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मैंने अपने देवर से चुदवा लिया
#12
जय का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चुत में 4″ तक घुस चुका था. इसके पहले कि मैं जय को मना कर पाती, उसने फिर से एक बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. मेरा सारा बदन थर थर कांपने लगा. मैं पसीने से नहा गई. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी. मैंने जय से रुक जाने को कहा लेकिन जय तो जैसे पागल हो चुका था. वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था




सका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चुत में और ज्यादा गहराई तक समा गया. उसने पूरे ताकत के साथ बहुत ही जोर का तीसरा धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी चूत में पूरा समा गया.
पूरा लंड मेरी चुत में घुसा देने के बाद जय रुक गया और मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला- क्यों भाभी, मजा आया ना?
मैंने कहा- देवर जी, तुम बड़े बेरहम हो. तुमने तो मुझे मार ही डाला. धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?
वो बोला- भाभी 3 ही धक्के तो लगाए हैं मैंने. इस तरह से लंड घुसवाने में जो मजा आता है वो मजा धीरे धीरे घुसाने में कहाँ है.
इतना कहने के बाद जय ने धक्के लगाने शुरू कर दिए. मेरी चुत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि वो चाह कर भी तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था. मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चीख निकल रही थी.

वो धक्के लगाता रहा.. धीरे धीरे मेरी चुत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरू कर दिया. अब मेरा दर्द कुछ कम होने लगा. मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और जय धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था. मेरी चुत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था, इस वजह से जय का लंड आसानी से मेरी चुत में अन्दर बाहर नहीं हो पा रहा था.
वो मुझे धीरे धीरे चोदता रहा.
करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो मेरी चुत गीली हो गई. मेरी चुत ने भी अब जय के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. जय ने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. मेरा दर्द भी अब बहुत हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मजा आने लगा था.
जय अपनी स्पीड बढ़ाता रहा. अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. मैं भी मस्त हो चुकी थी. मैं इसी तरह की चुदाई के लिए इतने दिनों से तड़फ रही थी.
फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. अब मेरी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मेरी चुत का ढेर सारा जूस जय के लंड पर भी लग गया था. मेरी चुत ने भी अब जय के लंड से हार मान ली थी और अपना मुँह खोल कर उसके लंड को पूरा रास्ता दे दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मैंने अपने देवर से चुदवा लिया - by neerathemall - 01-09-2022, 03:32 PM



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