15-09-2022, 03:20 PM
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फिर दीदी ने भैया का लंड अपने हाथ मे पकड़ा और लंड को मेरी चूत के मूह पर रख कर बोली भैया अब लगाओ धक्का और भैया ने फिर एक हल्का सा धक्का मारा और इस बार भैया के लंड का सुपाडा मेरी चूत मे घुस गया और दीदी ने फिर कहा भैया अब मारो एक धक्का और अपना पूरा लंड नेहा की चूत मे घुसा दो.
फिर भैया ने एक ज़ोर का धक्का मारा और भैया का आधा लंड मेरी चूत की सील तोड़ता हुआ मेरी चूत मे घुस गया और मैं ज़ोर से चीखने लगी और कहने लगी छोड़ो मुझे मैने नही चुदना तभी दीदी ने अपनी चूत मेरे मूह पर लगा दी और मैं दीदी की चूत को चाटने लगी.
और भैया ने फिर एक ज़ोर से धक्का मारा और भैया का पूरा लंड मेरी चूत मे घुस गया और मैं फिर ज़ोर से चिल्लाई अब भैया अपना पूरा लंड मेरी चूत मे घुसा कर मेरे उपर आ गये और मेरे दोनो बूब्स को बारी बारी से चूसने लगे.
अब मुझे दर्द से कुच्छ आराम मिल रहा था और मुझे भी अब दर्द के साथ मज़ा आने लगा था अब भैया भी अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे और मैं भी नीचे से अपनी गान्ड उठा कर चुदने लगी. ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.