01-09-2022, 03:43 PM
कहानी सुनाने से पहले मै अपने बारे में बता दूँ। मै देखने में बहुत ज्यादा गोरी नही हूँ, लेकिन मेरे चहरे की बनावट बहुत ही अच्छी है, जिससे मै बहुत स्मार्ट लगती हूँ। मेरे आंखे बड़ी बड़ी, और आंखे की पलके तो बहुत ही मस्त है। मेरे गाल तो बहुत ही मुलायम और काफी मोटे है। और मेरे रसीले होठ की बात करे तो वो बहुत ज्यादा पतले नही है, लेकिन बहुत अच्छे है जोकि मेरे चहरे पर बहुत अच्छा लगता है। मेरी कमसिन और गुलगुल चूची तो बहुत ही मस्त और काफी आकर्षक है। मेरी चूची बहुत ही सुडोल और संगमरमर की तरह काफी चिकना है, जिससे मेरी चूची और भी मस्त लगती है। सबकी चूत की तरह मेरी चूत भी बहुत स्पेसल है, मैंने अपनी जिंदगी में केवल एक बार ही चुदवाया है जिससे मेरी चूत की सील तो टूट चुकी है लेकिन अभी भी किसी कुवारी चूत से कम नही है। मेरी चूत को पहली बार मेरे चचेरी बहन के देवर ने चोदकर मेरी चूत की सील तोड़ी थी। जब मेरी सील टूटी थी तो मै तो परेशान हो गयी थी, लेकिन उसने मेरी चूत के खून को साफ करके मेरी जमकर चुदाई की थी। उसके बाद मैंने किसी से नही चुदवाया। एक बार भाभी अपने कमरे में थी और भैया भी थे, और वो दोनों चुदाई कर मै उनके कमरे में चली गयी, उनको चुदाई करते देख मै अपने कमरे में वापस लौट आई। उनको चुदाई करते देख मेरा भी मन बन रहा था, मैने अपने कमरे के दरवाज़े को बंद कर लिया और अपने बैग से सबसे मोटा पेन निकाला और अपनी चूत में डालने लगी। मै मदहोश हो रही थी, और अपनी चूत के दाने को मसलते हुए पेन को अपनी चूत में डाल रही थी। और मेरे मन में किसी मोटे लंड से चुदने की बात चल रही थी। मैंने सोचा अब बहुत हुआ मुझे किसी ना किसी से तो चुदना ही होगा, कब तक अपने से चूत को चोदूंगी। मैने सोच लिया था की कोई तो होगा जो मुझसे प्यार करे और साथ में मेरी चुदाई करे। बहुत देर तक चूत में पेन डालने से मेरी गीली हो गई। जिससे मुझे अच्छा लग रहा था। कुछ महीने पहले की बात है, मेरी पढाई की छुट्टी हो गई थी और मै कही घूमने भी नही गयी थी। भाभी अपने घर जाने वाली थी, तो मैने मम्मी से कहा – “मम्मी मै भी भाभी से साथ उनके घर कुछ दिनो के लिये घूम आऊ”, तो मम्मी ने कहा – “जाओ अपने भैया से पूछ लो तो चली जाओ”। मैंने भाभी से कहा – “अगर आप भैया से बात करे तो भैया मना नही करेगे”। भाभी ने कहा – ‘ठीक है मै बात कर लूँगी। भाभी के कहने पर भैया मन गये।
मै भाभी के साथ उनके घर चली आई, जब मै वहां पहंची तो सभी लोगो ने हमारा स्वागत बहुत अच्छे से किया। भाभी के घर में उनकी छोटी बहन, और एक भाई उसका नाम रोहित जोकि लगभग मेरी उम्र का था। और भाभी के मामी, पापा रहते थे। उनका घर काफी अच्छा और बड़ा था। भाभी ने मुझसे कहा – “तुम चाहो तो मेरे साथ मेरे कमरे में रह सकती हो और या फिर अलग कमरे में रह सकती हो”। मैंने उनसे कहा – मै अलग कमरे में रहूँगी। भाभी ने मेरा कमरे में मेरे सामान रखवा दिया। मेरा कमरा भाभी के भाई के कमरे के बिल्कुल ही बगल में था। उनका भाई देखने में तो स्मार्ट है। जब मैंने उसको देखा तो मैंने तो पहली बार में ही उसकी दीवानी हो गई थी। मुझे तो लगता है कि इसके पीछे तो बहुत सी लडकियाँ पागल होंगी। लेकिन मै जो एक बार सोच लेती हूँ वो मै करके ही रहती हूँ। मैंने सोच लिया था कि मै इससे अपने प्यार में गिरा कर ही रहूँगी।
मै भाभी के साथ उनके घर चली आई, जब मै वहां पहंची तो सभी लोगो ने हमारा स्वागत बहुत अच्छे से किया। भाभी के घर में उनकी छोटी बहन, और एक भाई उसका नाम रोहित जोकि लगभग मेरी उम्र का था। और भाभी के मामी, पापा रहते थे। उनका घर काफी अच्छा और बड़ा था। भाभी ने मुझसे कहा – “तुम चाहो तो मेरे साथ मेरे कमरे में रह सकती हो और या फिर अलग कमरे में रह सकती हो”। मैंने उनसे कहा – मै अलग कमरे में रहूँगी। भाभी ने मेरा कमरे में मेरे सामान रखवा दिया। मेरा कमरा भाभी के भाई के कमरे के बिल्कुल ही बगल में था। उनका भाई देखने में तो स्मार्ट है। जब मैंने उसको देखा तो मैंने तो पहली बार में ही उसकी दीवानी हो गई थी। मुझे तो लगता है कि इसके पीछे तो बहुत सी लडकियाँ पागल होंगी। लेकिन मै जो एक बार सोच लेती हूँ वो मै करके ही रहती हूँ। मैंने सोच लिया था कि मै इससे अपने प्यार में गिरा कर ही रहूँगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.