01-09-2022, 02:57 PM
फिर जब रात को मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ अपना मुहं करके सोई हुई थी और मुझे उनके कपड़ो से बाहर निकलते हुए उनके वो सेक्सी बूब्स दिख रहे थे जिनको देखकर में उनकी तरफ आकर्षित होने लगा और कुछ देर बाद मैंने बहुत हिम्मत करके अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया, लेकिन मेरी गांड अब बहुत फट रही थी कि कहीं दीदी उठ ना जाए और मुझे डांटने ना लगे या मेरा यह गलत काम घर पर सबको बता ना दे तो में उस समय उनको अपने इतने पास और उस अवस्था में देखकर अपने आप को रोक ना सका और में अब धीरे धीरे उनके बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से मेरा लंड अब पूरा खड़ा हो चुका था और फिर मैंने उनकी तरफ से किसी भी तरह की हलचल ना देखकर थोड़ी हिम्मत करके और अपना एक हाथ दीदी के टॉप में डाल दिया और अब में उनकी ब्रा के ऊपर से बूब्स को दबाने लगा, वाह दोस्तों में शब्दों में आपको क्या बताऊँ? वो कैसा अहसास था और अब मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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