01-09-2022, 03:49 PM
मै देखने में बहुत ज्यादा गोरी नही हूँ, लेकिन मेरे चहरे की बनावट बहुत ही अच्छी है, जिससे मै बहुत स्मार्ट लगती हूँ। मेरे आंखे बड़ी बड़ी, और आंखे की पलके तो बहुत ही मस्त है। मेरे गाल तो बहुत ही मुलायम और काफी मोटे है। और मेरे रसीले होठ की बात करे तो वो बहुत ज्यादा पतले नही है, लेकिन बहुत अच्छे है जोकि मेरे चहरे पर बहुत अच्छा लगता है। मेरी कमसिन और गुलगुल चूची तो बहुत ही मस्त और काफी आकर्षक है। मेरी चूची बहुत ही सुडोल और संगमरमर की तरह काफी चिकना है, जिससे मेरी चूची और भी मस्त लगती है। सबकी चूत की तरह मेरी चूत भी बहुत स्पेसल है, मैंने अपनी जिंदगी में केवल एक बार ही चुदवाया है जिससे मेरी चूत की सील तो टूट चुकी है लेकिन अभी भी किसी कुवारी चूत से कम नही है। मेरी चूत को पहली बार मेरे चचेरी बहन के देवर ने चोदकर मेरी चूत की सील तोड़ी थी। जब मेरी सील टूटी थी तो मै तो परेशान हो गयी थी, लेकिन उसने मेरी चूत के खून को साफ करके मेरी जमकर चुदाई की थी। उसके बाद मैंने किसी से नही चुदवाया।
एक बार भाभी अपने कमरे में थी और भैया भी थे, और वो दोनों चुदाई कर मै उनके कमरे में चली गयी, उनको चुदाई करते देख मै अपने कमरे में वापस लौट आई। उनको चुदाई करते देख मेरा भी मन बन रहा था, मैने अपने कमरे के दरवाज़े को बंद कर लिया और अपने बैग से सबसे मोटा पेन निकाला और अपनी चूत में डालने लगी। मै मदहोश हो रही थी, और अपनी चूत के दाने को मसलते हुए पेन को अपनी चूत में डाल रही थी। और मेरे मन में किसी मोटे लंड से चुदने की बात चल रही थी। मैंने सोचा अब बहुत हुआ मुझे किसी ना किसी से तो चुदना ही होगा, कब तक अपने से चूत को चोदूंगी। मैने सोच लिया था की कोई तो होगा जो मुझसे प्यार करे और साथ में मेरी चुदाई करे। बहुत देर तक चूत में पेन डालने से मेरी गीली हो गई। जिससे मुझे अच्छा लग रहा था।
कुछ महीने पहले की बात है, मेरी पढाई की छुट्टी हो गई थी और मै कही घूमने भी नही गयी थी। भाभी अपने घर जाने वाली थी, तो मैने मम्मी से कहा – “मम्मी मै भी भाभी से साथ उनके घर कुछ दिनो के लिये घूम आऊ”, तो मम्मी ने कहा – “जाओ अपने भैया से पूछ लो तो चली जाओ”। मैंने भाभी से कहा – “अगर आप भैया से बात करे तो भैया मना नही करेगे”। भाभी ने कहा – ‘ठीक है मै बात कर लूँगी। भाभी के कहने पर भैया मन गये।
एक बार भाभी अपने कमरे में थी और भैया भी थे, और वो दोनों चुदाई कर मै उनके कमरे में चली गयी, उनको चुदाई करते देख मै अपने कमरे में वापस लौट आई। उनको चुदाई करते देख मेरा भी मन बन रहा था, मैने अपने कमरे के दरवाज़े को बंद कर लिया और अपने बैग से सबसे मोटा पेन निकाला और अपनी चूत में डालने लगी। मै मदहोश हो रही थी, और अपनी चूत के दाने को मसलते हुए पेन को अपनी चूत में डाल रही थी। और मेरे मन में किसी मोटे लंड से चुदने की बात चल रही थी। मैंने सोचा अब बहुत हुआ मुझे किसी ना किसी से तो चुदना ही होगा, कब तक अपने से चूत को चोदूंगी। मैने सोच लिया था की कोई तो होगा जो मुझसे प्यार करे और साथ में मेरी चुदाई करे। बहुत देर तक चूत में पेन डालने से मेरी गीली हो गई। जिससे मुझे अच्छा लग रहा था।
कुछ महीने पहले की बात है, मेरी पढाई की छुट्टी हो गई थी और मै कही घूमने भी नही गयी थी। भाभी अपने घर जाने वाली थी, तो मैने मम्मी से कहा – “मम्मी मै भी भाभी से साथ उनके घर कुछ दिनो के लिये घूम आऊ”, तो मम्मी ने कहा – “जाओ अपने भैया से पूछ लो तो चली जाओ”। मैंने भाभी से कहा – “अगर आप भैया से बात करे तो भैया मना नही करेगे”। भाभी ने कहा – ‘ठीक है मै बात कर लूँगी। भाभी के कहने पर भैया मन गये।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.