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Adultery दीदी के देवर की हवस मिटाई
#9
उस दिन तो कुछ खास नही था लेकिन दूसरे दिन मैंने रोहित से बात करने के लिये उससे पहले पढाई के बारे में पूछने लगी, मैंने उससे पूछा – क्या कर रहें हो तुम पढाई में ?? तो उसने कहा – “मै पोलिटेक्निक कर रहा हूँ, इस बार सेकेंड इयर था। छुट्टी चल रही थी तो घर आ गया हूँ”। धीरे धीरे हम दोनों पास आने लगे थें, वो भी सायद मुझे लाइक करने लगा था। कभी कभी तो बात करते हुए सारा समय खत्म हो जाता था पता ही नही चलता था।
एक दिन मै उसके कमरे में बैठी उससे बात कर रही थी, कुछ देर बात करने के बाद मै जाने लगी , तो रोहित ने मेरा हाथ पकड लिया और मुझसे कहा – “मै तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ”। मै समझ गई ये मुझे प्रपोस करने वाला है। मैंने कहा – “बताओ क्या कहना है, तो उसने अपनी आंखे बंद करे के मुझसे कहा – “मै तुम्हे लाइक करने लगा हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो”। मै ये सुन कर बहुत खुश हो गई, मैंने उसके होठो पर किस करके चली गई। जिससे वो भी बहुत खुश हो गया था।
रात हुई सब लोग सोने के लिये अपने अपने कमरे में चले गये। जब मै अपने कमरे में आई तो मैंने देखा रोहित पहले से ही मेरे कमरे में बैठ था। हम दोनो एक साथ बेड पर लेटे हुए बाते करने लगे। कुछ देर बाद उसने मुझे किस कर लिया, जब उसने मुझे किस किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने भी रोहित को कसकर पकड लिया और उसके होठो को चूमने लग और फिर उसके होठो को इमरान हासमी कि तरह मुह में भर लिया और उससे चिपक कर उसके होठो को पीने लगी। रोहित भी मुझे चिपक गया और मेरे होठो को चूसने लगा। मैंने उसके हाथो को अपने मम्मो पर रख दिया और बड़ी मस्ती से हम एक दूसरे के होठो को चूस रहें थे। धीरे धीरे हमारी शरीर गरम होने लगी, हम जोश में आने लगे थे वो मेरे मम्मो को जोर जोर दबाने लगा था और मेरे होठो को चूसते हुए मेरे होठ को काट कर मुझे और भी उत्तेजित कर रहा था। मैं उसके ऊपर लेट कर उसको किस कर रही थी। हम दोनों अपने आप से बाहर हो रहें थे और खुद को रोक नही पा रहें थे , रोहित ने जल्दी से अपने और मेरे कपडे उतारने लगा, मै भी बहुत जोश में थी और मैंने भी जल्दी से अपने कपड़ो को निकाल दिया और हम दोंनो नंगे एक दूसरे से लिपट कर किस कर रहें थे।
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लगभग 40 मिनट तक मुझे किस करने के बाद रोहित मेरे गर्दन को पीते हुए मेरे पूरे बदन को चूमने लगा। जिससे मै बहुत ही ज्यादा बेकाबू होने लगी थी और अपने मम्मो को दबाने लगी थी। मेरे पूरे बदन को चूमने के बाद उसका पूरा ध्यान मेरी चूची पर आ गया। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है। उसने मेरी चूची को अपने हाथो में पकड लिया और जोर जोर से दबने लगा जिससे मै धीरे धीरे सिसकने लगी और तड़पने लगी। उसने मेरी चूची को दबाते हुए अपने मुह में रख लिया और मेरी चूची को पीने लगा। वो मेरे मम्मो को मसलते हुए पी रहा था, जिससे मै कामातुर हो कर तड़प रही थी। रोहित मेरी कमसिन और काफी मस्त चूची के काले निप्पल को अपने जीभ से गोल गोल कर रह था और मेरी चूची को बगल से कटे हुए पी रहा था। मुझे थोडा सा दर्द तो हो रहा था लेकिन मज़ा भी आ रह था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दीदी के देवर की हवस मिटाई - by neerathemall - 01-09-2022, 03:51 PM



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