01-09-2022, 04:01 PM
मैंने कहा- डर क्यों रहे हो? बताओ … मैं तुम्हें कुछ नहीं बोलूंगी.
पर वो कुछ न बोला.
मैंने भी उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा और लेट गई.
वो बैठा रहा.
मैंने उससे कहा- अब लेट जाओ … बैठो क्यों हो?
वो भी मुझसे कुछ दूरी बना कर लेट गया.
हम दोनों लेट गए. मैंने कुछ देर बाद फिर से अपनी आंखें मूंद लीं और अपनी मैक्सी ऊपर को कर ली. मेरी खुली हुई गांड जुनैद की ओर थी.
मेरे ऐसा करने से बिस्तर पर कुछ कम्पन हुआ. मगर वो मेरी तरफ नहीं घूमा. मैंने नंगे ही पड़े रह कर उसे अपनी गांड दिखाने का फैसला कर लिया था.
कुछ पल बाद जुनैद जब मेरी ओर घूमा, तो वो मेरी नंगी गांड देख रहा था. वह समझ गया था कि मैं अपनी बुर की चुदाई करवाना चाहती हूँ. कुंवारी लड़की की चुदाई का सोच कर उसका लंड खड़ा हो गया था.
मैंने उसी समय चित होकर अपनी टांगें खोल दीं और मेरी बुर खुली हवा में अपने भाई के लंड का इन्तजार करने लगी.
मेरी फैली हुई टांगें और खुली हुई सफाचट चूत देख कर वो फिर से गरमा गया. जुनैद धीरे से मेरे पास आया और मेरी बुर सहलाने लगा. मुझे गर्मी आने लगी. मैं चुपचाप सोने का नाटक कर रही थी.
मेरी तरफ से उसने कुछ भी विरोध नहीं देखा, तो मेरा छोटा भाई जुनैद बेख़ौफ़ होकर मेरे मम्मों को दबाने लगा.
मुझे उसके हाथ से अपनी चूचियों को मसलवाने में बड़ा मजा आ रहा था.
मैं घूम गई, तो एक पल के उसकी गांड फटी … लेकिन मैंने जब उससे कुछ नहीं कहा, तो उसकी समझ में आ गया कि उसकी बहन चुदने के लिए मरी जा रही है.
अब उसका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था … वो और भी ज्यादा मेरी गांड में घुसा जा रहा था. मगर मुझे उसका लंड बड़ा अच्छा लग रहा था.
वो आगे हाथ करके मेरी चूचियों को मसलने लगा और अपनी गरम सांसें मेरे कान पर छोड़ने लगा.
उसने मुझसे कहा- एक बार मौक़ा दो ना बाजी!
मैंने कुछ नहीं कहा और सीधी लेट गयी.
जुनेद ने मेरी राजी समझ ली और मेरे सामने आकर बैठ गया. मैंने भी आंखें खोल ली थीं और उसके खड़े लंड को देखने लगी थी.
उसने मेरी दोनों टांगों को पकड़ कर फैला दिया. जिससे मेरी गुलाबी बुर उसके सामने खुल गई. मेरी गुलाबी बुर देख कर जुनैद से रहा न गया. वो मेरी बुर पर अपनी नाक रख कर बुर सूंघने लगा. उसकी नाक की नोक मुझे अपनी चुत की मटर पर बड़ी लज्जत दे रही थी.
एक पल बाद जुनैद मेरी बुर को चाटने लगा. उसने अपनी जीभ को मेरी बुर की फांकों में ऊपर से नीचे फेर दिया. बुर चुसाई से मैं ‘आह आह …’ की सिसकारियां भरने लगी.
वो समझ गया कि उसकी बाजी चुदने को रेडी है. ये देख कर उसने मेरी चूची चूसते हुए मुझसे कहा- बाजी, कपड़े उतारो न!
तब मैंने अपनी मैक्सी उतार दी. मैंने नीचे कुछ पहना ही नहीं था. इसलिए अब मैं अपने छोटे भाई के लंड से चुदने के लिए उसके सामने पूरी नंगी पड़ी थी.
मैंने जुनैद की आंखों में देखा, तो उसकी वासना से भरी लाल आंखें मेरी सीलपैक बुर पर ही लगी थीं. मैंने भी उसे मदभरी नजरों से देखा और उसके पेंट के ऊपर से ही उसके लंड को सहला दिया.
जुनैद ने मुझे चुदने के लिए राजी देखा और मेरे हाथ को अपने लंड पर महसूस किया, तो उसने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए.
अब वो भी मेरे सामने एकदम नंगा हो गया था. वो मेरे बाजू में आकर मेरे दूध मसलने लगा. मैंने उसे प्यासी नजरों से देखा, तो उसने झुक कर मेरी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया. मेरी मीठी सी सीत्कार निकल गई और मैं मस्त होने लगी.
जुनैद ने अगले एक मिनट में मेरी चूचियों को चूस चूस कर लाल करना शुरू कर दिया था. वो मेरी दोनों चूचियों को बेतहाशा चूस चाट रहा था. अपने हाथों की उंगलियों से मेरे निप्पल मींज रहा था.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने कहा- जुनैद, अब मत सताओ … मुझसे रहा नहीं जाता. प्लीज़ मेरे अन्दर आ जाओ.
जुनैद ने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी टांगों के बीच आ गया. उसने लंड को बुर के छेद पर रखा और मेरी आंखों में ऐसे देखा … जैसे मुझसे इजाजत मांग रहा हो. मैंने अपनी गांड उठा कर उसे हरी झंडी दे दी और उसी पल मेरे छोटे भाई ने मेरी सीलपैक बुर में लंड ठोक दिया.
उसके लंड का सुपारा मेरी चुत की फांकों में फंस गया था. मैंने हल्का सा दर्द महसूस किया और उसकी तरफ देखा. उसने फिर से एक धक्का लगा दिया और मेरे भाई का आधा लंड मेरी अनचुदी बुर में घुसता चला गया.
उसका लंड मोटा था और मेरी चुत के लिए किसी मर्द का पहला लंड था. मेरी चुत चिर सी गई थी और मुझे बेहद तेज दर्द हुआ. मुझे ऐसा लगा कि किसी ने गरम सरिया मेरी चुत में पेल दिया हो. मेरी सांसें रुकने लगी थीं और मैंने अपने हाथों की मुट्ठियाँ भींच ली थीं. अगले ही पल मैं जोर से चिल्लाने लगी.
मेरी चीख से घबरा कर जुनैद ने अपना लंड चुत से बाहर खींच लिया. मुझे मानो राहत मिल गई थी.
वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगा जैसे पूछ रहा हो कि क्या हुआ?
पर वो कुछ न बोला.
मैंने भी उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा और लेट गई.
वो बैठा रहा.
मैंने उससे कहा- अब लेट जाओ … बैठो क्यों हो?
वो भी मुझसे कुछ दूरी बना कर लेट गया.
हम दोनों लेट गए. मैंने कुछ देर बाद फिर से अपनी आंखें मूंद लीं और अपनी मैक्सी ऊपर को कर ली. मेरी खुली हुई गांड जुनैद की ओर थी.
मेरे ऐसा करने से बिस्तर पर कुछ कम्पन हुआ. मगर वो मेरी तरफ नहीं घूमा. मैंने नंगे ही पड़े रह कर उसे अपनी गांड दिखाने का फैसला कर लिया था.
कुछ पल बाद जुनैद जब मेरी ओर घूमा, तो वो मेरी नंगी गांड देख रहा था. वह समझ गया था कि मैं अपनी बुर की चुदाई करवाना चाहती हूँ. कुंवारी लड़की की चुदाई का सोच कर उसका लंड खड़ा हो गया था.
मैंने उसी समय चित होकर अपनी टांगें खोल दीं और मेरी बुर खुली हवा में अपने भाई के लंड का इन्तजार करने लगी.
मेरी फैली हुई टांगें और खुली हुई सफाचट चूत देख कर वो फिर से गरमा गया. जुनैद धीरे से मेरे पास आया और मेरी बुर सहलाने लगा. मुझे गर्मी आने लगी. मैं चुपचाप सोने का नाटक कर रही थी.
मेरी तरफ से उसने कुछ भी विरोध नहीं देखा, तो मेरा छोटा भाई जुनैद बेख़ौफ़ होकर मेरे मम्मों को दबाने लगा.
मुझे उसके हाथ से अपनी चूचियों को मसलवाने में बड़ा मजा आ रहा था.
मैं घूम गई, तो एक पल के उसकी गांड फटी … लेकिन मैंने जब उससे कुछ नहीं कहा, तो उसकी समझ में आ गया कि उसकी बहन चुदने के लिए मरी जा रही है.
अब उसका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था … वो और भी ज्यादा मेरी गांड में घुसा जा रहा था. मगर मुझे उसका लंड बड़ा अच्छा लग रहा था.
वो आगे हाथ करके मेरी चूचियों को मसलने लगा और अपनी गरम सांसें मेरे कान पर छोड़ने लगा.
उसने मुझसे कहा- एक बार मौक़ा दो ना बाजी!
मैंने कुछ नहीं कहा और सीधी लेट गयी.
जुनेद ने मेरी राजी समझ ली और मेरे सामने आकर बैठ गया. मैंने भी आंखें खोल ली थीं और उसके खड़े लंड को देखने लगी थी.
उसने मेरी दोनों टांगों को पकड़ कर फैला दिया. जिससे मेरी गुलाबी बुर उसके सामने खुल गई. मेरी गुलाबी बुर देख कर जुनैद से रहा न गया. वो मेरी बुर पर अपनी नाक रख कर बुर सूंघने लगा. उसकी नाक की नोक मुझे अपनी चुत की मटर पर बड़ी लज्जत दे रही थी.
एक पल बाद जुनैद मेरी बुर को चाटने लगा. उसने अपनी जीभ को मेरी बुर की फांकों में ऊपर से नीचे फेर दिया. बुर चुसाई से मैं ‘आह आह …’ की सिसकारियां भरने लगी.
वो समझ गया कि उसकी बाजी चुदने को रेडी है. ये देख कर उसने मेरी चूची चूसते हुए मुझसे कहा- बाजी, कपड़े उतारो न!
तब मैंने अपनी मैक्सी उतार दी. मैंने नीचे कुछ पहना ही नहीं था. इसलिए अब मैं अपने छोटे भाई के लंड से चुदने के लिए उसके सामने पूरी नंगी पड़ी थी.
मैंने जुनैद की आंखों में देखा, तो उसकी वासना से भरी लाल आंखें मेरी सीलपैक बुर पर ही लगी थीं. मैंने भी उसे मदभरी नजरों से देखा और उसके पेंट के ऊपर से ही उसके लंड को सहला दिया.
जुनैद ने मुझे चुदने के लिए राजी देखा और मेरे हाथ को अपने लंड पर महसूस किया, तो उसने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए.
अब वो भी मेरे सामने एकदम नंगा हो गया था. वो मेरे बाजू में आकर मेरे दूध मसलने लगा. मैंने उसे प्यासी नजरों से देखा, तो उसने झुक कर मेरी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया. मेरी मीठी सी सीत्कार निकल गई और मैं मस्त होने लगी.
जुनैद ने अगले एक मिनट में मेरी चूचियों को चूस चूस कर लाल करना शुरू कर दिया था. वो मेरी दोनों चूचियों को बेतहाशा चूस चाट रहा था. अपने हाथों की उंगलियों से मेरे निप्पल मींज रहा था.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने कहा- जुनैद, अब मत सताओ … मुझसे रहा नहीं जाता. प्लीज़ मेरे अन्दर आ जाओ.
जुनैद ने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी टांगों के बीच आ गया. उसने लंड को बुर के छेद पर रखा और मेरी आंखों में ऐसे देखा … जैसे मुझसे इजाजत मांग रहा हो. मैंने अपनी गांड उठा कर उसे हरी झंडी दे दी और उसी पल मेरे छोटे भाई ने मेरी सीलपैक बुर में लंड ठोक दिया.
उसके लंड का सुपारा मेरी चुत की फांकों में फंस गया था. मैंने हल्का सा दर्द महसूस किया और उसकी तरफ देखा. उसने फिर से एक धक्का लगा दिया और मेरे भाई का आधा लंड मेरी अनचुदी बुर में घुसता चला गया.
उसका लंड मोटा था और मेरी चुत के लिए किसी मर्द का पहला लंड था. मेरी चुत चिर सी गई थी और मुझे बेहद तेज दर्द हुआ. मुझे ऐसा लगा कि किसी ने गरम सरिया मेरी चुत में पेल दिया हो. मेरी सांसें रुकने लगी थीं और मैंने अपने हाथों की मुट्ठियाँ भींच ली थीं. अगले ही पल मैं जोर से चिल्लाने लगी.
मेरी चीख से घबरा कर जुनैद ने अपना लंड चुत से बाहर खींच लिया. मुझे मानो राहत मिल गई थी.
वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगा जैसे पूछ रहा हो कि क्या हुआ?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.