01-09-2022, 03:31 PM
उसके बाद निशा ने अपने कपड़े पहने और मुझसे बोली- दीदी, अब तुम सारा दिन जय से चुदाई का मजा लो.
उसके बाद वो घर चली गई. मेरे दिमग में बार बार निशा की चुदाई का सीन घूम रहा था. जय ने निशा को बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था.
फिर 15-20 मिनट के बाद जय बोला- भाभी तुम मेरा लंड सहआओ, अब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा.
मैं तो जय के लंड की दीवानी हो चुकी थी. मैंने तुरंत ही उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी. उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में उसका लंड टाईट हो गया. वो बोला- भाभी अब थोड़ी देर तक तुम लंड को मुँह में लेकर चूसो.. इससे मेरा लंड और ज्यादा टाईट हो जायेगा.
मैंने देवर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आकर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा.
थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. उसके बाद जय मेरे पैरों के बीच आ गया. उसने मेरे पैरों को मोड़ कर मेरे कंधे पर सटा कर दबा दिए. मैं एकदम दोहरी हो गई और मेरी चुत ऊपर उठ गई. मैं इस स्टाइल में राज से कई बार चुदवा चुकी थी. इस स्टाइल में चुदवाने पर राज का 3″ लम्बा लंड भी मेरी चुत में ज्यादा गहराई तक घुस जाता था.
देवर का लंड तो राज के लंड बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था. मैं जानती थी कि मुझे जय से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मजा भी खूब आएगा.
मेरे देवर ने अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के मुँह पर रखते हुए कहा- भाभी, आज मैं पहली पहली बार तुम्हारी चुदाई करने जा रहा हूँ. तुम चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं तुम्हारी एक भी नहीं सुनूंगा क्योंकि इसी तरह की चुदाई में औरत को मजा आता है और वो अपनी पहली पहली बार की चुदाई को सारी जिन्दगी याद करती है. मैं तुम्हारी चुत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए तुम्हें बहुत ही बुरी तरह से चोदूँगा.
मैंने कहा- जय प्लीज़, ऐसा मत करो. मुझे बहुत दर्द होगा. मैं मर जाऊंगी.
वो बोला- फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो. मैं तुम्हें नहीं चोदूँगा.
इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चुत के मुँह पर से हटा लिया. मैं ठीक उसी तरह से तड़फ उठी जैसे कई दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गई हो.
मैंने कहा- अच्छा बाबा, तुम जैसे चाहो मुझे चोदो.. मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी.
वो बोला- फिर ठीक है.
उसने अपने लंड का सुपारा फिर से मेरी चुत के मुँह पर रख दिया और अपने सारे बदन का जोर देते हुए एक धक्का मारा. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. मैं दर्द के मारे तड़फने लगी. जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चुत में एक बार अन्दर ले चुकी थी. मुझे लग रहा था कि कोई गर्म लोहा मेरी चुत को चीर कर अन्दर घुस गया हो. मेरी चुत का मुँह उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल गया था.
उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिल डुल नहीं पा रही थी.
उसके बाद वो घर चली गई. मेरे दिमग में बार बार निशा की चुदाई का सीन घूम रहा था. जय ने निशा को बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था.
फिर 15-20 मिनट के बाद जय बोला- भाभी तुम मेरा लंड सहआओ, अब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा.
मैं तो जय के लंड की दीवानी हो चुकी थी. मैंने तुरंत ही उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी. उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में उसका लंड टाईट हो गया. वो बोला- भाभी अब थोड़ी देर तक तुम लंड को मुँह में लेकर चूसो.. इससे मेरा लंड और ज्यादा टाईट हो जायेगा.
मैंने देवर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आकर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा.
थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. उसके बाद जय मेरे पैरों के बीच आ गया. उसने मेरे पैरों को मोड़ कर मेरे कंधे पर सटा कर दबा दिए. मैं एकदम दोहरी हो गई और मेरी चुत ऊपर उठ गई. मैं इस स्टाइल में राज से कई बार चुदवा चुकी थी. इस स्टाइल में चुदवाने पर राज का 3″ लम्बा लंड भी मेरी चुत में ज्यादा गहराई तक घुस जाता था.
देवर का लंड तो राज के लंड बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था. मैं जानती थी कि मुझे जय से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मजा भी खूब आएगा.
मेरे देवर ने अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के मुँह पर रखते हुए कहा- भाभी, आज मैं पहली पहली बार तुम्हारी चुदाई करने जा रहा हूँ. तुम चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं तुम्हारी एक भी नहीं सुनूंगा क्योंकि इसी तरह की चुदाई में औरत को मजा आता है और वो अपनी पहली पहली बार की चुदाई को सारी जिन्दगी याद करती है. मैं तुम्हारी चुत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए तुम्हें बहुत ही बुरी तरह से चोदूँगा.
मैंने कहा- जय प्लीज़, ऐसा मत करो. मुझे बहुत दर्द होगा. मैं मर जाऊंगी.
वो बोला- फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो. मैं तुम्हें नहीं चोदूँगा.
इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चुत के मुँह पर से हटा लिया. मैं ठीक उसी तरह से तड़फ उठी जैसे कई दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गई हो.
मैंने कहा- अच्छा बाबा, तुम जैसे चाहो मुझे चोदो.. मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी.
वो बोला- फिर ठीक है.
उसने अपने लंड का सुपारा फिर से मेरी चुत के मुँह पर रख दिया और अपने सारे बदन का जोर देते हुए एक धक्का मारा. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. मैं दर्द के मारे तड़फने लगी. जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चुत में एक बार अन्दर ले चुकी थी. मुझे लग रहा था कि कोई गर्म लोहा मेरी चुत को चीर कर अन्दर घुस गया हो. मेरी चुत का मुँह उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल गया था.
उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिल डुल नहीं पा रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
