01-09-2022, 02:50 PM
री दीदी बड़ी ही हॉट लग रही थी, क्यों की आपको तो पता है जब कोई घर में मेहमान आता जाता है तो अच्छे अच्छे कपडे पहनते है. दीदी रेड कलर की सूट पहनी थी. ऊपर से गला थोड़ा बड़ा था तो उनकी गोरी गोरी चूचियों का क्लीवेज ओह्ह्ह मेरा मन खराब कर दिया था, उसपर से मटक मटक कर चलना, जी तो कर रहा था की चूतड़ पर हाथ रख कर सहला दूँ. दोस्तों जब मैं नहाने गया था बाथरूम में उनकी रेड कलर की ब्रा और पेंटी तो और मेरा दिमाग ख़राब कर दिया, जिसो दीदी ने नहाते वक्त खोली थी धोने के लिए. ओह्ह क्या खुशबू था यार, मैं तो उनकी ब्रा को और पेंटी को सूंघ कर मदहोश हो गया
हले तो मैंने पाने लंड पर उनकी पेंटी को खूब रगड़ा, और फिर मूठ मार कर अपना मन शांत किया और अपना सारा वीर्य उन्हीं के पेंटी में साफ़ कर दिया.कुछ देर बाद ही दीदी मुझे अपने कमरे में बुलाई और बोली, की कुणाल तुमने मेरे पेंटी में क्या किया है, मैंने चौकते हुए बोल. मैंने क्या किया? दीदी बोली वही तो मैं पूछ रही है. तुम नहाने गया और कुछ कर के आया? मैंने कहा कुछ भी तो नहीं किया, तो दीदी बोली मेरी पूरी पेंटी गीली थी, मुझे समझ आ रहा है, मैं जानती हु की तुमने क्या किया, अगर तुमने नहीं बताया तो मैं मम्मी को बोल दूंगी.
हले तो मैंने पाने लंड पर उनकी पेंटी को खूब रगड़ा, और फिर मूठ मार कर अपना मन शांत किया और अपना सारा वीर्य उन्हीं के पेंटी में साफ़ कर दिया.कुछ देर बाद ही दीदी मुझे अपने कमरे में बुलाई और बोली, की कुणाल तुमने मेरे पेंटी में क्या किया है, मैंने चौकते हुए बोल. मैंने क्या किया? दीदी बोली वही तो मैं पूछ रही है. तुम नहाने गया और कुछ कर के आया? मैंने कहा कुछ भी तो नहीं किया, तो दीदी बोली मेरी पूरी पेंटी गीली थी, मुझे समझ आ रहा है, मैं जानती हु की तुमने क्या किया, अगर तुमने नहीं बताया तो मैं मम्मी को बोल दूंगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.