01-09-2022, 04:07 PM
मैं और दीदी उनके कमरे में चल गए. मैं और दीदी बेड पर बैठ कर गप मार रहे थे. मैं दीदी की हिलती हुई बड़ी बड़ी चूचियों को ही ताड़ रहा था. मेरे मन में आया की आज सही मौका है दीदी को चोदने का. दीदी किसी काम से उठी तो मैंने दीदी को जाकर पकड़ लिया..दीदी: फाइनली तुझे अपनी दीदी पर प्यार आया.
मैं: नहीं दीदी.. मैं तो कब से आपको प्यार करना चाहता हूँ.
मैं: नहीं दीदी.. मैं तो कब से आपको प्यार करना चाहता हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.