01-09-2022, 03:09 PM
सके बाद मैं बाथरूम से बाहर आ गई. जय अभी सो रहा था. मेरे मन में अभी भी उसके लंड का ख्याल बार बार आ रहा था. मैं उसके लंड को बार बार देखना चाहती थी. मैं उसके रूम में पहुँची तो जय सो रहा था. आज उसकी लुंगी खुल कर बेड के नीचे जमीन पर पड़ी थी. उसका लंड एकदम खड़ा था. मैंने उसकी लुंगी उठा कर ड्रेसिंग टेबल पर रख दी. उसके बाद मैं जय के बगल में बैठ गई और उसके लंड को देखने लगी. धीरे धीरे मुझे जोश आने लगा और मेरी आँखें गुलाबी सी होने लगीं.
मेरा मन कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे मन में ख्याल आया कि जय क्या सोचेगा. कहीं वो बुरा ना मान जाये. मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही. जोश के मारे मेरी चुत गीली होने लगी. मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया. जय फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी.
लंड छूने के दो मिनट में ही जय उठ गया. उसने मुझे अपना लंड सहलाते हुए देखा तो बोला- लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है.
मैंने कहा- कुछ ऐसा ही समझ लो.
वो बोला- फिर आ जाओ.
इतना कह कर कर जय ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया. मैं जोश में आ चुकी थी, इसलिए कुछ भी नहीं बोल पाई. उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी थी.
जय ने मेरे होंठों को चूमते हुए कहा- और तेजी से सहलाओ.
मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी. मैं उसका लंड सहलाती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा. थोड़ी ही देर में उसका लंड एकदम टाईट हो गया. उसके लंड का सुपारा बहुत ही मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था.
मैंने अपनी उंगली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरानी शुरू कर दी तो जय आहें भरते हुए बोला- ओह भाभी, बहुत मजा आ रहा है.
जय जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था. उसने मेरे बदन पर से तौलिया को खींच कर फेंक दिया तो मैं एकदम नंगी हो गई. मैंने शर्म से अपनी आँखें बंद कर लीं. उसने मेरे निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया. मैं जोश से पागल सी होने लगी. मेरी चुत और ज्यादा गीली हो गई.
जय ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारे सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है.
मैंने अपनी आँखें खोल दीं.
वो बोला- भाभी मेरे लंड को अपने मुँह में ले लो.
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया तो उसके लंड का सुपारा मेरे मुँह से सट गया.
उसने कहा- लंड चूसो ना भाभी..
मैंने उसके लंड के सुपारे को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैं बहुत देर तक उसके लंड को चूसती रही. वो एक हाथ से मेरा सिर सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे मम्मों को मसलता रहा. थोड़ी देर बाद उसके लंड का जूस मेरे मुँह में निकलने लगा. मैंने अभी तक राज के लंड के जूस का स्वाद नहीं लिया था, इसलिए मुझे उसके लंड के जूस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था. मैं उसके लंड का सारा जूस निगल गई.
जय बहुत खुश हो गया और बोला- आज तो मजा आ गया. अब चुदवाओ..
मैंने कहा- नहीं.
वो बोला- क्यों.. अभी तो कह रही थीं कि चुदवाओगी… अब कह रही हो.. नहीं?
मैंने कहा- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है.. मुझे दर्द बहुत होगा.
वो बोला- तो क्या हुआ, मजा भी तो आएगा.
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चुत को सहलाने लगा. मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी. उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जय ने एक उंगली मेरी चुत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
अब मुझे खूब मजा आने लगा. मैंने भी जोश के मारे अपने चूतड़ उठाना शुरू कर दिए. थोड़ी ही देर बाद मुझे लगा कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
मैंने शर्माते हुए जय से कहा- अपनी उंगली बाहर निकाल लो.
वो बोला- क्यों, अच्छा नहीं लग रहा है?
मैंने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है. लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
वो बोला- ये तो बहुत अच्छी बात है. जैसे मेरे लंड से जूस निकला था, उसी तरह तुम्हारी चुत से भी जूस निकलेगा.
मैं सच में नहीं जानती थी कि औरत की चुत से भी जूस निकलता है क्योंकि आज तक मेरी चुत का जूस कभी निकला ही नहीं था.
इतना कह कर जय उठा और मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में हो गया. उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चुत को चाटना शुरू कर दिया. मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी.
मैंने जय का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं एक हाथ से जय का सिर अपनी चुत पर दबाने लगी तो वो मेरी चुत को और ज्यादा तेजी के साथ चाटने लगा. मैं और ज्यादा जोश में आ गई. मैंने जय का लंड तेजी के साथ चूसना शुरू कर दिया.
अब तक मैं एकदम बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जय मुझे चोद दे.
तभी मेरी चुत से कुछ गर्म गर्म सा निकलने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. जय ने मेरी चुत का सारा का सारा जूस चाट लिया.
मेरा मन कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे मन में ख्याल आया कि जय क्या सोचेगा. कहीं वो बुरा ना मान जाये. मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही. जोश के मारे मेरी चुत गीली होने लगी. मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया. जय फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी.
लंड छूने के दो मिनट में ही जय उठ गया. उसने मुझे अपना लंड सहलाते हुए देखा तो बोला- लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है.
मैंने कहा- कुछ ऐसा ही समझ लो.
वो बोला- फिर आ जाओ.
इतना कह कर कर जय ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया. मैं जोश में आ चुकी थी, इसलिए कुछ भी नहीं बोल पाई. उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी थी.
जय ने मेरे होंठों को चूमते हुए कहा- और तेजी से सहलाओ.
मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी. मैं उसका लंड सहलाती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा. थोड़ी ही देर में उसका लंड एकदम टाईट हो गया. उसके लंड का सुपारा बहुत ही मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था.
मैंने अपनी उंगली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरानी शुरू कर दी तो जय आहें भरते हुए बोला- ओह भाभी, बहुत मजा आ रहा है.
जय जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था. उसने मेरे बदन पर से तौलिया को खींच कर फेंक दिया तो मैं एकदम नंगी हो गई. मैंने शर्म से अपनी आँखें बंद कर लीं. उसने मेरे निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया. मैं जोश से पागल सी होने लगी. मेरी चुत और ज्यादा गीली हो गई.
जय ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारे सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है.
मैंने अपनी आँखें खोल दीं.
वो बोला- भाभी मेरे लंड को अपने मुँह में ले लो.
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया तो उसके लंड का सुपारा मेरे मुँह से सट गया.
उसने कहा- लंड चूसो ना भाभी..
मैंने उसके लंड के सुपारे को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैं बहुत देर तक उसके लंड को चूसती रही. वो एक हाथ से मेरा सिर सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे मम्मों को मसलता रहा. थोड़ी देर बाद उसके लंड का जूस मेरे मुँह में निकलने लगा. मैंने अभी तक राज के लंड के जूस का स्वाद नहीं लिया था, इसलिए मुझे उसके लंड के जूस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था. मैं उसके लंड का सारा जूस निगल गई.
जय बहुत खुश हो गया और बोला- आज तो मजा आ गया. अब चुदवाओ..
मैंने कहा- नहीं.
वो बोला- क्यों.. अभी तो कह रही थीं कि चुदवाओगी… अब कह रही हो.. नहीं?
मैंने कहा- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है.. मुझे दर्द बहुत होगा.
वो बोला- तो क्या हुआ, मजा भी तो आएगा.
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चुत को सहलाने लगा. मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी. उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जय ने एक उंगली मेरी चुत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
अब मुझे खूब मजा आने लगा. मैंने भी जोश के मारे अपने चूतड़ उठाना शुरू कर दिए. थोड़ी ही देर बाद मुझे लगा कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
मैंने शर्माते हुए जय से कहा- अपनी उंगली बाहर निकाल लो.
वो बोला- क्यों, अच्छा नहीं लग रहा है?
मैंने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है. लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
वो बोला- ये तो बहुत अच्छी बात है. जैसे मेरे लंड से जूस निकला था, उसी तरह तुम्हारी चुत से भी जूस निकलेगा.
मैं सच में नहीं जानती थी कि औरत की चुत से भी जूस निकलता है क्योंकि आज तक मेरी चुत का जूस कभी निकला ही नहीं था.
इतना कह कर जय उठा और मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में हो गया. उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चुत को चाटना शुरू कर दिया. मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी.
मैंने जय का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं एक हाथ से जय का सिर अपनी चुत पर दबाने लगी तो वो मेरी चुत को और ज्यादा तेजी के साथ चाटने लगा. मैं और ज्यादा जोश में आ गई. मैंने जय का लंड तेजी के साथ चूसना शुरू कर दिया.
अब तक मैं एकदम बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जय मुझे चोद दे.
तभी मेरी चुत से कुछ गर्म गर्म सा निकलने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. जय ने मेरी चुत का सारा का सारा जूस चाट लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
