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SAAHAB, AAPKI PATNI KEE CHOOT SABSE PYARI HAI
#3
प्यारे————- मालकिन, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा ।
 
मैं खुद चुदाई की आग में जल रही थी ।
 
मंजु———-हरामी, बेटीचोद , बर्दाश्त करने बोल कौन रहा है ? लंड में दम नहीं है क्या ?
 
मेरी बात सुनते ही वह मेरे बग़ल में आया । अपना अंडरवियर उतारा और मैंने झट लंड को पकड़ लिया ।
 
मंजु ————- नहीं प्यारे , मेरी चूत को ऐसे मुसल जैसे लंड की आदत नहीं है । यह चूत को फाड़ देगा ।
 
विनोद के लंड से ज़्यादा मोटा था और कम से कम २ इंच ज़्यादा लंबा । मैं दोनों हाथों से लौडा को सहलाती रही । प्यारे ने ब्लाउज़ और ब्रा को बॉडी से बाहर निकाला । फटा फट साड़ी साया को बदन से अलग किया । मेरे पैरों को थोड़ा समेटा । मेरे घुटनों को उपर उठा कर चुदाई के पोज में किया । अंगुलियों से झॉटों के बीच चुत के फॉंक को फैलाया । लंड को सही जगह पर रखा और खुद अपने ही एक हाथ से लंड को पकड़ पूरी ताक़त से अंदर की ओर दबाया । विनोद तीन बार चोद चुका था लेकिन प्यारे का सुपारा चूत को खोल नहीं पाया ।
 
प्यारे—-      मालकिन, आपका घरवाला नामर्द है क्या ?
 
मंजु दर्द से चीख उठी । उसे लगा कि उसके शरीर में एक तेज तलवार घुश रहा है। हाथ को लंड पर से हटाकर मेरे मुँह को बंद किया और एक के बाद एक पूरी ताक़त से धक्का मारता रहा।
 
दर्द से मेरी हालत ख़राब थी लेकिन मेरी समझ में आ गया कि मेरे पति का लंड मेरी चूत को ठंडा नहीं कर सकेगा । प्यारे के जैसा लंड ही उसे मर्द का पूरा सुख दे सकता है। विनोद का लंड मेरी चूत में घुसने बाला पहला लंड था लेकिन मुझे सुहाग रात की मस्ती का सच्चा आनंद विनोद ने पहली बार चोदा उसके छठे दिन रॉंची के होटल में ये मेरे बाप से दस साल बड़ा आदमी प्यारे दे रहा था ।
 
१०-१२ धक्का मारने के बाद ही पूरा ८ इंच लम्बा लंड मेरी प्यारी सी चूत में घुस पाया । लंड को अंदर दबाये रख प्यारे ने मुझे बहुत चुमा , अंग अंग को सहलाया । मेरा दर्द कम होने लगा और ८-१० मिनट बाद मैंने चुत्तरों को उपर की ओर उचकाया । प्यारे समझ गया । मेरे गालों और होंठों को सहलाते हुए आराम से धीरे-धीरे लेकिन पूरी ताक़त से पेलने लगा ।
 
मैं ने भी उसके गालों और खिचड़ी बालों को सहलाते हुए पहली बार प्यार से पूछा ।
 
“ प्यारे, तुम मुझे कमरे में अकेली देख सिर्फ़ चोदने ही आये थे ना ! “
 
प्यारे————- नहीं मालकिन, भगवान जानता है कि मुझे मालूम भी नहीं था कि आप कमरे में अकेली हो । मैं ने जो भी कहा एक एक शब्द सच है। आपको चोदने का ख़्याल तब आया जब कसी हुई जाँघों पर मेरा हाथ पड़ा । मालकिन, इस होटल में पॉंव साल से काम कर रहा हूँ लेकिन आप सिर्फ़ दूसरी ही औरत हो जिसे चोद नहीं रहा , प्यार कर रहा हूँ ।
 
चोदते हुए प्यारे ने अपनी पूरी राम कहानी सुनाई । यह भी कि दंगा के बाद वो अपनी बहु के साथ पति पत्नी जैसा रह रहा है। यह भी कहा कि उसकी बहु अपने ससुर के बच्चे को ही जन्म देना चाहती है लेकिन समाज के डर के कारण दोनों शादी नहीं कर सकते ।
 
मुझे उसका एक एक शब्द सच लगा।
 
मंजु ————-   मैं ने भी तुमसे चुदवाने के लिए अंदर नहीं बुलाया था । मैंने सोचा था कि १०-१५ मिनट हाथ पॉंव की मालिश करना कर तुम्हें १००/- देकर भेज दूँगी । लेकिन उसी १०-१५ मिनट में तुम्हारे हाथ ने मेरे बदन पर ऐसा जादू कर दिया कि उस समय भी मुझसे पुछे बिना चूत में लंड पेल देते तो मैं मना नहीं करती । तुम्हें नहीं मालूम! कहने को मेरे पति ने मेरी पहली चुदाई की वह भी सिर्फ़ ५ रात पहले । उसने अब तक सिर्फ़ तीन बार ही मेरी चूत में अपना लंड पेला । पिछले २ दिन उसने मुझे नहीं चोदा , मैं ने चोदने नहीं दिया । भले ही कहने को उसने मुझे तीन बार पेला है लेकिन मेरी असल चुदाई अभी हो रही है , मेरा बाप मेरी चूत फाड़ रहा है । और जानते हो , तुम्हें विश्वास नहीं होगा । मेरे पति ने तीन बार चूत में लंड पेला है लेकिन तुम , मेरा बाप ही मुझे अपनी बेटी को सबसे पहले नंगा देख रहा है। विनोद ने मुझे नंगा किया लेकिन हमेशा अंधेरे में ही । बाबु जी बहुत मस्त कर रहे हो अपनी बेटी को ।
 
प्यारे ने भी मुझे बेटी कहना शुरू कर दिया ।
 
प्यारे—————बेटी , जब तुम्हारी उम्र का था तभी शादी हो गई। तुम अपने बाबू जी के लम्बे, मोटे लंड से इतनी खुश हो लेकिन मेरी घरवाली पहली चुदाई से लेकर अगले ३७ साल तक यही शिकायत करती रही कि मेरा लंड बहुत मोटा है उसे बहुत तकलीफ़ होती है। शादी के कुछ महीने बाद ही मुझे मालूम हो गया कि मेरी घरवाली प्रभा खाश खाश लोगों के साथ अपनी क़ीमत लेकर सोती है लेकिन मैंने उसे कभी नहीं टोका । उसे मेरी चुदाई पसंद नहीं थी फिर भी कभी उसने बूर में लौडा पेलने से कभी मना नहीं किया । अगले ३३-३४ साल तक मैं सिर्फ़ प्रभा को ही प्यार करता रहा । किसी दूसरी औरत को हाथ भी नहीं लगाया । ५ साल पहले के दंगा ने एक बहु को छोड़कर मेरा सबकुछ छीन लिया । मेरी दूसरी औरत मेरी बहु शीला है । उसके ही कहने पर इसी होटल में एक औरत को उसके घरवाला के सामने दो दिन लगातार चोदा । और आज मुझे भगवान ने मुझे मेरी सबसे बड़ी दौलत मेरी अपनी बेटी की जवानी दे दी ।
 
और उसके बाद बाप- बेटी ने हंसते खिलखिलाते हुए जमकर चुदाई की । जैसे ही प्यारे के लंड ने मेरी चूत में पानी गिराना शुरु किया मैं भी पूर्ण संतुष्ट होकर झड़ने लगी । उसने अपनी मज़बूत बाँहों में मुझे समेटा और मैं अपनी मुलायम बाँहों में उसे बॉंधने की कोशिश करने लगी । अचानक उसने अपनी बाँहों में लेकर पूरी ताक़त से मुझे दबाया । मुझे लगा कि मेरी सारी हड्डी पसली टूट गई । लेकिन डेढ़ दो मिनट बाद ही उसने अपनी पकड़ ढीली कि ।
 
और दोस्तों उसके इस हरकत ने मुझे मु्फ्त में ख़रीद लिया । मैं कुछ बोलती उससे पहले वही बोला ।
 
प्यारे————- मंजु बेटी अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता । मेरी बहु शीला बहुत जवान है तो बिस्तर पर भी बहुत गर्म है । लेकिन इस से पहलें किसी के साथ ऐसा आनंद नहीं आया जो मंजु तुमने अभी दिया । मुझे अपने घर में नौकर रख लो ।
 
मैं उसकी बात सुन बहुत खुश हुई । चुदाई में इतना आनंद है कभी सोचा भी नहीं था । मैं खुद उस के साथ बार बार चुदवाना चाहती थी और मुझे एक ख़याल आया ।
 
मंजु ———— जैसे ५ साल पहले इसी होटल में पति के सामने पत्नी को चोदा था वैसे ही कल मेरे पति के सामने मुझे नंगा कर पहले मेरे पूरे बदन की तेल मालिश करो । इस झॉंट को साफ़ करो और उसके बाद जमकर चोदो । अगर तुमने कल भी आज जैसा मुझे खुश करोगे तो हर तीन चार महीने के बाद हम तुम और तुम्हारी बहु शीला ७-८ दिन रात लगातार चुदाई करेंगे । मेरे पति को कैसे तैयार करेंगे तुम जानो लेकिन अगर कल भी आज जैसा खुश नहीं किया तो सोच लेना कि तुम्हारी मंजु बेटी मर गई ।
 
बिना कुछ बोले प्यारे ने अपने कपड़े पहने और रुम से जाने लगा ।
 
मंजु —————- कल ९ बजे से पहले इस रुम में आओगे और पूरा समय मेरे साथ ही रहोगे । नीचे जाकर मैनेजर से बोलो कि मेरे लिए भात , माछ और दही भेज दे । एक बाप ने बेटी को चोद चोद कर जान ले ली ।
 
मैं नंगी लेटी रही और प्यारे दरवाज़ा को बंद करते हुए चला गया । मैं ने समय देखा । प्यारे ने चूत पर लौडा ११ बजे सटाया था और जब वह बाहर गया तो १२. ४० हो गया था । हरामी ने एक घंटा से ज़्यादा चोदा था । क़रीब २० मिनट बाद दरवाज़ा पर नॉक हुआ । तब तक मैं पूरे कपड़े पहन बिस्तर को ठीक कर दिया था ।
 
मैं ने दरवाज़ा खोला । मेरे ही उम्र का लड़का खाने का प्लेट लेकर खड़ा था । उसने प्लेट टेबल पर रख मेरी ओर देखा ।
 
वेटर ———— मालकिन, आप से ज़्यादा सुंदर और कोई हो नहीं सकती । प्यारे ने आपकी मालिश की ?
 
मंजु ———— कौन प्यारे कैसी मालिश ! क्या नाम है तुम्हारा । फ़ालतू बात कर रहे हो । अकेली लड़की देख मस्ती सुझ रही है , मैनेजर को बोल दूँ ।
 
लड़के ने अपना नाम कपिल बताया और कान पकड़े हुए बार बार माफ़ी माँगता रहा । मैं उससे बात करते हुए खाती भी रही। कपिल ने कहा कि वो अनाथ है और होटल में ही रहता है। यह भी बताया कि इस होटल में ज़्यादा तर लोग अपने साथ रंडियों को लेकर आते हैं । कपिल के अनुसार मेरे जैसी घरेलू औरतों कों कमरे में अकेली नहीं रहना चाहिए । मैं क्या वोलती । अकेली रहने में क्या मज़ा है मैं देख चुकी थी । ख़ाली प्लेट लेकर जाते समय उस ने फिर कहा कि मैं बहुत ही सुंदर हूँ ।
 
मैंने दरवाज़ा को अंदर से बंद नहीं किया, बिस्तर पर लेट गई और कब सो गई मालूम नहीं ।
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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RE: SAAHAB, AAPKI PATNI KEE CHOOT SABSE PYARI HAI - by bhukhalund - 08-09-2022, 11:48 PM



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