09-09-2022, 03:31 PM
मेरा लंड तो खड़ा होकर १०” का हो गया था। मैं किम्मी के रसीले स्ट्राबेरी जैसे होठो को चूस रहा था और भरपूर मजा ले रहा था। आज मैं अपनी चेचेरी बहन को कसके चोदने वाला था। किम्मी भी मुझे अपने बॉयफ्रेंड की तरह चूस रही थी। जितना चुदाई का जूनून मुझे था…..उसके कहीं जादा जूनून उसे था। हम दोनों गर्मा गर्म चुम्बन में खो गये और १५ मिनट तो सिर्फ चुम्बन और किसिंग ही चलती रही। उसके बाद मैंने अपनी चचेरी बहन किम्मी की नाईटी उतार दी।
उसने अंदर ब्रा नही पहनी थी। सायद जादा गर्मी होने के कारण उसने ब्रा ना पहनी हो। बाप रे….. कितने बड़े बड़े दूध थे मेरी चचेरी बहन के। जब पिछले साल मैं आया था तो उसके दूध ३४” के थे, पर अब तो वो ३८” के हो गये थे। किम्मी काम और वासना की साक्षात देवी थी। मैंने उसके बालों वाले जुड़े से चिमटी निकाल दी, उसके बाल खुल गये। वो बहुत सुंदर और सेक्सी माल लग रही थी। मेरी चाची अपने कमरे में कूलर चलाकर सो रही थी। ये बहुत अच्छी बात थी वरना हम दोनों की चुदाई बड़ी मुस्किल हो जाती। मैं सोचा।
मैं किम्मी के मम्मो को जोर जोर से दबाने लगा। क्या शानदार दूध थे उसके। लग रहा था की मेरे हाथो कोई कायनात लग गयी है। मैंने किम्मी के उपर ही लेट गया और उसके मचलते दूध को मैं दबाने लगा। वो“…..ही ही ही ही ही…….अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” करके सिसकने लगी। मैंने और जोर जोर से उसके टमाटर दबाने लगा। किम्मी मचल रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने लेटकर उसके बूब्स को मुंह में ले लिया और मन लगाकर पीने लगा। किम्मी मेरे चेहरे को हाथ से सहलाने लगा। मैं जल्दी जल्दी मुंहचलाकर उसका सारा दूध पीने लगा। हालाँकि मेरी चचेरी बहन की छातियों में अभी दूध नही था। जब एक बार चुदवाकर माँ बन जाएगी तो उसकी एक खाली छातियाँ लबालब दूध से भर जाएंगी। मैंने सोचा। पर तब तक तो मुझे ऐसे ही काम चलाना होगा। मैंने पूरी शिद्दत से किम्मी के हसीन मम्मो को पीने लगा और भरपूर मजा लेने लगा।
उसने अंदर ब्रा नही पहनी थी। सायद जादा गर्मी होने के कारण उसने ब्रा ना पहनी हो। बाप रे….. कितने बड़े बड़े दूध थे मेरी चचेरी बहन के। जब पिछले साल मैं आया था तो उसके दूध ३४” के थे, पर अब तो वो ३८” के हो गये थे। किम्मी काम और वासना की साक्षात देवी थी। मैंने उसके बालों वाले जुड़े से चिमटी निकाल दी, उसके बाल खुल गये। वो बहुत सुंदर और सेक्सी माल लग रही थी। मेरी चाची अपने कमरे में कूलर चलाकर सो रही थी। ये बहुत अच्छी बात थी वरना हम दोनों की चुदाई बड़ी मुस्किल हो जाती। मैं सोचा।
मैं किम्मी के मम्मो को जोर जोर से दबाने लगा। क्या शानदार दूध थे उसके। लग रहा था की मेरे हाथो कोई कायनात लग गयी है। मैंने किम्मी के उपर ही लेट गया और उसके मचलते दूध को मैं दबाने लगा। वो“…..ही ही ही ही ही…….अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” करके सिसकने लगी। मैंने और जोर जोर से उसके टमाटर दबाने लगा। किम्मी मचल रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने लेटकर उसके बूब्स को मुंह में ले लिया और मन लगाकर पीने लगा। किम्मी मेरे चेहरे को हाथ से सहलाने लगा। मैं जल्दी जल्दी मुंहचलाकर उसका सारा दूध पीने लगा। हालाँकि मेरी चचेरी बहन की छातियों में अभी दूध नही था। जब एक बार चुदवाकर माँ बन जाएगी तो उसकी एक खाली छातियाँ लबालब दूध से भर जाएंगी। मैंने सोचा। पर तब तक तो मुझे ऐसे ही काम चलाना होगा। मैंने पूरी शिद्दत से किम्मी के हसीन मम्मो को पीने लगा और भरपूर मजा लेने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.