15-09-2022, 03:07 PM
वैसे तो अभी मैं ग्रॅजुयेट हुआ हूँ, तो जॉब के बारे में कुछ सोचा नहीं… बस घर पर ही रहकर अपनी आगे की पढ़ाई करता हूँ और डिफेन्स की तैयारी कर रहा हूँ।
वैसे भी मुझे डिफेन्स में जाने की बचपन से ही बहुत इच्छा थी और इसीलिए अपनी बॉडी को भी फिट कर रखा है।
मेरा कद 5 फिट 10 इंच है और मैं दिखने में भी काफ़ी आकर्षक हूँ। शायद इसीलिए लड़कियां मुझे देख कर ‘आहें’ भरती हैं।
अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले चलता हूँ।
ये बात उन दिनों की है जब मैंने कॉलेज में प्रवेश लिया था।
यहाँ आए तो नया कॉलेज और नए लोग थे, पर जल्द ही अपने मस्त और हँसमुख व्यवहार के कारण बहुत मेरे सारे दोस्त बन गए।
उन्हीं में से एक ख़ास दोस्त नयना भी थी.. जिसे देखकर तो मेरा सुर ही बदल जाता है।
वो भी दिखने में बहुत सुन्दर.. एकदम अप्सरा लगती है।
उसके जिस्म के 36-32-36 कटाव भी क्या खूबसूरत थे..
वैसे तो हम एक-दूसरे को बस देखते थे.. खूब सारी बातें करते थे और एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते थे, पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि हम इतने करीब आ गए कि आज भी हम एक-दूसरे को अलग करने को तैयार नहीं हैं।
उस समय गर्मियों के दिन थे और कॉलेज में भी छुट्टियाँ होने वाली थीं।
इम्तिहान हो चुके थे बस परिणाम आने का इंतजार था।
शाम के वक्त मैं छत पर कुछ दोस्तों के साथ मस्ती कर रहा था कि अचानक नीचे देखा कि नयना आ रही है।
अब उस समय गर्मी थी और हम सब दोस्त तो ऐसे ही सादा हाफ लोवर और टी-शर्ट में थे।
मैं जल्दी अन्दर गया और कपड़े बदल कर वापस आया तो देखा कि खिड़की पर नयना जो कि पहले ही आ गई थी।
मैं कुछ कह पता कि नयना ने खुद ही टोक दिया- आपकी ज़िप खुली है।
अब मेरी हालत पहले तो खराब थी ही बाकी नयना की बात सुनकर मैंने जल्दी से अपनी ज़िप बन्द की।
फिर हम दोनों कमरे में आकर सोफे पर बैठ गए और शायद तब तक सारे दोस्त भी चले गए थे।
मैं उस वक्त घर पर अकेला ही था।
मुझे चाय पीना बहुत अच्छी लगती है, इसीलिए मैं थोड़ी देर बात करने के बाद रसोई में चला गया।
थोड़ी देर बाद जो मैंने देखा तो उस पल मेरा तो बुरा हाल हो गया।
मैं चाय बना ही रहा था कि पीछे से नयना आई और मुझसे लिपट गई।
वैसे भी मुझे डिफेन्स में जाने की बचपन से ही बहुत इच्छा थी और इसीलिए अपनी बॉडी को भी फिट कर रखा है।
मेरा कद 5 फिट 10 इंच है और मैं दिखने में भी काफ़ी आकर्षक हूँ। शायद इसीलिए लड़कियां मुझे देख कर ‘आहें’ भरती हैं।
अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले चलता हूँ।
ये बात उन दिनों की है जब मैंने कॉलेज में प्रवेश लिया था।
यहाँ आए तो नया कॉलेज और नए लोग थे, पर जल्द ही अपने मस्त और हँसमुख व्यवहार के कारण बहुत मेरे सारे दोस्त बन गए।
उन्हीं में से एक ख़ास दोस्त नयना भी थी.. जिसे देखकर तो मेरा सुर ही बदल जाता है।
वो भी दिखने में बहुत सुन्दर.. एकदम अप्सरा लगती है।
उसके जिस्म के 36-32-36 कटाव भी क्या खूबसूरत थे..
वैसे तो हम एक-दूसरे को बस देखते थे.. खूब सारी बातें करते थे और एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते थे, पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि हम इतने करीब आ गए कि आज भी हम एक-दूसरे को अलग करने को तैयार नहीं हैं।
उस समय गर्मियों के दिन थे और कॉलेज में भी छुट्टियाँ होने वाली थीं।
इम्तिहान हो चुके थे बस परिणाम आने का इंतजार था।
शाम के वक्त मैं छत पर कुछ दोस्तों के साथ मस्ती कर रहा था कि अचानक नीचे देखा कि नयना आ रही है।
अब उस समय गर्मी थी और हम सब दोस्त तो ऐसे ही सादा हाफ लोवर और टी-शर्ट में थे।
मैं जल्दी अन्दर गया और कपड़े बदल कर वापस आया तो देखा कि खिड़की पर नयना जो कि पहले ही आ गई थी।
मैं कुछ कह पता कि नयना ने खुद ही टोक दिया- आपकी ज़िप खुली है।
अब मेरी हालत पहले तो खराब थी ही बाकी नयना की बात सुनकर मैंने जल्दी से अपनी ज़िप बन्द की।
फिर हम दोनों कमरे में आकर सोफे पर बैठ गए और शायद तब तक सारे दोस्त भी चले गए थे।
मैं उस वक्त घर पर अकेला ही था।
मुझे चाय पीना बहुत अच्छी लगती है, इसीलिए मैं थोड़ी देर बात करने के बाद रसोई में चला गया।
थोड़ी देर बाद जो मैंने देखा तो उस पल मेरा तो बुरा हाल हो गया।
मैं चाय बना ही रहा था कि पीछे से नयना आई और मुझसे लिपट गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.