09-09-2022, 03:31 PM
“ठीक है रात में मेरी चूत ले लेना!!” वो बोली
उसके प्रोमिस करने के बाद ही मैंने उससे राखी बंधवाई। रात में मेरी चाची ९ बजे तक खाना बनाकर और हम दोनों को खिलाकर सो गयी। मैंने किम्मी को इशारा किया। वो मेरे कमरे में आ गयी। मैंने अंदर से कुण्डी लगा ली और किम्मी को बाँहों में भर दिया। हम दोनों वैसे तो भाई बहन थे, पर असलियत में मेरी चचेरी बहन मेरे लौड़े का माल थी। मेरी चुदक्कड बहन थी।
“ओह्ह्ह…….जान!! कहाँ थी तुम। कितनी याद आई तुम्हारी!!” मैंने किम्मी को बाहों में भरकर कहा
“प्रीतम……..आज मैं भी तुमसे खुलकर चुदवाना चाहती हूँ। याद है पिछले साल हम दोनों ने चुदाई की थी और मजे लिए थे!” किम्मी बोली
“हाँ…..बहन, हमारी चुदाई को पूरा १ साल बीत चुका है। पर तुम चिंता मत करो। आज मैंने तुम्हारी मांग भरकर तुमको सारी रात चोदूंगा और तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा!” मैंने कहा। उसके बाद हम किस करने लगे और एक दूसरे के ओंठ चूस लगे। किम्मी ने एक मस्त नीली रंग की नाईटी पहन रखी थी। वो बहुत मस्त लग रही थी दोस्तों।
मैं उसको लेकर बिस्तर पर चला गया और हम दोनों किस करने लगे। मैंने उसे लिटा दिया और उसके उपर लेट गया। नाइटी में तो किम्मी किसी परी से कम नही लग रही थी। मैंने उसे दोनों बाँहों में भर लिया और उसे सीने से लगा लिया। फिर मैं उसके रसीले होठ चूसने लगा। मेरी चचेरी बहन का जिस्म तो अब और भी जादा खिल गया था। क्या मस्त गोरी गोरी माल थी वो।
उसके प्रोमिस करने के बाद ही मैंने उससे राखी बंधवाई। रात में मेरी चाची ९ बजे तक खाना बनाकर और हम दोनों को खिलाकर सो गयी। मैंने किम्मी को इशारा किया। वो मेरे कमरे में आ गयी। मैंने अंदर से कुण्डी लगा ली और किम्मी को बाँहों में भर दिया। हम दोनों वैसे तो भाई बहन थे, पर असलियत में मेरी चचेरी बहन मेरे लौड़े का माल थी। मेरी चुदक्कड बहन थी।
“ओह्ह्ह…….जान!! कहाँ थी तुम। कितनी याद आई तुम्हारी!!” मैंने किम्मी को बाहों में भरकर कहा
“प्रीतम……..आज मैं भी तुमसे खुलकर चुदवाना चाहती हूँ। याद है पिछले साल हम दोनों ने चुदाई की थी और मजे लिए थे!” किम्मी बोली
“हाँ…..बहन, हमारी चुदाई को पूरा १ साल बीत चुका है। पर तुम चिंता मत करो। आज मैंने तुम्हारी मांग भरकर तुमको सारी रात चोदूंगा और तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊंगा!” मैंने कहा। उसके बाद हम किस करने लगे और एक दूसरे के ओंठ चूस लगे। किम्मी ने एक मस्त नीली रंग की नाईटी पहन रखी थी। वो बहुत मस्त लग रही थी दोस्तों।
मैं उसको लेकर बिस्तर पर चला गया और हम दोनों किस करने लगे। मैंने उसे लिटा दिया और उसके उपर लेट गया। नाइटी में तो किम्मी किसी परी से कम नही लग रही थी। मैंने उसे दोनों बाँहों में भर लिया और उसे सीने से लगा लिया। फिर मैं उसके रसीले होठ चूसने लगा। मेरी चचेरी बहन का जिस्म तो अब और भी जादा खिल गया था। क्या मस्त गोरी गोरी माल थी वो।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.