01-09-2022, 02:48 PM
उसकी आँखों में से आँसू आने लगे.. वो रो रही थी.. लेकिन मैं नहीं रुका और धीरे-धीरे लंड को आगे-पीछे करता रहा। जब थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो फिर मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा और मेरा 4 इंच लंड अन्दर घुस गया। उसकी आवाज़ तेज होती जा रही थी.. इसलिए मैं साथ ही साथ उसको लिप किस भी करने लगा।
फिर एक और ज़ोरदार झटका मारते ही मेरा 7 इंच लंबा लंड मेरी बहन की चुत में जड़ तक था।
वो रो रही थी , शायद मैंने ही दीदी को चोदा पहली बार… उसका यह फर्स्ट टाइम था.. इसलिए शायद उसको ज़्यादा दर्द हो रहा था। मैं अपने चरम पर था.. मैंने बिना कुछ सोचे और ज़ोर से धक्के देने लगा। करीब 15 मिनट बाद जा कर मैं उसकी चुत में ही झड़ गया और कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा। मेरा लंड उसकी चुत में ही पड़ा था।
जब कुछ मिनट बाद मैं उठा तो मेरी बहन मेरा लंड देख कर डर गई। उसने देखा कि मेरे लंड पर उसकी चुत का खून लगा हुआ था। वो ये देख कर रोने लगी। फिर मैंने उसको समझाया और हम दोनों नहाने चले गए।
उस दिन हम दोनों एक साथ ही नहाए और फिर मैंने उसको आराम करने को कहा।
तो उसने कहा- अभी सब्जी रोटी बनानी है.. मॉम आने वाली होंगी।
तो मैंने कहा- तू चिंता मत कर, मैं आज बाहर से ही ले आऊंगा।
जब रात को मॉम आईं तो मैं तब तक बाहर से खाना ला चुका था तो मॉम को लगा शायद सोनिया की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए उसने खाना नहीं बनाया। लेकिन मैंने कहा- आज हमारा मन बाहर के खाने का था.. इसलिए नहीं बनाया।
फिर एक और ज़ोरदार झटका मारते ही मेरा 7 इंच लंबा लंड मेरी बहन की चुत में जड़ तक था।
वो रो रही थी , शायद मैंने ही दीदी को चोदा पहली बार… उसका यह फर्स्ट टाइम था.. इसलिए शायद उसको ज़्यादा दर्द हो रहा था। मैं अपने चरम पर था.. मैंने बिना कुछ सोचे और ज़ोर से धक्के देने लगा। करीब 15 मिनट बाद जा कर मैं उसकी चुत में ही झड़ गया और कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा। मेरा लंड उसकी चुत में ही पड़ा था।
जब कुछ मिनट बाद मैं उठा तो मेरी बहन मेरा लंड देख कर डर गई। उसने देखा कि मेरे लंड पर उसकी चुत का खून लगा हुआ था। वो ये देख कर रोने लगी। फिर मैंने उसको समझाया और हम दोनों नहाने चले गए।
उस दिन हम दोनों एक साथ ही नहाए और फिर मैंने उसको आराम करने को कहा।
तो उसने कहा- अभी सब्जी रोटी बनानी है.. मॉम आने वाली होंगी।
तो मैंने कहा- तू चिंता मत कर, मैं आज बाहर से ही ले आऊंगा।
जब रात को मॉम आईं तो मैं तब तक बाहर से खाना ला चुका था तो मॉम को लगा शायद सोनिया की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए उसने खाना नहीं बनाया। लेकिन मैंने कहा- आज हमारा मन बाहर के खाने का था.. इसलिए नहीं बनाया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
