08-09-2022, 07:23 AM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
विवाह
CHAPTER-1
PART 15
भाभी का कृत्रिम गर्भधान
जब मैंने भाभी को गुप्तरुप से अप्रत्यक्ष रूप से गर्भधान करने का ये प्रस्ताव भेजा था तब मेरे लंड ने चुपके-चुपके से उछल-उछल कर अपनी ख़ुशी जाहिर की थी , मैंने प्रसन्नता से इस ' गुप्त मिशन' के लिए हामी भर दी थी और भाभी को 'सब कुछ' व्यवस्थित करने के बाद रोजी के द्वारा मुझे आने का सन्देश भेजा ।
मेरी नींद लग गयी और लगभग दो घंटो बाद मुझे लगा मुझे रोजी जगा रही है और बोल रही थी कुमार उठिये भाभी ने आपको बुलाया है मैंने आँखे खोली तो रोजी सामने खड़ी हुई थी और कामिनी मेरे साथ लिपटी हुई सो रही थी मैंने सावधानी से उठा ताकि कामिनी की नींद न खराब हो और टॉयलेट जा कर थोड़ा फ्रेश हुआ मुँह हाथ धोया बाल बनाए और अपना कुरता पायजामा पहना और मूर्ति घुमा कर गुप्त रास्ते से भाभी के कक्ष के लिए निकल गए . जैसे ही मैं गुप्त रास्ते से निकल कर हाल से निकल कर भाभी महारानी के कमरे की तरफ़ जा रहा था तो दीवार पर लगी पेंटिंग्स, कलाकृतिया और अन्य सजावट को देख कर मैं समझ गया कि भाभी का कक्ष भाई महाराज के निवास के सबसे आलीशान कक्षों में से एक था और महाराज के रानिवास से थोड़ा हट कर था ।
थोडी देर मे मैं उनके कक्ष के बाहर पहुँच गया। फिर मैने दरवाजे को हाथ लगाया और दरवाज मेरे स्वागत में खुल गया और मेरे सामने बड़ी भाभी की सेविका खड़ी थी उनका नाम है प्रियंबदा । रोजी अंदर चली गयी और मैं उन्हें ही देखता रह गया
मैं अभी उसे ठीक से देख भी नही पाया था की उन्होंने मेरा हाथ पकड कर मुझे अन्दर खीच लिया। और एक झटके के साथ दरवाजा बन्द कर दिया। मैं उसकी इस हरकत से एक दम सकपका गया। प्रियंबदा ने कहा अगर मैं तुम्को इस तरह से अन्दर नही खीचती तो तुम बाहर खडे खडे ही मुझ देखते रहते जो कि मैं नही चाहती थी।मेरा नाम प्रियंवदा है और मैं आपकी भाभी (महारानी) की प्रधान सेविका हूँ तुम्को मुझको देखना हे तो लो मैं तुमहारे सामने खडी हो जाती हूँ जी भर के देख लो। ऐसा कह कर वह मेरे सामने अपने दोनो हाथ कमर पर रख कर खडी हो गयी। खडी होने से पहले उसने अपनी साडी का पल्लू उतार कर अपनी कमर से नीचे गिरा दिया। ये सब इतनी जल्दी हुआ था की मुझे उसको देखने का मौका भी नही मिला था। अब वह मेरे सामने थी और मैं जी भर कर उसको देख सकता था।
फिर मैंने अपनी नजर उसपर गढा दी। उसका रंग गोरा था वो भाभी की हम उम्र थी पर अपनी अपनी उमर से करीब दस साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी बडी थी। जिन मे वासना भरी हुयी थी। उसके होठ बडे बडे थे। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को।
फिर मेरी नजर उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसने हल्के गुलाबी रंग की साडी पहन रखी थी। उसका ब्लौस स्लीव लेस था। और उसमे कफ़ी गहरा कट था जिसकी वजह सी उसके बडे बडे मम्मे आधे से ज्यादा ब्लाउस से बाहर झाँक रहे थे। प्रियंवदा ने शायद बहुत ही टाईट ब्लाउस पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनो बडी बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी। और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था। इस नजारे को देख कर मैं उत्तेजना से पागल हो रहा था। मेरे लंड का उभार मेरी पैन्ट से साफ़ दिखायी दे रहा था।
फिर मेरी नजर उसके पेट पर गयी। उसने साडी अपनी नाभी के काफ़ी नीचे पहनी थी। जिस से उसकी गहरी नाभी साफ़ दिखयी दे रही थी। उसकी नाभी की गहरायी देख कर मेरा मन उसको चूम लेने का हुआ। फिर मैं थोडी देर तक उसको ऐसे ही निहरता रहा। कुछ देर बाद प्रियंवदा ने कहा क्या हुआ कुंवर जी कैसी लगी मैं तुम्को । मैंने कहा बहुत ही अच्छी। प्रियंवदा ने कहा वो तो तुम्हारे पैन्ट मे उभरते तुम्हारे लंड को देख कर पता चल रहा है। मैं उसको देख कर गर्म हो गया था .
वो भी मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिये मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर उसने अपनी साडी का आँचल उठा कर पेटीकोट मे ठूंस लिया और पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। और …प्रियंवदा . के चूतड तो बहुत ही बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे। जेसे किसी फैशन शो मे मॉडल अपने चूतडो को मटका के चलती है वैसे ही।
एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भि देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा । वो पानी लेने दूसरी और चली गयी तो मेरी नजर सामने गयी तो सामने मैंने देखा वहां एक प्रियंवदा से भी खूबसूरत महिला एक बड़े आसान पर बैठी हुई थी
वह शाही वस्त्रों और साड़ियों और गहनों के सबसे आकर्षक कपड़े पहने हुए थी। और वह मौजूद सब महिलाओ और लड़कियों में सबसे ज्यादा कामुक और सुंदर थी .. मैं समझ गया ये ही मेरी बड़ी भाभी महारानी ऐश्वर्या है ।
मैंने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने मुझे आपने पास बिठा लिया और इतने में मटकती हुई प्रियंवदा धीरे धीरे मटकती हुई गिलास ले कर आ गयी उसने आने में बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके स्तन , चूतड और उनका मटकना देख सकूं।
फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये उसने गिलास मे पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे बडे मम्मे उसके कसे ब्लाउस मे फंसे हुये जोर जोर से उछल रहे थे। उसने पुरी तरह से मुझको अपने हुस्न के जाल मे फसाँ लिया था।
लो पानी पी लो कह कर उसने गिलास मेरे हाथ मे थमा दिया। मैं पानी पीने लगा और पानी पी कर मैंने गिलास उसको दे दिया।
भाभी बोली जो देखा पसन्द आया मै मुस्कुरा कर बोला हाँ बहुत पसन्द आया। अब आप को तो पता ही है हम किस स्थिति में हैं इस लिए अब जब हम अकेले हो तो हमे ऐसे प्रणाम मत किया करो .
मैंने बोलै भाभी अब आप सब शर्म लाज छोड़ कर पूरी प्रक्रिया समझ ले और मुझे आप जो भी जानती हैं वो बता दीजिये
फिर भाभी ने मुझे बताया कि उनके ससुर (मेरे ताऊ जी ) की असामयिक मृत्यु के कारण उसके पति को कम उम्र में ही गद्दी पर बैठा दिया गया था। साज़िश और महल की राजनीति थी और नए महाराजा की स्थिति कमजोर थी। वह जानती थी कि उसका पति महाराज नपुंसक है। फिर भी उसने उन्हें चार और कनिष्ठ रानियों से शादी करने की अनुमति दी ताकि उसे पता चले कि उसकी बात सुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रानियों को वरिष्ठता के क्रम में उनके द्वारा पड़ोसी राज्यों में मजबूत सहयोगी बनाने के लिए चुना गया था। और अब भाई महाराज छठी बार शादी कर रहे थे ।
भाभी ने राज्य को मजबूती से स्थापित करने के लिए खुद को जिम्मेदार महसूस किया था और इसलिए वह एक साहसी, बहादुर और मजबूत युवराज चाहती थी; कोई बौद्धिक और आध्यात्मिक युवराज नहीं ।
महारानी बोली मैंने दृढ़ता से महसूस किया है कि ऋषि द्वारा गर्भाधान से प्राप्त पुत्र उस मानक को पूरा नहीं करेगा। इसे वही कर सकेगा जिसके खून में मेरे या मेरे पिता जैसा मजबूत शाही अंश हो । और जो भरोसेमंद और सक्षम, व्यावहारिक रूप से परिवार का अंग हो और मैं युवा होने के नाते इसके लिए उन्हें सबसे सही विकल्प लग रहा था।
भाभी आगे बोली कुमार यह आसान नहीं था। भाई महाराज और मुझे दोनों को इसके लिए सहमत होना पड़ा।
फिर रोजी आ गयी और बोली कुमार मैंने महारानी जी को अप्रत्यक्ष कृत्रिम गर्भान का उपाय बता दिया महारानी इसके लिए पूरी तरह से त्यार हैं . हॉस्पिटल से तुरंत जरूरी उपकरण मांगा लिया है . रोजी ने महारानी की सभी रिपोर्टो की जांच की और पाया महारानी गर्भ धारण के लिए सवस्थ हैं और रूबी ने जांच की और पाया महारानी अपने माहवारी चक्र के चौदवे दिन में हैं अब समस्या थी मेरा वीर्य कैसे लिया जाये . अब आप बताओ कैसे करना चाहोगे
मैंने कहा भाभी अब आप मेरी बात एक डॉक्टर के तौर पर बहुत ध्यान से सुने इस कृत्रिम गर्भधान के उपाय है
1, सबसे उत्तम -आपकी योनि में मेरा स्खलित होना जिसके लिए महृषि ने अभी निषेध किया है की ऐस करने से पूरी प्रक्रिया निष्फल हो जाएगी
2. इसलिए अब अप्रत्यक्ष कृत्रिम गर्भधान करना होगा
a, मैं हस्त मैथुन करके वीर्य स्खलित कर दू
b. में किसी अन्य कन्या को उसे देखे बिना सिर्फ इस प्रकार मैथुन करूँ जिसमे चूमना स्तन इत्यादि दबाना न हो और मैं उसकी योनि में स्खलित हो जाऊं
c. किसी अन्य कन्या के साथ पूर्ण सम्भोग और मेरा स्खलन
और रोजी और रूबी तत्काल वीर्य को योनि से होते हुए आपके गर्भशय में डाल कर गर्भधान करवा देंगी
तो मैंने कह हाँ भाभी जी ये भी ध्यान रखना होगा जब मेरा वीर्य आपकी योनि में प्रविष्ट करवाया जाए तो आप भी पूरी तरह से उत्तेजित हो और स्खलित हो ताकि आपके गर्भ के बीज के साथ मेरे बीज का अवश्यम्भावी मिलन हो जाए और आप गर्भवती हो जाए .. और बहुत संभव है हमे ये प्रक्रिया एक दो बार दोहरानी भी पड़े . मुझे पूरा विश्वास है महर्षि के आशीर्वाद के बाद अब मेरा वीर्य अमोघ है और हमे शीघ्र ही खुशखबरी मिलेगी परन्तु ये आपको जब तक मैं न कहूं तब तक गुप्त रखना होगा ..
इसके लिए यही बेहतर रहेगा की जब मैं किसी अन्य कन्या से सम्भोग करूँ तब आप भी अपनी सखियों के साथ सेक्स करें और मेरे साथ चरम पर पहुंचे .. इस काम में रूबी और रोजी आपकी पूरी मदद कर सकती है ..
तो भाभी बोली जहाँ तक पहली विधि तो निषिद्ध की गयी है इसलिए अब दो ही तरीके बचे हैं ,, अब इतनी सुन्दर महिलाओं के बीच रहकर भी अगर कुमार आपको हस्त मैथुन करके या उसी तरह से योनि में हस्त मैथुन के समान स्खलित होना पड़े तो ये तो बिलकुल अनुचित रहेगा इसलिए अब सिर्फ तीसरी सम्भावना ही बचती है ..
तो भाबी बोली मैं चाहती हू की आप हमारी हेमंती से करे वो कुमारी है .. और मेरे साथ मेरी प्रिय सखी प्रियंवदा और आपकी दोनों एक्सपर्ट रहेंगी
मैंने कहा कौन हेमंती ?
भाभी बोली वही जो आपके पास मेरा सन्देश ले कर आयी थी और अब आप यहाँ क्यो बैठे हो चलो अन्दर । फिर मैं उसके साथ चल दिया ।
मैं जब अपने कमरे मे दाखिल हुआ तो फिल्मी सीन की तरह हेमंती बेड पर घूँघट निकाले बैठी थी...पूरा कमरा फूलों से सज़ा हुआ था...सुहाग की सेज सजी हुई थी... मैंने रोजी को इशारा किया तो उसने मुझे एक तोहफा पकड़ा दिया ..
मैं उसके पास जाकर बैठ गया.. उसे तोहफा दिया और
मैंने उसका घूँघट उठा दिया...खूबसूरती की मूरत लग रही थी वो...और उसकी आँखे झुकी हुई थी..
मैंने उसके चेहरे को उपर किया...और आगे बढ़कर उसके लबों को चूम लिया..
हेमंती अपने आप में सिमट कर रह गयी..और उसके मुँह से गहरी-2 साँसे निकलने लगी..
मैंने उसे लिटाकर उसके लबों को और चूसना चाहा, और उसे चूमा तो वो बोली मैं कुछ कर लू तो मैंने कहा जैसे तुम्हारी इच्छा ..
मैंने सामने देखा प्रियंवदा महारानी को किश करती हुई उनके वस्त्र उतार रही थी और उसकी स्तन दबा रहे थी और महारानी भी प्रियंवदा के स्तन दबा रही थी
और इतना कहने के बाद हेमंती ने मुझे लिटा दिया और वो मेरे होंठों पर टूट पड़ी...ऐसा लग रहा था की वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को उसकी छाती पर रगड़ते हुए वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेराती हुई मेरे होठों को बुरी तरह से चूस रही थी... और मैं ओंठ चुसवाते हुए प्रियंवदा और भाभी का खेल देख रहा था
मैं ने अपने हाथों से पहले उसके स्तनों को दबाया उसे बाद उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया...और तब मुझे पता चला की उसने पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी ..मैं ने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड की दरार में उतार दी..
''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss .......... उम्म्म्मममममम...''
उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने मैं के अरमानो को और भड़का डाला...और अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और उसकी चोली के उपर से ही उसके निपल को मुँह में लेकर चूसने लगा..
''ऊऊऊऊऊऊओह मैं ................ कुंवर जी .................. उम्म्म्मममममममम......''
और उसने खुद ही धीरे-2 अपनी चोली की डोरिया खोलकर चोली से चूची निकाली और अपनी नंगी स्तन मेरे मुँह में ठूस दी..
मैंने उस की प्यारी सी स्तनों को देखा . प्यार से दबाया और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा...
मेरी जीभ जैसे चुभ सी रही थी हेमंती को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक निप्पल मेरे मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : "चूसे जोर से ...............खा जाओ इनको ...............''
मैं हैरान रह गया था कुछ देर पहले चुप-चाप खड़ी हुई लड़की बेड पर इतनी गर्म निकलेगी ...
मैं ने धीरे-2 उसकी ड्रेस उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी...
अब मेरी आँखो के सामने थी हेमंती की कुँवारी और सफाचट चूत ..
अपने सामने दो खूबसूरत महिलाओ के एक दुसरे के जिस्म के साथ खेलते हुए देखकर और हेमंती के नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर मेरा लंड बागी सा हो गया. मैंने भी अपने कपड़े उतारे और कुछ ही देर मे मैं भी भी नंगा हो गया ...
हेमंती ने मेरे लंड की तरफ देखा और शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली...वो बोली ये तो जब मैंने थोड़ी देर पहली बार देखा था उससे काफी बड़ा लग रहा है मेरी तो फाड़ देगा ..
मैं उसके पास पहुँचा और अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया...वो मुझे उपर नीचे करने लगी..
मैंने धीरे से उसकी चूत को हाथ से छुआ .
''आआआआहह ................... म्*म्म्मम म ...... मैं ............''
तभी मुझे सामने से ओह्ह आह की आवाज आयी तो देखा प्रियंवदा महारानी के स्तनों को चूसने के के बाद अब उनकी योनि में ऊँगली कर रही थी और भाभी अपनी टांगो को पकडे प्रियंका को अपनी चूत में डुबकी लगाते हुए मुझे देखने लगी
मैं भी घूमा हेमंती को भी घुमाया और हेमंती की चूत को किस्स करने लगा..इतना मज़ा मिल रहा था , बड़ी भीनी-2 सी महक आ रही थी उसकी चूत से...मैंने अपनी जीभ को जितना हो सकता था बाहर निकाला और उसकी चूत की परतें खोलकर जीभ को अंदर धकेल दिया.. और मेर आँखे सामने भाभी और प्रियंवदा के ऊपर थी
हेमंती के लिए ये पहला मौका था जब कोई चीज़ उसके अंदर जा रही थी...वो सिसक उठी...और अपनी टांगे उसने गर्दन में लपेट कर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया...
मैं बोला : " हेमंती कैसा लग रहा है....''
हेमंती ने बेड की चादर को पकड़ा और चिल्लाई ''आआ अहह मैं .................. उम्म्म्मम मम .... बहुत अच्छा ....और करो..........''
मैं फिर से उसकी चूत को चाटने चूसने में जुट गया..
और कुछ ही देर में उसने अपने मुँह से उसकी चूत को पूरा सींच दिया...
मैं थोड़ा उपर उठा और घुटनो के बल बैठ गया...उसे घुमाया खुद भी घुमा और अपना चेहरा भाभी की तरफ किया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा ..और धीरे-2 उसके छेद में फंसाया और हल्का धक्का मारकर अंदर दाखिल हो गया
''आआआआअहह धीरे करो प्लीज......''
उसकी इतनी कहने की देर थी की मैं ने एक जोरदार झटका मारा...और उसका लंड हेमंती की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया..
''आआ आआयययय यययीीईईईई ई ......... मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी .............. अहह ...''
वो दर्द से बिलख उठी...
मैं थोड़ा सा रुक गया...हेमंती को काफ़ी दर्द हो रहा था...उसकी आँख से आँसू निकल रहे थे..
भले ही ये हेमंती का ये पहला मौका था, पर इंटरनेट , रोजी और रूबी ने उसे अच्छी तरह समझा दिया था की कैसे क्या होगा
मैंने हेमंती को चुप कराया...उसके गालों को चूमा...और फिर थोड़ी देर बाद फिर से हिलाने लगा अपना लंड ...
अब वो चिल्ला तो नही रही थी...जल्द ही उसका शरीर अकड़ा काम्पा और वो झड़ गयी और मैं उसके ऊपर पूरा लेटकर अपने लंड से उसे तेज तेज चोद रहा था
और फिर मैं ने धीरे-2 धक्को की स्पीड बड़ा दी...और अंत में जोरदार झटके मारता हुआ वो उसके अंदर ही झड़ गया..
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया..
पर मैं ये देखकर हैरान रह गया की उसके लंड पर हेमंती की चूत का खून नही लगा था...
उसने हेमंती की तरफ देखा, वो भी हैरान हो रही थी...और डर भी रही थी की कहीं मैं उसपर कोई शक तो नही कर रहा ..
मैं भी उसके रुंआसे चेहरे को देखकर समझ गया की वो क्या सोच रही है...
मैं उसे बोलै कोई बात नहीं हेमंती ....ब्लड निकलना ही सबूत नही होता वर्जिनिटी का, और ज़रूरी नही होता फर्स्ट टाइम पर ये निकलता ही है.....आजकल तो अंदर की झिल्ली खेल कूद में भी फट जाती है....
मैंने इतना वीर्य निकाला था की हेमंती की चूत पूरी भर गयी थी और वीर्य बाहर निकलना शुरू हो गया तो तभी रूबी आ गयी और उपकरण ले आयी और सारा वीर्य उपकरणों की मदद से इकठा कर लिया और दूसरी तरफ प्रियंवदा महारानी को चरमोत्कर्ष पर ले आयी थी और जब उसका शरीर अकड़ने लगा और कांपने लगा तब रोजी और रूबी ने भाभी की टाँगे ऊपर कर नीचे तकिया लगा योनि ऊपर कर दी और इंजेक्शन सिरेंज की मदद से मेरा पूरा वीर्य तत्काल उसकी योनि में भर दिया और ऐसे चार पांच बार पिचकारियां मारी जैसे लंड स्खलन के समय मारता है और भाभी को बोलै कुछ देर ऐसे हीउ लेते रहना ताकि वीर्य भाभी की योनि के अंदर ही रहे ..
उसके बाद मैंने उस समय दोबारा हेमंती के साथ कोशिश नही की, क्योंकि पहली चुदाई के बाद उसकी चूत बुरी तरह से सूजी हुई थी... हालाँकि हेमंती मेरे कान में बोली कुमार आप ये मेरे साथ दुबारा जल्द ही करियेगा क्योंकि मुझे बहुत मजा आया है आपके साथ ..
जारी रहेगी
VOLUME II
विवाह
CHAPTER-1
PART 15
भाभी का कृत्रिम गर्भधान
जब मैंने भाभी को गुप्तरुप से अप्रत्यक्ष रूप से गर्भधान करने का ये प्रस्ताव भेजा था तब मेरे लंड ने चुपके-चुपके से उछल-उछल कर अपनी ख़ुशी जाहिर की थी , मैंने प्रसन्नता से इस ' गुप्त मिशन' के लिए हामी भर दी थी और भाभी को 'सब कुछ' व्यवस्थित करने के बाद रोजी के द्वारा मुझे आने का सन्देश भेजा ।
मेरी नींद लग गयी और लगभग दो घंटो बाद मुझे लगा मुझे रोजी जगा रही है और बोल रही थी कुमार उठिये भाभी ने आपको बुलाया है मैंने आँखे खोली तो रोजी सामने खड़ी हुई थी और कामिनी मेरे साथ लिपटी हुई सो रही थी मैंने सावधानी से उठा ताकि कामिनी की नींद न खराब हो और टॉयलेट जा कर थोड़ा फ्रेश हुआ मुँह हाथ धोया बाल बनाए और अपना कुरता पायजामा पहना और मूर्ति घुमा कर गुप्त रास्ते से भाभी के कक्ष के लिए निकल गए . जैसे ही मैं गुप्त रास्ते से निकल कर हाल से निकल कर भाभी महारानी के कमरे की तरफ़ जा रहा था तो दीवार पर लगी पेंटिंग्स, कलाकृतिया और अन्य सजावट को देख कर मैं समझ गया कि भाभी का कक्ष भाई महाराज के निवास के सबसे आलीशान कक्षों में से एक था और महाराज के रानिवास से थोड़ा हट कर था ।
थोडी देर मे मैं उनके कक्ष के बाहर पहुँच गया। फिर मैने दरवाजे को हाथ लगाया और दरवाज मेरे स्वागत में खुल गया और मेरे सामने बड़ी भाभी की सेविका खड़ी थी उनका नाम है प्रियंबदा । रोजी अंदर चली गयी और मैं उन्हें ही देखता रह गया
मैं अभी उसे ठीक से देख भी नही पाया था की उन्होंने मेरा हाथ पकड कर मुझे अन्दर खीच लिया। और एक झटके के साथ दरवाजा बन्द कर दिया। मैं उसकी इस हरकत से एक दम सकपका गया। प्रियंबदा ने कहा अगर मैं तुम्को इस तरह से अन्दर नही खीचती तो तुम बाहर खडे खडे ही मुझ देखते रहते जो कि मैं नही चाहती थी।मेरा नाम प्रियंवदा है और मैं आपकी भाभी (महारानी) की प्रधान सेविका हूँ तुम्को मुझको देखना हे तो लो मैं तुमहारे सामने खडी हो जाती हूँ जी भर के देख लो। ऐसा कह कर वह मेरे सामने अपने दोनो हाथ कमर पर रख कर खडी हो गयी। खडी होने से पहले उसने अपनी साडी का पल्लू उतार कर अपनी कमर से नीचे गिरा दिया। ये सब इतनी जल्दी हुआ था की मुझे उसको देखने का मौका भी नही मिला था। अब वह मेरे सामने थी और मैं जी भर कर उसको देख सकता था।
फिर मैंने अपनी नजर उसपर गढा दी। उसका रंग गोरा था वो भाभी की हम उम्र थी पर अपनी अपनी उमर से करीब दस साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी बडी थी। जिन मे वासना भरी हुयी थी। उसके होठ बडे बडे थे। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को।
फिर मेरी नजर उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसने हल्के गुलाबी रंग की साडी पहन रखी थी। उसका ब्लौस स्लीव लेस था। और उसमे कफ़ी गहरा कट था जिसकी वजह सी उसके बडे बडे मम्मे आधे से ज्यादा ब्लाउस से बाहर झाँक रहे थे। प्रियंवदा ने शायद बहुत ही टाईट ब्लाउस पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनो बडी बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी। और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था। इस नजारे को देख कर मैं उत्तेजना से पागल हो रहा था। मेरे लंड का उभार मेरी पैन्ट से साफ़ दिखायी दे रहा था।
फिर मेरी नजर उसके पेट पर गयी। उसने साडी अपनी नाभी के काफ़ी नीचे पहनी थी। जिस से उसकी गहरी नाभी साफ़ दिखयी दे रही थी। उसकी नाभी की गहरायी देख कर मेरा मन उसको चूम लेने का हुआ। फिर मैं थोडी देर तक उसको ऐसे ही निहरता रहा। कुछ देर बाद प्रियंवदा ने कहा क्या हुआ कुंवर जी कैसी लगी मैं तुम्को । मैंने कहा बहुत ही अच्छी। प्रियंवदा ने कहा वो तो तुम्हारे पैन्ट मे उभरते तुम्हारे लंड को देख कर पता चल रहा है। मैं उसको देख कर गर्म हो गया था .
वो भी मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिये मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर उसने अपनी साडी का आँचल उठा कर पेटीकोट मे ठूंस लिया और पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। और …प्रियंवदा . के चूतड तो बहुत ही बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे। जेसे किसी फैशन शो मे मॉडल अपने चूतडो को मटका के चलती है वैसे ही।
एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भि देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा । वो पानी लेने दूसरी और चली गयी तो मेरी नजर सामने गयी तो सामने मैंने देखा वहां एक प्रियंवदा से भी खूबसूरत महिला एक बड़े आसान पर बैठी हुई थी
वह शाही वस्त्रों और साड़ियों और गहनों के सबसे आकर्षक कपड़े पहने हुए थी। और वह मौजूद सब महिलाओ और लड़कियों में सबसे ज्यादा कामुक और सुंदर थी .. मैं समझ गया ये ही मेरी बड़ी भाभी महारानी ऐश्वर्या है ।
मैंने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने मुझे आपने पास बिठा लिया और इतने में मटकती हुई प्रियंवदा धीरे धीरे मटकती हुई गिलास ले कर आ गयी उसने आने में बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके स्तन , चूतड और उनका मटकना देख सकूं।
फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये उसने गिलास मे पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे बडे मम्मे उसके कसे ब्लाउस मे फंसे हुये जोर जोर से उछल रहे थे। उसने पुरी तरह से मुझको अपने हुस्न के जाल मे फसाँ लिया था।
लो पानी पी लो कह कर उसने गिलास मेरे हाथ मे थमा दिया। मैं पानी पीने लगा और पानी पी कर मैंने गिलास उसको दे दिया।
भाभी बोली जो देखा पसन्द आया मै मुस्कुरा कर बोला हाँ बहुत पसन्द आया। अब आप को तो पता ही है हम किस स्थिति में हैं इस लिए अब जब हम अकेले हो तो हमे ऐसे प्रणाम मत किया करो .
मैंने बोलै भाभी अब आप सब शर्म लाज छोड़ कर पूरी प्रक्रिया समझ ले और मुझे आप जो भी जानती हैं वो बता दीजिये
फिर भाभी ने मुझे बताया कि उनके ससुर (मेरे ताऊ जी ) की असामयिक मृत्यु के कारण उसके पति को कम उम्र में ही गद्दी पर बैठा दिया गया था। साज़िश और महल की राजनीति थी और नए महाराजा की स्थिति कमजोर थी। वह जानती थी कि उसका पति महाराज नपुंसक है। फिर भी उसने उन्हें चार और कनिष्ठ रानियों से शादी करने की अनुमति दी ताकि उसे पता चले कि उसकी बात सुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रानियों को वरिष्ठता के क्रम में उनके द्वारा पड़ोसी राज्यों में मजबूत सहयोगी बनाने के लिए चुना गया था। और अब भाई महाराज छठी बार शादी कर रहे थे ।
भाभी ने राज्य को मजबूती से स्थापित करने के लिए खुद को जिम्मेदार महसूस किया था और इसलिए वह एक साहसी, बहादुर और मजबूत युवराज चाहती थी; कोई बौद्धिक और आध्यात्मिक युवराज नहीं ।
महारानी बोली मैंने दृढ़ता से महसूस किया है कि ऋषि द्वारा गर्भाधान से प्राप्त पुत्र उस मानक को पूरा नहीं करेगा। इसे वही कर सकेगा जिसके खून में मेरे या मेरे पिता जैसा मजबूत शाही अंश हो । और जो भरोसेमंद और सक्षम, व्यावहारिक रूप से परिवार का अंग हो और मैं युवा होने के नाते इसके लिए उन्हें सबसे सही विकल्प लग रहा था।
भाभी आगे बोली कुमार यह आसान नहीं था। भाई महाराज और मुझे दोनों को इसके लिए सहमत होना पड़ा।
फिर रोजी आ गयी और बोली कुमार मैंने महारानी जी को अप्रत्यक्ष कृत्रिम गर्भान का उपाय बता दिया महारानी इसके लिए पूरी तरह से त्यार हैं . हॉस्पिटल से तुरंत जरूरी उपकरण मांगा लिया है . रोजी ने महारानी की सभी रिपोर्टो की जांच की और पाया महारानी गर्भ धारण के लिए सवस्थ हैं और रूबी ने जांच की और पाया महारानी अपने माहवारी चक्र के चौदवे दिन में हैं अब समस्या थी मेरा वीर्य कैसे लिया जाये . अब आप बताओ कैसे करना चाहोगे
मैंने कहा भाभी अब आप मेरी बात एक डॉक्टर के तौर पर बहुत ध्यान से सुने इस कृत्रिम गर्भधान के उपाय है
1, सबसे उत्तम -आपकी योनि में मेरा स्खलित होना जिसके लिए महृषि ने अभी निषेध किया है की ऐस करने से पूरी प्रक्रिया निष्फल हो जाएगी
2. इसलिए अब अप्रत्यक्ष कृत्रिम गर्भधान करना होगा
a, मैं हस्त मैथुन करके वीर्य स्खलित कर दू
b. में किसी अन्य कन्या को उसे देखे बिना सिर्फ इस प्रकार मैथुन करूँ जिसमे चूमना स्तन इत्यादि दबाना न हो और मैं उसकी योनि में स्खलित हो जाऊं
c. किसी अन्य कन्या के साथ पूर्ण सम्भोग और मेरा स्खलन
और रोजी और रूबी तत्काल वीर्य को योनि से होते हुए आपके गर्भशय में डाल कर गर्भधान करवा देंगी
तो मैंने कह हाँ भाभी जी ये भी ध्यान रखना होगा जब मेरा वीर्य आपकी योनि में प्रविष्ट करवाया जाए तो आप भी पूरी तरह से उत्तेजित हो और स्खलित हो ताकि आपके गर्भ के बीज के साथ मेरे बीज का अवश्यम्भावी मिलन हो जाए और आप गर्भवती हो जाए .. और बहुत संभव है हमे ये प्रक्रिया एक दो बार दोहरानी भी पड़े . मुझे पूरा विश्वास है महर्षि के आशीर्वाद के बाद अब मेरा वीर्य अमोघ है और हमे शीघ्र ही खुशखबरी मिलेगी परन्तु ये आपको जब तक मैं न कहूं तब तक गुप्त रखना होगा ..
इसके लिए यही बेहतर रहेगा की जब मैं किसी अन्य कन्या से सम्भोग करूँ तब आप भी अपनी सखियों के साथ सेक्स करें और मेरे साथ चरम पर पहुंचे .. इस काम में रूबी और रोजी आपकी पूरी मदद कर सकती है ..
तो भाभी बोली जहाँ तक पहली विधि तो निषिद्ध की गयी है इसलिए अब दो ही तरीके बचे हैं ,, अब इतनी सुन्दर महिलाओं के बीच रहकर भी अगर कुमार आपको हस्त मैथुन करके या उसी तरह से योनि में हस्त मैथुन के समान स्खलित होना पड़े तो ये तो बिलकुल अनुचित रहेगा इसलिए अब सिर्फ तीसरी सम्भावना ही बचती है ..
तो भाबी बोली मैं चाहती हू की आप हमारी हेमंती से करे वो कुमारी है .. और मेरे साथ मेरी प्रिय सखी प्रियंवदा और आपकी दोनों एक्सपर्ट रहेंगी
मैंने कहा कौन हेमंती ?
भाभी बोली वही जो आपके पास मेरा सन्देश ले कर आयी थी और अब आप यहाँ क्यो बैठे हो चलो अन्दर । फिर मैं उसके साथ चल दिया ।
मैं जब अपने कमरे मे दाखिल हुआ तो फिल्मी सीन की तरह हेमंती बेड पर घूँघट निकाले बैठी थी...पूरा कमरा फूलों से सज़ा हुआ था...सुहाग की सेज सजी हुई थी... मैंने रोजी को इशारा किया तो उसने मुझे एक तोहफा पकड़ा दिया ..
मैं उसके पास जाकर बैठ गया.. उसे तोहफा दिया और
मैंने उसका घूँघट उठा दिया...खूबसूरती की मूरत लग रही थी वो...और उसकी आँखे झुकी हुई थी..
मैंने उसके चेहरे को उपर किया...और आगे बढ़कर उसके लबों को चूम लिया..
हेमंती अपने आप में सिमट कर रह गयी..और उसके मुँह से गहरी-2 साँसे निकलने लगी..
मैंने उसे लिटाकर उसके लबों को और चूसना चाहा, और उसे चूमा तो वो बोली मैं कुछ कर लू तो मैंने कहा जैसे तुम्हारी इच्छा ..
मैंने सामने देखा प्रियंवदा महारानी को किश करती हुई उनके वस्त्र उतार रही थी और उसकी स्तन दबा रहे थी और महारानी भी प्रियंवदा के स्तन दबा रही थी
और इतना कहने के बाद हेमंती ने मुझे लिटा दिया और वो मेरे होंठों पर टूट पड़ी...ऐसा लग रहा था की वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को उसकी छाती पर रगड़ते हुए वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेराती हुई मेरे होठों को बुरी तरह से चूस रही थी... और मैं ओंठ चुसवाते हुए प्रियंवदा और भाभी का खेल देख रहा था
मैं ने अपने हाथों से पहले उसके स्तनों को दबाया उसे बाद उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया...और तब मुझे पता चला की उसने पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी ..मैं ने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड की दरार में उतार दी..
''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss .......... उम्म्म्मममममम...''
उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने मैं के अरमानो को और भड़का डाला...और अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और उसकी चोली के उपर से ही उसके निपल को मुँह में लेकर चूसने लगा..
''ऊऊऊऊऊऊओह मैं ................ कुंवर जी .................. उम्म्म्मममममममम......''
और उसने खुद ही धीरे-2 अपनी चोली की डोरिया खोलकर चोली से चूची निकाली और अपनी नंगी स्तन मेरे मुँह में ठूस दी..
मैंने उस की प्यारी सी स्तनों को देखा . प्यार से दबाया और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा...
मेरी जीभ जैसे चुभ सी रही थी हेमंती को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक निप्पल मेरे मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : "चूसे जोर से ...............खा जाओ इनको ...............''
मैं हैरान रह गया था कुछ देर पहले चुप-चाप खड़ी हुई लड़की बेड पर इतनी गर्म निकलेगी ...
मैं ने धीरे-2 उसकी ड्रेस उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी...
अब मेरी आँखो के सामने थी हेमंती की कुँवारी और सफाचट चूत ..
अपने सामने दो खूबसूरत महिलाओ के एक दुसरे के जिस्म के साथ खेलते हुए देखकर और हेमंती के नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर मेरा लंड बागी सा हो गया. मैंने भी अपने कपड़े उतारे और कुछ ही देर मे मैं भी भी नंगा हो गया ...
हेमंती ने मेरे लंड की तरफ देखा और शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली...वो बोली ये तो जब मैंने थोड़ी देर पहली बार देखा था उससे काफी बड़ा लग रहा है मेरी तो फाड़ देगा ..
मैं उसके पास पहुँचा और अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया...वो मुझे उपर नीचे करने लगी..
मैंने धीरे से उसकी चूत को हाथ से छुआ .
''आआआआहह ................... म्*म्म्मम म ...... मैं ............''
तभी मुझे सामने से ओह्ह आह की आवाज आयी तो देखा प्रियंवदा महारानी के स्तनों को चूसने के के बाद अब उनकी योनि में ऊँगली कर रही थी और भाभी अपनी टांगो को पकडे प्रियंका को अपनी चूत में डुबकी लगाते हुए मुझे देखने लगी
मैं भी घूमा हेमंती को भी घुमाया और हेमंती की चूत को किस्स करने लगा..इतना मज़ा मिल रहा था , बड़ी भीनी-2 सी महक आ रही थी उसकी चूत से...मैंने अपनी जीभ को जितना हो सकता था बाहर निकाला और उसकी चूत की परतें खोलकर जीभ को अंदर धकेल दिया.. और मेर आँखे सामने भाभी और प्रियंवदा के ऊपर थी
हेमंती के लिए ये पहला मौका था जब कोई चीज़ उसके अंदर जा रही थी...वो सिसक उठी...और अपनी टांगे उसने गर्दन में लपेट कर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया...
मैं बोला : " हेमंती कैसा लग रहा है....''
हेमंती ने बेड की चादर को पकड़ा और चिल्लाई ''आआ अहह मैं .................. उम्म्म्मम मम .... बहुत अच्छा ....और करो..........''
मैं फिर से उसकी चूत को चाटने चूसने में जुट गया..
और कुछ ही देर में उसने अपने मुँह से उसकी चूत को पूरा सींच दिया...
मैं थोड़ा उपर उठा और घुटनो के बल बैठ गया...उसे घुमाया खुद भी घुमा और अपना चेहरा भाभी की तरफ किया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा ..और धीरे-2 उसके छेद में फंसाया और हल्का धक्का मारकर अंदर दाखिल हो गया
''आआआआअहह धीरे करो प्लीज......''
उसकी इतनी कहने की देर थी की मैं ने एक जोरदार झटका मारा...और उसका लंड हेमंती की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया..
''आआ आआयययय यययीीईईईई ई ......... मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गयी .............. अहह ...''
वो दर्द से बिलख उठी...
मैं थोड़ा सा रुक गया...हेमंती को काफ़ी दर्द हो रहा था...उसकी आँख से आँसू निकल रहे थे..
भले ही ये हेमंती का ये पहला मौका था, पर इंटरनेट , रोजी और रूबी ने उसे अच्छी तरह समझा दिया था की कैसे क्या होगा
मैंने हेमंती को चुप कराया...उसके गालों को चूमा...और फिर थोड़ी देर बाद फिर से हिलाने लगा अपना लंड ...
अब वो चिल्ला तो नही रही थी...जल्द ही उसका शरीर अकड़ा काम्पा और वो झड़ गयी और मैं उसके ऊपर पूरा लेटकर अपने लंड से उसे तेज तेज चोद रहा था
और फिर मैं ने धीरे-2 धक्को की स्पीड बड़ा दी...और अंत में जोरदार झटके मारता हुआ वो उसके अंदर ही झड़ गया..
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया..
पर मैं ये देखकर हैरान रह गया की उसके लंड पर हेमंती की चूत का खून नही लगा था...
उसने हेमंती की तरफ देखा, वो भी हैरान हो रही थी...और डर भी रही थी की कहीं मैं उसपर कोई शक तो नही कर रहा ..
मैं भी उसके रुंआसे चेहरे को देखकर समझ गया की वो क्या सोच रही है...
मैं उसे बोलै कोई बात नहीं हेमंती ....ब्लड निकलना ही सबूत नही होता वर्जिनिटी का, और ज़रूरी नही होता फर्स्ट टाइम पर ये निकलता ही है.....आजकल तो अंदर की झिल्ली खेल कूद में भी फट जाती है....
मैंने इतना वीर्य निकाला था की हेमंती की चूत पूरी भर गयी थी और वीर्य बाहर निकलना शुरू हो गया तो तभी रूबी आ गयी और उपकरण ले आयी और सारा वीर्य उपकरणों की मदद से इकठा कर लिया और दूसरी तरफ प्रियंवदा महारानी को चरमोत्कर्ष पर ले आयी थी और जब उसका शरीर अकड़ने लगा और कांपने लगा तब रोजी और रूबी ने भाभी की टाँगे ऊपर कर नीचे तकिया लगा योनि ऊपर कर दी और इंजेक्शन सिरेंज की मदद से मेरा पूरा वीर्य तत्काल उसकी योनि में भर दिया और ऐसे चार पांच बार पिचकारियां मारी जैसे लंड स्खलन के समय मारता है और भाभी को बोलै कुछ देर ऐसे हीउ लेते रहना ताकि वीर्य भाभी की योनि के अंदर ही रहे ..
उसके बाद मैंने उस समय दोबारा हेमंती के साथ कोशिश नही की, क्योंकि पहली चुदाई के बाद उसकी चूत बुरी तरह से सूजी हुई थी... हालाँकि हेमंती मेरे कान में बोली कुमार आप ये मेरे साथ दुबारा जल्द ही करियेगा क्योंकि मुझे बहुत मजा आया है आपके साथ ..
जारी रहेगी