारण परिवर्तन नहीं हुआ था। उसकी लंबाई भी 5 इंच के करीब ही नज़र आ रही थी। हाँ मोटाई ज़रा ज्यादा थी। लगभग 3 से 3.5 इंच के करीब मोटा लन्ड था।


ऐसी मोटाई के कारण राज का लन्ड नज़र आने में 4 या 4. इंच की लग रहा था। कुछ राज की झाँटे थी। 


लता ने बहुत ही प्यार से राज के लन्ड को चूमा। 




राज को जब अपने लन्ड पर लता की गर्म सांसे और गर्म होंट महसूस हुई तो राज के लन्ड को सुकून मिला साथ ही राज के दर्द में भी राहत मिली। लता बेहद नाजुक तरीके से राज के लन्ड पर अपनी उंगलियां घूमा रही थी। राज आंखें बंद किये अपने इस पहले शारीरिक सुख के अनुभव का आनंद उठा रहा था।


तभी लता राज के लन्ड को सहलाते सहलाते राज के अंडों को अपनी गिरफत मैं लेकर घप्प से राज के सुपडे को अपने मुह मैं लिया। 


लता के ऐसा करते ही राज की कमर खुद बा खुद हवा में उठ गई।


थोड़ी देर तक राज के लन्ड को चूसते-चूसते ही लता को एहसास हुआ कि राज के लन्ड की लंबाई बढ़ रही है। जो लन्ड कुछ देर पहले तक मुश्किल से 5.5 इंच नज़र आ रहा था वो अब 7 से 7.5 इंच की औकात मैं खड़ा था|

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लता ने देखा कि अब जब राज का लन्ड अपनी औकात मैं आ गया है तो चलो इस कि नथ उतार ही लेते है। कब तक बिचारा दर्द से तड़पेगा। 


लता होले से खड़ी हो कर राज के ऊपर चढ़ जाती है और राज के होंटों को अपने होंटों मैं क़ैद करके नीचे अपना हाथ ले जा कर राज के लन्ड के सुपडे को ठीक अपनी चूत के मुह पर टिका देती है और हल्का सा दबाव बनाती है। राज का सूपड़ा मोटा था और लता की चूत अभी भी इतनी नही खुली हुई थी। राज का सुपडा लता की चूत के मुह को खोल कर फंस जाता है।


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ठीक उसी वक़्त आसमान में काले काले बादलों की घटा घिर आती है।बिजलियाँ चमक ने लगती है। घुमड़ घुमड़ कर बादल आवाज करने लगती है। गांवों में दरअसल ये सब चौमासे और सावन के आगमन का प्रथम चिन्ह था।

भले ही लता आज से पहले अपने भाई कालू और अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी थी लेकिन आज उसे राज के साथ एक अलग तरह के असीम आनंद की अनुभूति हो रही थी।


लता को साफ महसूस हो रहा था कि राज के लन्ड का सूपड़ा ज़बरदस्ती उसकी चूत को खोले उसमे फसा हुआ है। लता को आनंद के साथ साथ एक मीठे से दर्द का एहसास हो रहा था। 





लता अपनी चूत राज के लन्ड पर टिकाये हुए ऊपर आसमान की तरफ गर्दन किये आंखें मूंद रखी थी। जिन आंखों में कुछ आंसू छलक आये थे।




वही राज भी इसी आनंद मैं डूबा हुआ था। राज को अपने लन्ड में और भी कड़कपन महसूस होता है। लता अभी आनन्द के सागर में गौते खा ही रही थी कि अचानक से लता की आहsss निकल जाती है।




लता: अभी मत मारो। रुको! ओहsss


लता ने राज से धक्का मारने के लिए मना किया लेकिन राज ने तो धक्का मारा ही नही था। राज तो ज्यों का त्यों लता के नीचे लेटा हुआ था। इस बात का एहसास लता को तब हुआ जब राज ने अगली बार धक्का नही मारा और ना ही अपना लन्ड बाहर की तरफ खींचा।


लता ने झुक कर राज के लन्ड को देखा तो लता की आंखें खुली की खुली रह गयी। राज का लन्ड जितना कड़क हो रहा था उतनी उसकी लम्बाई बढ़ रही थी। जिस लन्ड के सुपडे को लता ने छूट मैं लिया था वो 7.5 इंच का था लेकिन फिलहाल 2 इंच लन्ड चूत मैं घुसा हुआ था और 7.5 इंच लन्ड बाहर था।



राज: लेकिन मैंने तो कुछ किया ही नही।


लता अचानक से राज की बात सुनकर चोंक जाती है लेकिन अगले ही पल वो राज की तरफ मुस्कुरा के देखती है। 


लता सोचने लगती है कि 9.5 इंच का लन्ड है इस बच्चे का अगर ये बाद मैं और बड़ा हुआ तो ये किसी भी चूत का भोसड़ा एक बार मैं ही बना देगा। ऊपर से इसका लन्ड कितना मोटा है।







लता अभी ये सब सोच ही रही थी कि राज लता से बोल पड़ता है।


राज: प्लीज कुछ कीजिये ना मुझे सच्ची बहुत दर्द हो रहा है।


लता राज की तरफ देखने लगती है। लता को भी लगता है कि अब काफी देर हो गयी है अब आगे बढ़ना चाहिए। लता होले से अपना जोर राज के लन्ड पर लगाती है। लेकिन राज का लन्ड लता की चूत मैं बुरी तरह से फंसा हुआ था। लता की सारी कोशिश बेकार जा रही थी। क्योंकि राज का लन्ड अब रत्ती भर भी लता की चूत मैं नही जा पा रहा था।


लता काफी परेशान हो जाती है। आखिर में लता राज से कुछ बोलती है।


लता: हेय! सुनो! तुम नीचे से कमर उठा कर धक्का मारो। 


राज: लेकिन मैं...


लता: लेकिन वेकीन छोड़ और सीधा मुझे चौद समझा। और सुन लाख गिड़गिड़ाऊं चिल्लाऊं या फिर दर्द से तड़पूं लेकिन तू अपना लन्ड चूत से बाहर नही निकालेगा। अगर निकाला ना तो.... तो यहीं तेरा लन्ड काट कर तेरी गांड में डाल दूंगी।


राज लता के ऐसे तेवर और ऐसी बातें सुन कर डर गया था। सो उसने चुप चाप लता की बात मानने में ही भलाई समझी।


लता: चल शुरू हो जा।


लता ने इतना कह कर अपने होंटो को अंदर की तरफ गोल करके अपना मुह बन्द कर लिया। और राज के हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया। इस वक़्त लता बेहद गर्म हो चुकी थी।


राज ने भी लता की कमर पकड़ ली और नीचे से अपने कूल्हों को एडजस्ट करके अपनी कमर को जोर से ऊपर की तरफ उछाल दिया। ठीक उसी वक़्त लता भी ऊपर से राज के लन्ड पर जोर से बैठ गयी। नतीजा ये निकला कि राज का 3 इंच लन्ड और लता की चूत मैं घुस गया।


राज का लन्ड चूत में घुसते ही राज जोर से चीख पड़ा। 


राज: आहssssss उंssss अहssssss


राज के सुपडे की चमड़ी उतर कर नीचे की तरफ पूरी तरह से खींच गयी थी। जिससे राज के लन्ड के सुपडे से हल्का हल्का खून निकल रहा था। वही लता की भी चीख उसी के मुह मैं दब कर रह गयी लेकिन लता की आंखों से आंसू निकल आये। जहां आसमान में सावन की झड़ी लगी थी वहीं लता ने सावन का स्वागत राज की नथ उतार कर किया था।


अब तो राज की नथ उतर चुकी थी। ऊपर आसमान से हल्की हल्की बारिश हो रही थी नीचे राज और लता चुदाई का खेल खेल रहे थे।


लता की चूत बुरी तरह से राज के लन्ड पर कस गयी थी। अब बारी लता की थी। लता इस बार हल्का सा ऊपर उठी जिससे राज का करीब एक इंच लन्ड बाहर निकल गया। राज को हल्का सा दर्द हुआ इस लिए राज कसमसा कर रह गया। लेकिन अगले ही पल लाता पूरे जोर से राज के लन्ड पर बैठ गयी।


लता के ऐसा करते ही लता की इस बार जोरदार चीख निकल गयी। बाहर खड़े कालू श्याम और मंगल को भी वो चीख हल्की ही सही लेकिन स्पष्ट सुनाई दे गई। जिसे सुनकर तीनो मुस्कुराने लग गए।


राज भी लता के नीचे तड़प रहा था। लता ने तो कैसे जैसे खुद को संभाल लिया लेकिन राज अभी भी दर्द से रो रहा था।


लता ने नीचे हाथ ले जाकर देखा तो राज का लन्ड अभी भी 2 इंच के करीब बाहर ही था। 


लता: हे राम अभी भी बाहर है।


राज आंखों से इशारा करके पूछता है क्या?


लता: तेरा लन्ड बेवकूफ


लता की इस बात पर राज ओर लता दोनो हसने लगते है।


लता: चल शेर अब हो जा शुरू?


राज: चुदाई के लिए।


लता मुस्कुराते हुए हाँ मैं सर हिला देती है।


राज भी मुस्कुराते हुए नीचे से हल्के हल्के धक्के मारने लगता है। करीब पांच मिनट में लता और राज दोनो एक दूसरे के आदि हो जाते है। अब दोनों एक दूसरे को बेइंतेहा चूमते हुए धक्कम धक्का पिलाई कर रहे थे।


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कालू श्याम और मंगल छुपकर के राज और लता की रास लीला देख रहे थे। वहां पर कोई रफ़ चुदाई नही चल रही थी। बल्कि ऐसा लग रहा था जैसे दो आशिक शादी से पहले शुहागरात मना रहे हों।


[Image: 5ceb9db300206.gif] 


लता: हेय ये बचा खुचा लन्ड क्या अपनी माँ बहन के लिए बचा रखा है।


राज एकदम से लता के मुह से ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाता है। लता राज को कुछ न करते देख अपनी एक उंगली राज की गांड के छेद पर घुमाने लगती है। 


जैसे ही लता की उंगली राज की गांड के छेद को छूती है राज की कमर ऊपर उठती है लेकिन लन्ड अंदर नही जाता। थोड़ी ही देर में जब लता परेशान हो जाती है तो लता अपनी बीच की उंगली का दबाव राज की गांड के छेद पर बढ़ा देती है। करीब आधा इंच उंगली राज की गांड मैं घुसी थी कि राज जोर से धक्का मार देता है और बचा हुआ लन्ड पूरी तरह से लता की चूत में घप्प से घुस जाता है। इसी के सेह ता राज के होंटों को चूमने के लिए राज पर झुक जाती है।





अब थोड़ी देर लता यूँही ऊपर से राज के लन्ड पर धक्के मारती रहती है और नीचे से राज भी लता की चुदाई करता रहता है।


वुमन ऑन टॉप की खिलाड़ी तो लता कालू के साथ ही बन गयी थी। लेकिन लता को चाहिए था कि राज अब उसकी जबरदस्त चुदाई करे।


इस लिए लता राज के ऊपर से उठ कर नीचे लेट जाती है और राज को अपने ऊपर खींच लेती है। लता अपनी टांगे चौड़ी कर के राज को अपनी टांगों के बीच में ले आती है। और राज का लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुह पर रख देती है।




जब लता ऐसा करती है तो राज की नज़र लता की चूत पर जाती है। जो कि बुरी तरह से खून खच्चर हो रखी थी। 


लता: देख क्या रहा है चल घुसा दे जल्दी से।


राज एक जोर दर धक्का मारता है कि लता राज को अपने ऊपर खींच कर जोर से गले लगा लेती है और पीछे से कैंची की तरह अपनी टांगे राज की कमर पर कस लेती है।




लता: आह मेरे राजा! ऐसे ही दम दिखा अपना।


राज: हाँ मेरी रानी ऊम्म्मssss


राज जैसे ही आंखें बंद करता है उसे याद आता है की उसने अभी रानी बोला। और उसे अपनी बड़ी बहन रानी याद आते ही उसकी आँखों के सामने उसकी बहन रानी का चेहरा घूमने लगता है। 


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राज को रानी का चेहरा याद आते ही राज आंखे बंद किये ही "ओह रानी, आह कितना मज़ा है इन सब" मे बोलते हुए लता की धुआंदार चुदाई शुरू कर देता है।


करीब 30-35 मिनट की चुदाई के बाद राज अपना सारा पानी लता की चूत मैं छोड़ देता है। जैसे ही राज पानी छोड़ता है वैसे ही लता झड़ने लगती है और साथ ही साथ चीख पड़ती है।


झड़ते हुए राज का लन्ड 1.5 इंच और बड़ा हो गया था जो कि सीधा लता की बच्चे दानी के मुह को खोल कर अंदर घुस गया। करीब 5 मिनट तक राज लता की चूत मैं झड़ता रहता है। जब राज अपने टट्टे पूरी तरह से लता की चूत मैं खाली कर देता है तो लता उसे साइड में हटा कर जोर जोर से हांफने लगती है। लेकिन राज बिल्कुल नही हांफ रहा था।


लता की चूत से जैसे ही लन्ड बाहर निकलता है लता की चूत काफी सारी राज की मलाई बाहर उगल देती है।



[Image: 5ceb9f0459f4d.gif] 




लता थोड़ा सुस्ता लेने के बाद राज से पूछती है।


लता: ये... ये रानी कौन है रे? अब ये तो बिल्कुल मत कहना कि तू मुझे रानी बुला रहा था।


राज: हम्मsss क्या????


लता: ये रानी कौन है? कोई गर्लफ्रैंड?


राज: नहीं तो 


लता: फिर कौन है?


राज : रानी मेरी बड़ी बहन का नाम है!


लता: ओहsssss तो तू मुझे रानी समझ कर चौद रहा था।


राज: क्या बक रही हो?


लता: रानी का नाम लेकर मेरी चूत फाड़ता रहा तब तुझे याद नही आया की तू क्या बक रहा है। खेर इसमें कुछ गलत भी नहीं। देख मैंने भी तो मेरे छोटे भाई कालू से चुदवा लिया। तू भी अपनी बहन को चौद कर अपनी आग शांत कर लिया कर ना। इसमें कोई बड़ी बात नही है।


राज: नही नहीं ऐसा नही हो सकता।


लता राज का लन्ड पकड़ कर 


लता: अभी तुझे झड़े 3 मिनट भी नही हुए और रानी की बात सुनकर फिर से खड़ा हो गया मेरे राजा।


राज लता को कुछ नही बोलता।


लता एक बार फिर से राज को अपने ऊपर खींच कर चुदाई करने लगती है। और इस बार लता रानी बनकर राज से चुदवाती है। 


राज उसे जब भी रानी नही बुलाता तो लाता उसे धक्के मारने से रोक लेती। थक हार कर राज पहली बार अपनी बहन के बारे में सोचते हुए लता की एकदम रोमांटिक तरीके से चुदाई कर रहा था। और आख़िरकर लता की चूत मैं झड़ जाता है। 




करीब 3-4 बार राज लता की चूत मारता है पहली बार छोड़ कर हर बार लता रानी बनकर राज से चुदती रहै। उसका एक कारण ये था कि जब भी राज लता को रानी बोलकर चौदता था तो राज एक अलग ही जोश मैं रहता था। वो जोश रानी को असीम सुख दे रहा था।


अब राज आंख बंद करके वही लेट जाता है। और लता चुपचाप अपने कपड़े और चरि लेकर वहां से निकल जाती है। वही श्याम मंगल और कालू भी काफी समय पहले वहां से निकल गए थे। अब राज अकेला नंगे बदन खेत में पड़ा घास फूस पर सो रहा था और ऊपर बारिश हो रही थी।



 करीब आधे घंटे बाद राज की आंख खुलती है। राज जल्दी से कपड़े पहन कर नानी के घर की तरफ निकल जाता है। राज के कपड़े पहले ही काफी गीले थे रास्ते में जाते जाते राज के कपड़े और गीले हो जाते है।

राज पूरी तरह से बारिश में भीग चुका था।





साथ ही साथ राज के चेहरे से थकावट साफ झलक रही थी। लता के साथ राज का ये पहला योन सुख का अनुभव था। 


पहली बार ही राज और लता ने पांच बार योन संबंध बनाए। जिस कारण से राज काफी थकावट महसूस कर रहा था। साथ ही राज ने सुबह से कुछ खाया भी तो नही था।


राज बड़ी ही मुश्किल से चलते हुए घर पहुंचता है। घर पहुंचते ही राज की नानी जो कि अपने मकान के दरवाजे पर खड़ी होकर राज की राह देख रही थी ने राज को देखा जो बुरी तरह से भीग गया था। नानी घबराते हुए थोड़ा गुस्से में राज को डाँटती है और बोलती है....


नानी: राज ये क्या पागलपन है? जल्दी से घर में आओ। बाहर इसी तरह से भीगोगे तो बीमार पड़ जाओगे। सुना नहीं मैंने क्या कहा? जल्दी इधर आओ!


राज: हैंsss हम्मssss जी नानी...


राज नानी को गुस्से में देख कर कर जल्दी जल्दी चलते हुए कमरे में घुस जाता है। जहां जाते ही राज की नानी राज को टॉवल दे कर अंदर एक सिगड़ी पर चाय चढ़ा देती है। और साथ ही राज की खरी खोटी सुनाने लगती है।


नानी: मुझे बिल्कुल पसंद नही है राज


राज: क्या??? मेरा मतलब क्या नानी ?? क्या पसंद नही है?


नानी: तेरा ये लापरवाही से रहना। सुबह से कुछ खाया पिया नही, पूरा दिन दोस्तों के साथ मस्ती और अब पानी में भीगता हुआ घर आ गया। वही कहीं ठहर नही सकता था?


राज : सॉरी नानी।


राज ने अब कपड़े बदल कर एक शॉर्ट और एक टी-शर्ट पहन ली थी। जब राज तैयार हो रहा था इसी बीच नानी ने राज को एक चाय पकड़ा दी और साथ में एक प्लेट में कुछ पकोड़े भी।


( गरमा गरम आलू और प्याज के पकोड़े वो भी गांवों की भीनी भीनी बरसात में वाकई मज़ा आ जाता है दोस्तों।)







राज चाय और पकोड़े देख कर खुश था। राज नानी को थैंक्स बोल कर चाय पकोड़े नानी के साथ बैठ कर खाने लगा। 


चाय और पकोड़े खत्म करते करते बारिश भी रुक गयी थी। नानी झूठे बर्तन बाहर ले गयी और राज अंदर अपने कमरे में जाकर सो गया।
बर्बादी को निमंत्रण
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[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} - by Rocksanna999 - 27-05-2019, 01:58 PM



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