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SAAHAB, AAPKI PATNI KEE CHOOT SABSE PYARI HAI
#20
जैसा में चाहती थी ये दूसरा  वेटर अफ़ज़ल भी कपिल की तरह मुझे चोदना चाहता था । वो अपने पैंट के बटन खोल रहा था । मैंने लंड पर हाथ रखा । 

मंजु ———-एक बार मुझे चोदोगे , अपना लौडा मेरी बुर में पेलोगे और बाहर जाकर सब के बोल दोगे की १७ नम्बर बाली मंजु है मुफ़्त में भी चुदवाती है। 

अफ़ज़ल ने मेरे दोनों हाथ को उपर उठा कर चुमा । 

अफ़ज़ल —- ना कभी किसी को पता चलेगा कि मैं ने आपको नंगा देखा है ना ही कभी कोई जान पायेगा कि मेरे लौडा ने आपकी चूत को छुआ है । आपके सामने अल्लाह से अपने लिए बद्दुआएँ माॉंगता हूं कि अगर मैं ने आपको बदनाम करने की नीयत से आपका नाम भी लिया तो शहर के सारे कुत्ते और सुअर बीच चौराहे पर मेरी मॉं बहन को चोदेंगे, दोनों की गॉंड मारेंगे । 

मुझे सुनकर भी विश्वास नहीं हुआ कि कोई आदमी किसी को चोदने के लिए अपने को , अपनी मॉं बहन को इतनी बड़ी बद्दुआएँ देगा । 

मैंने अफ़ज़ल को कपड़े खोलने में मदद की और जैसे ही उसका अंडरवियर नीचे गिरा उसका लौडा मेरे ओठों से टकराया । लौडा देखकर ही दिल ख़ुश हो गया । कपिल और विनोद के लौडा से एक डेढ़ इंच बड़ा लेकिन राजीव के लंड से छोटा और थोड़ा पतला । मैंने लंड को हाथों में दवाया । 

मंजु ——-बहुत देर से यहॉं हो कोई ढूँढने आयेगा तो मैं बदनाम हो जाऊँगी । जल्दी से अपना काम करें और जाओ । मुझे तुम्हारा ये लौडा बहुत पसंद आ गया बस इसलिए ही चुदवा रही हूँ , जल्दी चोदो । 

अफ़ज़ल ने कपिल या प्यारे जैसा सहलाया भी नहीं । मुझे नीचे दबाया  और एक मिनट के अंदर ही २४ घंटा के अंदर चौथा नया लंड मेरी चूत में घुसने लगा । कपिल से बढिया लंड था , ताक़त भी उससे ज़्यादा था लेकिन कपिल जैसा प्यार नहीं था । बस पूरी ताक़त से पेल रहा था । मज़ा तो ज़रूर मिल रहा था लेकिन वैसा नहीं जैसा मज़ा प्यारे या कपिल की चुदाई के समय आया था । लेकिन अफ़ज़ल में ताक़त शायद राजीव से ज़्यादा था । मैं अपने को रोक नहीं पाई । मस्ती की सिसकारियों की आवाज़ कमरे में गुंजने लगी । 

अफ़ज़ल —— आपसे पहले अपने एक मामा की बेटी को  ४-५ बार चोदा है । बहुत ही कमसीन और जवान छोकरी है लेकिन उसके साथ वैसी मस्ती नहीं आई जैसी मस्ती आप दे रही हैं । 

हमारी चुदाई चल रही थी । दरवाज़ा पर नॉक हुआ । हम चुदाई करते ही रहे । अफ़ज़ल के मस्त मोटा और कड़क लंड को भी मेरी चूत ने बहुत पंसद कर लिया था । 

“ मंजु खोलो , मैं विनोद हूँ । “ 

मंजु —— अफ़ज़ल, साहब है , दरवाज़ा खोल  और जल्दी से वापस आ कर अपना काम कर । डर मत , साहब के सामने भी ऐसा ही चोदना । 

२-३ धक्का मार कर अफ़ज़ल ने नंगा ही डोर  खोला। विनोद ही था । विनोद से कुछ बोले बिना एक मिनट के अंदर ही फिर से मुझे चोदने लगा । विनोद ने डोर बोल्ट किया , कुछ देर बग़ल में खड़ा होकर चुदाई देखी और बाथरूम चला गया । मैंने बॉंहों और जॉघों से उसे टाईटली बॉंध कर उससे कुछ कहा और वह मुझे दुबारा चोदने की लालच में मान गया । 

मैं भी बहुत खुश थी । २४ घंटे के अंदर एक से एक बढिया चोदने बाला और साथ ही प्यार करने बाला ४ नया लंड मिला । अगर विनोद कहता कि वह मुझे घर वापस नहीं ले जायेगा तो मैंने सोच लिया था कि इसी होटल की परमानेन्ट रंडी बनकर रहू्गी । पिछली सुबह से चौथा आदमी चोद रहा था लेकिन सब मुफ़्त में । कुछ देर बाद विनोद बाहर आया बिलकुल नंगा और सामने आकर मेरी चुस्तियों  को मसल कर चुमा । अफ़ज़ल खुब दमदार धक्का मारता रहा । बिना कुछ बोले उसमें चुचियो पर से विनोद का हाथ हटाया और खुद दबाने लगा। 

अफ़ज़ल——- साहब, आपकी ये पत्नी इतनी गर्म और मस्त है कि आप ही क्या दुनिया का कोई भी आदमी इसे अकेला नहीं सँभाल सकता । आधा घंटा के ज़्यादा समय से पूरी ताक़त से पेल रहा हूँ लेकिन इस चूत पर कोई असर नहीं । बहुत ही टाईट है अभी भी । आपको अगर इस मस्त माल का पूरा मज़ा ज़िंदगी भर लेना है तो बाहर बालों से हमारे जैसे लंबा मोटे और कड़क लौडा से हर दो-तीन दिन पर दूसरों से भी चुदवाते  रहिए नहीं तो आप अकेले चोदते रहेंगे तो आप एक महिना के अंदर ही मर जायेंगीं । इस बेगम की चूत और जवानी की आग आप को मार डालेगी । बेगम , अब मैं आपके चूत की गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकता, मैं गया । 

अफ़ज़ल ने मुझे खुब जोंडों से अपनी बॉंहों  में बॉंधॉं  और चूत को रस से भर दिया । उसने चार पॉंव मिनट मुझे बॉंघ कर रखा और चूत से लौडा निकाल कर खड़ा हो गया । 

अफ़ज़ल——- साहब , मैंने अब तक कम से कम १०० से ज़्यादा नंगी जवान औरतों को देखा है , ६-७ मस्त माल को चोद रहा हूँ लेकिन आपकी पत्नी जैसी कोई नहीं । 

मैं भी पूरी संतुष्ट हो गई थी । विनोद के सामने ही मैंने अफ़ज़ल के लौडा को थोड़ी देर चूसा और फिर सहलाने लगी । 

मंजु ——- अफ़ज़ल प्यारे तुमने भी वैसा मज़ा दिया जैसा मज़ा तुम्हारे ये साहब देते हैं । लेकिन मुझे ये लौडा और चाहिए । तुम्हारा दोस्त कपिल कल से ही चोदने क लिए बहुत खुशामद कर रहा है । हम लोग रात ८ बजे निकल जायेंगें  लेकिन मुझे उस से पहला तुम्हारा, कपिल और अपने पति से एक दूसरे के सामने मस्त चुदाई चाहिए । कपिल को समझा कर ले आना ।

“ जरुर ऑंउगां मालकिन “ 

अफ़ज़ल कपड़ा पहनने लगा तो उसे मैं ने हम दोनों के लिए बढिया नाश्ता और चाय भेजने कहा । अफ़ज़ल दरवाज़ा तक गया । घुम कर मेरे पास आ कर नीचे बैठा । तीन बार मेरी चूत को चुमा और बोला , 

“ साहब , आपकी पत्नी की चूत सबसे प्यारी है । “ 
अफ़ज़ल बाहर चला गया और नाराज़ होने के बदले विनोद ने गोदी में बिठा कर मुझे बहुत प्यार किया । 

“ रानी , पूरी रात मैं एक जवान रंडी के साथ था। तीन बार चोदकर जो मज़ा आया उससे ज़्यादा मज़ा तुम्हें सुबह सुबह इस लड़के से चुदवाते देखने में आया । सच रानी बहुत मस्त लगती हो चुदवाने के समय । “ 

न जाने क्यों अपने पति की घटिया बात सुनकर रोना आ गया और रोते हुए मैं ने फ़ैसला लिया कि अब जिस किसी के साथ भी विनोद मुझे चुदाई करते देखेगा मैं उस आदमी का लौडा विनोद से चुसवाउगीं , चाहे वो कोई नौकर या मेरा ससुर ही क्यों ना हो । जल्दी जल्दी मैं ने मुँह हाथ धोया और दूसरा पेटीकोट और ब्लाउज़ पहन लिया । मैं बेड पर दिवाल से पीठ टीकाकर बैठी थी और सामने चेयर पर विनोद बैठा था । मुझे उसकी ढीला लौडा देखना बिलकुल बढिया नहीं लग रहा था । मैंने उसे कपड़े पहनने कहा । विनोद बाथरूम से लुंगी बांधकर आया ही कि , 

तभी डोर पर नॉक हुआ और विनोद  दरवाज़ा खोलता  कि उससे पहले एक आदमी रुम में घुसा । राजीव को अपने रुम में देखते ही मैं चौंक गई लेकिन मेरे दिमाग़ ने तुरंत काम किया । मैं बेड से उतर झुकी और उसके पॉंव को छू कर प्रणाम किया । 

मंजु ——- राजीव काका आप यहाँ कैसे ? काका ये मेरे पति है विनोद, विनोद प्रणाम करो । 

विनोद ने भी प्रणाम किया । राजीव मेरे एक गाल को सहलाते हुए कहा , 

“ मंजु , तुम्हें इतना ख़ुश देख कर मैं बहुत खुश हूँ । बेटा विनोद, अपनी बेटी से २ मिनट ज़रूरी बात करनी है अकेले में । “ 

मैंने इशारा किया , विनोद बाहर गया और डोर को भी बंद करता गया । विनोद कमरे से बाहर गया और मैंने अपना ग़ुस्सा दिखाया । 

मंजु ——- हरामी , बेटीचोद पूरी रात मुझे बर्बाद किया और चूस कर कमरे से निकाल दिया । अब क्या लेने आये हो ? 

लेकिन राजीव मुझे ज़बरदस्ती गोदी में लेकर बेड पर बैठा । 

राजीव ——— खुबसूरत परी , में तुम पर नहीं अपने पर ग़ुस्सा था । तुमने जो कहा उसी पर सोचता रहा और मुझे लगता है कि तुमने जो कहा वही सच है। मॉं,  बेटे और नौकर दोनों से चुदवाती है और वो हरामी मॉं बेटी दोनों को चोद रहा है । मुझे फ़ैक्ट्री जाना था लेकिन आज रात कलकत्ता जाउगॉं और दोनों भाई-बहन से सीधा पुछुंगा । अगर बेटी भी नौकर से चुदवाने लगी है तो चारों को घर से निकाल दूँगा । लेकिन रानी , हमेशा याद रखना ये राजीव तुम्हें जान से ज़्यादा प्यार करता है । हम जल्दी मिलेंगे । 

मुझे गोदी से उतार कर खुब चुमा और मेरे ब्लाउज़ के अंदर कुछ डालकर बाहर जाने लगा । 

मंजु —- राजा , सबसे पहले एक रिकॉर्डर ख़रीद लो । बेटा -बेटी जो भी बोले उन्हें बताए बिना रिकॉर्ड कर लेना । बाद में काम आयेगा । 

कुछ देर मुझे घूरता रहा और फिर सामने आकर चूची मसलते हुए चूमा और बाहर चला गया । 

राजीव के जाते ही ब्लाउज़ में जो रखा था उसे निकाल कर देखा , दिल ख़ुश हो गया । मैंने उस सामान को  बिस्तर के नीचे रख दिया । 

तुरंत ही विनोद के साथ अफ़ज़ल नाश्ता का ट्रे लेकर अंदर आया । प्लेट को टेबल पर रखा और मुझे अपनी बाँहों में बांध खुब चुमा , चूची दबाया और यह बोलकर चला गया कि उसकी ड्यूटी ख़त्म हो गई है । कपिल को साथ लेकर तीन बजे आयेगा । 

“ बाप रे , देखने से लगता नहीं लेकिन बहुत ताक़त है इस अफ़ज़ल में । कपिल से ज़्यादा बढिया से चोदा । “ 

मैंने कहा और हम नाश्ता करने लगे । मैं प्यारे को नहीं भूली थी । हम चाय पी रहे थे कि दरवाज़ा पर प्यारे आ गया । उसे देखते ही पिछले दिन उसके साथ गुज़ारे तीन घंटा याद आ गया । चूत गीली होने लगी , निपल्स कड़े हो गये । लेकिन मैं चुप रही । 

प्यारे——- साहब, मैं प्यारेलाल हूँ । ५ साल से इस होटल में काम कर रहा हूँ । लोगों के बाल काटता हूँ , दाढ़ी बनाता है, रोज़ दो तीन आदमियों और औरत के पूरे बदन की मालिश करता हूँ । बहुत से लोग अपने सामने अपनी पत्नी की झॉंट भी साफ़ करवाते हैं । कल भी आया था लेकिन मालकिन ने मुझसे बात ही नहीं किया । साहब, आप दोनों मालिश करवा लीजिए । विश्वास  दिलाता हूँ कि आप दोनों सिर्फ़ मेरी मालिश के लिए ही इस होटल में बार बार आयेंगे । 

मंजु ———  नहीं, हमें मालिश नहीं करबानी , हमें बाज़ार जाना है। 

प्यारे-        मालकिन, ग़ुस्सा मत कीजिए । आपको मालिश नहीं करबानी है, झॉंट साफ़ नहीं करबानी है तो कोई ज़बरदस्ती नहीं है । मालिक , आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन मेरा लौडा देखकर बहुत सी औरतें अपने मर्द से ज़िद्द करती हैं कि उन्हें मुझसे चुदवाने दे । कई औरतें तो मुझे ही बिलकुल पंसद नहीं आती लेकिन कुछ मर्द अपने सामने अपनी घरवाली को मुझसे चुदवाते हैं और खुश होकर मुझे बहुत रुपया पैसा भी देते हैं । 

विनोद ने यह सुना कि दूसरे मर्द अपने सामने अपनी पत्नी को प्यारे से चुदवाते है, सुनकर ही विनोद का दिल ख़ुश हो गया । उसे और क्या चाहिए था । उसने प्यारे से उसके फ़ीस की बात की । 

प्यारे——- मुझे विश्वास है कि मेरा लौडा कितना भी बढिया क्यों न हो आपकी सुंदर घरवाली चुदवाने की बात तो दूर अपना बदन भी छुने नहीं देगी । वैसे एक मालिश का , औरत हो या मर्द बस २००/- लेता हूँ । आौरत या मर्द , झॉंट साफ़ करने का ५०-५० रुपया । लेकिन आपकी खुबसूरत औरत की मालिश भी मुफ़्त में कर दूँगा और झॉंट साफ़ करने का भी कुछ नहीं लुंगा । साहब एक बार मालिश करवा लीजिए. मेरा काम पसंद ना आये तो कुछ मत दीजिए । 

पिछले दिन ये आदमी क़रीब तीन घंटा मेरे साथ रहा लेकिन मैंने इसे एक रुपया भी नहीं दिया था । 

मैंने पिछले दिन इससे कहा था कि मेरे पति को मेरी मालिश के भी तैयार करे । लेकिन इस आदमी ने ऐसी बात कही कि विनोद मुझे प्यारे से बिना चुदवाये इसे बाहर जाने नहीं देगा । जब उसने कहा कि उसका लौडा देख बहुत से आदमी अपनी ऑंखों  के सामने अपनी औरत को प्यारे से चुदवाते हैं तो विनोद ने निश्चय कर लिया कि कपिल और अफ़ज़ल के बाद एक नये,  वो भी बुढ्ढे आदमी से अपनी घरवाली को चुदवायेगा । 

विनोद में प्यारे को दरवाज़ा अंदर से बंद करने के लिए कहा । 

प्यारे ने दरवाज़ा अंदर से बोल्ट किया और रुम में जो आलमारी था उसे खोला और एक गहरा रंग का चादर निकाला । बिना कुछ बोले मंजु के पीठ के नीचे और दूसरा हाथ उसकी चुत्तर के नीचे हाथ डाल उसे बाँहों पर उठाया और टेबल के उपर बिठाया ।

प्यारे ——- मालकिन, आप फूलों की टोकडी से भी हल्की है । मेरे जैसे मर्द के लौडा का एक भी धक्का आपकी मुलायम चूत नहीं सह पायेगी । मालिक , ऐसा चादर हर कमरे में है सिर्फ़ मेरी मालिश के लिए ही रखी हुई है  । 

प्यारे ने बेड पर जो चादर था उसे हटाया नहीं उसके उपर जो चादर अलमारी से निकाला था उसे बिछा दिया । उसने विनोद से कहा कि वह पेशाब कर के आ जाये और बिस्तर पर नंगा लेट जाये । विनोद बाथरूम गया और प्यारे ने पेटीकोट के अंदर हाथ डाल कर चूत को खुब मसला । 

मंजु—— अपने साहब से खुशामद करो  कि मालिश करने के पहले मुझे भी नंगा कर दे और तुम भी पूरे नंगे हो जाओ ।कल से तेरे लंड के लिए तरस रही हूँ ,  जब तक दो बार मुझे नहीं चोदोगे, मस्त नहीं  करोगे ,  रुम से बाहर नहीं जाने दू्गी । 

बाथरूम का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और प्यारे अलग हट गया । विनोद नंगा ही बाथरूम से निकला । 

प्यारे———बहुत बढिया शरीर है आपका साहब । मालकिन जैसी खुबसूरत , बढिया माल के लिए आपके जैसा ही खुबसूरत आदमी चाहिए । आप बहुत क़िस्मत बाले हैं कि इस होटल के मालिक अभी विदेश गये हैं । अगर उन्होंने इस मस्त माल , आपकी प्यारी घरवाली को देख लिया होता तो किसी भी किमत पर ख़रीद लेते । कुछ महिना दिन रात खुद चोदते और बाद में उंची किमत पर धंधा करबाते । मैंने अभी तक मालकिन की चूत नहीं देखी है लेकिन विश्वास से कह सकता हूँ कि मालकिन जैसी बढिया और प्यारी चूत किसी और की नहीं होगी । 

इस हरामी ने आज लंड नहीं दिखाया था लेकिन अपनी बातों से ही हरामी ने मुझे पुरा चुदासी बना दिया था । प्यारे ने बिनोद को बेड पर लेटने के लिए कहा और पिछले दिन जैसा उसने अपना एक अंडरवियर छोड़ सब खोल दिया । पिछले दिन शुरु में अंडरवियर के उपर से लंड का कोई हलचल नहीं दिखा था । लेकिन अभी लौडा अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आना चाहता था । 

मंजु ——— ऐसे कपड़े, अंडरवियर पहनने से क्या फ़ायदा! तुम्हारा डंडा तो दिख ही रहा है । 

प्यारे——— क्या करूँ मालकिन ! मैं तो बाहरी आदमी हूँ । आप इतनी बढ़िया माल है कि आपके भाई, चाचा , घर के दूसरे मर्दों के साथ आपके बाबू जी भी आपकी चूत और चूची के नाम पर लौडा हिलाते होंगें किसी को भी चोदते होंगे तो यही सोचते होंगे कि वे किसी और को नहीं आपकी चूत में ही लौडा पेल रहे हैं । मालिक , आपका लौडा चुस दूँगा , मालकिन का चूत भी चाट दूँगा , साहब मालकिन को नंगा देखते हुए मालिश करूँगा तो आपको भी बहुत बढिया लगेगा । मालकिन की प्यारी चूत देख कर मालिश करने में ग़ज़ब का मज़ा आयेगा । 

मैं जानती थी कि अगर प्यारे ने पहले मुझे नहीं चोदा होता तो इस तरह की गंदी बातें करने की उसकी हिम्मत नहीं होती । वह बार बार मुझे माल बोल रहा था , मुझे नंगा करने की बात कर रहा था , मेरी चूत देखने की बात कर रहा था और विनोद ना उसे टोक  रहा था ना ही कुछ बोल रहा था । मैं भी चुप रही । ना मैंने प्यारे को अंडरवियर खोलने कहा और ना जाने क्यों विनोद ने भी मुझे नंगा होने नहीं कहा । मैं ने सोच लिया था कि जब तक बिनोद खुद मुझे नंगा होने , प्यारे से चुदवाने नहीं बोलेगा मैं ना नंगी होउंगी ना ही चुदवाउंगी । कल से सुबह तक ४ आदमियों का लौडा खा चुकी थी । 

विनोद को पेट के बल लेटने बोल प्यारे ने एक कटोरे में तेल लगाया । तेल को अपने दोनों हाथों में लगाया और विनोद के पीठ , पैर, जाँघों पर तेल गिराया और दोनों हाथों से बदन की मालिश करने लगा । क़रीब १५ मिनट उसने विनोद के पिछले हिस्से, पीठ , जाँघें , चुत्तर ही नहीं गॉंड में भी तेल लगी हुई अंगुली के अंदर बाहर किया । १५-१६ मिनट बाद विनोद को सीधा किया । विनोद की नज़र मुझसे मिली । 

विनोद———सच मंजु , बहुत ही बढ़िया मालिश कर रहा है। बदन बहुत हल्का लग रहा है। तुम भी करवा लो , बहुत मज़ा आयेगा । 

मैं चुप रही । 

प्यारे ने पीछे की तरह सामने भी विनोद के पैर, जाँघें, कमर, छाती , बाँहें सब पर तेल की बुंदे गिराई और दोनों हाथों से मालिश करनी शुरू की । कभी अंदरूनी जॉबों , लौडा को भी मसलता था । मुझे यह देख कर ख़ुशी हो रही थी कि इतनी दे की मालिश के बाद भी विनोद का लौडा पूरा टाइट था । दोनों बेड पर थे और मैं क़रीब ४०-४५ मिनट से टेबल पर ही बैठी थी । पिछले दिन प्यारे ने सिर्फ़ मेरे पैर और चुत्तरो को ही दवाया था वो भी बिना तेल लगाये लेकिन अभी ४५ मिनट से विनोद की तेल से ही मालिश कर रहा था । 

प्यारे———- साहब, अब आपके पूरे बदन की मालिश हो गई । अगर मालकिन मालिश नहीं करवायेंगी तो मैं हाथ धो लेता हूँ । 

मंजु ——- तुमने अभी पूरी मालिश कहॉं की । लौडा तो तुमने छुआ ही नहीं । लौडा भी बदन की ही हिस्सा है ना,  तो उसे भी मालिश चाहिए । लौडा की भी मालिश करो । 

प्यारे ने दोनों हाथों को फिर से तेल में डुबाया और दोनों हाथों से लौडा को मसलते हुए उपर नीचे करने लगा । 

प्यारे———— मालकिन, आप जो भी बोलेंगी सब करुंगा । इतने देर से कमरे में सबसे मस्त खुबसूरत औरत के इतने नज़दीक हूँ । चोदने नहीं देंगी तो कम से कम अपने खुबसूरत बदन की मालिश करने दीजिए । जब तक आप नहीं बोलेंगी तो चूत से लौडा नहीं सटाउंगा ।मालकिन आपका खुबसूरत बदन नहीं देखूँगा , नहीं छुउगॉं तो मर जाउंगा। 

विनोद——- रानी , तुम तो बहुत ही खुले दिमाग़ की औरत हो । और ये प्यारे काका तो हमारे तुम्हारे बाबू जी से भी १०-१२ साल बड़ा होगा । जैसे तुम अपने बाबू जी या मेरे बाबू जी के सामने भी नंगी रहोगी तो वे तुम्हें चोदने का सोचेंगे भी नहीं वैसे ही इस प्यारे के सामने भी नंगी रहोगी तो ये तुम्हें नहीं चोदेगा और अगर इसका लौडा तुम्हारी चूत में घुस ही गया तो क्या होगा ? इसके साथ साथ तुम्हें भी किसी नये लंड का मज़ा मिलेगा । 

२-३ मिनट मैं चुप रही । प्यारे लौडा सहलाता रहा और विनोद के लौडा ने पानी छोड़ दिया । मैंने फिर विनोद को नीचा दिखाने का फ़ैसला किया । 

मंजु ——— विनोद, तुम प्यारे के लौडा को सहलाओ , चूसो और अगर इस बुढ्ढे के लौडा ने १० मिनट के अंदर पानी नहीं छोड़ा तो मैं अभी अपनी झॉंट साफ़ करबाउंगी । चलो तुम प्यारे का लौडा चूसो , बाद में मैं दोनों का लौडा चूस दूँगी । 

मेरा इतना बोलना था कि प्यारे बेड से नीचे उतरा । मेरी तरफ़ देखा और मैं ने नॉड किया । प्यारे ने अपना अंडरवियर खोला और और उसे नीचे गिराया । लौडा देखकर मैं तो खुश हुई ही विनोद भी उठकर बैठा और एक हाथ से लौडा को पकड़ लिया । 

विनोद——- वाह , क्या मस्त लौडा है । मंजु शर्म  छोड़ो और इससे अभी यहीं चुदवा लो । जल्दी ऐसा लंड हाथ में नहीं आयेग। उफ़ प्यारे मज़ा आ गया ये मस्त लौडा देखकर । 

मंजु ——- विनोद, तुम्हारी घरवाली हूँ , जब जिससे चुदवाने बोलोगे चुदवा लुंगी लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये लौडा मेरी गर्म रसीली चूत में एक मिनट भी टाईट रह पायेगा । इसीलिए कह रही हूँ कि तुम पहले चेक कर लो । अगर तुम्हारे मुँह में दस मिनट भी टाईट रह गया तो तुम जितना बार बोलोगे चुदवा लूँगी । बोलोगे तो गॉंड भी मरवा लुंगी । देखो तो सही कितना देर कड़ा रहता है। 

प्यारे——— साहब अब देर मत करो । आप मेरा लौडा दस मिनट चूस लो फिर आप जितनी देर बोलोगे मैं आपकी पत्नी की बूर चाट दूँगा , आजतक मैंने किसी की बूर में मुँह नहीं लगाया है । 

प्यारे, चित भी मेरी पट भी मेरी , बाली बात कर रहा था । पिछले ही दिन मैं प्यारे का ताक़त देख चुकी थी । एक हाथ से उसने विनोद का माथा पकड़ा और दूसरे हाथ से अपना लौडा विनोद के मुँह में पेलने लगा। मैं टेबल से उतर विनोद के बिलकुल पास आ गई । उसके दोनों हाथों को पकड़ अपनी चूचियों पर रखा । विनोद ने प्यारे का लौडा चुसते हुए ब्लाउज़ के सारे बटन खोल कर ब्लाउज़ को मेरे बॉडी के बाहर निकाला । विनोद ने प्यारे का एक हाथ पकड़ कर मेरी चूचियों पर रखा । प्यारे चूची दवाने लगा । 

प्यारे——- साहब , अपनी जवान बहु को अब ५ साल से चोद रहा हूँ । उसकी चूची भी बढिया है लेकिन आपकी पत्नी की चूचियों का कोई जबाब नहीं । बहुत ही बढ़िया माल है ये । 

प्यारे चूची मसलते हुए विनोद के मुँह में लौडा अंदर बाहर करता रहा और विनोद ने पेटीकोट का नाड़ा खोल पेटीकोट भी मेरी बॉडी से बाहर निकाल दिया । 

विनोद——- रानी , पॉंव पूरा फैला कर बैठो । 

प्यारे क़रीब ५-६ मिनट लौडा चूस चूका था । मुझे नंगा देख उसने मेरी ओर देखा । मैंने माथा हिलाया । वो समझ गया । 

प्यारे ने विनोद को धक्का दिया । मुझे नीचे दवाया । 
 प्यारे ——— उफ़ साहब, मैं ने जितना  सोचा था आपकी पत्नी की चूत उससे कहीं ज़्यादा प्यारी है , अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। 

प्यारे ने लौडा को चूत के छेद से सटाया और एक ज़ोरदार धक्का । 

“ बाप रे मर गई “ 

प्यारे रुका नहीं , एक के बाद एक लगातार करारा झटका दे दे कर लौडा अंदर पेलता गया और मैं मस्ती के झूले में झूलने लगी । विनोद भी मेरे नंगे शरीर को दबाता रहा , सहलाता रहा । कपिल या अफ़ज़ल जैसा प्यारे ने विनोद का हाथ नहीं हटाया । सिवाय चूदाई की फच फच और मेरी मीठी सिसकारी के अलावा रुम में कोई और आवाज़ नहीं आ रही थी । 

पिछले  दिन जब प्यारे ने चोदा तो बहुत ही बढ़िया लगा था । कपिल की चुदाई भी पसंद आई लेकिन विनोद ने जब कहा कि उसे किसी दूसरे के साथ मेरी चुदाई देखना बहुत पसंद है तो पहले बहुत ग़ुस्सा आया था । लेकिन सिनेमा हॉल में राजीव की हरकतों ने मेरी शरम पूरी तरह से ख़त्म कर दी । अब मैं किसी के साथ भी कहीं भी आराम से चुदवा सकती थी । अब मुझे इसका भी डर नहीं  था कि विनोद मुझे छोड़ देगा । 

ख़ैर, उस समय प्यारे मुझे भी रगड़ रगड़ कर झटका दे दे कर चोद रहा था और विनोद नाराज़ होकर नहीं खुश होकर अपनी पत्नी की चुदाई अपने बाप से भी १०-१२ साल बड़े उम्र के आदमी के साथ देख रहा था । देख ही नहीं रहा था मेरी चूची , जाँघों को सहलाते हुए  मजा भी ले रहा था । 

विनोद——— प्यारे , तुम्हें अपने से इतनी छोटी उम्र की लड़की को चोदते देखना बहुत ही बढ़िया लग रहा  है । तुम इस होटल में रोज़ किसी ना किसी को चोदते हो ? 

खुब जमा कर पेलता हुए प्यारे ने वही कहा जो वो मुझे कल बता चुका था । 

प्यारे———- नहीं साहब , इस होटल में ५ साल से ज़्यादा समय से काम कर रहा हूँ लेकिन आपकी पत्नी सिर्फ़ दूसरी माल है जिसे चोद रहा हूँ । सिर्फ़ आपको गर्म करने के लिए मैं ने कहा था कि दूसरे मर्द अपने सामने अपनी औरतों को मुझसे चुदवाते हैं । 

जो कहानी प्यारे ने पिछले दिन मुझे सुनाई थी वहीं उसने विनोद को भी बताया । प्यारे की बात सुन विनोद को प्यारे की बहु पर प्यार आ गया । 

प्यारे अपनी कहानी सुनाते हुए भी दमदार धक्का लगाता रहा और साथ ही मेरे अंग अंग को सहलाता दबाता रहा । इस बुढ्ढे को बढिया से मालूम था कि मेरे जैसी कमसीन जवान माल को क्या चाहिए और कैसा मस्ती चाहिए । आख़िर ५ साल के ज़्यादा समय से अपनी जवान बहु की जवानी को खुश कर ही रहा था । 

विनोद——- हम आज रात ८ बजे ये होटल छोड़ देंगे लेकिन अगर तुम चाहो तो अपनी इस प्यारी बेटी को फिर से जल्दी चोद सकते हो । पूरी रात तुम दोनों को अकेले छोड़ दूँगा । लेकिन तुम्हें मेरी एक बात माननी होगी । 

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि विनोद कैसे कह रहा है कि रात को यहॉं से जाने के बाद भी प्यारे मुझे कैसे और कहाँ चोद पायेगा । मैंने सोचा कि कुछ दिनों बाद विनोद खुद मुझे दुबारा लेकर आयेगा । सच में प्यारे को मैं बहुत पसंद आ गई थी । 

प्यारे———- साहब, अपनी इस प्यारी बेटी को एक बार नहीं जब तक जान है तब तक मैं इस माल को, आपकी पत्नी को चोदते रहना चाहता हूँ । बोलिए मुझे क्या करना पड़ेगा ? आप जो बोलोगे सब कुछ करुंगा । ज़िंदगी भर आपका लौडा चुसता रहुंगा  लेकिन मुझे ये मस्त माल बार बार रोज़ चाहिए । 

मुझे चुदाई की मस्ती के साथ अपने पति और मुझे चोद रहे बाप से भी ज़्यादा उम्र के बीच की बातचीत भी बहुत मस्त कर रही थी । 

विनोद——- मेरा लौडा नहीं चुसना है । जैसे तुम मेरे सामने मेरी पत्नी का मज़ा लूट रहे हो आज ही मुझे अपनी बहु की जवानी का मज़ा लुटने दो , अपने सामने उसे मुझसे चुदवाओ । हम आज रात यहाँ से जा रहे हैं । तुम अपनी बहु को साथ लेकर हमारे घर आओ, कुछ दिन हमारे साथ रहो , रोज़ अपनी इस माल को चोदो , गॉंड मारो । हम वहीं तुम्हारे लिए इससे बढिया काम भी ढुंढ देंगे लेकिन तुम मुझे अपनी बहु के चोदने से कभी नहीं रोकोगे । 

मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि विनोद “ ऑंख के बदले ऑंख “ की बात करेगा । मुझे लगा कि प्यारे अपनी बहु को दूसरे से चुदवाने की बात नहीं मानेगा । लेकिन प्यारे चुप रहा । खुब जमा जमा कर चोदता रहा । प्यारे इतनी तेज़ी से चोदने लगा कि मुझे लगा कि वह अब झड़ने वाला है ।

 मंजु ———— प्यारे, बुर में पानी मत गिराना । लौडा बाहर निकाल लेना । 

विनोद के लौडा को ज़ोरों से मसलने लगी । 

मंजु ——— विनोद, तुम जब मेरी चूत चाटते हो तो मुझे बहुत मज़ा मिलता है । लेकिन चाटने चूसने से भी  चूत के अंदर की माल का मज़ा तुम्हें नहीं मिलता होगा । लेकिन प्यारे का ये आठ इंच से भी लंबा लौडा चूत के पूरा अंदर तक एक घंटा से ज़्यादा समय से खुदाई कर रहा है । लौडा के चारों तरफ़ मेरी ही चूत का माल, अंदर का माल लगा है । इस लौडा को चुसोगे तो तुम्हें मेरी चूत के अंदरूनी माल का भी स्वाद मिलेगा । प्यारे मेरी चूत की तेरे लौडा ने चटनी बना दी है अब साहब को भी मेरी चूत के अंदर का स्वाद लेने दो । 

प्यारे ने कुछ और धक्का मारा । मैं ने ऑंखों से प्यारे को इशारा किया । प्यारे ने चूत से लौडा बाहर खींचा और दोनों हाथों से विनोद को मेरा बग़ल में दबाया और २०-२५ सेकेंड के अंदर पुरा लौडा विनोद के मुँह में पेल दिया । 

मैं यह सोच रही थी कि विनोद लौडा बाहर निकालने की कोशिश करेगा लेकिन नहीं उसने लौडा को पकड़ कर सँभाला और लौडा को आराम से अंदर बाहर होने दिया । मुझे अपने पति पर दया आ गई । 

मंजु ———— विनोद, मैंने सिर्फ़ अपनी चूत के अंदरूनी माल का स्वाद लेने के लिए लौडा नहीं चुसवा रही हूँ । मैंने पढ़ा और सुना है कि मज़बूत आदमी के लौडा का रस पीने से सिर्फ़ औरत ही हर हमेशा जवान नहीं रहती आदमी भी मज़बूत और ताकतवर आदमी के लौडा का रस पीता है तो वो उसकी भी ताक़त और जवानी बड़ती जाती है। प्यारे जैसा पूरी ताक़त और ज़्यादा देर तक चोदने वाले का रस पियोगे तो तुम भी सिर्फ़ मुझे ही नहीं किसी भी माल को बहुत बहुत देर तक चोद पाओगे । जब भी मौक़ा मिले प्यारे जैसे मर्दों का रस पीते रहो । 

मैं ने सिर्फ़ बोल कर अपने पति का मन नहीं बहलाया । देखा कि विनोद का लौडा ढीला पड़ने लगा है। वो प्यारे का लौडा चूस रहा था और मैं उसकी थाती पर चूचियों को रगड़ते हुए पति का लौडा चुसने लगी । जितना सोचा था उससे जल्दी ही विनोद का लौडा टाईट हो गया । प्यारे के बदन को पकड़ कर मैं ने अपनी चूत को विनोद के लंड पर सेट किया और मैं पहली बार किसी को उपर से चोदने लगी । विनोद का लौडा भी चूत के दिवालों को बढिया से रगड़ रहा था । सच मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था । लेकिन ये मस्ती ज़्यादा देर तक नहीं रहा । जैसे ही प्यारे उसके मुँह में झड़ने लगा विनोद के लौडा ने भी पानी छोड़ दिया । 

मंजु ———- विनोद एक बूँद भी बर्बाद मत होने देना , प्यारे , साहब को पूरा रस पिलाओ , अपनी पूरी ताक़त दे कि साहब भी हर बार मुझे तुम्हारे जैसा ही खुश कर सके । 

मैंने जो कहा वो मैंने सुना. पढ़ा जरुर था लेकिन सच में लौडा का रस पीने से कोई फ़ायदा होगा या नुक़सान मालूम नही था । पिछली रात राजीव ने कहा था कि अगर ४-५ घंटा कोई नुक़सान नहीं हुआ तो फिर कुछ नहीं होगा। राजीव के लौडा का रस पिए ९-१० घंटा हो गया था और मैं बिलकुल दुरुस्त थी । 

कुछ देर रुम में शांति रही । पहले प्यारे ने विनोद के मुँह से लौडा बाहर खींचा । हमने कुछ पूछा नहीं, विनोद ने खुद पूरा मुँह खोल दिया । उसके मुँह में जो भी कुछ बूँदें बची थी हमें दिखाते हुए विमोद ने पूरा निगल लिया । 

विनोद———— तुमने ठीक कहा रानी, तुम्हारा चूत चाटता हूँ, तब तो मज़ा आता ही है , लौडा पर लगा चूत के अंदर के  रस का स्वाद सच बहुत ही बढ़िया था । अब तुम जब भी किसी से मेरे सामने चुदवाओगी तो हर बार चूत से निकला लौडा पहले मैं ही चूसूँगा । 

मेरी बूर में लौडा फिर आज एक घंटा से ज़्यादा रहा । लौडा पर ज़रूर ही चूत के अंदर का बहुत रस जमा हुआ होगा । विनोद ने लौडा को बिलकुल साफ़ कर दिया था । मैं सोच रही थी कि प्यारे का लौडा चूसा कर अपने पति की बेइज़्ज़ती करुंगा कि वो मुझे अपने सामने दूसरों से चुदवाते देखना चाहता है लेकिन यहाँ तो मेरा पति खुद ही उन सभी मर्दों का लौडा चूसना चाहता है जो मुझे चोदेगा । मैं तब भी विनोद के ढीले लौडा को चूत के अंदर ले कर  बैठी थी । 

विनोद———- काका , अब तो मेरी पत्नी की चूत को चोद भी लिया । कैसी है मेरी पत्नी की चूत ? 

प्यारे———— साहब, आपकी पत्नी की चूत सबसे प्यारी है । 

विनोद——— तुमने कहा था कि मेरी पत्नी को नंगा देखोगे तो मैं जो भी बोलुंगा सब करेंगे , मेरा लौडा भी चूसोगे ।  अब अगर तुम अपनी इस बेटी की नंगी जवानी से फिर खेलना चाहते हो तो मेरा लौडा चूसो और तब तक चुसते रहो जब तक यह पूरा टाईट ना हो जाओ और मंजु तुम भी दिखाओ कि तुम कैसे लौडा चूसती हो । तुम प्यारे का लौडा चूसो और प्यारे मेरा लंड चूस कर टाईट करेगा । 

विनोद की आवाज़ में मैंने इतना कडकपन पहले नहीं सुना था । २ मिनट हम दोनों वैसे ही बैठे रहे । 



आगे और भी है ,,,,,, 


 
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RE: SAAHAB, AAPKI PATNI KEE CHOOT SABSE PYARI HAI - by bhukhalund - 13-09-2022, 11:21 PM



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