15-09-2022, 06:27 PM
(This post was last modified: 15-09-2022, 07:35 PM by Devil lover. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
Update 3 ?
निशा उसके लेकर दवाई लेकर आई और उसे दवाई दी मिश्रा जी जो की उसके हाथ जहर तक खा जाए बड़े आराम से दवाई खा गए
निशा के दवाई खिलाने के बाद वो घर आ गए और उसकी ब्रा पैंटी को लेकर सूंघने लगे जिससे उनको उसकी मदमस्त कुंवारी chut or gand ki खुशबू आ रही थी उसकी ब्रा को सूंघ कर उन्होंने अपने लन्ड को बाहर निकाल कर उसे रगड़ना शुरू कर दिए उसका lund ko ki 9 इंच का था आज बहुत विकराल हो गया था निशा की bra पैंटी देख कर जब उसने उसकी पैंटी पर 34 नंबर देखा तो उसे समझ आ गया की यूं ही नहीं निशा की गांड़ इतनी कातिल है उसके bra ke 32 dekh kar muth Mari or apna सारा वीर्य छोड़ दिया और bra pantry ko le Kar hi so Gaya
Vahi दूसरी तरफ निशा ने बाथरूम नहाने गई और nahane ke bad jab kkapde dekhe to bra or पैंटी poe Sukha वीर्य था बहुत देर तक उसने देखा और बाद में खरोचा तब उसे पूरी कहानी समझ आई के ये सब किया धरा अंकल का ही
निशा जब अपनी एक और ब्रा पैंटी को ढूंढा तो उसका दिमाग फिर घूम गया और उनकी is हरकत पे उसका उनको अच्छा आदमी समझने वहम खतम हो गया उसके आंखो मे aasu आग्ये ki us ठरकी का वीर्य us ne Chu लिया फिर वो रगड़ रगड़ के नहा कर बिना खाना खाए सोने लगी तो फिर उसे yad aaya vo to uski पैंटी भी ले गया वो पता नही क्या कर रहे होंगे उसके साथ अब निशा गुस्से में आकर सो गई
यूं ही एक दो वीक में निशा की तबीयत खराब हो गई और वो कॉलेज न जा सकी और एडमिट थी जब मिश्रा को पता चला कि उसकी दिल की रानी एडमिट है तो वो Milne Gaya ने निशा के ma bap bhi vahi the उन्होंने उनको बिठाया
मिश्रा _ कैसी हो निशा
निशा _ अच्छी hu अंकल
मिश्रा _ अपना ख्याल रखो निशा
वो मन में सोचता है की ख्याल नही रखोगी तो मुझे अपनी chut kese dogi
निशा भी उसके रूप को जान गईं थी वो भी जानती थी की वो अभी भी cchut marne ki hi soch raha tha
इतने में निशा के पापा बोले
Ranjit _ misra ji aap ne kyu taklif ki
Misra ji _ are bhai aap bhi hame paraya स
मझ रहे है
निशा अगर आप के कुछ लगती है तो मेरे भी तो कुछ लगती है
इसमें अहसान की क्या बात है इंसान ही तो इंसान के सुख दुख में काम आता है kyu निशा
निशा बोली जी अंकल
मिश्रा मन में सोच रहा था निशा की chut ko puri life Tak Kam me लेना ही
और वो फिर विदा लेकर चला गया
उसके जाने के बाद उसके बाप और ma ne dono ne kafi tarif करने लगे की कितने अच्छे इंसान है कितनी मदद की ही पहले हमारी केसे इनका अहसान चुकाएंगे
निशा मन में सोचती है की ये कोई फरिश्ता नही कमीना he जो मेरी सील तोड़ ना चाहता
२ ३ दिन के बाद निशा ठीक हो कर अपने घर aagyi और रात को उसके फोन पे मिश्रा ने हाल चाल के बहाने कॉल करा तो निशा ने 15 sec me कट कर दिया
मिश्रा उधर सोचता है कर ले कितना भी नखरे निशा रानी तेरी सील तो इसी लंद से तोडूंगा love you Jaan
Or सो जाता है
निशा अब उसे कोई भाव de नही रही थी पर अब मिश्रा कुछ और ट्राई करने लगा
अगले दिन निशा को एक currier aaya जिसमे i phone tha Nisha ne 2 min me samajh gayi ki ye kam kon kar सकता है तभी वो सोचती है की क्या इस रूप और इस हुस्न की इतनी वैल्यू है की ये बूढ़ा आदमी पागल पंती कर रहा है हवस क्या इतनी बड़ी चीज है तभी उसे कॉल आता है misra ka
Nisha kesi ho
निशा,,_ जी में ठीक hu par aap ऐसे गिफ्ट मत भेजिए
और फोन रख देती है
Misra उसके घर आ जाता है
वो दरवाजा खोलती है और वो अंदर
निशा मुझसे बात तो कर लो मेने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है
तुम जानती नहीं में तुमसे कितना प्यार करता हु मेरी जान
निशा ये सब सुन कर पागल हो जाती है और उसे जाने की बोलती he लेकिन वो उसे सोच कर बताने की बोलता ही और कहता है में तुमसे बहुत प्यार करता हु तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हु प्लीज समझो
निशा_ तुम्हे शर्म आनी चाहिए मुझसे इतने बड़े होते हुवे मुझसे ऐसी बात करते हो
मिश्रा _ प्यार क्या में सब जायज है
निशा _ आज के बाद मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना
मिश्रा वहा से चला जाता है
कुछ दिन बीतने के बाद अचानक निशा को मालूम होता है की मिश्रा बीमार हो चुका है उसके पापा के साथ वो मिलने जाति ही जहा उसे घर पर ही ट्रीटमेंट शुरू था
मिश्रा _ आइए रंजीत जी , आज मेरी याद कैसे आ गई सबको
रंजीत _ आप भी कमाल करते ही भाई साहेब आप तो हमारे लिए फरिश्ते है
आप को ईश्वर सदा स्वस्थ रखे भाई साहब और ये क्या बात हुई किसी और से आपकी तबीयत के बारे में पता चल रहा है
मिश्रा _ में आपको तकलीफ नही देना chata tha
निशा की मां जया बोलती है भाई साहेब आप को huva kya he
मिश्रा _ कुछ नही अब अकेकपन का शिकार हो चुका हा
बीवी है नही बेटी ही है वो भी बाहर पढ़ रही है और कोई नही है अकेलेपन में और मिश्रा रोने लगा
निशा समझ गई थी कि वो ऐसा क्यों कर रहा है
निशा _ अंकल अपना खयाल रखो आप फालतू की चिंता क्यों करते हो
निशा जानती थी की चिंता की वजह उसकी chut hi he इतने में वो बाथरूम चली jati he jaha use अपनी bra panty milti he use dekh ke vahi rakh deti he vo jab जाते है तो मिश्रा उसकी गांड़ देख के फिर मूठ मरता है
निशा उसके लेकर दवाई लेकर आई और उसे दवाई दी मिश्रा जी जो की उसके हाथ जहर तक खा जाए बड़े आराम से दवाई खा गए
निशा के दवाई खिलाने के बाद वो घर आ गए और उसकी ब्रा पैंटी को लेकर सूंघने लगे जिससे उनको उसकी मदमस्त कुंवारी chut or gand ki खुशबू आ रही थी उसकी ब्रा को सूंघ कर उन्होंने अपने लन्ड को बाहर निकाल कर उसे रगड़ना शुरू कर दिए उसका lund ko ki 9 इंच का था आज बहुत विकराल हो गया था निशा की bra पैंटी देख कर जब उसने उसकी पैंटी पर 34 नंबर देखा तो उसे समझ आ गया की यूं ही नहीं निशा की गांड़ इतनी कातिल है उसके bra ke 32 dekh kar muth Mari or apna सारा वीर्य छोड़ दिया और bra pantry ko le Kar hi so Gaya
Vahi दूसरी तरफ निशा ने बाथरूम नहाने गई और nahane ke bad jab kkapde dekhe to bra or पैंटी poe Sukha वीर्य था बहुत देर तक उसने देखा और बाद में खरोचा तब उसे पूरी कहानी समझ आई के ये सब किया धरा अंकल का ही
निशा जब अपनी एक और ब्रा पैंटी को ढूंढा तो उसका दिमाग फिर घूम गया और उनकी is हरकत पे उसका उनको अच्छा आदमी समझने वहम खतम हो गया उसके आंखो मे aasu आग्ये ki us ठरकी का वीर्य us ne Chu लिया फिर वो रगड़ रगड़ के नहा कर बिना खाना खाए सोने लगी तो फिर उसे yad aaya vo to uski पैंटी भी ले गया वो पता नही क्या कर रहे होंगे उसके साथ अब निशा गुस्से में आकर सो गई
यूं ही एक दो वीक में निशा की तबीयत खराब हो गई और वो कॉलेज न जा सकी और एडमिट थी जब मिश्रा को पता चला कि उसकी दिल की रानी एडमिट है तो वो Milne Gaya ने निशा के ma bap bhi vahi the उन्होंने उनको बिठाया
मिश्रा _ कैसी हो निशा
निशा _ अच्छी hu अंकल
मिश्रा _ अपना ख्याल रखो निशा
वो मन में सोचता है की ख्याल नही रखोगी तो मुझे अपनी chut kese dogi
निशा भी उसके रूप को जान गईं थी वो भी जानती थी की वो अभी भी cchut marne ki hi soch raha tha
इतने में निशा के पापा बोले
Ranjit _ misra ji aap ne kyu taklif ki
Misra ji _ are bhai aap bhi hame paraya स
मझ रहे है
निशा अगर आप के कुछ लगती है तो मेरे भी तो कुछ लगती है
इसमें अहसान की क्या बात है इंसान ही तो इंसान के सुख दुख में काम आता है kyu निशा
निशा बोली जी अंकल
मिश्रा मन में सोच रहा था निशा की chut ko puri life Tak Kam me लेना ही
और वो फिर विदा लेकर चला गया
उसके जाने के बाद उसके बाप और ma ne dono ne kafi tarif करने लगे की कितने अच्छे इंसान है कितनी मदद की ही पहले हमारी केसे इनका अहसान चुकाएंगे
निशा मन में सोचती है की ये कोई फरिश्ता नही कमीना he जो मेरी सील तोड़ ना चाहता
२ ३ दिन के बाद निशा ठीक हो कर अपने घर aagyi और रात को उसके फोन पे मिश्रा ने हाल चाल के बहाने कॉल करा तो निशा ने 15 sec me कट कर दिया
मिश्रा उधर सोचता है कर ले कितना भी नखरे निशा रानी तेरी सील तो इसी लंद से तोडूंगा love you Jaan
Or सो जाता है
निशा अब उसे कोई भाव de नही रही थी पर अब मिश्रा कुछ और ट्राई करने लगा
अगले दिन निशा को एक currier aaya जिसमे i phone tha Nisha ne 2 min me samajh gayi ki ye kam kon kar सकता है तभी वो सोचती है की क्या इस रूप और इस हुस्न की इतनी वैल्यू है की ये बूढ़ा आदमी पागल पंती कर रहा है हवस क्या इतनी बड़ी चीज है तभी उसे कॉल आता है misra ka
Nisha kesi ho
निशा,,_ जी में ठीक hu par aap ऐसे गिफ्ट मत भेजिए
और फोन रख देती है
Misra उसके घर आ जाता है
वो दरवाजा खोलती है और वो अंदर
निशा मुझसे बात तो कर लो मेने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है
तुम जानती नहीं में तुमसे कितना प्यार करता हु मेरी जान
निशा ये सब सुन कर पागल हो जाती है और उसे जाने की बोलती he लेकिन वो उसे सोच कर बताने की बोलता ही और कहता है में तुमसे बहुत प्यार करता हु तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हु प्लीज समझो
निशा_ तुम्हे शर्म आनी चाहिए मुझसे इतने बड़े होते हुवे मुझसे ऐसी बात करते हो
मिश्रा _ प्यार क्या में सब जायज है
निशा _ आज के बाद मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना
मिश्रा वहा से चला जाता है
कुछ दिन बीतने के बाद अचानक निशा को मालूम होता है की मिश्रा बीमार हो चुका है उसके पापा के साथ वो मिलने जाति ही जहा उसे घर पर ही ट्रीटमेंट शुरू था
मिश्रा _ आइए रंजीत जी , आज मेरी याद कैसे आ गई सबको
रंजीत _ आप भी कमाल करते ही भाई साहेब आप तो हमारे लिए फरिश्ते है
आप को ईश्वर सदा स्वस्थ रखे भाई साहब और ये क्या बात हुई किसी और से आपकी तबीयत के बारे में पता चल रहा है
मिश्रा _ में आपको तकलीफ नही देना chata tha
निशा की मां जया बोलती है भाई साहेब आप को huva kya he
मिश्रा _ कुछ नही अब अकेकपन का शिकार हो चुका हा
बीवी है नही बेटी ही है वो भी बाहर पढ़ रही है और कोई नही है अकेलेपन में और मिश्रा रोने लगा
निशा समझ गई थी कि वो ऐसा क्यों कर रहा है
निशा _ अंकल अपना खयाल रखो आप फालतू की चिंता क्यों करते हो
निशा जानती थी की चिंता की वजह उसकी chut hi he इतने में वो बाथरूम चली jati he jaha use अपनी bra panty milti he use dekh ke vahi rakh deti he vo jab जाते है तो मिश्रा उसकी गांड़ देख के फिर मूठ मरता है