01-09-2022, 04:03 PM
जुनैद ने अगले एक मिनट में मेरी चूचियों को चूस चूस कर लाल करना शुरू कर दिया था. वो मेरी दोनों चूचियों को बेतहाशा चूस चाट रहा था. अपने हाथों की उंगलियों से मेरे निप्पल मींज रहा था.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने कहा- जुनैद, अब मत सताओ … मुझसे रहा नहीं जाता. प्लीज़ मेरे अन्दर आ जाओ.
जुनैद ने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी टांगों के बीच आ गया. उसने लंड को बुर के छेद पर रखा और मेरी आंखों में ऐसे देखा … जैसे मुझसे इजाजत मांग रहा हो. मैंने अपनी गांड उठा कर उसे हरी झंडी दे दी और उसी पल मेरे छोटे भाई ने मेरी सीलपैक बुर में लंड ठोक दिया.
उसके लंड का सुपारा मेरी चुत की फांकों में फंस गया था. मैंने हल्का सा दर्द महसूस किया और उसकी तरफ देखा. उसने फिर से एक धक्का लगा दिया और मेरे भाई का आधा लंड मेरी अनचुदी बुर में घुसता चला गया.
उसका लंड मोटा था और मेरी चुत के लिए किसी मर्द का पहला लंड था. मेरी चुत चिर सी गई थी और मुझे बेहद तेज दर्द हुआ. मुझे ऐसा लगा कि किसी ने गरम सरिया मेरी चुत में पेल दिया हो. मेरी सांसें रुकने लगी थीं और मैंने अपने हाथों की मुट्ठियाँ भींच ली थीं. अगले ही पल मैं जोर से चिल्लाने लगी.
मेरी चीख से घबरा कर जुनैद ने अपना लंड चुत से बाहर खींच लिया. मुझे मानो राहत मिल गई थी.
वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगा जैसे पूछ रहा हो कि क्या हुआ?
मुझे दर्द तो हुआ था मगर चुत चुदवाने की बड़ी लालसा भी थी. आज मेरे भाई ने मेरी बुर में एक बार अपना लंड पेल दिया था, तो अब मुझे उसी के लंड से अपनी प्यास बुझानी थी. जुनैद मेरे लिए एक सेफ मर्द था. उसके लंड से मैं जब चाहे चुद सकती थी.
कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके उसे फिर से लंड पेलने का इशारा किया.
इस बार उसने पास की टेबल से क्रीम की डिब्बी उठाई और मेरी चुत में उंगली से लगाने लगा. फिर उसने अपने लौड़े पर ढेर सारी क्रीम चुपड़ ली.
मेरा छोटा भाई जुनैद एक बार फिर से मुझे चोदने के लिए रेडी था. इस बार मैंने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं चिल्लाऊंगी नहीं.
इस बार जुनैद ने भी लंड को चुत की फांकों में सैट किया और मेरे ऊपर छा गया. उसने लंड को चुत की दरार में लगाए हुए ही मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा लिया. मैं समझ गई कि ये अब मुझे चिल्लाने का कोई मौका नहीं देने के मूड में है.
मैंने अपने चूतड़ हिलाए, तो उसने लंड पर दबाव देते हुए एक धक्का लगा दिया. क्रीम की चिकनाई ने काम कर दिया था. उसका पूरा लंड एक ही बात में मेरी बुर में धंसता चला गया. मुझे बहुत तेज दर्द हुआ. मगर जुनैद मेरे मुँह को बंद किये हुए था. मेरे हाथ पांव छटपटाने लगे और मेरी हालत बुरी हो गई. मेरी बुर से खून निकल आया था.
अपना पूरा लंड मेरी चुत में ठांसने के बाद जुनैद कुछ देर रुक गया. कोई बीस सेकंड बाद जुनैद के लंड ने मेरी बुर में स्थान बना लिया था. अब वो हिलने लगा था और मुझे अपनी चुत में मीठा मीठा दर्द होने लगा था.
मेरी छटपटाहट भी कम हो गई थी. तब जुनैद ने मेरे मुँह से अपना मुँह हटा कर मुझे नशीली आंखों से देखा और लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
उसके लंड की मोटाई से मुझे अब भी हल्का दर्द हो रहा था मगर जुनैद ने मेरी चूचियों को चूस कर मुझे दर्द की जगह सुख देना शुरू कर दिया था.
एक दो मिनट की चुदाई के बाद मुझे मजा आने लगा था और मैं गांड हिलाते हुए अपने छोटे भाई का मोटा लंड अपनी कमसिन बुर में लेने लगी थी.
अब धकापेल चुदाई का दौर शुरू हो गया था. जुनैद एक मदमस्त मर्द की तरफ मुझे रौंद रहा था. उसके लंड की ताकत के आगे मेरी चुत अब तक दो बार रो चुकी थी … मगर उसकी शैतानी ताकत कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने कहा- जुनैद, अब मत सताओ … मुझसे रहा नहीं जाता. प्लीज़ मेरे अन्दर आ जाओ.
जुनैद ने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी टांगों के बीच आ गया. उसने लंड को बुर के छेद पर रखा और मेरी आंखों में ऐसे देखा … जैसे मुझसे इजाजत मांग रहा हो. मैंने अपनी गांड उठा कर उसे हरी झंडी दे दी और उसी पल मेरे छोटे भाई ने मेरी सीलपैक बुर में लंड ठोक दिया.
उसके लंड का सुपारा मेरी चुत की फांकों में फंस गया था. मैंने हल्का सा दर्द महसूस किया और उसकी तरफ देखा. उसने फिर से एक धक्का लगा दिया और मेरे भाई का आधा लंड मेरी अनचुदी बुर में घुसता चला गया.
उसका लंड मोटा था और मेरी चुत के लिए किसी मर्द का पहला लंड था. मेरी चुत चिर सी गई थी और मुझे बेहद तेज दर्द हुआ. मुझे ऐसा लगा कि किसी ने गरम सरिया मेरी चुत में पेल दिया हो. मेरी सांसें रुकने लगी थीं और मैंने अपने हाथों की मुट्ठियाँ भींच ली थीं. अगले ही पल मैं जोर से चिल्लाने लगी.
मेरी चीख से घबरा कर जुनैद ने अपना लंड चुत से बाहर खींच लिया. मुझे मानो राहत मिल गई थी.
वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगा जैसे पूछ रहा हो कि क्या हुआ?
मुझे दर्द तो हुआ था मगर चुत चुदवाने की बड़ी लालसा भी थी. आज मेरे भाई ने मेरी बुर में एक बार अपना लंड पेल दिया था, तो अब मुझे उसी के लंड से अपनी प्यास बुझानी थी. जुनैद मेरे लिए एक सेफ मर्द था. उसके लंड से मैं जब चाहे चुद सकती थी.
कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके उसे फिर से लंड पेलने का इशारा किया.
इस बार उसने पास की टेबल से क्रीम की डिब्बी उठाई और मेरी चुत में उंगली से लगाने लगा. फिर उसने अपने लौड़े पर ढेर सारी क्रीम चुपड़ ली.
मेरा छोटा भाई जुनैद एक बार फिर से मुझे चोदने के लिए रेडी था. इस बार मैंने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं चिल्लाऊंगी नहीं.
इस बार जुनैद ने भी लंड को चुत की फांकों में सैट किया और मेरे ऊपर छा गया. उसने लंड को चुत की दरार में लगाए हुए ही मेरे होंठों को अपने होंठों से दबा लिया. मैं समझ गई कि ये अब मुझे चिल्लाने का कोई मौका नहीं देने के मूड में है.
मैंने अपने चूतड़ हिलाए, तो उसने लंड पर दबाव देते हुए एक धक्का लगा दिया. क्रीम की चिकनाई ने काम कर दिया था. उसका पूरा लंड एक ही बात में मेरी बुर में धंसता चला गया. मुझे बहुत तेज दर्द हुआ. मगर जुनैद मेरे मुँह को बंद किये हुए था. मेरे हाथ पांव छटपटाने लगे और मेरी हालत बुरी हो गई. मेरी बुर से खून निकल आया था.
अपना पूरा लंड मेरी चुत में ठांसने के बाद जुनैद कुछ देर रुक गया. कोई बीस सेकंड बाद जुनैद के लंड ने मेरी बुर में स्थान बना लिया था. अब वो हिलने लगा था और मुझे अपनी चुत में मीठा मीठा दर्द होने लगा था.
मेरी छटपटाहट भी कम हो गई थी. तब जुनैद ने मेरे मुँह से अपना मुँह हटा कर मुझे नशीली आंखों से देखा और लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
उसके लंड की मोटाई से मुझे अब भी हल्का दर्द हो रहा था मगर जुनैद ने मेरी चूचियों को चूस कर मुझे दर्द की जगह सुख देना शुरू कर दिया था.
एक दो मिनट की चुदाई के बाद मुझे मजा आने लगा था और मैं गांड हिलाते हुए अपने छोटे भाई का मोटा लंड अपनी कमसिन बुर में लेने लगी थी.
अब धकापेल चुदाई का दौर शुरू हो गया था. जुनैद एक मदमस्त मर्द की तरफ मुझे रौंद रहा था. उसके लंड की ताकत के आगे मेरी चुत अब तक दो बार रो चुकी थी … मगर उसकी शैतानी ताकत कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.