09-09-2022, 03:21 PM
मैंने मेरी बहन से बोला की मै कुछ समझा नहीं तो वो बोली की भैया तुम मेरे साथ सेक्स करो और मुझे प्रेग्नेंट कर दो मै तुम्हारे जीजाजी को बोलदूंगी की ये उनका बच्चा है. फिर मैंने मेरी बहन से बोला की आज तेरा ये भाई तुझे प्रेग्नेंट कर देगा चोद चोद कर और तेरे सर से गम के सारे काले बदल हटा देगा.
फिर हम भाई बहन सेक्स करने के लिये मेरे बहन और जीजाजी के बैडरूम में चले गए. बैडरूम में पहुचते ही मै मेरी बहन के जिस्म पर टूट पड़ा. मै मेरी बहन के होंठो को मेरे मुह में लेकर जोर जोर से चूसने लगा. मेरी बहन की आहे निकलना शुरू हो गयी. मैं अब उनकी दूध से भरी मोटी मोटी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही जोर जोर से दबाने लगा.
मेरी बहन के बूब्स बहुत मोटे मोटे थे वो मेरे हाथो में समां नहीं पा रहे थे. पर मैं पुरे मन से बहन के कोमल कोमल बूब्स मसल रहा था… और बहन की अह्हह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्हह्ह… मादक आवाजे निकल रही थी जिन्हें सुन मेरे अंदर और जोश भर रहा था. फिर मैंने मेरी बहन के ब्लाउज की डोर खोल दी और उनके मोटे मोटे बूब्स को झुकने के लिये आजाद कर दिया. ब्लाउज की डोर खोलते ही मेरी बहन के दो बड़े बड़े पपीते झूलने को आजाद हो गए… बहन का ब्लाउज खोलने के बाद मैंने उसकी ब्रा फाड़ दी और उसके बूब्स को खूब दबाया और चूसा.
फिर मैंने बहन की साड़ी उतर दी और पेटीकोट भी. अब बहन पूरी नंगी मेरे सामने थी…
फिर हम भाई बहन सेक्स करने के लिये मेरे बहन और जीजाजी के बैडरूम में चले गए. बैडरूम में पहुचते ही मै मेरी बहन के जिस्म पर टूट पड़ा. मै मेरी बहन के होंठो को मेरे मुह में लेकर जोर जोर से चूसने लगा. मेरी बहन की आहे निकलना शुरू हो गयी. मैं अब उनकी दूध से भरी मोटी मोटी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही जोर जोर से दबाने लगा.
मेरी बहन के बूब्स बहुत मोटे मोटे थे वो मेरे हाथो में समां नहीं पा रहे थे. पर मैं पुरे मन से बहन के कोमल कोमल बूब्स मसल रहा था… और बहन की अह्हह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्हह्ह… मादक आवाजे निकल रही थी जिन्हें सुन मेरे अंदर और जोश भर रहा था. फिर मैंने मेरी बहन के ब्लाउज की डोर खोल दी और उनके मोटे मोटे बूब्स को झुकने के लिये आजाद कर दिया. ब्लाउज की डोर खोलते ही मेरी बहन के दो बड़े बड़े पपीते झूलने को आजाद हो गए… बहन का ब्लाउज खोलने के बाद मैंने उसकी ब्रा फाड़ दी और उसके बूब्स को खूब दबाया और चूसा.
फिर मैंने बहन की साड़ी उतर दी और पेटीकोट भी. अब बहन पूरी नंगी मेरे सामने थी…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.