01-09-2022, 02:57 PM
तभी अचानक से दीदी थोड़ा हिली और वो अपना मुहं दूसरी तरफ करके सो गई जिसकी वजह से में बहुत डर गया, लेकिन कुछ देर बाद में थोड़ी हिम्मत करके उनके थोड़ा पास सरक गया और मैंने अपना एक हाथ उनके ऊपर रखा और उनके बूब्स को छूने लगा और अब में अच्छा मौका देखकर झट से किरण दीदी से चिपक गया और फिर मेरा लंड दीदी की गांड पर लग रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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