01-09-2022, 02:58 PM
दोस्तों अब में रात होने का इंतजार करने लगा और जब रात को में सोने के लिए कमरे में गया तो मेरी आँखे वो सब देखकर खुली की खुली रह गई क्योंकि आज दीदी ने एक मिनी स्कर्ट और बहुत ढीला सा टॉप पहना हुआ था. उनके कपड़ो और उनकी सुबह की बातों से मुझे साफ साफ पता चल गया कि दीदी भी मुझसे अब क्या चाहती है? मेरी हिम्मत अब बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और में अब पूरे जोश में था.
फिर जब मैंने देखा कि दीदी सो गई है तो मैंने अपना हाथ दीदी के बूब्स पर रख दिया, लेकिन टॉप के अंदर से कुछ महसूस करके मेरी तो गांड फटकर हाथ में आ गई दोस्तों मैंने महसूस किया कि आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी और उनके बूब्स की निप्पल एकदम कड़क थी. मुझे तो यह सब महसूस करके बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था.
अब में बूब्स को दबाने लगा वाह क्या बूब्स थे? दोस्तों मुझे मज़ा ही आ गया और अब में बहुत जोश में था फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके टॉप को पूरा ऊपर कर दिया वाह दोस्तों वो क्या मस्त मदहोश कर देने वाला नज़ारा था. दूध जैसे सफेद बूब्स और उस पर गुलाबी कलर की निप्पल मुझसे अब रहा नहीं गया और मैंने एक बूब्स की निप्पल को मुहं में ले लिया और दूसरे बूब्स को में धीरे धीरे सहलाने, दबाने लगा.
फिर मैंने सुना कि दीदी के मुहं से सिसकियाँ निकल गई जिसको सुनकर में समझ गया कि दीदी नींद में नहीं बल्कि वो सिर्फ अपनी दोनों आखें बंद करके सोने का नाटक कर रही है और मेरे साथ साथ पूरे पूरे मज़े ले रही है. अब में ज़ोर ज़ोर से एक बूब्स के निप्पल को चूसता रहा और दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाता.
फिर जब मैंने देखा कि दीदी सो गई है तो मैंने अपना हाथ दीदी के बूब्स पर रख दिया, लेकिन टॉप के अंदर से कुछ महसूस करके मेरी तो गांड फटकर हाथ में आ गई दोस्तों मैंने महसूस किया कि आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी और उनके बूब्स की निप्पल एकदम कड़क थी. मुझे तो यह सब महसूस करके बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था.
अब में बूब्स को दबाने लगा वाह क्या बूब्स थे? दोस्तों मुझे मज़ा ही आ गया और अब में बहुत जोश में था फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके टॉप को पूरा ऊपर कर दिया वाह दोस्तों वो क्या मस्त मदहोश कर देने वाला नज़ारा था. दूध जैसे सफेद बूब्स और उस पर गुलाबी कलर की निप्पल मुझसे अब रहा नहीं गया और मैंने एक बूब्स की निप्पल को मुहं में ले लिया और दूसरे बूब्स को में धीरे धीरे सहलाने, दबाने लगा.
फिर मैंने सुना कि दीदी के मुहं से सिसकियाँ निकल गई जिसको सुनकर में समझ गया कि दीदी नींद में नहीं बल्कि वो सिर्फ अपनी दोनों आखें बंद करके सोने का नाटक कर रही है और मेरे साथ साथ पूरे पूरे मज़े ले रही है. अब में ज़ोर ज़ोर से एक बूब्स के निप्पल को चूसता रहा और दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाता.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.