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Incest रक्षाबंधन मनाया संगीता दीदी के साथ
#75
मैंने तुंरत ही दीदी का हाथ पकड़ा और उनको शीशे के आगे ले जा कर बोला- मुझे ऐसी लड़की चाहिए!
दीदी थोड़ी शरमा कर बोली- पागल ऐसी लड़की लायेगा तो सुहागरात के बदले रक्षा बंधन मनाना पड़ेगा तुझे!
और जोर जोर से हँसने लगी!

मैं दीदी के पीछे की तरफ खड़ा था और दीदी मेरे आगे थी। हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को शीशे में देख कर बातें कर रहे थे!

मैं बोला- दीदी अगर आप जैसी सुंदर लड़की मुझे मिल जाए तो मैं उससे राखी भी बंधवाने के लिए तैयार हूँ!
दीदी बोली- ऐसा क्या है मुझमें जो तू अपनी दीदी का इतना दीवाना हुआ पड़ा है! क्या देखा तूने मुझमें?
मैं बोला- दीदी आप गुस्सा तो नहीं होंगी ना!
दीदी बोली- मैं आज तक अपने राजा भइया से गुस्सा हुई हूँ जो अब होंऊगी!
मैं बोला- दीदी! मैं सच में तुम्हारा दीवाना हूँ! जब से मैंने तुम्हें एयर पोर्ट पर देखा है, मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ। पता नहीं क्यों मैं तुम्हें पाना चाहता हूँ, तुम्हें छूना चाहता हूँ, तुम्हें तुम्हारे नाज़ुक होटों के नीचे काले तिल का अहसास दिलाना चाहता हूँ!

और मैंने आव देखा न ताव! और दीदी की गर्दन के नीचे प्यार से एक किस कर दिया। दीदी मुझे शीशे में देख रही थी और वो वैसे ही खड़े रह कर मेरे गाल पर प्यार से हाथ फेरने लगी! मैंने भी दीदी को अपने दोनों हाथों से आगे से जकड़ लिया और दीदी ने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली जिससे मेरा थोड़ा और साहस बढ़ा और दीदी के कान में मैंने हल्की सी आवाज में ‘ आई लव यू दीदी ‘ बोल दिया और बोला- अगर आप मेरी बहन न होती तो मैं आप को ज़रूर प्रपोज़ करता! आप कितनी सुंदर हो! मैंने आप सी सुंदर कोई लड़की नहीं देखी! हम भाई बहन क्यों हैं?

दीदी ने अभी तक अपनी आँखें बंद कर रखी थी क्योंकि मैं उनके पेट पर, नाभि पर हल्का-हल्का हाथ फेर रहा था। अचानक मैंने दीदी के पेटीकोट के नाड़े की तरफ हाथ बढ़ाया तो दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और गर्दन हिला कर मना करने लगी और बोली- भईया मैं तुम्हारी बहन हूँ!

मैंने बोला- मैं जानता हूँ! आज मैं सारे रिश्तों को भुला देना चाहता हूँ, तुम मेरी हो और मैं आज अपनी बहन की बाँहों मैं समा जाना चाहता हूँ!

दीदी बोली- किसी को मालूम चल गया तो समाज में हमारी थू-थू हो जायेगी!
मैंने कहा- हमें समाज देखने थोड़े ना आ रहा है!

दीदी चुप हो गई और कुछ सोचने के बाद मेरे से लिपट गई और रोने लगी।
मैंने पूछा- दीदी क्या हुआ? क्यों रो रही हो?
तो बोली- मैं बहुत प्यासी हूँ! तेरे जीजाजी से मुझे वो खुशी नहीं मिली जो हर औरत को शादी के बाद अपने पति से मिलती है!
मैं बोला- दीदी साफ साफ बताओ ना! मैं समझ नहीं पा रहा हूँ!
वो बोली- तेरे जीजा जी मर्द नहीं हैं!

यह सुनकर मुझे तो पसीना आ गया और मैं अंदर ही अंदर सोचने लगा- यानि कि दीदी अभी कुँवारी हैं और उनकी सील भी नहीं टूटी!

मैंने दीदी के आँसू को अपनी जीभ से चाट कर साफ किया और बोला- दीदी! तुम चिंता मत करो मैं हूँ ना! तुम बस मुझको यह बताओ कि तुम मुझको पसंद करती हो?
दीदी बोली- जान से भी ज्यादा!
क्या तुम मुझे भाई की जगह अपना पति मानोगी? मैं तुम्हें हर वो खुशी दूंगा जो तुम चाहती हो!

दीदी ने फ़ौरन मेरे होटों पर किस कर दिया और बोली- आज से तुम ही मेरे पति हो! मेरा तन-मन सब तुम्हारा है! जो तुम बोलोगे, वो मैं करूंगी!

मैंने दीदी को बोला- आज मैं तुमसे शादी करूंगा!

यह सुन कर दीदी जल्दी से सिंदूर और अपना मंगल सूत्र ले कर मेरे पास आ गई। मैंने उनकी मांग भर कर मंगल सूत्र उनके गले में पहना दिया।

दीदी बोली- भइया! मैं अपने कमरे में जा रही हूँ, तुम थोड़ी देर बाद कमरे के अंदर आ जाना! मैं तुम्हारा इन्तजार करूंगी!

और जब मैं थोड़ी देर बाद दीदी के कमरे में गया तो दीदी सज-संवर के अपने शादी के जोड़े में घूँघट ओढ़े पलंग पर बैठी मेरा बेसबरी से इंतजार कर रही थी। मैं दीदी के पास गया और प्यार से उनका घूँघट उठाया और उनकी ठुडी को अपने हाथ से ऊपर उठाने के साथ ही उनके होटों का चुम्बन ले कर बोला- ओह दीदी! आई लव यू! मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी!

और उनके होटों के नीचे वाले काले तिल को अपने दाँतों में बुरी तरह दबोच लिया और चूसने लगा। दीदी को दर्द हो रहा था मगर दीदी मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उसे दर्द में भी मज़ा आ रहा था।

तभी मैंने दीदी के ब्लाउज़ को अपने दोनों हाथों से फाड़ दिया और उनके गोरे गोरे आम के जैसे बूब्स बाहर आ गये। मैं उनको चूसने लगा। थोड़ी देर बाद दीदी ने मेरी पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाला और अपने कोमल गोरे हाथों से उसे सहलाने लगी। कुछ देर बाद जब मेरा लंड लौड़ा बन गया तो उसको अपनी जीभ से चाटने, सहलाने लगी और होटों से रगड़ कर उसे खड़ा कर दिया!

हम दोनों भाई बहन नंगे थे, मैंने दीदी को बिस्तर में लिटा दिया और उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।

दीदी ओह माय भईया डार्लिंग! आई लव यू! बोल रही थी।

मैंने अपनी दीदी को गीध की तरह नौचना शुरु कर दिया। कुछ देर बाद जब मैंने अपनी बहन की चूत में अपना लौड़ा डाला तो दीदी ने उई माँ! बोल कर मुझको जोर से जकड़ लिया और मुझको फ्रेंच किस करने लगी और अपने दोनों हाथों को मेरे चूतड़ों पर रख कर भइया और जोर से! और जोर से! बोलने लगी।

कुछ देर बाद मैंने दीदी को डौगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। दीदी के गद्देदार चूतड़ को देख मैं ललचा गया और उनके चूतड़ चाटने लगा। दीदी को मैंने सारी रात चोदा!

सुबह जब मैं जागा तो दीदी मेरे लंड को चूस रही थी, मुझको प्यासी आँखों से देख रही थी और मेरा लौड़ा खड़ा करके उसके ऊपर बैठ गई और फिर दुबारा से मैंने दीदी को चोदना शुरु कर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: रक्षाबंधन मनाया संगीता दीदी के साथ - by neerathemall - 31-08-2022, 05:52 PM



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